Chhapra: रोटरी क्लब सारण के द्वारा रौजा गाँव में जरूरतमंद तीन सौ परिवारों के बीच खाद्य सामग्री तथा मास्क का वितरण किया गया.

खाद्य सामग्री में एक पैकेट में पाँच किलो चावल, तीन किलो आटा, तीन किलो आलू, दो किलो प्याज, एक किलो नमक, दो बड़ा पैकेट बिस्कुट, दो पीस लाइफ़बॉय साबुन, मास्क आदि था.

रोटरी क्लब सारण के संस्थापक अध्यक्ष श्याम बिहारी अग्रवाल ने सभी से अपील की हैं अपनें आस-पास के जरूरतमंदो का ख्याल रखें तथा उन्हें भोजन उपलब्ध करवायें। हमेशा मास्क पहन कर रहें, हमेशा साबुन से हाथ धोते रहें, अपनी सावधानी हीं कोरोना से बचाव हैं. बहुत जरूरी न हो तो घर से बाहर बिल्कुल भी न निकलें. हमेशा सामाजिक दूरियाँ बना कर रखें.

उन्होंने बताया कि इस कार्य में बी अलंकार के विनोद कुमार प्रसाद एवम आर्या कंस्ट्रक्शन एण्ड सप्लायर्स के पुनीत कुमार गुप्ता, रोहित कुमार, नीरज जैन ने सहयोग किया.

इस अवसर पर अध्यक्ष सुरेन्द्र कुमार गुप्ता, सचिव अजय कुमार गुप्ता, यातायात प्रभारी राजेश सिंह आदि उपस्थित थे.

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Chhapra: Lockdown में सड़क पर आमजनता की सुरक्षा के लिए तत्पर सारण पुलिस अब नदियों के रास्ते भी सुरक्षा में जुटी है.

बुधवार के सारण जिले के के रिविलगंज और मांझी में नदियों के रास्ते पेट्रोलिंग की गई. सारण पुलिस की रिविलगंज और मांझी थाना क्षेत्र की पुलिस टीम ने नाव से नदियों पर गस्त की.

इस दौरान मुख्य रूप से प्रतिबंधित समानों की नदी के रास्ते आवाजाही करने वालों की खोजबीन की गई.

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Chhapra: Corona Virus संक्रमण को लेकर जिले में Lockdown जारी है. Lockdown की इस अवधि में शहर से लेकर गांव तक पूर्ण बंदी है. लोग अपने घरों में हैं और विशेष आवश्यकता वाले जरूरत के सामानों को खरीदारी को लेकर ही सड़क पर आ रहे हैं.

इस दौरान आम जनता के समक्ष सबसे बड़ी समस्या उनके स्वास्थ्य को लेकर है. घरों में बीमार लोगों का इलाज सिर्फ झोलाछाप चिकित्सकों की बदौलत ही चल रहा है. शहर में सभी चिकित्सकों के निजी क्लीनिक बंद है. हालांकि सरकार के निर्देश पर ओपीडी सेवा कार्यरत है. सरकार ने पत्र भी जारी कर निजी क्लीनिक सेवा प्रारंभ करने का आह्वान किया है. दिशा निर्देश के अनुसार क्लीनिक पर मरीज़ो के स्वास्थ्य परीक्षण और परामर्श देने का निर्देश दिया गया है. लेकिन इसके बावजूद निजी क्लीनिक, परामर्श केंद्र बंद है. इसे भी पढ़ें : Whats App ग्रुप में फर्जी मेसेज वायरल करने वालों पर प्राथमिकी दर्ज

घर में अगर किसी की तबीयत ख़राब हो जा रही है तो वह अपने आसपास रहने वाले चिकित्सकों को ही खोज रहे हैं. किसी तरह वह अपने बीमार परिजन का इलाज करा कर स्वस्थ होने का प्रयास कर रहे हैं. यही स्थिति ग्रामीण क्षेत्रों की भी है. ग्रामीण क्षेत्र में निजी क्लीनिक पूरी तरह से बंद है. कई अच्छे चिकित्सकों का मोबाइल नंबर भी बंद है जिससे कि उनसे परामर्श नहीं मिल पा रहा है.

