Chhapra: जन वितरण प्रणाली विक्रेता अपनी 8 सूत्री मांगों को लेकर 10 अगस्त से अनिश्चित काल हड़ताल पर जाएंगे. फेयर प्राइस डीलर एसोसिएशन कि राज्य कार्यसमिति की बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया है कि यदि सरकार ने राशन डीलरों की 8 सूत्री मांग को पूरा नहीं किया तो 10 अगस्त से राशन उठाओ और वितरण कार्य को अनिश्चितकाल के लिए रोक दिया जाएगा.

डीलरों का कहना है कि वर्तमान समय में कोरोनावायरस के फैलने से बायोमेट्रिक मशीन में अंगूठा से हस्ताक्षर या उपस्थिति पर सभी सरकारी या गैर सरकारी संस्थाओं पर पूर्णतया प्रतिबंध लगाया गया है. हालांकि राशन वितरण के दौरान पॉश मशीन के इस्तेमाल से फिंगरप्रिंट के आधार पर राशन दिया जाता है. दुकानदार मांग कर रहे हैं कि कोरोनावायरस से बचने के लिए फिंगर प्रिंटिंग के माध्यम से राशन वितरण फिलहाल बंद कराया जाए.


डीलरों ने कहा है कि बिहार के बाहर से बड़ी संख्या में मजदूर लौटे हैं. ऐसे में राशन लेने के दौरान संक्रमित व्यक्ति यदि पॉश मशीन के जरिए फिंगरप्रिंट देता है  तो अन्य लोग भी संक्रमित होंगे और दुकानदार भी संक्रमित हो सकता है. ऐसे में सरकार को इस पर संज्ञान लेना चाहिए. इसकी शिकायत मुख्यमंत्री< मुख्य सचिव बिहार सरकार के मंत्री को भी की गई है। लेकिन अभी तक इस पर सरकार ने कोई संज्ञान नहीं लिया है.

दुकानदारों की मांग है कि मैनुअल रजिस्टर के माध्यम से राशन वितरण कराया जाए ताकि संक्रमण से बचा जा सके. फेयरप्राइस डीलर एसोसिएशन ने जानकारी दी है कि बिहार के मोतिहारी में एक, दरभंगा में एक, मधेपुरा में एक शेखपुरा में दो समेत कुल 5 जन वितरण प्रणाली दुकानदारों की कोरोनावायरस से मौत हो गई है.

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Chhapra: देश की सुरक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीद युवाओं के लिए आज भी प्रेरणा के स्रोत बने हुए हैं. देश की सुरक्षा के लिए युवाओं को आज संकल्प लेने का दिन है. उक्त बातें भारत स्काउट एंड गाइड की ओपन इकाई डिस्ट्रिक्ट ओपन टूप के तत्वावधान में आयोजित कारगिल विजय दिवस समारोह के अवसर पर राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित स्काउट और एडवांस स्काउट मास्टर अमन राज ने रविवार को कही.

वही वर्चुअल माध्यम से जुड़ भारत स्काउट एंड गाइड सारण के जिला संगठन आयुक्त (स्काउट) आलोक रंजन ने कहाँ की स्काउट गाइड छात्रों -जवानों को देश की सेवा के लिए समर्पित होकर कार्य करने के लिए प्रशिक्षित करता है.

जिला सचिव त्रिवेणी कुँवर ने कहा कि सभी स्काउट और गाइड को आज यह संकल्प लेने की जरूरत है कि वह अपनी देश की सुरक्षा तथा संप्रभुता की रक्षा के लिए मर मिटने को तैयार रहेंगे. यही वीर शहीदों के लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी. वही जिला सहायक सचिव श्री उमाशंकर गिरी ने कहाँ कि 60 दिनों तक चले कारगिल युद्ध में देश के 550 जवानों ने अपने जान गवा दी, लेकिन देश के नागरिकों पर आंच नहीं आने दी. उन्होंने कहा कि आज देश को विदेशी आक्रमणकारियों से सुरक्षा के लिए युवा संकल्पित हैं.

