Chhapra: स्वास्थ्य विभाग की समीक्षात्मक बैठक जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन की अध्यक्षता में हुई. इस दौरान जिलाधिकारी ने पदाधिकारियों को निदेश दिया गया कि स्वास्थ्य से जुड़ी सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं का लक्ष्य हॉसिल किया जाय.
आयुष्मान भारत के तहत् गोल्ड कार्ड बनाये जाने की धीमी रफ्तार पर जिलाधिकारी के द्वारा नाराजगी व्यक्त की गयी और प्रत्येक प्रखण्ड में प्रतिदिन पाँच सौ गोल्ड कार्ड बनाने का लक्ष्य दिया गया जिसमें प्रखण्ड क्षेत्र के अन्तर्गत कार्यरत सभी सीएससी को भी सम्मिलित किया गया. जिलाधिकारी ने कहा कि आयुष्मान भारत योजनान्तर्गत लगभग 13 लाख 50 हजार गोल्ड कार्ड बनाये जाने हैं जबकि अभी तक 80 हजार गोल्ड कार्ड हीं बनाये गये हैं.
समीक्षा में पाया गया कि सितम्बर माह में 5500 कार्ड हीं बनाये गये हैं. उस पर कड़ी आपत्ति व्यक्त करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि सरकार प्रत्येक गरीब तक स्वास्थ्य सेवाऐं उपलब्ध करा रही है और इसमें जहाँ कहीं भी बाधा उत्पन्न होगी या शिथिलता पायी जाएगी तो कठोर कर्रवाई की जाएगी.
जिलाधिकारी के द्वारा निदेश दिया गया कि जिन प्रखण्डों में पिछले माह 200 से कम कार्ड बना है. वहाँ के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी और प्रखण्ड स्वास्थ्य प्रबंधक से स्पष्टीकरण किया जाय. बैठक में बताया गया कि जिला में 15 अस्पतालों को इस योजनान्तर्गत् पंजीकृत किया गया है.
जिला में एम्बुलेंस के माध्यम से मरीजों की निःशुल्क सेवा प्रदान की जा रही है. जिलाधिकारी ने समीक्षा में पाया कि प्रतिदिन इसका स्ट्राइक रेट 8 से घट कर 7 हुआ है जिसपर जिला समन्वयक एम्बुलेंस से स्पष्टीकरण किया गया. जिलाधिकारी ने कहा कि सरकारी अस्पताल में आने वाली सभी प्रसूता को हर हाल में एम्बुलेंस से हीं उसके घर भेजना सुनिश्चित किया जाय.
पूर्ण टीकाकरण की समीक्षा में पाया गया कि पूर्व के माह में जहाँ जिला का औसत 101 प्रतिशत रहा था वहीं इस बार यह 92 प्रतिशत पर गिर कर आ गया है. इसुआपुर, माँझी, रिविलगंज तथा नगरा में इसकी उपलव्धि उपेक्षाकृत कम पायी गयी. इस पर वहाँ के बीएचएम से स्पष्टिकरण करने का निदेश दिया गया. जिलाधिकारी ने अमनौर, गड़खा और परसा में इसकी उपलब्धि 100 प्रतिशत से अधिक रहने पर प्रशंसा की और निदेश दिया कि किसी भी प्रखण्ड में यह उपलब्धि 100 प्रतिशत से कम नहीं रहना चाहिए. इससे संबंधित ड्यूलिस्ट को अद्यतन करने का भी निदेश दिया गया.
एएनसी (एन्टी नेटल केयर) की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि जिन प्रखण्डों का औसत जिला के औसत से कम है वहाँ के बीएचएम से स्पष्टीकरण किया जाय. एकमा, सदर छपरा, रिविलगंज में औसत कम पायी गयी. यहाँ पर एएनसी पंजीकरण भी कम पायी गई. जिलाधिकारी के द्वारा एएनसी के चौथा चरण का लक्ष्य 80 प्रतिशत दिया गया. वर्तमान में यह 57 प्रतिशत पाया गया. इस मामले में बीएचएम माँझी का 10 प्रतिशत मानदेय काटने का निदेश भी दिया गया. माँझी, मशरख, रिविलगंज पानापुर लाहलादपुर, अमनौर तरैया मढ़ौरा और सोनपुर में संस्थागत प्रसव की संख्या अपेक्षानुरुप नही पाये जाने पर जिलाधिकारी के द्वारा नाराजगी व्यक्त की गयी तथा माँझी और रिविलगंज के बीएचएम पर आरोप पत्र गठित करने का निदेश दिया गया.
सदर अस्पताल में भी इस संबंध में स्थ्ति सुधारने का निदेश डीएस और हास्पीटल मैनेजर को दिया गया. सोनपुर अनुमण्डल अस्पताल में सी-सेक्शन में कमी पायी गयी जिसपर वहाँ के सर्जन से स्पष्टीकरण करने का निदेश दिया गया. जिलाधिकारी ने स्पष्ट निदेश दिया गया कि जननी बाल सुरक्षा योजना का कोई मामला लम्बित नहीं रहना चाहिए तथा संस्थागत प्रसव एवं मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के लाभन्वितों की सूची ई-जननी पोर्टल पर अपलोड होना चिहिए.
जिलाधिकारी ने कहा कि जिन प्रखण्डों में इन्ट्री शून्य है वहाँ के प्रभारी पदाधिकारी, बीएचएम ओर एकाउन्टेंट का बेतन बंद किया जाय. आमनौर, दिघवारा, लहलादपुर, मशरख और पानापुर में इन्ट्री शून्य पायी गयी.
जिलाधिकारी के द्वारा टीबी के मरीजों की पहचान करने और उनका समुचित इलाज करने का निदेश देते हुए कहा गया कि इस सम्बंध में विकास मित्रों के साथ बैठक करे और महादलित टोलों में कैम्प लगायें. सारण जिला को 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
जिलाधिकारी के द्वारा डेंगू और चिकनगुनिया के बचाव हेतु जल जमाव वाले क्षेत्रों में टोमोफोस का छिड़काव कराने का निदेश दिया गया. बैठक में बताया गया कि 21 से 27 अक्टूबर के बीच विश्व आयोडीन अल्पता बचाव सप्ताह का आयोजन किया गया है जिसपर जिलाधिकारी ने कहा कि सभी लोगों को आयोडीन युक्त नमक का इस्तेमाल करना चाहिए. इससे कई विमारियों से बचा जा सकता है.
जिलाधिकारी के द्वारा सभी स्थानांतरित एएनएम को 24 अक्टूबर तक हर हाल में नये पदस्थापन के स्थान पर योगदान कर लेने का निदेश दिया और कहा गया कि ऐसा नहीं करने पर कार्रवायी के लिए तैयार रहें. बैठक में प्रशिक्षु आईएएस वैभव श्रीवास्तव सिविल सर्जन, डीएस, चिकित्सा पदाधिकारी, डीपीओ आईसीडीएस, एमओआईसी, सीडीपीओ, बीएचएम आदि उपस्थित थे.