सबसे बड़ी समस्या गर्भवती महिलाओं के समक्ष हैं इन महिलाओं के परिजन स्वास्थ्य परीक्षण को लेकर चिंतित हैं. हालांकि सदर अस्पताल में इनका इलाज संभव है. लेकिन सदर अस्पताल में अधिकांश लोग जाने से डर रहे हैं. कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर चल रही तरह तरह की बातों से लोग काफी सतर्क है. एक अनुमान के अनुसार सदर अस्पताल में आने वाले मरीजों की संख्या में भी 50% से अधिक कमी आई है. छोटी-मोटी तकलीफ एवं बीमारियों को लेकर आने वाले मरीज अस्पताल से पूरी तरह नदारद है. विशेष परिस्थितियों में ही में इक्का-दुक्का लोग अस्पताल में आ रहे हैं. जिनमें गर्भवती महिलाएं भी शामिल हैं जो प्रसव के लिए आ रही है. कुल मिलाकर Lockdown में प्राइवेट स्वास्थ्य सेवा बंद होने से आम जनता पूरी तरह से झोलाछाप चिकित्सकों पर ही निर्भर है.

कई लोगों ने भी सोशल मीडिया के जरिए शहर के चिन्हित एवं अच्छे चिकित्सकों से अपने निजी संस्थानों को खोलने की मांग की है. जहां विशेष रूप से नवजात शिशु, वृद्ध एवं महिला रोग विशेषज्ञ चिकित्सकों को आम जनता की सुविधा को ध्यान में रखते हुए निजी क्लीनिक चलाने का आह्वान किया जा रहा है. लेकिन निजी क्लिनिक पर सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेनेंस का पालन ना होने और मरीजों की भीड़ को देखते हुए चिकित्सक भी क्लिनिक खोलने का प्रयास नही कर रहे है.

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Chhapra: विगत दिनों छपरा के भगवान बाजार थाना के फरार हुआ अपराधी मंगलवार को देसी कट्टा और गोली के साथ पकड़ा गया. मुफस्सिल थाना क्षेत्र से इस अपराधी को पुलिस ने गिरफ्तार किया.

सारण के SP हर किशोर राय ने बताया कि 20 दिन पूर्व भगवान बाजार थाना से पुलिस कस्टडी के दौरान यह पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया था. उसके बाद से इसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगी हुई थी. पुलिस अपने प्रयास में कामयाब रही और यह पकड़ा गया. इसे भी पढ़ें: अपराधियों ने पुलिस पर की फायरिंग, एक गिरफ्तार

आपको बता देगी 20 दिन पूर्व भगवान बाज़ार थाना से अपराधी के फरार हो जाने के बाद भगवान बाजार थाना अध्यक्ष को सारण एसपी ने निलंबित कर दिया था.

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Chhapra: घर-घर सर्वे अभियान में आशा व आंगनबाड़ी सेविकाओं को सही जानकारी दें, तभी कोरोना संक्रमण के प्रसार पर रोग संभव हो सकेगा. उक्त बातें क्षेत्रीय अपर स्वास्थ्य निदेशक डॉ अरविंद कुमार गुप्ता ने डोर टू डोर सर्वे अभियान का जायजा लेते हुए कहीं.

उन्होंने कहा सर्वे के दौरान एक भी घर छूटना नहीं चाहिए. उन्होंने सर्वे दल के कर्मियों को निर्देश दिया कि प्रत्येक घरों की गहनता से सर्वे की जाए तथा कोरोना संक्रमण के लक्षण पाए जाने वाले व्यक्तियों की पहचान कर उसकी पूरी जानकारी लें. शहर में चल रहा है डोर टू डोर सर्वे अभियान का क्षेत्रीय अपर स्वास्थ्य निदेशक डॉ अरविंद कुमार गुप्ता, आईसीडीएस के डीपीओ वंदना पांडेय, यूनिसेफ के जिला समन्वयक आरती त्रिपाठी समेत अन्य अधिकारियों ने जायजा लिया तथा सर्वे टीम को आवश्यक दिशा निर्देश दिया. इसे भी पढ़ें: आपदा राहत केन्द्र पर आवासितों को जिलाधिकारी ने उपलब्ध करायी उनके जरूरत की चीजें