कार्यक्रम स्थल से करण, अंकित शर्मा आदि शामिल . वर्चुअल रूप डिस्ट्रिक्ट ओपन ट्रूप के राष्ट्रपति पुरुस्कार से सम्मानित स्काउट प्रणव, अंकित श्रीवास्तव, अभिमन्यु सिंह सहित सभी डिस्ट्रिक्ट ओपन ट्रूप के स्काउट गाइड ने भाग लिया.

कार्यक्रम के सफल संचालन होने पे भारत स्काउट और गाइड सारण के जिला मुख्य आयुक्त हरेंद्र प्रसाद सिंह, उपाध्यक्ष डॉक्टर सुरेश प्रसाद सिंह,जिला आयुक्त स्काउट) डॉ० दीनानाथ मिश्रा ने टेलीफोन के माध्यम से जुड़ सभी स्काउट गाइड को धन्यबाद दिया.

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Chhapra: अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर के निर्माण के नींव पूजन में सारण के प्रमुख मन्दिरों से मिट्टी भेजी जा रही है. 5 अगस्त को राम मंदिर की नींव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रखी जाएगी. देशभर के तीर्थ स्थलों के इसके लिए मिट्टी और जल भेजा जा रहा है. इसी क्रम में छपरा के भी तमाम तीर्थ स्थलों से मिट्टी भेजी जा रही है.

इसको लेकर पुजारी अरुण पुरोहित ने बताया कि रविवार को छपरा के धर्मनाथ मंदिर से मिट्टी, राम भक्तों द्वारा लाया गया है. मंदिर के महंत विंदेश्वरी पर्वत द्वारा राम भक्तों को अयोध्या भेजने के लिए मिट्टी सौंपी गई. उन्होंने बताया कि 4 अगस्त को यहां से विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ता अयोध्या के लिए रवाना होंगे. इससे पहले सारण के तमाम मन्दिरों से मिट्टी इकट्ठा की जाएगी.

उन्होंने बताया कि छपरा के मारुति मानस मंदिर, धर्मनाथ मंदिर, दिघवारा स्थित शक्तिपीठ अंबिका भवानी, मढौरा स्थित शिल्हौड़ी, गौतम स्थान, सोनपुर हरिहर नाथ मंदिर आदि गढ़देवी मंदिर मढ़ौरा, परसा, भेलदी, अमनौर वैष्णो देवी, गरखा, माझी, महेंद्रनाथ एकमा इत्यादि मंदिरों से सारण में मिट्टी इकट्ठा की गई. नींव पूजन के लिए गंगा और सरयू का जल भी ले जाया जाएगा.


आपको बता दें कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए 3 अगस्त से ही भूमि पूजन शुरू हो जाएगा. उसके बाद 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मंदिर के निर्माण की नींव रखी जाएगी. इसके लिए बनारस और दक्षिण भारत से पंडितों को बुलाया गया है.

 

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इसुआपुर: स्थानीय थानाक्षेत्र के के जयथर गांव में रविवार को गहरे पानी मे डूबने से 18 वर्षीय युवक की मृत्यु हो गई. मौत के बाद परिवार में कोहराम है. वही पुलिस ने शव को अपने कब्ज़े में लेते हुए पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया.

घटना को लेकर ग्रामीणों ने बताया कि जयथर गांव निवासी द्वारिका राम का 18 वर्षीय पुत्र भोला राम गांव के ही चार पांच लड़कों के साथ चेवरा मे मछली मारने गया था. जहाँ मछली मारने के क्रम में वह गहरे पानी मे फिसल गया तथा डूबने लगा. उसे डूबता देखा साथ के बच्चे चिल्लाने लगे. बच्चों के चिलाहट सुन ग्रामीण दौरे तथा डूब रहे भोला को पानी से निकाला और इलाज के लिए उसे सरकारी अस्पताल मशरक ले गये. जहाँ डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. पुलिस ने शव को अपनी कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए छपरा सदर अस्पताल भेज दिया गया.

