Chhapra: शहर के छपरा सेंट्रल स्कूल में इंडिपेंडेंट स्कूल ऑफ बिहार के तत्वावधान में शनिवार को नई शिक्षा नीति 2019 पर सेमिनार का आयोजन किया गया. इस सेमिनार में बड़े पैमाने पर निजी विद्यालयों के प्रतिनिधियों ,अभिभावकों एवं प्रबुद्ध वर्ग की भागीदारी रही.

नई शिक्षा नीति पर चर्चा कर यह बताया गया कि यह नीति गुणवत्तापूर्ण शिक्षा हेतु अत्यंत ही हानिकारक है. क्योंकि इसके द्वारा बच्चों पर अनावश्यक मानसिक दबाव पड़ने की आशंका है. बच्चों के कक्षा 3 में ही बोर्ड की परीक्षा में शामिल होने का इसमें प्रावधान है. अभिभावक अपने बच्चों की शिक्षा हेतु खर्च करते हैं परंतु स्कूल का उद्देश्य उनके बच्चों का विकास ना होकर अन्य स्कूलों के बच्चों का विकास भी हो जाएगा.

नई शिक्षा नीति पर एक निजी विद्यालय के संचालक ने कहा कि विद्यालयों के संसाधनों का उपयोग उस विद्यालय के बच्चे केवल न कर अन्य विद्यालयों के बच्चे भी करेंगे. इसके कारण एक ओर तो विद्यालय के संसाधन बच्चों के विकास हेतु उपलब्ध नहीं होंगे दूसरी ओर इससे विद्यालय के अनुशासन में घोर अनियमितता की आशंका है. क्योंकि कौन बच्चे स्कूल में आ रहे इस पर स्कूल का प्रभावी नियंत्रण समाप्त हो जाएगा. यह विशेषकर छात्राओं की सुरक्षा को प्रभावित करेगा. लंबे काल में यह भारत से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को समाप्त कर देगी.


नई शिक्षा नीति से निजी विद्यालय के स्वायत्तता पर खतरा: डॉ देव सिंह

सेमिनार को लेकर सेंट जोसेफ एकेडमी के निदेशक देव कुमार सिंह ने कहा कि नई शिक्षा नीति से निजी विद्यालय के स्वायत्तता पर खतरा है. इस सेमिनार के माध्यम से सरकार से मांग की कि निजी विद्यालयों की स्वायत्तता कायम रहे. क्योंकि वर्तमान में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में निजी विद्यालयों का बड़ा योगदान है. अभिभावकों से भी अपील की गई कि आप नई शिक्षा नीति पढ़ें और समझें, किस प्रकार यह विद्यालयों से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को खत्म करेगी. उनके बच्चों में आवश्यक प्रतिभा का विकास बाधित होगा क्योंकि स्कूल का प्रभावी नियंत्रण शैक्षणिक वातावरण पर नहीं रह जाएगा.


सेमिनार के दौरान पूर्व प्राचार्य राम दयाल शर्मा ने बताया कि नई शिक्षा नीति के तहत बच्चों के गुणवत्ता के विकास में स्कूल की भूमिका नहीं रह जाएगी. क्योंकि उस पर उनका नियंत्रण नहीं होगा. स्कूल का शैक्षणिक वातावरण, शिक्षा की गुणवत्ता, छात्र-छात्राओं की सुरक्षा, स्कूल के संसाधनों का उपयोग स्कूलों की स्वायत्तता आदि चर्चा के मुख्य विषय थे.


इस सेमिनार के दौरान सारण के साथ-साथ बिहार के विभिन्न स्कूलों के संचालक मौजूद रहे. इस मौके पर छपरा के एबीसी ट्यूटोरियल के निदेशक पीवी सिंह, एचकेआईएस के निर्देशक एसके बर्मन, सन्त जोसेफ एकेडमी के निदेशक देव कुमार सिंह, सीसीएस के पंकज सिंह, एएनडी के अनिल सिंह समेत कई निजी स्कूल संचालक व उनके प्रतिनिधि मौजूद थे.

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Chhapra: छपरा के छपरा सेंट्रल स्कूल में एसोसिएशन ऑफ इंडिपेंडेंट स्कूल बिहार इकाई के तत्वावधान में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2019 के विभिन्न प्रावधानों एवं प्राइवेट स्कूल के संचालन संबंधित विभिन्न नकारात्मक बिंदुओं पर चर्चा हेतु एक परिचर्चा सह बैठक आयोजित की जाएगी. यह विशेष बैठक 21 सितम्बर प्रातः 11:00 बजे आयोजित की जाएगी.

