Chhapra: इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी ने कोरोना योद्धाओ के लिए 4950 पेय पदार्थ की बड़ी बोतल कोका कोला कम्पनी से प्राप्त की. यह योद्धा जो पिछले कई दिनों से रात दिन जनता की सेवा, जागरूकता कार्यक्रमो में अपना पूर्ण समय दे रहे है. उन्हें प्रोत्साहित करने की एक प्रयास है.

जिला सचिव रेड क्रॉस सोसाइटी जीनत जरीना मसीह ने बताया कि अस्पतालों में डॉक्टर, नर्स अन्य कर्मचारी बिना अपने परवाह किये निरंतर सेवा में जूटे है. पुलिस कर्मी भी अपनी ड्यूटी काफी निष्ठा से निभा रहे है. प्रशासन चौबीस घंटे कार्यरत है. रेड क्रॉस भी अपनी क्षमता के अनुसार अपना पूर्ण योगदान दे रहा है.
इसे भी पढ़ें: प्रवासियों को ऑल इंडिया रोटी बैंक के सेवादारों ने कराया भोजन
इसे भी पढ़ें: सारण में बने 109 क्वेरेंटीन कैम्प में 8243 लोगों को किया गया है आवासित: जिलाधिकारी
इसे भी पढ़ें: जिलाधिकारी के निर्देश पर श्यामचक से ब्रहमपुर तक भरे गये सड़कों पर बने गड्ढे
जागरूकता के किये मास्क, डिजिटल वीडियो, पोस्टर का प्रयोग किया जा रहा है. सूखा खाद्य पदार्थ भी असहायों को दिया गया. प्रशासन को प्रथम बार 46000 की राशि एवं द्वितीय बार 12000 हजार की राशि इस कोरोना से संबंधित कार्य के लिए दिया गया. जिसका खर्च मास्क सैनिटाइजर, सूखा खाद्य पदार्थ एवं कोरेनटीन सेंटर पर किया गया.

यह पेय पदार्थ प्रशासन को दे दी गयी है. जिसको वह अपने माध्यम से जिला एवं प्रत्येक प्रखण्ड में कोरोना के योद्धाओ को आपूर्ति की जाएगी. यह कार्य दो से तीन दिनों में सम्पन्न हो जाएगा.

इस कार्य में डॉ० सुरेश प्रसाद सिंह, अभिजीत मसीह, नरेन्द्र (प्रतिनिधि कोका कोला), रविश जिला नाजिर एवं अन्य उपस्थित थे.

Chhapra: ऑल इंडिया रोटी बैंक के द्वारा शहर के जरूरतमन्दों के साथ साथ राजेन्द्र स्टेडियम में अपने गंतव्यों तक पहुंचने के लिए आ रहे प्रवासियों को भी भोजन कराया जा रहा है.

रोटी बैंक के रविशंकर उपाध्याय ने बताया कि करीब 500 प्रवासियों को भोजन उपलब्ध कराया गया. प्रतिदिन रोटी बैंक के सेवादारों के द्वारा मिलकर भोजन बनाया जाता है. सेवा विगत दो वर्ष से छपरा में की जा रही है. जिसमें लाचार, बेबस जरूरतमन्दों को साथ साथ सड़को पर जीवन यापन करने वाले लोग, रेलवे स्टेशनों पर रहने वाले जरूरतमंद सभी शामिल है.

इसे भी पढ़ें: कोरोना की चेन तोड़ने में जुटा जिला प्रशासन, बाजार समिति से भेजे गए 12 लोगों के सैम्पल रिपोर्ट निगेटिव

 

Chhapra: कोरोना वायरस यानि कोविड-19 से लोगों की रक्षा करने में अग्रणी भूमिका निभा रहा आयुष मंत्रालय अब आयुष संजीवनी एप लेकर आगे आया है. इस एप में जहाँ आयुष मंत्रालय की सभी एडवायजरी हैं वहीँ इसमें लोगों के सवाल-जवाब का भी प्रावधान किया गया है. इन्हीं सवाल-जवाब के आंकड़ों के आधार पर यह तय होगा कि आयुष मंत्रालय की सलाह लोगों के लिए कितनी फायदेमंद साबित हो रही है. लोग इस एप पर अपने अनुभव साझा कर सकेंगे कि वह आयुष मंत्रालय की सलाह को कब से अपना रहे हैं और कितने दिनों में फायदा हुआ. इसके अलावा किन दिशा-निर्देशों के पालन से ज्यादा लाभ हुआ है.