उधर मौत की खबर सुन गांव में मातम छा गया. परिजनों के चीत्कार से वातावरण गमगीन हो गया. सूचना पर YPL संयोजक युवराज सुधीर सिंह पीड़ित परिजनों से मिले उन्हें सान्त्वना दी तथा 10 हजार रुपये की आर्थिक मदद की. वही सरपंच रीमा देवी के पति पंकज सिंह ने भी आर्थिक मदद की. मौके पर मुखिया गजेंद्र सिंह, राजकुमार सिंह, संजय राय ने पीड़ित परिवार को सांत्वना दी.

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Isuapur: गंडक के बढ़े जलस्तर ने सिर्फ पानापुर ही नही पड़ोस के कई अन्य प्रखंडों में भी अपना असर छोड़ा है. पहले बारिश और फिर बाढ़ दोनों के कारण निचले इलाकों में जलस्तर बढ़ गया है. पानी के बढ़ने के बाद प्रखण्ड के सभी चंवर पूरी तरह लबालब है वही पानी निचले इलाके के घरों तक पहुंच चुका है. घरों में पानी घुसने से आक्रोशित पीड़ितों ने रविवार को छपरा मशरख मुख्य पथ को जाम करते हुए आगजनी की.

प्रखंड के बेला बासुदेव नगर को लोगों ने मुख्य मार्ग को घंटो अवरुद्ध किया और प्रशासन से जलनिकासी का उपाय करने की मांग की. जिससे कि पानी दूसरी जगह जा सकें. सड़क जाम होने के कारण घंटों सड़कों पर वाहनें खड़ी रही. सड़क जाम के कारण इसुआपुर और मशरख दोनों तरफ कई किलोमीटर तक ट्रकों की कतार लगी रही. हालांकि स्थानीय प्रशासन के बातचीत और आश्वासन के बाद 3 घंटे के लंबे जाम के बाद पुनः यातायात बहाल हुई.

पीड़ित ग्रामीणों का कहना है कि बारिश और बाढ़ के बाद जलस्तर बढ़ा है. चंवर भरचुका है और अब उनके घरों में पानी है. उनका कहना है कि जलनिकासी के सभी रास्ते बंद कर दिए गए है जिससे कि पानी अन्य गांव के चंवर एवं खेतों में जा सकें. पानी की निकासी नही होने के कारण घरों में पानी बह रहा है और परिवार के लोग भयभीत है. प्रशासन जल निकासी के रास्ते को अतिक्रमण मुक्त कराकर साफ कराए जिससे कि पानी दूसरी जगह जा सकें.

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Chhapra: शनिवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में 18 एजेंडों पर मुहर लगाई गई. इस दौरान छपरा सदर अस्पताल के चिकित्सा पदाधिकारी कामेश्वर नारायण दूबे को 11-06- 2001 से अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित रहने के आरोप में सेवा बर्खास्त कर दिया गया.

इसके अलावा तरैया रेफरल अस्पताल के चिकित्सा पदाधिकारी अशोक कुमार को 3-8-2002 से अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित रहने के आरोप में सेवा से बर्खास्त कर दिया गया. इसके अलावा राज्य के अन्य जिलों में विभिन्न अस्पतालों में अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित रहने वाले डॉक्टरों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया.

कैबिनेट ने कोविड-19 से उत्पन्न महामारी में ड्यूटी के दौरान मृत सरकारी कर्मियों के परिजनों को विशेष रुप से पेंशन देने के लिए स्वीकृति प्रदान की.