बैठक को लेकर गरखा के सन्त जोसेफ अकादमी के निदेशक देव कुमार सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2019 के विभिन्न प्रावधानों पर चर्चा होगी. साथ ही इसमें जो भी नकारात्मक बिंदु हैं उनपर विशेष रूप में सभी स्कूल अपना पक्ष रखेंगे. उन्होंने बताया कि शिक्षा नीति के कुछ नकारात्मक प्रावधानों से कई स्कूलों पर बुरा असर पड़ सकता है. एसोसिएशन ऑफ इंडिपेंडेंट स्कूल बिहार इकाई की बैठक में राष्ट्रीय शिक्षा नीति की तमाम बिंदुओं पर विशेष चर्चा की जाएगी.

इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता सी वी सिंह, अध्यक्ष एसोसिएशन ऑफ इंडिपेंडेंट स्कूल बिहार एवं संचालक डॉ डी वाय पाटील स्कूल, पटना राजीव सिन्ह, सी बी एस सी सिटी को ऑर्डिनेटर सहोदय पाटलिपुत्र, पटना व संचालक बाल्डविन अकैडमी पटना अनिल नाग कोषाध्यक्ष एसोसिएशन ऑफ इंडिपेंडेंट स्कूल पटना, श्रीमती बी प्रियम एवम् अरशद अहमद, उपाध्यक्ष भी उपस्थित रहेंगे.

कार्यक्रम की अध्यक्षता छपरा सेंट्रल स्कूल के सचिव डॉoपंकज कुमार करेंगे. इस कार्यक्रम हेतु छपरा के सभी संबद्ध एवं संबद्धता के लिए अग्रसर विद्यालयों को एवं ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालयों की भी सहभागिता तथा उपस्थिति के लिए आग्रह किया जा रहा है ताकि यह कार्यक्रम एक ऐतिहासिक कार्यक्रम बन सके.

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  • सीपीएस के 100 शिक्षकों को मंत्री ने पटना में किया सम्मानित

Chhapra:  पटना के श्री कृष्ण मेमोरियल हॉल में प्राइवेट स्कूल एन्ड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह के अवसर पर बिहार के पूर्व शिक्षा मंत्री एवं वर्तमान भवन निर्माण मंत्री डॉ अशोक चौधरी द्वारा दी बेस्ट स्कूल ऑफ बिहार का अवार्ड माउंट कार्मेल, पटना को गया तो “सेंट्रल पब्लिक स्कूल छपरा दी बेस्ट अपकमिंग स्कूल ऑफ बिहार” अवार्ड से सम्मानित किया गया.

यह सम्मान एसके मेमोरियल के ऐतिहासिक मंच से माननीय मंत्री और राष्ट्रीय अध्यक्ष स्माइल अहमद में हाथों सीपीएस ग्रुप के चेयरमैन डॉ हरेन्द्र सिंह ने प्राप्त किया. समारोह में पूरे बिहार से करीब पांच हजार निजी विद्यालयों के निदेशक, प्राचार्य और हजारों शिक्षक मौजूद थे. विद्यालय को सम्मानित करने के उपरांत सीपीएस के करीब 100 शिक्षकों को मोमेंटो एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया. समारोह में बिहार के विभिन्न क्षेत्रों से शिक्षकों ने अपनी सहभागिता प्रस्तुत कर समारोह को सफल बनाया. विद्यालय के शिक्षक सम्मान पाकर काफी गौरवान्वित दिखे.

सीपीएस ग्रुप के चेयरमैन डॉ हरेन्द्र सिंह ने कहा कि यह सम्मान शिक्षा जगत में उत्कृष्ट कार्य करने का प्रतिफल है. यह सम्मान ही नहीं बल्कि विद्यालय और शिक्षकों के लिए ऊर्जा का स्रोत है. जिससे एक शिक्षक वर्षों तक ईमानदारी और निष्ठा पूर्वक कार्य के लिए प्रेरित रहते हैं. विद्यालय के शिक्षकों को सम्मान पाकर वापस आने पर विद्यालय परिसर में प्रबंधक विकाश कुमार सिंह, प्राचार्य मुरारी सिंह, प्रातः कालीन सभा में अभिवादन करते हुए धन्यवाद दिया.

