कोविड-19 का टीका लेने के 20 दिनों के अंदर इन लक्षणों पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता

कोविड-19 का टीका लेने के 20 दिनों के अंदर इन लक्षणों पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता

• सांस लेने में कठिनाई और उल्टी होने पर चिकित्सकों से लें परामर्श
• सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने पोस्टर के माध्यम से किया जागरूक
• तीसरी लहर से बचाव के लिए एक मात्र हथियार है कोविड का टीका

Chhapra: जिले में वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण से बचाव तथा संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए कोविड टीकाकरण अभियान व्यापक स्तर पर चलाया जा रहा है। कैंप का आयोजन कर लोगों को कोविड-19 की वैक्सीन लगायी जा रही है। वैक्सीन लगने के बाद लोगों के मन में कई तरह के सवाल भी पैदा हो रहे हैं। इसी कड़ी में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने एक पोस्टर जारी किया है। सूचना एवं एवं प्रसारण मंत्रालय के द्वारा जारी एक पोस्टर के माध्यम से कहा गया है कि कोविड 19 की वैक्सीन लेने के 20 दिनों के अंदर कुछ लक्षण दिखाई देते हैं तो चिकित्सकों से परामर्श लेना आवश्यक है। जिसमें सांस लेने में कठिनाई छाती में दर्द, हाथ पैर में दर्द दबाने पर दर्द होना या सूजन आना, उल्टी होना या लगातार पेट दर्द होना, दौरा पड़ना, इंजेक्शन लगने की जगह से दूर त्वचा पर रक्त के छोटे या बड़े निशान होना, कोई अन्य लक्षण, धुंधला दिखाई देना या आंखों में दर्द होना, बिना किसी अस्पष्ट कारण के लगातार उल्टी होना, शरीर के किसी भी अंग में कमजोरी आना या तेज लगातार सिरदर्द| अगर ऐसे लक्षण दिखाई देते हैं तो विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
कोविड का टीका सुरक्षित और प्रभावी
सिविल सर्जन डॉ. जेपी सुकुमार ने कहा कि टीका लगने के बाद कुछ लोगों को हल्का बुखार होता है, जो ठीक हो जाता है। इसके अलावा अन्य कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं देखा गया है। टीके के प्रति लोगों के बीच मांग बढ़ी है और लोग खुद आगे आकर टीका लगवा रहे हैं। टीका लगवाने के बावजूद लोगों को कोविड प्रोटोकॉल जैसे मास्क के इस्तेमाल, शारीरिक दूरी और हाथों की स्वच्छता आदि का ध्यान रखना है। गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी कोविड का टीका लगाया जा रहा है। केवल गंभीर बीमारियों जैसे ह्रदय रोग, कैंसर आदि के मरीजों को चिकित्सक के परामर्श के साथ टीका लगाने का सुझाव दिया जाता है। कोविड का टीका 18 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों के लिए सुरक्षित है। इसलिए सभी बढ़-चढ़कर टीकाकरण कराएं।
तीसरी लहर से बचाव के लिए एक मात्र हथियार है कोविड का टीका
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बाद अब तीसरी लहर की भी संभावना जताई जा रही है। ऐसी आशंका है कि तीसरी लहर में सबसे अधिक बच्चे प्रभावित हो सकते हैं। इसकी वजह से हमें अभी से ही इस महामारी के खिलाफ सावधान होने की जरूरत है, ताकि हम तीसरी लहर से भी खुद को सुरक्षित रखने के साथ अपने बच्चों को भी इस महामारी के प्रभाव से दूर रख सकें। कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे को रोकने और उससे बचाव का फिलहाल एकमात्र उपाय टीकाकरण है। सरकार लोगों को सुरक्षित रखने के लिए व्यापक पैमाने पर टीकाकरण अभियान चला रही है।
जागरूकता अभियान से टीकाकरण को मिली गति
टीकाकरण के शुरुआती दौर में हेल्थ वर्कर्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से उन्हें ही टीका लगाया गया। इसके बाद वृद्धजनों और फिर 18 से 44 वर्ष उम्र वालों को टीकाकरण में शामिल किया गया। वहीं टीकाकरण को गति देने के लिए लगातार जागरूकता अभियान बड़े पैमाने पर जारी है। उसके परिणाम भी सामने आ रहे हैं । लोग बढ़, चढ़कर वैक्सीनेशन कार्यक्रम का हिस्सा बन रहे हैं और लोगों को जागरूक भी कर रहे हैं। शुरुआती दौर में टीका को लेकर लोगों में भ्रम फैला था। जागरूकता अभियान के बाद ग्रामीणों को वैक्सीन की सारी जानकारी मिली। लोगों को बताया गया

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