कोविड से लड़ने के लिए आयुर्वेद पद्धति के प्रभाव का होगा आकलन
सरकार का प्रयास है कि इस एप का ज्यादा से ज्यादा प्रचार-प्रसार हो ताकि और लोग इसका फायदा उठाकर निरोगी काया पा सकें. भारत में पारंपरिक चिकित्सा का लम्बा इतिहास रहा है और आयुर्वेद के क्षेत्र में अग्रणी होने के नाते आयुष मंत्रालय आयुष प्रणालियों के नैदानिक अध्ययन के माध्यम से देश में कोरोना वायरस यानि कोविड-19 की समस्या का समाधान करने के लिए काम कर रहा है. इन्हीं आयुर्वेद से जुड़ीं पद्धतियों पर क्लिनिकल रिसर्च स्टडीज और आयुष संजीवनी एप की शुरुआत की गयी है. यह एप कोविड की रोकथाम के लिए आयुष चिकित्सा प्रणालियों के उपयोग की स्वीकृति और लोगों के बीच इसके प्रभावों से आंकड़े जुटाने में उपयोगी साबित होगा. मंत्रालय लोगों के बीच कोविड की रोकथाम के लिए आयुष प्रभाव का भी आकलन कर रहा है.

एप के जरिये 50 लाख लोगों के आंकड़े जुटाने का लक्ष्य
आयुष संजीवनी एप के जरिये देश भर के 50 लाख लोगों के अनुभवों के बारे में आंकड़े जुटाने का लक्ष्य तय किया गया है. यह आंकड़े कोविड-19 की रोकथाम के लिए आयुष चिकित्सा प्रणालियों के उपयोग की स्वीकृति और लोगों के बीच इसके प्रभावों के आकलन में उपयोगी साबित होंगे.

जनसंख्या आधारित पारम्परिक अध्ययन पर जोर
आयुष मंत्रालय उच्च्च जोखिम वाली आबादी में कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम में आयुर्वेदिक दवाओं के प्रभाव का अध्ययन करने के लिए जनसँख्या आधारित अध्ययन भी शुरू करने जा रहा है. इससे निवारक क्षमता का पता चल सकेगा. देश में आयुष मंत्रालय के अनुसन्धान परिषदों, राष्ट्रीय संस्थानों व कई राज्यों के माध्यम से यह अध्ययन किया जाएगा. इसके तहत 5 लाख की आबादी को कवर करने की योजना है. यह अध्ययन रिपोर्ट कोविड-19 के उपचार में आयुष पद्धति की क्षमताओं के आकलन के लिए वैज्ञानिक सबूतों के आधार पर अवसरों के नए द्वार खोलेगी.

कोरोना से बचने के लिए आयुष मंत्रालय की सलाह 

• दिन में बार-बार गुनगुना पानी पिएं
• रोजाना 30 मिनट तक योगा करें
• भोजन में हल्दी, जीरा, धनिया और लहसुन का इस्तेमाल करें
• एक चम्मच या 10 ग्राम च्यवनप्राश का हर रोज सेवन करें
• दिन में एक-दो बार हर्बल चाय/काढ़ा पियें
• दिन में एक/दो बार हल्दी वाला दूध पियें
• तिल या नारियल का तेल या घी सुबह-शाम नाक के छिद्रों में लगायें
• एक चम्मच नारियल या तिल का तेल को मुंह में लेकर इधर-उधर घुमाएँ और गुनगुने पानी के साथ कुल्ला करें (थूक दें)
• गले में खरास या सूखा कफ हो तो पुदीने की पत्तियां व अजवाइन को गर्म कर भाप लें
• गुड़ या शहद के साथ लौंग का पाउडर मिलाकर दिन में दो-तीन बार खाएं