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Chhapra: बिहार सरकार राज्य के सभी कोटि के अनुदानित शिक्षण संस्थाओं तथा वित्त रहित प्लस टू राष्ट्रीय इंटर कॉलेज सभी संबद्धता प्राप्त महाविद्यालय एवं अनुदानित मान्यता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों को वर्षों से लंबित अनुदान की राशि शीघ्र मुहैया कराए. उक्त बातें राष्ट्रीय जनता दल के प्रांतीय उपाध्यक्ष सह विधान परिषद प्रत्याशी सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र डॉ लालबाबू यादव ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कही.

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उन्होंने कहा कि दशहरा, दीपावली, छठ एवं अन्य त्योहारों के पूर्व अगर इन संस्थानों के शिक्षक कर्मियों को सरकार द्वारा निर्धारित अनुदान की राशि जो वर्षों से लंबित है का भुगतान नहीं किया जाता है तो शिक्षक एवं उनके परिवार के सदस्य का इस बार का त्योहारी सीजन फीका हो जाएगा. उनके समक्ष गंभीर आर्थिक समस्याएं उत्पन्न हो जाएंगे.


उन्होंने कहा कि बिहार सरकार ने इन शिक्षण संस्थानों के लिए छात्रों के परीक्षा परिणाम के आधार पर वार्षिक अनुदान निर्धारित किया था. जो इंटर एवं माध्यमिक विद्यालयों के लिए अधिकतम 50 लाख एवं संबद्ध डिग्री कॉलेजों के लिए परीक्षा परिणाम के आधार पर निर्धारित किया गया था. यह चिंता का विषय है कि सरकार बजटीय प्रावधान के बावजूद इन शिक्षकों का अनुदान राशि निर्गत नहीं कर रही है. हमने कई हमने कई बाहर राज्य सरकार के शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों से मिलकर शीघ्र भुगतान करने का आग्रह किया था. परंतु सरकार अभी तक इस पर ध्यान नहीं दिया है अगर शीघ्र भुगतान नहीं किया गया तो राजद शिक्षक प्रकोष्ठ अपने स्तर से इसके लिए राज्यव्यापी आंदोलन प्रारंभ करेगा.

उन्होंने कहा कि जहाँ तक नियोजित शिक्षकों का प्रश्न है राज्य सरकार और शिक्षा विभाग से उन्हें सातवें वेतनमान के आधार पर वेतन भुगतान करने में भेदभाव एवं विलंब कर रही है. आश्चर्य की बात यह है कि राज्य के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों ने भी इस समस्या के समाधान के लिए तत्परता नहीं दिखाई है. जिसको लेकर नियोजित शिक्षकों में असंतोष है.

उन्होंने मांग किया कि नियोजित शिक्षकों के प्रति राज्य सरकार भेदभाव एवं उनकी उपेक्षा करने की नीति का त्याग करें अन्यथा हमें सदन में से लेकर सड़क तक सरकार के विरुद्ध मोर्चा खोलना होना पड़ेगा जिसकी जिम्मेवारी सरकार की होगी.

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Chhapra: सारण जिला माध्यमिक शिक्षक संघ भवन के सभागार में नियोजित शिक्षकों के सातवें वेतनमान एवं सेवा शर्त नियमावली बनाने के संघर्ष हेतु बृजदेव सिंह यादव की अध्यक्षता में प्रमंडल स्तरीय कन्वेंशन का आयोजन किया गया.

कन्वेंशन में मुख्य अतिथि के रूप में बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष विधान पार्षद केदारनाथ पांडे एवं बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के शैक्षणिक परिषद संयोजक सह प्रभारी सारण प्रमंडल शशि भूषण दुबे ने शुभारम्भ किया.


कन्वेंशन में सारण, सिवान, गोपालगंज तीनों जिलों के अध्यक्ष, सचिव, राज्य कार्यकारिणी सदस्य, प्रमंडल एवं जिला कार्यकारिणी सदस्य, सभी अनुमंडल, प्रखंड अध्यक्ष, सचिव सहित माध्यमिक शिक्षक संघ के सभी नेतागण तथा प्रमंडल के शिक्षक शिक्षिकाओं ने भाग लिया.