आरएडी और यूनिसेफ के एसएमसी ने शहर क्षेत्र के अजयगंज, फिदर बाजार, गुदरी मुहल्ला, आईसीडीएस के डीपीओ वंदना पांडेय ने शहर के सलेमपुर, राहत रोड व बी सेमिनरी स्कूल के आस पास इलाकों में चल रहे सर्वे अभियान का जायजा लिया.

सर्वे अभियान में आमजनों की सहयोग अपेक्षित

क्षेत्रीय अपर स्वास्थ निदेशक ने कहा इस अभियान में आम जनों की सहयोग अपेक्षित है. स्वास्थ्य कार्यकर्ता आप आपके परिवार को स्वस्थ व समृद्ध बनाने में अहम भूमिका अदा कर रहे है. ऐसे में प्रत्येक जनमानस का कर्तव्य है कि वे स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को अपने कार्यों के निर्वहन करने में अपना पूर्ण सहयोग व सही जानकारी प्रदान करें. ऐसा कर आप स्वयं वह अपने परिवार को इस संक्रमण से बचा सकते हैं.

संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए चल रहा अभियान

कोरोना संक्रमण के वैश्विक महामारी के मद्देनजर सामुदायिक संक्रमण की स्थिति पैदा ना हो इस को ध्यान में रखते हुए आशा कार्यकर्ता व आंगनबाड़ी सेविका के द्वारा जिले में घर घर जाकर कोरोना संक्रमण के लक्षण वाले व्यक्तियों का सर्वेक्षण किया जा रहा है. ताकि चिन्हित व्यक्तियों को वांछित जांच एवं चिकित्सकीय सुविधाएं ससमय उपलब्ध करायी जा सके. इसे भी पढ़ें: अपराधियों ने पुलिस पर की फायरिंग, एक गिरफ्तार

सर्वे के दौरान प्रत्येक घरों की हो रही मार्किंग

यूनिसेफ के एसएमसी आरती त्रिपाठी ने बताया पल्स पोलियो अभियान की तरह इस अभियान में भी कोरोना संक्रमण व्यक्तियों के घरों की मार्किंग की जा रही है.सर्वे कार्य के लिए राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा कोविड 19 फॉर्म उपलब्ध कराये गये हैं. इसमें तीन स्तरों पर सूचना एकत्रित किया जा रहा है. कोविड-19 फॉर्म के तहत पहला प्रपत्र स्थानीय स्तर पर नियुक्त किये गये दलकर्मी भर रहे है. कोविड 19 फॉर्म के तहत 2, 3 व 3 ए व 4 प्रपत्र को पर्यवेक्षक व फॉर्म 5 जिला स्तर पर भरने का काम किया जा रहा है. सर्वे के दौरान प्रत्येक घर में हाउस मार्किंग की जा रही है. संदिग्ध पाये गये व्यक्तियों के घरों पर मार्किंग की जा रही है.

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Chhapra: Lockdown में दूसरे राज्यो में फंसे लोगों के पास अब आर्थिक संकट है. ऐसे में छपरा के समर्थवान लोगों द्वारा लगातार राशन के साथ आर्थिक मदद भी जारी है.

छपरा के रहने वालो की मदद को लेfकर कई सामाजिक लोगों ने हाथ बढ़ाना शुरू कर दिया. वही समाजसेवी धर्मेन्द्र सिंह ने छपरा के अलग- अलग प्रखंड के रहने वाले युवाओं को अकॉउंट में पैसा डाला गया. जिनमें परसा, मकेर, रिविलगंज, छपरा व अन्य प्रखंड के युवा शामिल हैं.

