बेगूसराय: बिहार के बेगूसराय में हिन्दुस्थान समाचार की दो दिवसीय मीडिया कार्यशाला के आखिरी दिन रविवार को राज्यसभा सदस्य राकेश सिन्हा ने कहा कि पत्रकारिता का स्वभाव न्याय करना है।
उन्होंने कहा कि न्यायाधीश की तरह पत्रकारिता करना चाहिए। आंखों से देखी चीजें ही परोसनी चाहिए। आज की पत्रकारिता दिखती तो है लेकिन जनता उसमें से गायब है। जन सरोकार के मुद्दे और आम आदमी उसमें कहीं दिख नहीं रहा है। सिन्हा ने कहा कि आलोचना और हास्य विनोद करने वाली पत्रकारिता का चलन सा हो गया है। राजनीतिक बयान मोटे अक्षर में छपती हैं। स्थानीय मुद्दे गौण हो रहे हैं।
स्थानीय मुद्दों की बात करते हुए सांसद सिन्हा ने कहा कि बेगूसराय में 75 साल बाद भी वही समस्या है जो आजादी के समय में थी। यहां के लोग बाढ़ कटाव की समस्या से दो-चार हो रहे हैं। हर साल नई योजना बनती है लेकिन वह धरातल पर फलीभूत नहीं हो रही। उन्होंने कहा कि वर्ष 2024 का लोकसभा चुनाव राष्ट्रवाद बनाम गैर राष्ट्रवाद की तर्ज पर लड़ा जाएगा। राजनेता नेता का चरित्र वहीं होना चाहिए, जो उसके सार्वजनिक जीवन में रहता हो। साथ ही कहा कि मापदंड तय करना पत्रकारिता का काम है। पूंजीपति आश्रय लेकर पत्रकारिता के आदर्श स्थापित नहीं हो सकते।