संघर्ष के तीसरे चरण में प्रमंडल स्तरीय कन्वेंशन में नियोजित शिक्षकों के वेतनमान एवं सेवा शर्त नियमावली हेतु मुख्य रूप से विस्तार से चर्चा की गई. साथ ही आगे की रणनीति में शिक्षकों से संघर्ष हेतु तत्पर एवं जागरूक होकर भावी संघर्ष को प्रभावी बनाने की अपील की गई.

इस अवसर पर प्रमंडल सचिव चंद्रमा सिंह, राजाजी राजेश, विद्यासागर विद्यार्थी, सुनील कुमार आदि उपस्थित थे.

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Chhapra: स्नातकोत्तर शिक्षक संघ के सचिव तथा बिहार शिक्षा मंच के संयोजक डॉ रणजीत कुमार ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक एवम अपर मुख्य सचिव, शिक्षा विभाग को एक पत्र लिखकर गलत वेतन निर्धारण के कारण सारण जिला के माध्यमिक एवम उच्चतर माध्यमिक नियोजित शिक्षकों को अन्य जिलों की तुलना में एक वेतन वृद्धि का लाभ कम मिलने की ओर ध्यान आकृष्ट कराया है.

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प्रो० कुमार ने पत्र में लिखा है कि जिला शिक्षा पदाधिकारी, सारण के कार्यालय द्वारा 2014 और उसके बाद नियुक्त माध्यमिक एवम उच्चतर माध्यमिक शिक्षकों का गलत वेतन निर्धारण करने की वजह से बिहार के अन्य जिलों की तुलना में एक वेतन वृद्धि कम मिल रहा है. जिससे अल्प वेतन भोगी शिक्षकों का बेवजह आर्थिक नुकसान हो रहा है.

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उन्होंने कहा कि इस संबंध में शिक्षकों ने कई बार जिला शिक्षा पदाधिकारी, सारण तथा क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक, सारण प्रमंडल को ज्ञापन सौंप कर त्रुटि निवारण का अनुरोध भी किया लेकिन आज तक समस्या का समाधान नहीं हो सका.

उन्होंने बताया कि बिहार सरकार ने 1 जुलाई 2015 से इन शिक्षकों के लिए जो तथाकथित वेतनमान लागू किया, उसमें हर वर्ष जुलाई माह में सभी शिक्षकों को एक वेतन वृद्धि का लाभ मिलने का प्रावधान है. शिक्षा विभाग के निदेशानुसार नियुक्ति तिथि के दो साल बाद से एक वेतन वृद्धि का लाभ प्रत्येक वर्ष मिलना है. इस नियम से जुलाई 2017 या उसके बाद के जिस माह में दो साल की सेवा पूरी होती हो, संबंधित शिक्षकों को एक वेतन वृद्धि का लाभ मिल जाना चाहिए था. लेकिन सारण जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय ने अन्य जिलों से हटकर नियम की गलत एवम मनमानी व्याख्या कर वैसे शिक्षकों को एक वेतन वृद्धि के लाभ से वंचित कर दिया जिनकी नियुक्ति तिथि 01 अगस्त से 30 जून तक थी.

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उन्होंने कहा कि जुलाई 2017 के बाद सीधे जुलाई 2018 में वेतन वृद्धि का लाभ दिया गया. जुलाई 2017 एवम जुलाई 2018 के बीच में जिनकी नियुक्ति तिथि है, उन्हें एक वेतन वृद्धि का लाभ अन्य जिलों की तुलना में कम मिल रहा है. अल्प वेतनभोगी शिक्षकों के साथ यह अन्याय है. इसलिए शिक्षक हित में तत्काल जिला शिक्षा पदाधिकारी, सारण को वेतन निर्धारण संबंधी त्रुटि को दूर करने हेतु निर्देश दिया जाए ताकि सारण जिले के शिक्षकों के साथ न्याय हो सके.

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Chhapra: जयप्रकाश विश्वविद्यालय स्नातकोत्तर शिक्षक संघ के सचिव एवम बिहार शिक्षा मंच के संयोजक प्रो० रणजीत कुमार ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष आनंद किशोर को सम्बोधित पत्र में उच्चत्तर माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा में वाणिज्य एंवम सामाजिक विज्ञान के प्रशिक्षित छात्रों को वंचित रखने के निर्णय पर पुनः विचार करने का आग्रह किया है.

