Isuapur: प्रखण्ड की सेविका और सहायिका अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर है. इसुआपुर धर्मशाला परिसर में आंगनवाड़ी सेविका और सहायिका ने अपनी एकजुटता दिखाते हुए अपनी मांगो के समर्थन में आवाज बुलंद की.

प्रखंड के सौ से अधिक केंद्रों के सेविका और सहायिकाओं ने अपने 17 सूत्री मांगों को लेकर आवाज उठाते हुए जोरदार नारे लगाए.

हड़ताल में शामिल सेविकाओं कहना है कि सरकार विगत हड़ताल समाप्ति को लेकर बनी सहमति को अबतक पूरा नही कर पाई है. सरकार के ढुलमुल रैवये से सेविका सहायिका अपने को ठगा महसूस कर रहे है.

सेविकाओं का कहना है कि सरकार के मंत्री ने वार्ता किया था लेकिन वेतन वृद्धि सहित अन्य लाभ को लेकर बनी सहमति आजतक ठंडे बस्ते में है. उन्होंने 17 सूत्री मांग का एक आवेदन भी प्रखंड कार्यालय में सीडीपीओ को देते हुए अनिश्चित कालीन हड़ताल की घोषणा की है.

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Isuapur: प्रखंड प्रमुख सरोज कुमारी के कार्यो से असंतुष्ट दिखे पंचायत समिति सदस्यों ने आवेदन देकर प्रमुख के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया है. प्रखंड के कुल 19 पंचायत समिति सदस्यों में से 9 सदस्यों ने अपने हस्ताक्षर से आवेदन प्रमुख सरोज कुमारी और बीडीओ नीलिमा सहाय को दिया है.

दिए गए आवेदन में सदस्यों ने कहा है कि प्रखंड प्रमुख अपने कर्तव्यों के निष्पादन में उदासीनता बरत रही है. अपने दो वर्षों के कार्यकाल में पंचायत समिति सदस्यों की बैठक 2 बार आयोजित की गई. इसके अलावे बिना बैठक मनमाने ढंग से विकास कार्यो की सूची बनाकर उसे पास कराने और क्रियान्वित करने का आरोप समिति सदस्यों ने लगाया है. प्रखंड के 9 पंचायत समिति सदस्यों ने विशेष बैठक बुलाने की मांग की है.

बताते चले कि विगत 27 अगस्त 2018 को सरोज कुमारी को प्रखंड प्रमुख के लिए चुना गया था. इसके पूर्व मितेन्द्र प्रसाद यादव प्रखंड प्रमुख रह चुके है.

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इसुआपुर: प्रखण्ड के अचितपुर विद्यालय में मंगलवार को प्रमुख प्रतिनिधि अजय राय, आत्मा अध्यक्ष विजय राय, स्वास्थ्य समति के अध्यक्ष मुकेश चौरसिया, प्रखण्ड निगरानी समिति के अध्यक्षय सह उप प्रमुख संतोष साह ने अंचलाधिकारी पुष्कल कुमार के साथ बैठक कर बाढ़ पीड़ितों को 6000 रुपए जल्द से जल्द बैंक खातों में डालने पर जोर दिया गया. प्रमुख प्रतिनिधि ने अन्य कई समस्यों के निराकरण के लिए भी वार्ता की.

प्रमुख प्रतिनिधि अजय राय ने बताया कि कुछ जनप्रतिनिधि अपने निजी सवार्थ और वोट बैंक की राजनीति कर रहे है, जिससे आम जन को इस संकट में काफी कठिनाईयो का सामान करना पड़ रहा है.

प्रमुख प्रतिनिधि ने कहा कि किसी भी परिस्थिति में बाढ़ प्रभावित लोगों के साथ पक्षपात नही होना चाहिए और जो भी परिवार प्रखण्ड अंतर्गत बाढ़ से प्रभावित है, उन्हें जी.आर. की राशि प्राप्त कराना पदाधिकारियो की प्राथमिकता होनी चाहिए.