Chhapra: सारण जिले में Covid 19 से संक्रमित सभी 8 मरीजों के स्वस्थ होने की खबर से सभी ने खुशी जाहिर की थी. इसी बीच मंगलवार को Covid19 से संक्रमण का एक दो नये मामले सामने आय. मिली जानकारी के अनुसार संक्रमित जिले के जनता बाजार क्षेत्र का निवासी 24 वर्षीय युवक है. मिली जानकारी के अनुसार पहला संक्रमित जिले के जनता बाजार क्षेत्र का निवासी 24 वर्षीय युवक है. वही दूसरा बनियापुर का 27 साल का युवक है.

बताया जा रहा है कि उक्त युवक सारण जिले के लहलादपुर प्रखंड के मिर्जापुर हाईस्कूल क्वॉरेंटाइन सेंटर में रुका है. जहां से लिये गए सेम्पल की रिपोर्ट पॉज़िटिव आयी है.

प्राप्त जानकारी के अनुसार युवक महाराष्ट्र से मोतिहारी आया था और उसके बाद मोतिहारी से बस के द्वारा इसे छपरा लाया गया था. उसके बाद से इसे लहलादपुर प्रखंड के मिर्जापुर हाई स्कूल में क्वारनटाइन किया गया था. जिसके बाद इसके सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे.

वही दूसरा मामला बनियापुर प्रखंड के निवासी 27 वर्षीय युवक है. विस्तृत जानकारी की प्रतीक्षा है.

इसके बाद सारण के लोगों में एक बार फिर से इस बीमारी से मुक्ति मिलने की खुशी पर ब्रेक लग गया है. जिला में अब फिर से एक सक्रिय मामला सामने आने के बाद लोग चिंतित दिख रहे है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में लॉकडाउन 4.0 का संकेत दिया. पीएम मोदी ने बताया कि 18 मई से पहले लॉकडाउन के चौथे चरण की जानकारी साझा की जाएगी, इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ये लॉकडाउन नए रंग-रूप-नियम वाला होगा. बता दें कि देश में लागू लॉकडाउन 3.0 की अवधि 17 मई को खत्म हो रही है. अपने संबोधन में पीएम मोदी ने आर्थिक पैकेज का ऐलान भी किया, जो कि 20 लाख करोड़ रुपये का है.

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘लॉकडाउन 4.0 नए रंग रूप वाला होगा, नए नियमों वाला होगा. राज्यों से हमें जो सुझाव मिल रहे हैं, इससे जुड़ी जानकारी आपको 18 मई से पहले दी जाएगी.’

नई दिल्ली: कोरोना वायरस की रोकथाम को लगाए गए लॉकडाउन में आज से कुछ छूट दी गई हैं. इसमें एक छूट शराब की दुकानों को खोलने की भी है. आज देश के साथ-साथ दिल्ली (रेड जोन होने के बावजूद) शराब की दुकानें खुल गईं. दुकानें खुलने से पहले ही लोगों ने लंबी लाइनें लगा ली थीं. कुछ दुकानों पर सुबह होते-होते यह लाइन एक किलोमीटर तक पहुंच गई थी.

लोग बियर की पूरी पेटी लेकर जाता दिख रहे है. दारू लेने की होड़ ऐसे ही दिल्ली के दूसरे ठेकों पर भी दिखी.

पटना: प्रवासी भारतीयों को उनके घर पहुंचाए जाने का मुद्दा का अब राजनीतिक रंग लेना शुरू कर दिया है. दरअसल इसकी शुरुआत प्रवासियों से किराए लिए जाने के मामले में हुई और विपक्ष के नेताओं ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया.