ये लोग अलग अलग प्रदेशों रहते है जिनके समक्ष आर्थिक समस्या उत्पन्न हो गयी है. राजस्थान, दिल्ली, सूरत, महाराष्ट्र में कल-कारखाने बंद होने की स्थिति में उनलोगों काफी परेशानी हो रही है. इसे भी पढ़ें: ग्रामीण क्षेत्रों मे निर्माण कार्य शुरु कराने की अनुमति, आमलोग अभी 3 मई तक रहेंगे लॉकडाउन: जिलाधिकारी

सोशल मीडिया पर बाहर फंसे लोगों ने मदद के लिए गुहार लगाई तो यह पहल शुरू की गई. समाजसेवी धर्मेन्द्र सिंह ने उनके बैंक अकाउंट डिटेल्स लेकर नेटबैंकिंग के माध्यम से कई लोगों के अकॉउंट में पैसा डाला. अकाउंट में पैसा ट्रांसफर करने के बाद लोगों ने मुंह पर मास्क लगा एक ग्रुपिंग फोटो शेयर भेजा और समाजसेवी को तहे दिल से धन्यवाद देते हुए खुशी जाहिर की.

समाजसेवी धर्मेन्द्र सिंह ने कहा कि राज्य सरकार व केंद्र सरकार से भी अनुरोध करते हैं कि बाहर फंसे बिहारी लोगों की मदद ससमय करते रहे, जो कि यूपी-बिहार के ही लोग हैं. इसमें अन्य सामाजिक लोगों से भी आग्रह है कि अपने क्षेत्र के बाहर फंसे लोगों की मदद के लिए आगे आये. इसमें परसा के दिनेश राय, सुरेश मांझी, अनिल पंडित, लव कुमार, बिमलेश कुमार सिंह, मकेर के राहुल कुमार, पिंटू कुमार, नीरज कुमार, लालजी, धनु कुमार, छपरा के श्रीकांत कुमार, अरविंद सिंह, संजय मिश्र, रिविलगंज के अनुज कुमार, राकेश कुमार, उपेंद्र कुमार शामिल हैं.

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Chhapra: Lockdown के दूसरे चरण में माह अप्रैल के राशन वितरण का कार्य प्रारंभ हो चुका है. विगत कई दिनों से लगातार निर्धारित समय के अनुसार राशन का वितरण किया जा रहा है.

सोमवार को वार्ड 33 के वार्ड पार्षद कृष्णा शर्मा की उपस्थिति में लाभुक कार्ड धारियों को राशन का वितरण किया गया. इस दौरान लाभुकों को प्रति यूनिट 2 किलो गेंहू दो रुपये की दर से, चावल 3 किलो 3 रुपये की दर से तथा सरकार द्वारा घोषित प्रति यूनिट 5 किलो चावल का वितरण निशुल्क किया गया. राशन वितरण केंद्र पर आने वाले लाभुकों के सोशल डिस्टेंसिंग के साथ साथ हाथों को सैनेटाइज भी किया जा रहा था. सोमवार को सुबह से ही लाभुकों की भीड़ रही.

दोपहर में राशन वितरण के लिए बनाई गई जांच टीम भी पहुंची. जिसमे शामिल नगर निगम कार्यालय कर्मी सुधीर कुमार हिमांशु द्वारा राशन दुकान के आवंटन, लाभुकों के बीच हो रहे वितरण की जानकारी ली गयी. इस दौरान मालूम चला कि अनुज्ञप्ति धारी को आवंटन ही कम मिला है. साथ ही साथ जांच टीम के सदस्यों द्वारा बिना कार्ड आने वाले गरीब, असहाय, जरूरतमंद लोगों को 5 किलो चावल मुहैया कराने एवं उसके लिए अलग पंजी संधारित करने का निर्देश दिया गया.