प्रो० कुमार ने कहा है कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति, पटना के द्वारा 7 सितंबर 2019 को माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा हेतु जो रिक्तियां प्रकाशित की गई है उसमे उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालयों हेतु जो विषयवार रिक्तियां प्रकाशित की गई है, उसमे वाणिज्य एंवम सामाजिक विज्ञान से सम्बंधित किसी विषय में रिक्ति नही दर्शायी गयी है.

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STET की 7 साल तक मान्यता है और सरकार के निदेशानुसार अधिकांश उत्क्रमित उच्च विद्यालयों को उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय बनाने की घोषणा हो चुकी है. जहाँ बड़ी संख्या में वाणिज्य एंवम सामाजिक विज्ञान से सम्बंधित शिक्षकों की जरूरत पड़ेगी. पुनः STET हेतु उच्चत्तर माध्यमिक शिक्षक बनने के लिए 37 वर्ष की अधिकतम उम्र सीमा निर्धारित की गई है. जबकी बहुत सारे माध्यमिक शिक्षक उच्च माध्यमिक शिक्षक बनने हेतु परीक्षा में शामिल होना चाहते हैं. लेकिन उम्र सीमा आड़े आ रही है. पुनः जो माध्यमिक शिक्षक निर्धारित अहर्ता पूरा करते है, उनके लिये 25 प्रतिशत सीटे आरक्षित किया जाना चाहिए.

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उन्होंने कहा कि विज्ञापन में 2018 तक बी.एड. उतीर्ण अभ्यर्थियों को ही आवेदन करने का मौका दिया जा रहा हैं. जबकि सैकड़ो छात्रों ने सत्र 2017-19 में बी.एड.की परीक्षा उतीर्ण किया है. इन छात्रों को आवेदन करने के अधिकार से वंचित किया जाना नैसर्गिक न्याय के खिलाफ है.


उपर्युक्त तथ्यों के आलोक में उन्होंने आग्रह किया है कि वाणिज्य एंवम सामाजिक विज्ञान संकाय के योग्य अभ्यर्थियों को भी आवेदन करने का मौका दिया जाय. माध्यमिक शिक्षक के रूप में कार्यरत अभ्यर्थियों के लिए विषयवार 25 प्रतिशत पद आरक्षित रखे जाए तथा आवेदन की अधिकतम उम्र सीमा 37 वर्ष के स्थान पर 40 वर्ष निर्धारित किया जाए. यदि माध्यमिक शिक्षक उच्चत्तर माध्यमिक शिक्षक के पद पर चयनित होते है तो उनकी सेवा निरंतरता बनी रहनी चाहिए. सत्र 2017- 19 में बी.एड. उतीर्ण छात्रों को भी आवेदन का मौका दिया जाना चाहिए. आवेदन करने की अवधि 15 दिनों तक विस्तारित किया जाए ताकि उपयुक्त मुद्दों पर सकारात्मक निर्णय लिया जा सके. उन्होंने कहा कि उम्मीद है छात्र एंवम शिक्षक हित मे सकारात्मक निर्णय लेंगे.

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Chhapra: जयप्रकाश विश्वविद्यालय के सीनेट सभागार में बुधवार को कुलपति हरिकेश सिंह के अध्यक्षता में भारत रत्न विनोबा भावे की जयंती मनाई गई.

इस अवसर पर संबोधित करते हुए कुलपति ने महात्मा गांधी, विनोबा भावे और जयप्रकाश नारायण को याद करते हुए कहा कि क्रमशः शांति समिति, विकास समिति एवं जयप्रभा समिति का निर्माण किया जाएगा. जय प्रभा समिति नारी शक्ति एवं विकास से संबंधित होगी. इस अवसर पर गायक उदय नारायण सिंह ने भूदान में छपरा के योगदान को रेखांकित किया.

कार्यक्रम में हिंदी विभाग के शिक्षक डॉ चंदन श्रीवास्तव, इतिहास विभाग के शिक्षक डॉक्टर सुधीर सिंह, प्रोफेसर एसके वर्मा, प्रोफेसर एनके दुबे, प्रोफेसर एसबी अग्रवाल, प्रोफेसर आरएन खरवार ने अपने विचार रखे.