उनका कहना था कि संकट कि इस घड़ी में जो प्रवासी मजदूर हैं खुद ही आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं ऐसे में उनसे किराया लेना ठीक नहीं है. इसी बीच कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने ऐलान कर दिया है कि पार्टी प्रवासियों का किराया खुद ही वहन करेगी. लेकिन अब इस मामले में आरजेडी नेता तेजस्वी यादव भी पीछे नहीं रहना चाहते हैं. उन्होंने ऐलान किया है कि राष्ट्रीय जनता दल बिहार सरकार को अपनी तरफ़ से 50 ट्रेनों का किराया देने को तैयार है. तेजस्वी ने कहा, ‘हम ग़रीब बिहारी मज़दूर भाइयों की तरफ़ से इन 50 रेलगाड़ियों का किराया असमर्थ बिहार सरकार को देंगे. सरकार आगामी 5 दिनों में ट्रेनों का बंदोबस्त करें, पार्टी इसका किराया तुरंत सरकार के खाते में ट्रांसफ़र करेगी’.

सुरभित दत्त

केंद्र सरकार ने देश भर में पिछले 24 मार्च से लागू lockdown को दूसरी बार बढ़ाने का फैसला लिया है. इस बार 17 मई तक इसे बढ़ाया गया है. देश में 55 दिनों तक के lockdown के दौरान आम जनजीवन खासकर दैनिक मजदूरी कर के अपना गुजारा करने वालों पर असर पड़ा है. Lockdown लागू होते ही काम, धंधे बंद होने पर घर पहुंचने की जद्दोजहद के बीच एक लंबा समय बीत गया है.

अब जब केंद्र सरकार ने lockdown 3 की शुरूआत की है, जिसे हम केंद्र का lockdown से exit प्लान भी कह सकते है, तो एक बार फिर से अलग अलग प्रदेशों में फंसे यह मजदूर फिर से शंका, आशंकाओं में घिरे नजर आ रहे है. जो अपने घर जैसे तैसे पहुंच गए वे या तो वहीँ रहेंगे या एक बार फिर काम की तलाश उन्हें शहरों तक लाएगी, लाएगी भी शायद क्योंकि जीवन चलाने के लिए रोजगार का होना भी जरुरी है पर ये भविष्य के गर्त में है. फिलहाल वैसे प्रवासी जो अबतक घर नही जा सके थे वे सब अब क्या करें, क्या ना करें के संशय की स्थिति में पहुंच गए है.

फैक्ट्रियों, कार्यालयों और अन्य दैनिक मजदूरी बंद थी तब एक ही सोच थी की घर जाना है. परिवार को संभालना है. लेकिन lockdown के कारण जा नही सके. अब जब सरकार से कुछ छूट मिलने पर काम शुरू होगा, फैक्ट्रियां खुलने वाली है ऐसे में दिमाग में घर जाना और जीवन चलाने के लिए काम भी करना है दोनों ही बातें आएगी. वही इसका दूसरा पहलू यह भी है कि प्रवासी मजदूरों को हीन नजर से देखने वाले बड़े पूंजीपति क्या अपने कल कारखानों को इनके बिना चला सकेंगे.

मजदूरों को अपने घर में रोजगार मिलना एक बड़ी चुनौती होगी, जो भविष्य में फिर उन्हें  महानगरों की ओर जाने के लिए मजबूर करेगी. 

इन सबके बीच प्रवासी मजदूर दोराहे पर खड़े यही सोचने को विवश होंगे  ‘क्या करें, क्या ना करें’

#lockdownindia

Photo Courtesy: Twitter

Chhapra: जिलाधिकारी द्वारा यह बताया गया कि ट्रेन से जयपुर से आज पटना में 77 लोग आ रहे हैं. जिनके लिए जिला वाहन कोषांग द्वारा दो बस एवं एक दण्डाधिकारी एवं पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति कर पटना भेजा गया है.

