Patna: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार की एनडीए सरकार ने विधानसभा में बहुमत साबित कर दिया है। विश्वास मत के पक्ष में 129 मत पड़े जबकि विपक्ष में शून्य मत पड़े।
विपक्ष के विश्वश मत में भाग नहीं लेने के बाद सत्ता पक्ष के अनुरोध पर मतदान कराया गया। सत्ता पक्ष का कहना था कि मतों की सही सख्या से जनता को यह पता चल सकेगा की सरकार कितनी मजबूत स्थिति में है। अध्यक्ष को लेकर कुल 130 मत पड़े।
बिहार विधानसभा में सोमवार को नीतीश सरकार ने फ्लोर टेस्ट पास कर लिया। मतदान से पहले ही विपक्ष ने वॉकआउट कर दिया था। सत्ता पक्ष की मांग पर वोटिंग करवाई गई। इसमें समर्थन में 129 वोट पड़े। विपक्ष में एक भी वोट नहीं पड़ा।
नीतीश कुमार की सरकार के विश्वास मत पर वोटिंग से पहले विपक्ष ने सदन का बहिष्कार कर दिया। इसके बाद सीएम नीतीश के कहने पर उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी ने पक्ष में विधायकों को खड़ा होने कहा और उनकी गिनती करवाई। सरकार के समर्थन में 129 वोट पड़े। स्पीकर को हटाने के वक्त सरकार के पक्ष में 125 वोट ही पड़े थे। विश्वास मत पर वोटिंग के दौरान चार और वोट सरकार के पक्ष में बढ़ गए।
इस बहस से पहले बिहार विधानसभा में नीतीश कुमार के रखे विश्वास मत प्रस्ताव पर बहस के दौरान सदन को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने सदन में विश्वास मत का प्रस्ताव रखा, जिस पर विभिन्न पार्टियों के नेताओं ने अपनी बात रखी है। जितने लोगों ने अपनी बात रखी है, उन्हें मैं धन्यवाद देता हूं। नीतीश कुमार ने कहा कि आरजेडी को जब शिक्षा मंत्रालय दिया तो गड़बड़ी करने लगे। ये लोग कमाने में लग गए और यह बात मुझे मालूम चला तो अलग हो गए। अब सबका हम जांच करवाएंगे।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले स्पीकर के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में भी नीतीश कुमार के पक्ष में 125 और विपक्ष में 112 विधायकों ने वोट किया है।
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