श्री राय ने कहा कि बाढ़ राहत राशि दिलाने को लेकर बिचौलिए सक्रिय है. जिनसे पीड़ितों को बचने और पदाधिकारियों को भी जांच पड़ताल के बाद पीड़ित को राशि देने की मांग की.

श्री राय ने कहा कि जो भी परिवार बाढ़ से प्रभावित है, अपना नाम सूची में दर्ज कराए और सूची को अपने स्थनीय मुखिया, समिति या वार्ड से सत्यापित करें. यह सभी प्रक्रियाएं निःशुल्क है.

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Chhapra: सारण जिला के बाढ़ प्रभावितों क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य जारी है. जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने मंगलवार को तरैया प्रखंड के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में ग्रामीण लोगों से मिलकर स्थिति की जानकारी ली. उनकी समस्याओं को जाना.

इस दौरान जिलाधिकारी के ने प्रखंड में चलाये जा रहे कई राहत शिविर एवं सामुदायिक रसोई का भी निरीक्षण किया. उन्होंने पदाधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए. निरीक्षण के क्रम में जिलाधिकारी ने पीडि़त लोगों को आश्वस्त किया कि किसी को कोई पेरशानी न हो इसके लिए स्थानीय पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है. जिलाधिकारी के द्वारा लोगों को पालीथिन सिट्स तुरंत उपलब्ध कराने तथा पर्याप्त संख्या में नावों का परिचालन कराने का आदेश दिया गया.

अपर समाहर्त्ता आपदा प्रबंधन के द्वारा बताया गया है कि सारण जिला के पाँच प्रखंडों पानापुर, तरैया, परसा, मकेर और मशरख के कुल 30 पंचायतों के 107 गाँव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. प्रभावित गाँवों में 73 गाँव चारों तरफ से पानी से घिरे हुए हैं.
उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन के द्वारा युद्ध स्तर पर राहत एवं बचाव का कार्य किया जा रहा है. कुल 99 नाव चलायी जा रही है. इसके अतिरिक्त 11 मोटर वोट लगाये गये हैं एवं एनडीआरएफ की टीम भी लोगों का सहयोग कर रही है. अपर समाहर्त्ता, आपदा प्रबंधन के द्वारा बताया गया कि 54 स्थानों पर सामुदायिक रसोई की व्यवस्था करायी गयी है जहाँ 31900 लोगों को भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है.

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इसुआपुर: स्थानीय थानाक्षेत्र के के जयथर गांव में रविवार को गहरे पानी मे डूबने से 18 वर्षीय युवक की मृत्यु हो गई. मौत के बाद परिवार में कोहराम है. वही पुलिस ने शव को अपने कब्ज़े में लेते हुए पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया.

घटना को लेकर ग्रामीणों ने बताया कि जयथर गांव निवासी द्वारिका राम का 18 वर्षीय पुत्र भोला राम गांव के ही चार पांच लड़कों के साथ चेवरा मे मछली मारने गया था. जहाँ मछली मारने के क्रम में वह गहरे पानी मे फिसल गया तथा डूबने लगा. उसे डूबता देखा साथ के बच्चे चिल्लाने लगे. बच्चों के चिलाहट सुन ग्रामीण दौरे तथा डूब रहे भोला को पानी से निकाला और इलाज के लिए उसे सरकारी अस्पताल मशरक ले गये. जहाँ डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. पुलिस ने शव को अपनी कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए छपरा सदर अस्पताल भेज दिया गया.

उधर मौत की खबर सुन गांव में मातम छा गया. परिजनों के चीत्कार से वातावरण गमगीन हो गया. सूचना पर YPL संयोजक युवराज सुधीर सिंह पीड़ित परिजनों से मिले उन्हें सान्त्वना दी तथा 10 हजार रुपये की आर्थिक मदद की. वही सरपंच रीमा देवी के पति पंकज सिंह ने भी आर्थिक मदद की. मौके पर मुखिया गजेंद्र सिंह, राजकुमार सिंह, संजय राय ने पीड़ित परिवार को सांत्वना दी.