इसे भी पढ़ें: चौकीदारों के माध्यम से चोरी-छुपे जिले की सीमा में प्रवेश करने वालों को क्वॉरेंटाईन केन्द्र पर रखें: SP

उन्होने बताया कि इसके साथ ही 30 लोग औरंगाबाद की सीमा पर दूसरे राज्यों से आकर रह रहे हैं, जिन्हें लाने हेतु एक बस की व्यवस्था कर पुलिस बल के साथ भेजा गया है. इन सभी को अगले 21 दिनों तक क्वॉरेंटाईन केन्द्र पर रखा जायेगा.

Chhapra: जिले के प्रखण्ड क्वेरेन्टीन सेंटर का निरीक्षण करने के दौरान पुलिस अधीक्षक हर किशोर राय द्वारा संबंधित थानाध्यक्षों को निर्देश दिया गया कि केन्द्रों पर सुरक्षा हेतु चाक-चौबन्द व्यवस्था रखना सुनिश्चित करेंगे, ताकि कोई भी व्यक्ति केन्द्र से भागने नहीं पाये तथा विधि व्यवस्था की समस्या न हो.

साथ ही थानाध्यक्षों को निर्देश दिया गया कि चौकीदारों के माध्यम से जो चोरी-छुपे इस जिले की सीमा में प्रवेश करते हैं, उनकी जानकारी प्राप्त कर उन्हें क्वॉरेंटाईन केन्द्र पर रखना सुनिश्चित करेंगे.

इसे भी पढ़ें:  निरीक्षण के दौरान दिखी लापरवाही तो DM ने स्पष्टीकरण पुछते हुये वेतन बंद करने का दिया निर्देश

Chhapra: जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन एवं पुलिस अधीक्षक हर किशोर राय द्वारा संयुक्त रूप से रिविलगंज, मांझी, एकमा, जलालपुर एवं सदर प्रखण्ड में बनाये गए क्वेरेन्टीन सेंटर का निरीक्षण किया गया.

रिविलगंज के राजकीय मध्य विद्यालय, सेमरिया पूर्वी एवं पश्चिमी दोनों क्वेरेन्टीन सेंटर का निरीक्षण किया गया. सेंटर पर निर्धारित मानकों के अनुसार सभी व्यवस्था दिखी. जिसकी जिलाधिकारी द्वारा प्रशंसा की गयी एवं टीम के सभी पदाधिकारियों तथा कर्मियों की सराहना की.

इसे भी पढे: #Covid19 से सारण जिले में अबतक 7 लोग संक्रमित, एक हो चुका है स्वस्थ

इसे भी पढे: Lockdown में दूसरे राज्यों में फंसे लोगों के आवागमन के लिए विशेष ट्रेन चलाने के केंद्र के निर्णय का मुख्यमंत्री ने किया स्वागत

इसके उपरान्त जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक मांझी प्रखण्ड स्थित दलन सिंह उच्च विद्यालय में क्वेरेन्टीन सेंटर पहुंचे. जहाँ निरीक्षण के क्रम में किसी भी प्रकार की कोई व्यवस्था नही दिखी. जिलाधिकारी श्री सेन ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रखण्ड विकास पदाधिकारी से स्पष्टीकरण तथा अंचल अधिकारी का वेतन बंद करते हुए उनसे स्पष्टीकरण पूछने का निर्देश दिया.

साथ ही प्रखण्ड विकास पदाधिकारी एवं अंचल अधिकारी तथा संदर्भित कार्यों के वरीय प्रभारी पदाधिकारी जिला शिक्षा पदाधिकारी को शनिवार संध्या तक किसी भी परिस्थिति में सभी आवश्यक व्यवस्था कर अनुपालन प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है.