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Chhapra: प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने वाले संस्थान मैथमेटिक्स हब कोचिंग, गोपेश्वर नगर ने कारगिल डिफेंस एकेडमी की शुरुआत की है. डिफेंस एकेडमी में वैसे छात्र जो भारतीय सेना के दौड़ में सफल हो चुके है उनको चयनित किया जाएगा और लिखित परीक्षा के लिए तैयारी विभिन्न विषयों के विशेषज्ञ शिक्षकों के द्वारा कराई जाएगी. इसके लिए 15 सितंबर से स्पेशल बैच शुरू किया जा रहा है.

इसको लेकर निदेशक राहुल शर्मा ने बताया कि बेहतर तैयारी के लिए संस्थान ने खास और अनूठी व्यवस्था की है. चयनित छात्रों के लिए आवास और भोजन का प्रबंध भी संस्थान द्वारा ही कराया जाएगा. जिससे छात्रों को पढ़ाई में कोई व्यवधान न हो और पढ़ाई के लिए अनुकूल वातावरण मिल सके जिससे वे अपना अधिक से अधिक समय तैयारी में लगा सके. इस कोचिंग से सैकड़ों विद्यर्थियों ने रेलवे, बैंक, एयरफोर्स आदि परीक्षाओं में सफलता प्राप्त की है.

बेहतर तैयारी के लिए परीक्षा पैटर्न पर आधारित टेस्ट सीरीज का संचालन संस्थान द्वारा प्रतिदिन किया जाएगा. जिससे कि छात्रों के तैयारी का सही आकलन हो सके. ये सारी सुविधाएं छात्रों को निःशुल्क दी जाएगी . लिखित परीक्षा में सफल होने के बाद ही संस्थान द्वारा निर्धारित शुल्क छात्रों को देना होगा.

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Chhapra: जन अधिकार छात्र परिषद् की बैठक शिशु पार्क में की गई. जिसकी अध्यक्षता शेख नौशाद और संचालन छात्रनेता पवन गुप्ता ने की.

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बैठक को संबोधित करते हुए शेख नौशाद ने कहा कि मेरा लक्ष्य संगठन को मजबूत बनाना है और सभी शैक्षणिक संस्थानों में सदस्यता अभियान चला कर ज्यादा से ज्यादा छात्रों को संगठन में जोड़ना है. विश्वविद्यालय से महाविद्यालय प्रखंड स्तर तक सदस्यता अभियान चलाकर लाखों छात्रों को जन अधिकार छात्र परिषद् में जोड़ना है.

वही छात्र नेता पवन गुप्ता ने कहा कि जिस तरह विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों के साथ शोषण कर रहा है इसके खिलाफ 14 सितम्बर को विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ शान्तिपूर्ण धरना प्रदर्शन किया जाएगा.

बैठक के बाद नए छात्रों को जन अधिकार छात्र परिषद की सदस्यता दिलाई गई और विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय का कमिटी में रखा गया.

अध्यक्ष: शेख नौशाद
उपाध्यक्ष: पवन गुप्ता
महासचिव: आनन्द यादव, मो०नसरूददीन
सचिव: नाशीर रजा खां, गोलू गांधी, अनिल यादव, सलमान
प्रधान महासचिव: अनिल यादव
मीडिया प्रभारी: पवन गुप्ता
संगठन प्रभारी: मुकेश कुमार, अक्षय प्रभात, प्रतिक यादव
विवि० छात्रा प्रमुख: खुशबू कुमारी
सोशल मीडिया प्रभारी: लड्डू कुमार यादव उर्फ चन्द्रदीप
महाविद्यालय अध्यक्ष: लोक महाविद्यालय हाफिजपुर वासु विकास, जगदम कालेज गोविंद आर्या, जेपीएम कालेज राजनन्दनी, राजेन्द्र महाविद्यालय नसीम अहमद, राजेन्द्र कालेज लगनदेव यादव, मांझी इंटर कॉलेज अजीत पासवान
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Chhapra: ‘आधार एक प्रयास’ कार्यक्रम का सारण एसपी हरकिशोर राय ने सारण एकेडमी स्थित डी एम आई कैम्प्स में उदघाट्न किया. इस कार्यक्रम के मदद से ऐसे छात्रों को निःशुल्क शिक्षा दी जाएगी जो 12वीं बिहार बोर्ड की तैयारी कर रहे हैं.

