छपरा शहर के जल निकासी व्यवस्था के सृद्धढ़ीकरण हेतु बैठक का हुआ आयोजन

Chhapra:  : जिला पदाधिकारी अमन समीर की अध्यक्षता में छपरा शहर के जल निकासी व्यवस्था को प्रभावी बनाने हेतु बैठक का आयोजन कार्यालय कक्ष में आहूत की गई।

जिला पदाधिकारी ने बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि छपरा शहर के जल निकासी प्रबंधन हेतु विभिन्न निकायों को समन्वय स्थापित कर दीर्घकालीन योजना को मूर्त स्वरूप देना होगा। क्योकि नाला छपरा नगर नगम क्षेत्र, जिला परिषद के क्षेत्र एवं नगर पंचायतों के क्षेत्रों से होकर गुजरता है। जल निकासी प्रणाली हेतु एक वृहद मैप को बनाने की आवश्यकता बताई गई जिसमें संबंधित विभाग अपने-अपने क्षेत्रान्तर्गत नाला निर्माण करेंगे। बेतरतीब ढंग से निजी आवासों के बने जाने से भी नाला को अवरुद्ध कर दिये जाने की जानकारी दी गयी।    ‌‌

वृहद मैप के निर्माण हेतु टीम गठित करने का निर्देश जिला पदाधिकारी के द्वारा दिया गया। इस टीम में नगर निगम, जिला परिषद, बुडको, पथ निर्माण विभाग के अभियंता एवं सदर अंचल के अमीन रहेंगे। टीम के द्वारा बृहद मैप का निर्माण आपस में समन्वय स्थापित कर किया जाएगा। अंचलाधिकारी सदर को सभी पुराने जलस्त्रोतों को खोजकर सूची उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया ताकि उनका जीर्णोद्धार करके पानी की निकासी में उनका प्रयोग किया जा सके। रेलवे के द्वारा नालों की उड़ाही कार्य को अपर्याप्त बताते हुए जिला पदाधिकारी ने इसपर अप्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कड़े स्वरों में चेतावनी देते हुए कहा कि जरूरत पड़ने पर लापरवाही के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है। क्योंकि नालों की उड़ाही में लापरवाही से पानी की निकासी में बाधा उत्पन्न हो रहा है। इस संबंध में डी.आर. एम को पत्र भी भेजने की बात बताई गयी।

बैठक में उपस्थित नगर आयुक्त, नगर निगम छपरा एवं अनुमंडल पदाधिकारी सदर, छपरा को अतिक्रमण पर लगातार कार्रवाई करते रहने का निर्देश दिया गया। सड़कों पर अतिक्रमण किसी भी तरह से न हो इसे सुनिश्चित करने को कहा गया। छपरा जंक्शन जाने के रास्ते में अतिक्रमण की वजह से रास्ता काफी संकीर्ण हो गया है। अतएव इसपर तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश अनुमंडल पदाधिकारी सदर, छपरा को दिया गया।

शहर में गाड़ियों के लिए पार्किंग स्थल एवं बेडिंग जोन हेतु स्थल का चुनाव जल्द ही किया जाएगा। इस संबंध में सरकारी भूमि की उपलब्धता की जानकारी अंचलाधिकारी सदर, छपरा को देने निर्देश दिया गया। दिये गये निर्देशों के अनुपालन की समीक्षा हेतु जल्द ही बैठक आहूत करने का संकेत जिला पदाधिकारी ने दिया।

बैठक में विकास आयुक्त सारण, प्रियंका रानी, नगर आयुक्त, छपरा नगर निगम सुमित कुमार, अनुमंडल पदाधिकारी सदर, अंचलाधिकारी सदर, छपरा एवं सभी संबंधित कार्य विभाग के अभियंतागण उपस्थित थे।

लगातार 15 दिन अनुपस्थित रहने वाले स्कूली बच्चों का नामांकन होगा रद्द, केके पाठक ने सिखाए 300 करोड़ बचाने के उपाय आरडीडी, डीईओ, डीपीओ को दिया टास्क

PATNA: शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक शिक्षा व्यवस्था में सुधार को लेकर लगातार कदम उठा रहे हैं. इसका रिजल्ट भी दिखने लगा है. स्कूल की व्यवस्था से लेकर शिक्षक-छात्र उपस्थिति में जबरदस्त सुधार हुआ है. हालांकि केके पाठक इतने भर से खुश नहीं हैं. उन्होंने एक बार फिर से सभी जिलों के डीएम को पत्र लिखा है. पत्र में कहा गया है कि बच्चों की ट्रैकिंग करें कि कहीं सरकारी लाभ लेने के लिए कुछ बच्चे सरकारी स्कूल में नामांकन तो नहीं लेते हैं. अगर ऐसा है तो नामांकन रद्द करें. इससे 300 करोड़ रू की बचत हो सकती है.