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Isuapur: गंडक के बढ़े जलस्तर ने सिर्फ पानापुर ही नही पड़ोस के कई अन्य प्रखंडों में भी अपना असर छोड़ा है. पहले बारिश और फिर बाढ़ दोनों के कारण निचले इलाकों में जलस्तर बढ़ गया है. पानी के बढ़ने के बाद प्रखण्ड के सभी चंवर पूरी तरह लबालब है वही पानी निचले इलाके के घरों तक पहुंच चुका है. घरों में पानी घुसने से आक्रोशित पीड़ितों ने रविवार को छपरा मशरख मुख्य पथ को जाम करते हुए आगजनी की.

प्रखंड के बेला बासुदेव नगर को लोगों ने मुख्य मार्ग को घंटो अवरुद्ध किया और प्रशासन से जलनिकासी का उपाय करने की मांग की. जिससे कि पानी दूसरी जगह जा सकें. सड़क जाम होने के कारण घंटों सड़कों पर वाहनें खड़ी रही. सड़क जाम के कारण इसुआपुर और मशरख दोनों तरफ कई किलोमीटर तक ट्रकों की कतार लगी रही. हालांकि स्थानीय प्रशासन के बातचीत और आश्वासन के बाद 3 घंटे के लंबे जाम के बाद पुनः यातायात बहाल हुई.

पीड़ित ग्रामीणों का कहना है कि बारिश और बाढ़ के बाद जलस्तर बढ़ा है. चंवर भरचुका है और अब उनके घरों में पानी है. उनका कहना है कि जलनिकासी के सभी रास्ते बंद कर दिए गए है जिससे कि पानी अन्य गांव के चंवर एवं खेतों में जा सकें. पानी की निकासी नही होने के कारण घरों में पानी बह रहा है और परिवार के लोग भयभीत है. प्रशासन जल निकासी के रास्ते को अतिक्रमण मुक्त कराकर साफ कराए जिससे कि पानी दूसरी जगह जा सकें.

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इसुआपुर: गंडक नदी में जलस्तर बढ़ने के बाद प्रखंड के कई गांवों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. बारिश और बाढ़ के पानी से चंवर और खेत पानी से भर चुके है वही पानी निचले इलाकों में पांव पसार रहा है. खेतों में पानी लगने से लाखो की फ़सल बर्बाद हो गयी है. किसानों के इस हाल का कारण सरकार की बारिश के पूर्व की तैयारी है.

जिले में बाढ़ की भयावहता और तांडव कोई नई बात नही है लेकिन इसके बाद भी सरकार सचेत नही है. प्रतिवर्ष किसान अपनी बदहाली पर पर आंशू बहाते है लेकिन सरकार चिरनिद्रा में रहती है.

बारिश और बाढ़ के पानी से प्रखण्ड के रामपुर अटौली पंचायत के डोइला, महुली गांव सहित आधे दर्जन गांव की फसल पूरी तरह तबाह है.

किसान एकता मंच के अध्यक्ष सह प्रमुख प्रतिनिधि युवा नेता अजय राय ने प्रखंड के जलमग्न गांवों की स्थिति का जायजा लिया और किसानों की बदहाल स्थिति को दर्शाते हुए कहा कि यहाँ पहले सभ्रांत किसान थे लेकिन अब यहाँ के किसान भुखमरी के कगार पर आ गए है. किसानों की स्थिति को लेकर सैकडों बार बिहार सरकार एवम संबंधित विभाग को ग्रामीणों द्वारा पत्र लिखा गया लेकिन सुशाशन की सरकार को किसानों से क्या मतलब भले ही किसान भूखा ही क्यों न हो, सरकार की किसान उत्थान योजना, किसानों की आय दुगना करने जैसी योजनाएं अखबार के पन्नो तक सिमट कर रह गई है. अब किसान सरकार का दरवाजा खट-खटा कर थक गए है. हज़ारो कोशिशों के बाद भी किसानों के साथ सरकार ने लगातार धोखा दिया है और बांध, स्विलिप गेट, पुल बनवाने के आड़ में करोडो रुपए लूट का खेल खेला गया है.