इस मौके पर व्यवसायी वरुण प्रकाश, जगदम कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ केके दिवेदी, डीएमआई के निदेशक साहिल मिश्रा, डीपीएमआई के निदेशक राजशेखर सिंह मौजूद थे.

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निःशुल्क शिक्षा एक बेहतरीन प्रयास: एसपी 

इस अवसर पर सारण एसपी हर किशोर राय ने कहा कि छात्रों को निःशुल्क शिक्षा देने के लिए डीएमआई ने यह एक बेहतरीन प्रयास किया है. उन्होंने इसकी सराहना करते हुए कहा कि इससे आर्थिक समस्याओं से जूझ रहे छात्रों को पढ़ाई करने में मदद मिलेगी व आसानी से पढ़ाई कर सकेंगे.

वही प्रतिष्ठित व्यवसायी वरुण प्रकाश ने कहा कि शहर के सभी कोचिंग संस्थान को छात्रों के हित में सोचना चाहिए. वैसे छात्र जो आर्थिक रूप से मजबूत नहीं है उनकी मदद करनी चाहिए. छात्रों की पढ़ाई में किसी भी प्रकार की बाधा नहीं आनी चाहिए. छात्रों की मदद के लिए जो संभव हो सकेगा किया जाएगा.

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बिहार बोर्ड के छात्रों की मदद करने के लिए निःशुल्क शिक्षा: साहिल मिश्रा

आधार एक प्रयास कार्यक्रम के बारे में बताते हुए डीएमआई के निदेशक साहिल मिश्रा ने कहा कि अभी तक वो सिर्फ सीबीएसई के बच्चों को पढ़ाते थे लेकिन बिहार बोर्ड के छात्रों की मदद करने के लिए उन्होंने निःशुल्क शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए यह प्रयास किया है. इसके तहत सैकड़ों बच्चों को 12 वीं, बिहार बोर्ड की तैयारी कराई जाएगी. इसमें शहरी व ग्रामीण बच्चे दोनों हिस्सा ले सकते हैं. जो भी बच्चे अभी से तैयारी करना चाहते हैं वो सारण एकेडमी के समीप स्थित डीएमआई में अपना रजिस्ट्रेशन निःशुल्क करा सकते हैं. उन्हें निःशुल्क तैयारी कराई जाएगी.


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Chhapra: बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ के संरक्षक सह शिक्षक नेता विश्वजीत सिंह चंदेल ने कहा कि शिक्षा जगत के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि शिक्षक सम्मान के दिन राज्य सरकार के गलत नीतियों के कारण शिक्षक आंदोलन के लिए सड़क पर उतरने को मजबूर हुए. समान काम का समान वेतन हमारा अधिकार ही नहीं सम्मान भी है. राज्य सरकार के द्वारा शिक्षक आंदोलनकारियों पर करवाई लोकतंत्र में हिटलर शाही का प्रतीक है.

उन्होने कहा कि राज्य सरकार दमनकारी कार्रवाई से बचें और शिक्षकों के जायज मांग को पूरा करें. तत्काल निम्नलिखित कदम उठाकर शिक्षकों के मन में पनप रहा आक्रोश एव कुंठा को दूर करना चाहिए. नियोजित शिक्षकों को तत्काल राज्यकर्मी में घोषित किया जाए. सरकार उदारता दिखाते हुए शिक्षकों के लिए समान काम समान वेतन देने का साहसिक निर्णय ले. शिक्षकों के वेतन से भविष्य निधि कटौती सुनिश्चित किया जाए.

उन्होने कहा कि शिक्षकों को परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट नंबर आवंटित कर उसे नेशनल पेंशन स्कीम से जोड़ा जाए ताकि अवकाश ग्रहण करने के उपरांत उनकी सामाजिक आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित हो सके. राज्य में शिक्षकों के स्वीकृत अस्थाई पदों को समाप्त करने संबंधी निर्णय को अविलंब वापस लिया जाए. क्योंकि जब स्थाई पद नहीं रहेगा तो स्थाई नियुक्ति कैसे होगी? अधिकांश उत्क्रमित उच्च विद्यालय का अपना भवन बन चुका है. अतः इन विद्यालयों में कार्यरत माध्यमिक शिक्षकों की वरीयता एवं प्रतिष्ठा का ध्यान रखते हुए विद्यालय के प्रशासनिक नियंत्रण से मुक्त किया जाए.

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