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• 6वें से 5वें स्थान पर पहुंचा

• राज्य स्वास्थ्य समिति ने जारी की रैंकिग

• 34 स्वास्थ्य सूचकांको पर तय की गयी रैंकिंग

Chhapra: जिले के सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में बढ़ोतरी हुयी है. इसके लिए राज्य स्वास्थ्य समिति नियमित तौर पर जिला स्तरीय स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा भी करती है. इसी कड़ी में राज्य स्वास्थ्य समिति ने 34 स्वास्थ्य सूचकांकों की समीक्षा कर जिलावार रैंकिंग जारी की है. जिसमें जिले ने निर्धारित सूचकांकों में प्रगति की है. यही वजह है कि राज्य भर में बेहतर स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने वाले जिलों की सूची में सारण को 5वां स्थान प्राप्त हुआ है। इस साल जनवरी माह की रैंकिंग में जिले को 6वां स्थान प्राप्त हुआ था। फरवरी माह की रैंकिंग में 5 वां स्थान मिला है।

34 स्वास्थ्य सूचकांकों के आधार पर हुयी रैंकिंग

सिविल सर्जन डॉ माधवेश्वर झा ने बताया कि राज्य स्वास्थ्य समिति ने 34 स्वास्थ्य सूचकांकों के आधार पर राज्य स्तरीय रैंकिंग जारी की है. जिसमें जिले की स्थिति पहले की तुलना में और बेहतर हुयी है. बेहतर कार्य के बदौलत 5 वां स्थान प्राप्त कर सका है. इससे जिले के समस्त स्वास्थ्य कर्मियों का उत्साह वर्धन भी हुआ है. साथ ही इस रैंकिंग को बरक़रार रखने के साथ आगे बढ़ने की चुनौती भी अब बढ़ गयी है. इसके लिए जिले के सभी स्वास्थ्य कर्मियों को बेहतर प्रदर्शन करने होंगे. उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले समय में जिला टॉप 3 की सूची में शामिल हो सकेगा. इसमे डीपीएम अरविंद कुमार, जिला अनुश्रवण सह मूल्यांकन पदाधिकारी भानु शर्मा , डीपीसी रमेश चन्द्र प्रसाद समेत सभी स्वास्थ्य कर्मियों का सहयोग सराहनीय है।

इन सूचकांकों को किया गया शामिल

34 स्वास्थ्य सूचकांकों पर रैंकिंग तैयार की गयी है. जिसके लिए 800 अंक निर्धारित किये गए थे. जिसमें गर्भवती महिलाओं का निबंधन, प्रसव पूर्व पहली तिमाही में महिलाओं का निबंधन, संस्थागत प्रसव, आधुनिक परिवार कल्याण के उपायों की दर, सिक न्यू बॉर्न केयर यूनिट में भर्ती बच्चों की संख्या एवं भर्ती रहे दिनों की संख्या , पूर्ण टीकाकरण, खून की कमी दूर करने में आयरन टैबलेट की आपूर्ति, एंबुलेंस का प्रतिदिन परिवहन की दर, पीएचसी स्तर पर प्रति लाख जनसंख्या में हर माह ओपीडी की सेवा उठाने वाले मरीजों की संख्या, लेबोरेटरी में स्वास्थ्य जाँच कराने वाले लोगों की संख्या , अल्ट्रासाउंड की उपयोगिता दर, खोजे गए नए टीबी मरीजों की संख्या, टीबी और कालाजार मरीजों के लिए दवा उपलब्धता की स्थिति , ओपीडी दवाओं की उपलब्धता, पैसे का खर्च, आशा का प्रशिक्षण, आशा का भुगतान, कन्या उत्थान योजना का भुगतान और चिकित्सकों का ओपीडी में प्रदर्शन शामिल किया गया है।

स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में हो रही बढ़ोतरी

क्षेत्रीय अपर स्वास्थ्य निदेशक डॉ अरविंद कुमार गुप्ता ने बताया कि सरकारी अस्पतालों की स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार हुआ है। राज्य स्वास्थ्य समिति की ओर से रैंकिग जारी की गई है। जिसमें जिले को राज्य भर में 5वां स्थान प्राप्त हुआ है. यह स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में हो रही बढ़ोतरी को दर्शाता है. सभी स्वास्थ्य कर्यक्रमों का लाभ समुदाय के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना जरुरी है. इसके लिए जिला स्वास्थ्य विभाग निरंतर प्रयासरत है. आने वाले समय में इससे भी बेहतर रैंकिंग की उम्मीद की जा सकती है.