वही किसानों का कहना है कि जमींदारी बांध का जब निर्माण हुआ तो गांव में ख़ुशी का माहौल था. निर्माण के बाद जल नहर और बारिश के पानी के निकासी के लिए जल संसाधन विभाग द्वारा किसानों का भूमि अधिग्रहण किया गया. जिससे डोइला से गोविन्दापुर डाबरा नही तक नहर का निर्माण सरकार द्वारा करना था. लेकिन 2006 से 2020 आ गया जल निकासी नहर का निर्माण न हो सका. इसी बीच जमीन्दारी बांध में सरकार द्वारा करोडो रुपये की लागत से सुइलिश गेट का निर्माण कर दिया गया और जो नहर कभी बना ही नही उस पर लगभग 5 करोड़ की लागत से 15 छोटे बड़े पुल पुलिया के निर्माण कर दिया गया.

प्रतिवर्ष किसानों अपनी बदहाली से ऊब चुके है और सरकार से इसका निदान चाहते है.जिससे कि बाढ़ और बारिश में उनकी फसल बची रही.

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Isuapur: प्रखण्ड से सटे तरैया और पानापुर में गंडक नदी में बढ़ रहे जलस्तर का असर इसुआपुर में भी देखने को मिल रहा है. नहरों के संपर्क के साथ धीरे धीरे क्षेत्र के कई चँवर जलमग्न हो चुके है वही अब पानी निचले इलाकों में पांव पसार रहा है.

गुरुवार की रात के बाद क्षेत्र के कई हिस्सों के जलस्तर में अचानक तेजी आई है. प्रखण्ड के कई गांवों में खेती एवं अन्य जमीनों में पानी भर चुका है. कई स्थानों पर तेज धारा के साथ पानी दूसरी तरफ प्रवेश कर रहा है. केरवा, सिसवा, चकहन, चहपूरा, बजरहिया, बेला, आतनागर, इसुआपुर में चंवर के साथ खेतों में पानी लबालब हो रहा है. वही मुख्य बाजार इसुआपुर से बेला जाने वाली ग्रामीण सड़क के ऊपर से पानी बह रहा है. गंडक नदी के जलस्तर बढ़ने से इस प्रखंड के दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में आ सकते है.

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Chhapra: वाल्मिकी नगर बराज से 4 लाख 40 हज़ार क्यूसेक पानी छोड़ने के कारण गंडक नदी के जलस्तर में अगले कुछ घंटों में वृद्धि की संभावना को देखते हुए जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने पानापुर, तरैया प्रखंडों के प्रभावित क्षेत्रों, तटबंधों का निरीक्षण संबंधित अंचल अधिकारियों एवं अनुमंडल पदाधिकारी, मढ़ौरा के साथ किया.

गंडक नदी के जलस्तर में वृद्धि से पानापुर, तरैया, परसा, मकेर, दरियापुर एवं सोनपुर अंचल के कई पंचायत पूर्ण अथवा आंशिक रूप से प्रभावित होने की संभावना रहती है. जिसके मद्देनजर सभी आवश्यक तैयारियॉ विभागीय के मानक संचालन प्रक्रिया के अनुरूप की गयी है.

NDRF की हुई तैनाती
जिलाधिकारी के निदेश पर राहत बचाव कार्य के उद्देश्य से एनडीआरएफ की दो टीम जिसमें 41 सदस्य, 06 मोटरबोट, लाईफ जैकेट आदि के साथ पानापुर अंचल के आक्राम्य स्थलों के नजदीक तैनात की गयी है. इसी प्रकार एनडीआरएफ की एक टुकड़ी जिसमें 15 सदस्य है 04 मोटरबोट के साथ सोनपुर में तैनात किया गया है.

सामुदायिक रसोई के संचालन के निर्देश
जिलाधिकारी के द्वारा संबंधित अंचलों यथा पानापुर, तरैया, मकेर, परसा, दरियापुर एवं सोनपुर को पूर्व से चिन्हित शरणस्थलियों पर निचलें इलाकों में बसे लोगों के निष्क्रमण करते हुए सामुदायिक रसोई के संचालन का निदेश दिया है. वर्तमान में पानापुर में प्राथमिक विद्यालय बसहियॉ एवं प्राथमिक विद्यालय कोन्ध तथा तरैया अंचल के मध्य विद्यालय सगुनी में सामुदायिक रसोई आरंभ कर दिया गया है. वही पानापुर अंचल के प्राथमिक विद्यालय सलेमपुर एवं उत्क्रमित मध्य विद्यालय पृथ्वीपुर में अन्य दो सामुदायिक रसोई आज आरंभ किये जा रहे है. उक्त अंचलों में जनसंख्या निष्क्रमण के उद्देश्य से परिचालन हेतु निजी नाव चिन्हित है.