इसे भी पढे: छपरा के दून सेन्ट्रल स्कूल में ऑनलाइन पढ़ाई शुरू

 

इसे भी पढे: मांझी रेल पुल से गिरा युवक रिविलगंज के सिरिसियां का, 30 घंटे बाद मिला शव

वही एकमा प्रखण्ड स्थित अलख नारायण सिंह उच्च विद्यालय के क्वेरेन्टीन सेंटर की व्यवस्था संतोषजनक पायी गयी. वहां पूर्ण रूप से साफ-सफाई का निर्देश दिया गया. उक्त केन्द्र पर कुछ स्थानों पर चहारदिवारी टूटी हुई पायी गयी. जिसके लिए प्रखण्ड विकास पदाधिकारी एवं अंचल अधिकारी को संदर्भित स्थल पर बैरिकेडिंग का कार्य कराने का निर्देश दिया गया.

एकमा बीडीओ द्वारा बताया गया कि उनके यहॉं विभिन्न केन्द्रों पर अभी तक 500 लोगों के आवासन एवं भोजन की व्यवस्था कर दी गयी है. जिसके लिए जिलाधिकारी द्वारा प्रखण्ड विकास पदाधिकारी, अंचल अधिकारी एवं उनकी टीम की काफी प्रशंसा की गयी.

इसे भी पढे: विभिन्न प्रदेशों से आने वाले मजदूरों, छात्रों और पर्यटकों को 21 दिनों तक रखा जाएगा Quarantine

इसके अलावे डीएम ने जलालपुर प्रखण्ड स्थित शंकर दयाल सिंह उच्च विद्यालय, उच्च विद्यालय, जलालपुर एवं टीचर ट्रेनिंग कॉलेज बंगरा का निरीक्षण किया गया. शंकर दयाल सिंह उच्च विद्यालय में तैयारी अभी प्रारंभिक अवस्था में पायी गयी. जिसके लिए प्रखण्ड विकास पदाधिकारी एवं अंचलाधिकारी को अविलम्ब सभी व्यवस्था संपन्न करने का निर्देश दिया गया. उच्च विद्यालय, जलालपुर के क्वॉरेंटाईन केन्द्र में बाहर से आये हुए लोग आवासन करते हुए पाये गये.

Chhapra: कोरोना का संक्रमण प्रखंडों के बाद अब छपरा नगर में भी पहुंच चुका है. ताज़ा मामले में जयप्रकाश नारायण इंजीनियरिंग कॉलेज क्वारन्टीन सेंटर में काम करने वाला एक 40 वर्षीय पुरुष संक्रमित पाया गया है. जिसके बाद प्रशासन ने पूरे क्षेत्र को सील करने की कार्रवाई की है. इसके साथ ही सारण जिले में कोरोना संक्रमण से अबतक 7 लोग संक्रमित पाए गए है जिनमे से एक स्वस्थ हो चुका है.

इसे भी पढे: क्वेरेन्टीन सेंटर पर भोजन बनायेगे विद्यालय की रसोईया

इससे पहले सारण जिले के इसुआपुर, अमनौर, मांझी, रिविलगंज, बनियापुर और सोनपुर प्रखण्ड से संक्रमित मरीज मिले थे. नया मामला सदर प्रखंड के जयप्रकाश नारायण इंजीनियरिंग कॉलेज में बनाए गए क्वारन्टीन सेंटर में काम करने वाला एक 40 वर्षीय पुरुष संक्रमित पाया गया है. जिसके साथ ही जिले के 20 में से 7 प्रखण्ड तक अब यह संक्रमण पहुंच चुका है.

इसे भी पढे: विभिन्न प्रदेशों से आने वाले मजदूरों, छात्रों और पर्यटकों को 21 दिनों तक रखा जाएगा Quarantine

बता दें कि छपरा के इंजीनियरिंग कॉलेज में बनाये क्वारेंटिन सेंटर में भी 2 संक्रमित मरीज मिले थे जिनमे से एक बांका और दूसरा अररिया के निवासी होने के कारण स्वास्थ्य विभाग ने इन दोनों मामलों को सम्बंधित जिलों के डाटा में जोड़ दिया है.