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पटना: 20 और 21 अप्रैल को उत्तर-पश्चिम बिहार के पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीवान, सारण, गोपालगंज, उत्तर-मध्य बिहार के सीतामढ़ी, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, वैशाली, शिवहर, समस्तीपुर, उत्तर-पूर्व बिहार के सुपौल, अररिया, मधेपुरा, किशनगंज, सहरसा, पूर्णिया, दक्षिण-पश्चिमी बिहार के बक्सर, भोजपुर, रोहतास, भभुआ, औरंगाबाद, जहानाबाद, अरवल, दक्षिण मध्य बिहार के पटना, गया, नालंदा, शेखपुरा, बेगूसराय, लखीसराय, नवादा, दक्षिण पूर्व बिहार के कटिहार, भागलपुर, बांका, मुंगर, खगड़िया और जमुई में कुछ स्थानों पर गरज के साथ बारिश होने की संभावना है. एक या दो स्थानों पर बिजली गर्जन के साथ बौछार पड़ने की संभावना है. साथ ही 30 से 40 किमी प्रति घंटे की गति से तेज हवा के चलने की संभावना है.

इस तरह की परिस्थितियां पूर्व भारत में अक्सर बनती हैं. इसे काल बैसाखी भी कहा जाता है़ इस दौरान हवा की रफ्तार 60-70 किलोमीटर प्रति घंटे की हो सकती है़ इसका असर खलिहान में रखी फसल पर पड़ना स्वाभाविक है. बिहार के संदर्भ में आम और लीजी के उत्पादन पर इसका अच्छा खासा असर पड़ सकता है. दरअसल आम के झड़ने के आसार ज्यादा रहते हैं.

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-कोरोना को मात देने की तैयारी में जुटी जीविका दीदियाँ

-कोरोना संक्रमण से लोगों के बचाव के लिए बना रहीं मास्क

-1 लाख से अधिक सामुदायिक सदस्यों के मोबाइल नंबर किये एकत्रित

-मोबाइल वाणी मंच की सहायता से वॉयस मैसेज भेज कर फैला रही जागरूकता

Chhapra:  कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों ने विश्व भर में आपातकालीन स्थिति पैदा कर दी है. धीरे-धीरे संक्रमण का प्रसार देश के साथ बिहार में बढ़ने लगा है. इसकी रोकथाम एवं पीड़ितों को बेहतर चिकित्सकीय सुविधा प्रदान करने की दिशा में सरकार हर संभव प्रयास भी कर रही है. अब इस महामारी को मात देने के लिए जीविका कार्यकर्ता भी जुट गए हैं. कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए सरकार द्वारा मास्क के इस्तेमाल पर जोर दिया जा रहा है. अचानक मास्क की मांग बढ़ने के कारण बाजारों में मास्क की कमी भी देखने को मिल रही है. इसलिए जीविका ने इस दिशा में पहल की है. राज्य के सभी जिलों में जीविका दीदियाँ सक्रिय होकर मास्क बनाने में जुट गयी हैं. मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार जिन परिवारों के पास राशन कार्ड नहीं है, उन्हें भी जीविका समूहों के माध्यम से चिन्हित कर उनकी मदद की जाएगी.


जागरूकता का उठाया बीड़ा

कोविड-19 के वैश्विक महामारी घोषित होने पर जीविका ने पहल करते हुए कोरोना पर आईईसी मटेरियल तैयार करने का कार्य शुरू कर दिया, ताकि आम लोगों को इस रोग के बारे में जागरूकता फ़ैलाने और इससे निपटने की तैयारियों में मदद कर सके. जीविका अपने स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से अधिकतम परिवारों तक पहुँचने का प्रयास कर रही है एवं हैण्ड वाशिंग, क्वारंटीन, सामजिक दूरियाँ एवं आईसोलेशन जैसे महतवपूर्ण मुद्दों पर आम जागरूकता फैला रही है. जीविका ने अब तक 1 लाख से अधिक सामुदायिक सदस्यों के मोबाइल नंबर एकत्रित किये हैं और कोविड-19 के बारे में वॉयस मैसेज जारी करने के लिए मोबाइल वाणी मंच का उपयोग कर रहा है और उसी के माध्यम से समुदाय के प्रश्नों का उत्तर भी दे रहा है. साथ ही कोरोना पर जागरूकता बढ़ाने के मकसद से विडियो एवं गानों का भी सहारा लिया जा रहा है.

