पटना: पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने शनिवार को एक प्रेस बयान जारी कर के कहा कि बिहार के संसदीय इतिहास में शनिवार वाकई काला दिन रहा जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को मीडिया में जगह दिलाने के लिए विपक्ष के बहिष्कार के बावजूद सदन की बैठक आहुत की गई. कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में सत्ता पक्ष की ओर से कहा गया कि केन्द्रीय बजट की वजह से सोमवार को राज्यपाल के अभिभाषण पर मुख्यमंत्री के जवाब को अखबारों और इलेक्ट्राॅनिक मीडिया में पर्याप्त जगह नहीं मिल पायेगी इसलिए शनिवार को बैठक आहुत हो.
मोदी ने कहा कि अब मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि केन्द्रीय बजट को सुनने के लिए सदन की सोमवार को होने वाली बैठक को स्थगित किया गया. मुख्यमंत्री बतायें कि क्या इसके पहले कभी केन्द्रीय बजट के दिन बिहार विधानमंडल की बैठक स्थगित की गई थी? अगर मुख्यमंत्री को केन्द्रीय बजट को पेश होते देखना-सुनना ही था तो केन्द्रीय बजट संसद में पूर्वाह्न 11 बजे ही पेश होने वाला है और सरकार की ओर से मुख्यमंत्री का जवाब तो अपराह्न 2 बजे के बाद होता है. फिर इसमें समय का टकराव कहां था?
भाजपा नेता ने कहा कि दरअसल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसी तरह के लोकतंत्र के हिमायती है जिसमें विपक्ष नहीं हो और उन्हें निर्बाध एकतरफा ‘प्रलाप’ करने का मौका मिले.