मशहूर लेखिका और सामाजिक कार्यकर्ता महाश्वेता देवी का गुरुवार को कोलकाता के एक अस्पताल में निधन हो गया. वो 90 वर्ष की थीं और लंबे समय से उम्र संबंधी बिमारियों से पीड़ित थीं.

महाश्वेता देवी को ज्ञानपीठ, पद्मश्री और मैगसेसे अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका था. साहित्य के अलावा उनका सामाजिक कार्यों के प्रति भी रुझान था. वो पिछले तीन दशक से आदिवासियों के हित के लिए काम कर रही थीं. महाश्वेता देवी द्वारा लिखे उपन्यास पर ‘हज़ार चौरासी की मां’, ‘रुदाली’, ‘संघर्ष’ जैसी फिल्में भी बन चुकी हैं.

महाश्वेता देवी के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दुख प्रकट किया और ट्वीट कर उनकी लेखनी की सराहना की. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी महाश्वेता देवी के निधन को बंगाल के लिए एक बड़ी क्षति बताया.

 

छपरा: मोदी सरकार के 2 वर्ष का कार्यकाल संपन्न होने के अवसर पर सारण जिला भारतीय जनता पार्टी के द्वारा आगामी 7 जून को स्थानीय पार्टी जोन में ‘विकास पर्व’ का आयोजन किया जाएगा. उक्त जानकारी पार्टी के पूर्व विधायक विनय कुमार सिंह एवं जिलाध्यक्ष वेद प्रकाश उपाध्याय ने दी.

उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में निरंतर हो रहे विकास और केंद्र सरकार के 2 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य  में ‘विकास पर्व’ का आयोजन किया जा रहा है. आयोजन में सारण प्रमंडल के सभी भाजपा सांसद, विधायक, पूर्व विधायक तथा पार्टी के वरीय नेता एवं कार्यकर्ता सम्मिलित होंगे. आयोजन को सफल बनाने के लिए तैयारी शुरू कर दी गई है.

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री के ‘मन की बात’ कार्यक्रम के रविवार को होने वाले प्रसारण की चुनाव आयोग ने मंजूरी दी है. आयोग ने निर्देश दिया है कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के मद्देनजर लागू आदर्श आचार संहिता का पालन किया जाना चाहिए.

आपको बता दें कि सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने आयोग से संपर्क कर आचार संहिता के कारण मासिक रेडियो कार्यक्रम के प्रसारण को मंजूरी देने का अनुरोध किया था.

आगामी चार अप्रैल को पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, असम, केरल और पुडुचेरी में चुनाव होने जा रहे हैं. आदर्श आचार संहिता चार मार्च को प्रभाव में आ गयी थी जब आयोग ने चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा की थी।

बजट सत्र में संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बोलते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री पर तंज कसते हुए फेयर एण्ड लवली के जुमले का प्रयोग किया. संदर्भ काला धन का मुद्दा है. दरअसल 2014 के आम चुनाव के दौरान नरेन्द्र मोदी ने यह कहा था कि हम देश के बाहर रखे कालेधन को वापस लाएंगे. और उस दौरान यह भी कहा था कि विदेशों में इतना कालाधन पड़ा है कि अगर उसे देश में लाया जाए तो हर किसी के खाते में 15 लाख जमा हो जाएंगे.

अब गौर करने वाली बात है कि उन्होंने कभी नहीं कहा कि मैं ऐसा करूंगा ही. हां यह जरूर कहा था कि कालाधन रखने वालों को जेल के सलाखों के पीछे भेजा जाएगा.
यह तथ्य है कि कालाधन पर सरकार ने थोड़ा सुस्ती से काम किया है. जिससे विरोधियों को हमला करने का अवसर मिला है. वैसे कालाधन पर हर सरकार कुछ ना कुछ स्किम लेकर आती रही है. पी चिदम्बरम ने पहले कई बार इस तरह की योजनाएं ला चुके हैं. जानकारों का भी मानना है कि काला धन निकालने का यही बेहतर विकल्प है. खैर, चूंकि सूट-बूट की सरकार वाले जुमले को वित्त मंत्री ने इस बजट में धोने का काम किया तो राहुल गांधी फेयर एण्ड लवली का जुमला लेकर आए हैं.

सवाल उठता है कि क्या देश में महज जुमलों की राजनीति होगी. जनता अब जुमलों से तंग आ चुकी है. उसे जमीन पर कुछ होता हुआ दिखना चाहिए. अभी तक पक्ष और विपक्ष दोनों में कालाधन के मामले में गंभीरता नजर नहीं आई है. इस संदर्भ में वित्त मंत्री ने एक सार्थक कदम उठाया है, जो स्वागत योग्य है. पर देखना यह है कि इसका वास्तव में कितना असर होता है और कितना कालाधन बाहर आता है. कालाधन किसी भी अर्थव्यवस्था को दीमक की तरह खोखला बना देता है. यही नहीं इनका उपयोग देश विरोधी गतिविधियों में भी होता है. इसलिए कलाधन के खिलाफ सभी को मिल कर काम करना चाहिए.

RAVI NARAYAN PANDEY

रवि नारायण पाण्डेय
Editor-at-Large