इसके अलावा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की मीटिंग में वित्तीय वर्ष 2020- 21 में भारत सरकार द्वारा प्राप्त दिशा निर्देश में स्वीकृति कार्य योजना के अनुरूप बिहार राज्य की कुल 38 वन प्रमंडलों मंडलों में वनरोपण कार्य एवम रख रखाव, मृदा जल संरक्षण आधारभूत संरचनाओं का निर्माण कार्य, वन्य प्राणी के सुरक्षा, संरक्षण एवं संवर्धन का कार्य एवं महिला रक्षा वाहिनी के मानदेय आदि पर व्यय के लिए कुल 162 करोड़ 52 लाख 23 हज़ार रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई.

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Chhapra: सारण में कोरोना से अबतक 639 मरीज ठीक हो चुके हैं. वहीं संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 1041
पहुंच गया है. शनिवार को सरकार द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार जिले में एक्टिव मरीजों की संख्या बढ़कर 393 हो गई है. ठीक हुए मरीज की संख्या 597 है. सारण में कोविड-19 से अभी तक 9 लोगों के मरने की पुष्टि आधिकारिक रूप से की गई है.


छपरा शहर में कोविड-19 के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं हर रोज शहर के अलग अलग इलाकों से कई दर्जन मामले सामने आ रहे हैं. जिसके बाद प्रशासन भी पूरी तरह से अलर्ट हो गया है. ज्यादातर कोरोना मरीजों को होम आइसोलेशन में रखा जा रहा है. वैसे लोग जिनकी तबीयत स्थिर है, जिनमें कोई लक्षण नहीं है, उन्हें ही घर पर रहने को कहा जा रहा है. वहीं लक्षण वाले मरीजों को सदर अस्पताल के आइसोलेशन सेंटर में भर्ती कराया जा रहा है.

शहर को शहर के कई इलाके कंटेनमेंट जोन घोषित करके सील कर दिया गया. इसमें मुख्य रूप से नगरपालिका चौक के आसपास के गलियों में कंटेनमेंट जोन घोषित करते हुए सील कर दिया गया. कोविड-19 के बढ़ते मामलों ने लोगों की चिंताएं बढ़ा दी हैं. इससे पहले गुरुवार को जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने अपना सदर अस्पताल का निरीक्षण किया और 7 सुविधाओं का जायजा लिया.

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पानापुर: गुरुवार की मध्य रात्रि से गोपालगंज के बरौली प्रखंड के  देवापुर एवं मांझा प्रखंड के पुरैना गांव के पास सारण तटबंध टूटने की खबर से पानापुर के लोग दहशत में आ गए हैं. शनिवार को बैकुंठपुर के फैजुल्लाहपुर में सारण तटबंध टूट गया. जिसके बाद लोग सुबह से ही सुरक्षित एवं ऊंचे जगहों पर अपना आशियाना बनाने में जुट गए है.

इस बीच गंडक नदी के जलस्तर कमी होने से सारण तटबंध के निचले इलाकों में बसे पृथ्वीपुर ,सलेमपुर ,बसहिया ,उभवा ,रामपुररूद्र आदि गांवों के लोगो को थोड़ी राहत मिली है. वहीं सारण तटबंध टूट जाने से बाढ़ का खतरा और बढ़ गया है. इस बीच स्थानीय प्रशासन द्वारा ध्वनि विस्तारक के माध्यम से ऊंचे एवं सुरक्षित जगहों पर शरण लेने की बार बार अपील की जा रही है. प्रशासन का कहना है कि शनिवार की देर रात तक पानापुर में बाढ़ का पानी प्रवेश कर जाएगा.

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इसुआपुर: गंडक नदी में जलस्तर बढ़ने के बाद प्रखंड के कई गांवों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. बारिश और बाढ़ के पानी से चंवर और खेत पानी से भर चुके है वही पानी निचले इलाकों में पांव पसार रहा है. खेतों में पानी लगने से लाखो की फ़सल बर्बाद हो गयी है. किसानों के इस हाल का कारण सरकार की बारिश के पूर्व की तैयारी है.