निरीक्षण में स्वास्थ्य विभाग, पशुपालन विभाग एवं लोक स्वास्थ्य प्रमंडल विभाग को संबंधित प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचल अधिकारी से समन्वय में रहते हुए आवश्यकता अनुसार मानव स्वास्थ्य शिविर, पशु शिविर के संचालन एवं संचालित राहत केन्द्रों पर पेयजल, शौचालय आदि की समुचित व्यवस्था का के निर्देश दिए है.

वर्तमान में सभी तटबंध सुरक्षित हैं एवं बताया गया है कि जिला प्रशासन किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूर्ण सजग एवं तैयार है.

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Isuapur: इसुआपुर थाने से सटे पूरब तालाब में शनिवार को नहाने के दौरान 16 वर्षीय छात्र मनु कुमार की मौत हो गई. मृतक जलालपुर थाने के बसडिला गांव के सरोज राम का पुत्र था. जो बिशुनपुरा गांव स्थित अपने नाना चंद्रिका राम के घर रह कर पढ़ाई करता था. उसने इसी वर्ष मैट्रिक की परीक्षा पास की थी. नाना का मकान थाने व पोखरे से सटा हुआ है.

शनिवार की दोपहर मनु तालाब में मोटरसाइकिल धोने के बाद उसमें स्नान करने चला गया. जहां गहरे पानी में डूबने से उसकी मौत हो गई. काफी समय बीत जाने के बाद परिजन उसे ढूंढने लगे. तभी उन्हें शक हुआ कि कहीं मोटरसाइकिल धोने के बाद वह तालाब में नहाने तो नहीं चला गया है. जिसकी जानकारी के लिए थाने में लगे सीसी कैमरा टीवी को देखा गया. जिसमें वह तालाब में नहाते तथा डूबते हुए देखा गया. जिसके बाद तालाब के गहरे पानी से उसके शव को निकाला गया. शव निकलते ही परिजन दहाड़े मार कर रोने लगे. जिससे पूरा माहौल गमगीन हो गया.

घटना की सूचना मिलने पर जदयू के प्रदेश सचिव शैलेंद्र प्रताप सिंह ने वहां पहुंचकर अपनी शोक संवेदना व्यक्त की तथा शोक संतप्त परिजनों को सांत्वना दी व उनका ढाढस बढ़ाया. स्थानीय पूर्व मुखिया विजय सिंह ने भी वहां पहुंचकर अपनी गहरी शोक संवेदना व्यक्त की तथा परिजनों का ढांढ़स बढ़ाया.

इस मौके पर सीओ अजय कुमार ठाकुर तथा थानाध्यक्ष अशोक कुमार दास भी मौजूद थे. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल छपरा भेज दिया है.

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इसुआपुर: प्रखंड क्षेत्र के 96 विद्यालयों में नामांकन पखवाड़ा के दौरान 3525 अनामांकित बच्चों का नामांकन किया गया. नामांकन पखवाड़ा को लेकर जानकारी देते हुए केआरपी संतोष कुमार ने बताया कि शिक्षा विभाग के निर्देश पर पूरे प्रखंड क्षेत्र के विद्यालयों में नामांकन पखवाड़ा चलाया गया. एक जुलाई से 15 जुलाई तक चलाये गए इस नामांकन पखवाड़ा में विद्यालय के शिक्षकों एवं टोला सेवक तालीमी मरकज़ शिक्षा सेवकों द्वारा डोर टू डोर सर्वेक्षण कर अनामांकित बच्चों का विद्यालयों में उम्र के अनुसार नामांकन किया गया.

