Chhapra: शनिवार को सदर अस्पताल में डॉक्टरों ने ओपीडी सेवाओं का बहिष्कार किया. जिसका असर स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ा.
ओपीडी में डॉक्टरों के नहीं रहने से इलाज कराने आय मरीज बेहाल दिखे. वही दूर देहात से इलाज कराने आय मरीजों को बैरंग वापस लौटना पड़ा. हालांकि राहत की बात यह रही कि डॉक्टरों ने आपातकालीन सेवाएं चालू रखा.
सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ दीपक ने बताया कि नेशनल मेडिकल कमिसन बिल के विरोध मे IMA के आह्वान पर डॉक्टर हड़ताल पर हैं. उन्होंने बताया कि सरकार MCI के जगह NMC बिल ला रही है. जिसमें कई खामियां है. इस वजह से आज धिक्कार दिवस मनाने का आह्वान किया गया है.
क्या है नेशनल मेडिकल कमीशन बिल
नेशनल मेडिकल कमीशन बिल के तहत चार स्वायत्त बोर्ड बनाने का प्रावधान है. NMC एक 25 सदस्यीय संगठन होगा जिसमें एक अध्यक्ष, एक सदस्य सचिव, आठ पदेन सदस्य और 10 अंशकालिक सदस्य आदि शामिल होंगे. इस कमीशन का काम अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट शिक्षा को देखना, साथ ही चिकित्सा संस्थानों की मान्यता और डॉक्टरों के पंजीकरण की व्यवस्था को भी देखना होगा. इस कमीशन में सरकार द्वारा नामित चेयरमैन और सदस्य होंगे जबकि बोर्डों में सदस्य, सर्च कमेटी द्वारा तलाश किए जाएंगे. यह कैबिनेट सचिव की निगरानी में बनाई जाएगी.
मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (Medical Council Of India, MCI) खत्म हो जाएगी और उसकी जगह नेशनल मेडिकल कमीशन (National Medical Commission, NMC) लेगी.
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