जिनके पास राशन कार्ड नहीं है, उन्हें जीविका समूह का मिलेगा सहयोग

जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने बताया कि सभी राशन कार्ड धारकों को सरकार द्वारा 1000 रूपये की सहायता राशि दी जा रही है. साथ ही यह भी निर्णय लिया गया कि जिन परिवारों के पास राशन कार्ड नही हैं, उन्हें भी जीविका समूहों द्वारा चिन्हित कर उनकी मदद की जाएगी. इसके लिए ऐसे लोगों की पहचान करने का कार्य जीविका द्वारा प्रारंभ कर दिया गया है तथा शीघ्र ही इन परिवारों की पहचान कर उनकी भी मदद की जाएगी.

कोरोना को हराने में जीविका का हो सकता है महत्वपूर्ण योगदान

अन्य राज्यों की तुलना में अभी बिहार में कोरोना के कम मामले सामने आए हैं. लेकिन धीरे-धीरे राज्य में भी कोरोना का प्रसार देखने को मिल रहा है. ऐसी स्थिति में यह आवश्यक है कि सामुदायिक स्तर पर अधिक से अधिक लोगों को कोरोना संक्रमण के बारे में जानकारी दी जाए एवं उन्हें इस गंभीर रोग से बचने की उचित सलाह दी जाए. जिसमें जीविका की भूमिका अहम् हो सकती है. राज्य के सभी जिलों में जीविका महिला स्वयं सहायता समूह बनाये गए है, जो महिलाओं को आर्थिक एवं सामाजिक रूप से सशक्त करने का कार्य कर रहा है. कोरोना काल में जीविका समूह द्वारा लोगों को कोरोना पर जागरूक करने का सराहनीय कार्य किया जा रहा है.

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Chhapra: कोरोना वायरस को लेकर जिला प्रशासन ने सतर्कता बरतते हुए. सिवान से सटे सारण जिले के कई प्रखंडों में स्क्रीनिंग का कार्य प्रारंभ कर दिया है. जिला प्रशासन द्वारा सारण के छह प्रखंडों में डोर टू डोर स्क्रीनिंग के लिए 371 सर्वे टीम व 136 सुपरवाइजर को प्रतिनियुक्त किया है. जो घर घर जाकर सभी लोगों की स्क्रीनिंग करेगे.

शुक्रवार को जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने बनियापुर प्रखंड में चल रहे स्क्रीनिंग कार्य का निरीक्षण किया इस दौरान उन्होंने प्रतिनियुक्त कर्मियों द्वारा किये जा रहे कार्यो को देखा. कर्मियों से पूछताछ की और आवश्यक निर्देश दिए.

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मढ़ौरा: थाना क्षेत्र के मिर्जापुर में दो पक्ष के युवक आपस में भिड़ गए और एक युवक को मारपीट कर जख्मी कर दिया. प्राप्त जानकारी के अनुसार मामला कुछ यूं था कि एक युवक प्रधानमंत्री को गाली दे रहा था. तभी दूसरे युवकों ने उसे समझाया लेकिन वह नहीं समझा. बात देखते ही देखते बढ़ गई और एक पक्ष में एक युवक की लाठी-डंडे से पिटाई कर दी.

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जख्मी युवक का इलाज मढ़ौरा रेफरल अस्पताल में हुआ. घटना की सूचना मिलते थानाध्यक्ष संदीप सिंह मौके पर पहुंचे और पूरे मामले की जानकारी ली. घटना के बाद से गांव में तनाव को देखते हुए प्रशासन ने एहतियातन पुलिस गश्ती बढ़ा दी है और लॉकडाउन में सख्ती कर दी है. जख्मी युवक के बयान पर एक आरोपी को गिरफ्तार भी किया गया है. थानाध्यक्ष ने बताया कि मामले की छानबीन की जा रही है. आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी भी की जा रही है.

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