जिले में बाढ़ की भयावहता और तांडव कोई नई बात नही है लेकिन इसके बाद भी सरकार सचेत नही है. प्रतिवर्ष किसान अपनी बदहाली पर पर आंशू बहाते है लेकिन सरकार चिरनिद्रा में रहती है.

बारिश और बाढ़ के पानी से प्रखण्ड के रामपुर अटौली पंचायत के डोइला, महुली गांव सहित आधे दर्जन गांव की फसल पूरी तरह तबाह है.

किसान एकता मंच के अध्यक्ष सह प्रमुख प्रतिनिधि युवा नेता अजय राय ने प्रखंड के जलमग्न गांवों की स्थिति का जायजा लिया और किसानों की बदहाल स्थिति को दर्शाते हुए कहा कि यहाँ पहले सभ्रांत किसान थे लेकिन अब यहाँ के किसान भुखमरी के कगार पर आ गए है. किसानों की स्थिति को लेकर सैकडों बार बिहार सरकार एवम संबंधित विभाग को ग्रामीणों द्वारा पत्र लिखा गया लेकिन सुशाशन की सरकार को किसानों से क्या मतलब भले ही किसान भूखा ही क्यों न हो, सरकार की किसान उत्थान योजना, किसानों की आय दुगना करने जैसी योजनाएं अखबार के पन्नो तक सिमट कर रह गई है. अब किसान सरकार का दरवाजा खट-खटा कर थक गए है. हज़ारो कोशिशों के बाद भी किसानों के साथ सरकार ने लगातार धोखा दिया है और बांध, स्विलिप गेट, पुल बनवाने के आड़ में करोडो रुपए लूट का खेल खेला गया है.

वही किसानों का कहना है कि जमींदारी बांध का जब निर्माण हुआ तो गांव में ख़ुशी का माहौल था. निर्माण के बाद जल नहर और बारिश के पानी के निकासी के लिए जल संसाधन विभाग द्वारा किसानों का भूमि अधिग्रहण किया गया. जिससे डोइला से गोविन्दापुर डाबरा नही तक नहर का निर्माण सरकार द्वारा करना था. लेकिन 2006 से 2020 आ गया जल निकासी नहर का निर्माण न हो सका. इसी बीच जमीन्दारी बांध में सरकार द्वारा करोडो रुपये की लागत से सुइलिश गेट का निर्माण कर दिया गया और जो नहर कभी बना ही नही उस पर लगभग 5 करोड़ की लागत से 15 छोटे बड़े पुल पुलिया के निर्माण कर दिया गया.

प्रतिवर्ष किसानों अपनी बदहाली से ऊब चुके है और सरकार से इसका निदान चाहते है.जिससे कि बाढ़ और बारिश में उनकी फसल बची रही.

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Chhapra: सारण जिला से होकर कई नदियां बहती है. अक्सर जब भी नेपाल के गंडक बराज से पानी छोड़ा जाता है या फिर बाढ़ के सीजन में कई क्षेत्र बाढ़ से प्रभावित होते हैं. लगभग प्रत्येक वर्ष कोई न कोई क्षेत्र बाढ़ से प्रभावित होता है और लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. 2020 में भी सारण के कई इलाके बाढ़ की चपेट में है. नदियों का जलस्तर दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है. गंडक नदी के जलस्तर में हो रही बढ़ोतरी से सारण जिले के तरैया प्रखंड के 28 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं.

आइए जानते हैं सारण जिले में कब कब आई बाढ़ और लोग हुए प्रभावित

1985 में की बाढ़ आज भी लोगों के जेहन में याद है. मन जाता है कि इस वर्ष जैसा बाढ़ सारण जिले में अब तक देखने को नही मिला है. सरयू नदी पूरे उफान पर थी. जो इलाका कभी प्रभावित नही हुआ था वो भी इलाका बाढ़ की चपेट में आ गया था.