चार कैटगरी में होना था सर्वेक्षण
शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार इस नामांकन पखवाड़ा में वैसे सभी बच्चों का नामांकन किया जाना था जो अनामांकित थे. इसके लिए चार कैटगरी निर्धारित थी जिसमे लॉकडाउन अवधि के दौरान दूसरे प्रदेशों से आने वाले, राज्य के विभिन्न जिलों से आने वाले, पोषक क्षेत्र के ही अनामांकित बच्चें तथा छिजित बच्चें शामिल थे.

प्रखंड में इतने बच्चों का हुआ नामांकन
श्री कुमार ने बताया कि नामांकन पखवाड़ा के दौरान देश के विभिन्न राज्यों से आने वाले 271, सूबे के विभिन्न जिलों से आने वाले 192 एवं पोषक क्षेत्र से आने वाले 3062 अनामांकित सहित कुल 3525 बच्चों का नामांकन विद्यालयों में किया गया. जिसमे 5 दिव्यांग बच्चें भी शामिल है.

नामांकन पखवाड़ा के दौरान बेहतर कार्य करने वाले विद्यालय एवं शिक्षकों के प्रति बीइओ अशोक कुमार सिंह, बीआरपी द्वारिका नाथ तिवारी, सीआरसीसी रंजीत रंजन सिंह, वीरेंद्र साह, दिलीप कुमार, संतोष सिंह, सुषमा कुमारी, रेयाज अहमद ने आभार जताया है. कोरोना त्रासदी ने भी शिक्षकों ने तन्मयता के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया इसके लिए वह बधाई के पात्र है.

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Isuapur: प्रखंड जीविका कार्यालय सभागार में पंचायत समिति सदस्यों की बैठक आयोजित की गई. प्रखंड प्रमुख सरोज कुमारी की अध्यक्षता में आयोजित इस बीडीसी की बैठक में प्रखंड की बीडीओ नीलिमा सहाय, बीईओ अशोक कुमार सिंह, बीपीआरओ, बीएओ राजनारायण प्रसाद, थानाध्यक्ष इसुआपुर के साथ बीडीसी के 19 सदस्य उपस्थित हुए.

बैठक को सम्बोधित करते हुए प्रमुख सरोज कुमारी ने कहा कि प्रखंड के विकास को लेकर योजना का निर्माण होना और उसे जन सुविधाओं के लिए धरातल पर उतारना हमारा कर्तव्य है. प्रखंड में चहुमुखी विकास हो, तय मानकों के अनुरूप कार्य सम्पन्न हो जिससे कि जिले में प्रखंड का नाम हो. इसके लिए भ्रष्टाचार मुक्त प्रखंड के निर्माण करना होगा जिसको लेकर हम सभी संकल्पित है.

बैठक में 15वे वित्त आयोग एवं पंचम वित्त आयोग की अनुदानित राशि से चिन्हित योजनाओं का चयन किया गया. वही जन समस्याओं के तहत जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र निर्माण को अवधि तय करने की मांग बीडीसी सदस्य मुकेश चौरसिया ने की. इसके अलावे बीडीसी मितेन्द्र राय ने योजनाओं की प्राथमिकता तय करने हेतू कार्यपालक पदाधिकारी को प्राधिकृत करने का प्रस्ताव सदन में रखा.

बैठक में मनरेगा पीओ, एमओ, सांख्यकी पदाधिकारी, कनीय अभियंता विद्युत, सहित अन्य अनुपस्थित पदाधिकारी से स्पस्टीकरण की मांग की गई.

बीडीसी की बैठक में प्रखंड में डीएलएड शिक्षक प्रशिक्षण में केंद्र समन्वयक द्वारा की गई अवैध उगाही की जांच को लेकर 5 सदस्यीय प्रखंड स्तरीय जांच कमिटी बनाई गई. जांचोपरांत जांच कमिटी से रिपोर्ट मांगा गया.

बैठक में मुख्य रूप से संध्या सिंह, उमा देवी, कमलदेव सिंह, राजाराम सिंह, प्रभावती देवी सहित अन्य बीडीसी सदस्य उपस्थित थे.

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