दिव्यांग होने के बावजूद अपने बुलंद हौसले से शत-प्रतिशत टीकाकरण की लकीर खींच रही हैं एएनएम पदमावती

दिव्यांग होने के बावजूद अपने बुलंद हौसले से शत-प्रतिशत टीकाकरण की लकीर खींच रही हैं एएनएम पदमावती

• प्रतिदिन घर-घर जाकर 150 से 200 लाभार्थियों को दे रही टीका
• कदम से कदम मिलाकर चल रही है आशा कार्यकर्ता
• कोरोना मुक्त समाज की परिकल्पना को साकार करने का लिया संकल्प

Chhapra: कहते हैं अगर दिल में कर्तव्य के प्रति पूरी निष्ठा व लगन हो, तो कोई भी काम असंभव नहीं होता है। कोरोना संक्रमण से मुक्ति दिलाने के अभियान में सुदूर दुर्गम गांवों में एएनएम अहम भूमिका निभा रही हैं। इन्हीं में शामिल हैं सारण जिले के गड़खा प्रखंड के इटावा उप स्वास्थ्य केंद्र में तैनात एएनएम पदमावती कुमारी। हौसला इतना बुलंद कि हाथ से दिव्यांग होने के बावजूद उन्होंने जिम्मेदारियों से मुंह नहीं मोड़ा। एएनएम पदमावती कुमारी का एक हाथ पोलियो ग्रसित है। जिससे उनका एक हाथ अच्छे से काम नहीं करता है। लेकिन इन तमाम बाधाओं और चुनौतियों के बावजूद प्रतिदिन अपने हाथों में वैक्सीन की बॉक्स लेकर डोर-टू-डोर जाकर लाभार्थियों का टीकाकरण कर रही हैं। पेशे से भले ही एक स्वास्थ्यकर्मी का हो, टीका देना उनका काम हो पर इस बीच उन्होंने जो संघर्ष किया है एक मां और पत्नी के लिए कर पाना मुश्किल था। यही खास बात उनके संघर्ष की कहानी को औरों से अलग भी करती और विशेष भी बनाती है।

हर रोज 4 किलोमीटर पैदल चलकर करती हैं टीकाकरण
एएनएम पदमावती कुमारी सुबह 7 बजे हीं से अपने कार्यों में लग जाती हैं। वैक्सीन लेकर प्रतिदिन उबार-खाबर सड़क पर चलते हुए गांवों में पहुंचती हैं। जहां पर उनका लक्ष्य रहता है कि हर दिन कम से कम 200 लाभार्थियों का टीकाकरण किया जा सके। इसके लिए वह घर-द्ववार से लेकर खेत-खलिहान तक अपने हाथों में वैक्सीन की बॉक्स लेकर पहुंचती हैं और लोगों को टीका देने के बाद इसके फायदे के बारे में जानकारी देती हैं। वह प्रतिदिन पैदल 3-4 किलोमीटर की दूरी तय कर अपने कर्तव्यों का निवर्हन कर रही हैं।

कदम से कदम मिलाकर चल रही हैं आशा
टीकाकरण के प्रति आमजनों में जो भ्रांतियां और अफवाह है उसको दूर करने में आशा की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है। ऐसे में इटावा की आशा फैसिलिटेटर आरती कुमारी अपने कर्तव्यों का बखूबी निवर्हन कर रही हैं। जो एएनएम के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही हैं और लोगों को जागरूक कर टीकाकरण की राह को आसान बना रही हैं। आशा कार्यकर्ता घर-घर लोगों को टीकाकरण के प्रति प्रेरित कर रही हैं। इसके साथ जो लोग अभी तक वैक्सीन नहीं लिए हैं उनकी सूची तैयार कर रही हैं। ताकि क्षेत्र में एक भी व्यक्ति टीकाकरण से वंचित नहीं रहे।

कोरोना मुक्त समाज की परिकल्पना होगा साकार
एएनएम पदमावती कुमारी कहती हैं कि कोविड का टीका हर व्यक्ति के जीवन के लिए महत्वपूर्ण है। कोरोना की संभावित तीसरी लहर से बचने के लिए यह टीका सबसे महत्वपूर्ण और जीवनरक्षक है। अगर सबका टीकाकरण नहीं हुआ तो संभावित तीसरी लहर के दौरान कोविड संक्रमितों को बचाने के लिए सबसे अधिक स्वास्थ्य कर्मियों को ही जूझना पड़ेगा। इसलिए हमारा संकल्प है कि हर व्यक्ति को टीका लगाया जाये। ताकि कोरोना मुक्त समाज की परिकल्पना को साकार किया जा सके।

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