2001: इस वर्ष जब बाढ़ आई थी तो करीब 157 पंचायत और 500 से अधिक गांव प्रभावित हुए थे. जिसमें लाखों की आबादी भी प्रभावित हुई थी.

2002: सारण के पानापुर में तटबंध टूट जाने से लगभग 300 गांव प्रभावित हुए थे और 5 लाख से ऊपर की आबादी को बाढ़ का सामना करना पड़ा था.

2003: गंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि हुई थी. लगभग 400 गांव प्रभावित हुए थे और छह लाख के लगभग आबादी प्रभावित हुई थी.

2008: अधिक वर्षा के कारण नदियों के जलस्तर में काफी वृद्धि हुई थी और लगभग लाखों की आबादी प्रभावित हुई थी.

2011: सोन, गंगा व सरयू नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बहा था. कई इलाकों को अपनी चपेट में ले लिया था. जिससे लाखों की आबादी प्रभावित हुई थी.

2013: इस वर्ष भी लोगों को बाढ़ का डंस झेलना पड़ा था. सभी नदियां उफान पर थी लगभग चार लाख की आबादी प्रभावित हुई थी.

2016 इस वर्ष बाढ़ प्रलयकारी रूप में देखने को मिला था. सारण के 20 प्रखंडों में लगभग 8 प्रखंड बाढ़ की चपेट में आ गए थे. सारी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही थी. हालांकि शहर में भी इसका असर काफी देखने को मिला था.

2017: गंडक, सोन और गंगा के जलस्तर में वृद्धि हुई थी. जिसमें लगभग आधा दर्जन प्रखंड प्रभावित हुए थे. वहीं लाखों की आबादी प्रभावित हुई थी.

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Chhapra: गंडक नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है. जल स्तर में वृद्धि के कारण सारण जिले के पानापुर, तरैया, परसा एवं मकेर के 12 पंचायतों सहित 35 गांव प्रभावित हैं. लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा रहा है.

जिला प्रशासन द्वारा बताया गया कि राहत एवं बचाव का कार्य तेजी से चल रहा है. 42 नावों का परिचालन कराया जा रहा है. लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा रहा है. 6 मोटर बोट तथा दो एनडीआरएफ की टीम लगातार राहत और बचाव के कार्य में लगी हुई है. 16 सामुदायिक रसोई का संचालन किया जा रहा है. जिसमें लगभग 5 हज़ार की संख्या में लोगों को भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है. पानापुर में 5, तरैया में 7, परसा में 1 तथा मकेर में तीन सामुदायिक रसोई चलाई जा रही है.

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Panapur: महाराजगंज के सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल द्वारा पानापुर के कई बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने बाढ़पीड़ितों से मुलाकात की और आवश्यक निर्देश दिए.

श्री सिग्रीवाल ने पानापुर प्रखंड के कोंध भगवानपुर और तरैया प्रखंड के सगुनी, राजवाड़ा, अरदेवा माधोपुर, शीतलपुर और फरिदनपुर बाढ़ क्षेत्रो का दौरा किया.

सांसद ने बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए बनाये गए कैंप में जाकर उनके साथ बातचीत करते हुए खान-पान सहित उनके रहने की व्यवस्था का जायजा लिया. इसके साथ ही अधिकारियों को बाढ़ प्रभावित लोगों को जल्द से जल्द मुआवजा देने के लिए निर्देशित किया.

श्री सिग्रीवाल ने कहा कि सरकार इस आपदा में जनता के साथ खड़ी है. उन्हें हर संभव मदद दिलाई जा रही है. बाढ़पीड़ितों के रहने खाने की नियमित व्यवस्था की गई है जिससे कि उन्हें किसी तरह की परेशानी ना हो.

इस दौरान धीरज सिंह सहित कई भाजपा कार्यकर्ता मौजूद थे.

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