पांच-पांच विद्यालय गोद लें आरडीडी, डीईओ और डीपीओ

बिहार के सभी जिलों के डीएम को भेजे पत्र में केके पाठक ने कई दिशा निर्देश दिए हैं. साथ ही सभी डीईओ-डीपीओ और आरडीडीई को पचास फीसदी से कम उपस्थिति वाले विद्यालयों को गोद लेने को कहा है. डीएम को लिखे पत्र में के पाठक ने कहा है कि 1 जुलाई 2023 से सभी सरकारी विद्यालयों में मॉनिटरिंग की व्यवस्था की गई है. इसके तहत लगातार विद्यालयों का निरीक्षण किया जा रहा है. जुलाई 23 से अब तक 50% से कम उपस्थिति वाले विद्यालयों की संख्या में लगातार कमी हो रही है .हालांकि अभी भी 10 फ़ीसदी ऐसे विद्यालय हैं जहां 50 फ़ीसदी से कम उपस्थिति है. यह चिंता की बात है.

15 दिन लगातार नहीं आते हैं तो नामांकन रद्द करें

केके पाठक ने कहा है कि अब समय आ गया है कि एक-एक विद्यालय में आरडीडी, डीईओ और डीपीओ को देखना होगा . हर एक छात्र-छात्रा एवं उनके अभिभावकों से बात करनी होगी. इसके लिए कई कदम उठाने होंगे. डीएम को कहा है कि अपने जिले के डीईओ एवं डीपीओ को पांच-पांच विद्यालय अडॉप्ट करने को कहें. जिस डीपीओ के क्षेत्र में कोई ऐसा विद्यालय नहीं हो जहां छात्रों की उपस्थिति 50 फ़ीसदी से कम है तो उन्हें कार्य क्षेत्र के बाहर का विद्यालय दें. इन विद्यालयों में पदाधिकारी प्रतिदिन जाएं. हर एक छात्र एवं उनके अभिभावकों से बात करें. जो छात्र तीन दिन लगातार अनुपस्थित रहे उसे प्रधानाध्यापक नोटिस दें. 15 दिन तक लगातार अनुपस्थित रहने पर छात्रों का नामांकन रद्द किया जाए.

तीन सौ करोड़ की होगी बचत

केके पाठक ने आगे कहा है कि हर एक छात्र की ट्रैकिंग की जाए. यह देखा जाए कि वह कहीं एक साथ दो विद्यालयों में तो नहीं पढ़ रहा है. ऐसे छात्र नाम कटने के डर से लगातार 15 दिन अनुपस्थित नहीं रहते हैं.बीच-बीच में विद्यालय आते रहते हैं. ऐसी शिकायत मिल रही है कि डीबीटी प्राप्त करने के लिए छात्र-छात्राओं ने सरकारी विद्यालयों में नामांकन ले रखा है. जबकि वह जिले से बाहर या फिर निजी विद्यालयों में पढ़ते हैं. कुछ छात्रों के बिहार से बाहर कोटा जैसी जगह पर रहकर पढ़ने की सूचना है. ऐसे में हर एक मामले की चाइल्ड ट्रैकिंग करें. इस तरह के छात्रों का नामांकन रद्द करें जो सिर्फ डीबीटी के लिए सरकारी विद्यालयों से जुड़े हैं. के के पाठक ने आगे कहा है कि प्रत्येक वर्ष सरकार विभिन्न तरह की योजनाओं पर 3000 करोड रुपए डीबीटी से सहायता देती है. यदि सिर्फ डीबीटी के उद्देश्य से स्कूल में नामांकन कराने वाले 10 फीसदी बच्चों का भी नामांकन रद्द हुआ तो राज्य को 300 करोड रुपए की सीधी बचत होगी.

ठनका गिरने से एक महिला की मौत

Isuapur: शनिवार की देर शाम हुई बारिश के बीच तेज आंधी के कारण हुई ओलावृष्टि में एक महिला की मौत हो गई. मृतका थाना क्षेत्र के श्यामपुर गांव निवासी मरहूम ललन मियां की पत्नी हसीना बीबी बताई जाती है.

घटना को लेकर बताया जाता है कि शनिवार की शाम अचानक से हुई बारिश और आंधी के दौरान मृतका घर के बगल में बंधे अपने मवेशी को लाने गई थी इसी बीच बिजली गिरने से वह उसकी चपेट में आ गई. आनन फानन में उसे इलाज के लिए सामुदायिक अस्पताल ले जाया गया लेकिन चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया.

ढपली बजाने वाले नीतीश कुमार का अपना ठिकाना है नहीं और विपक्षी एकता की बात कर रहे, ये बस एक जाति को खुश करने की है कोशिश: प्रशांत किशोर

पटना: जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने कहा कि आज नीतीश कुमार को बिहार की चिंता करनी चाहिए। लेकिन आज ये बिहार में एक समुदाय के लोगों को मैसेज देने के लिए कि हम प्रयास कर रहे हैं। हालांकि, उनको भी मालूम है कि इस प्रयास से कुछ होने वाला नहीं है। ये सिर्फ ढपली बजाने वाले लोग हैं। आज RJD के जीरो एमपी हैं वो देश का प्रधानमंत्री तय कर रहे हैं। जिस पार्टी का खुद का ठिकाना नहीं है वो देश की अलग-अलग पार्टियों को एकत्रित करने में लगा है। क्या लालू और नीतीश बिहार में टीएमसी को एक भी सीट देने के लिए तैयार हो गए हैं? नीतीश कुमार को कौन पूछता है?

अखिलेश यादव के लोकसभा में 5 एमपी और बात ऐसे करते हैं जैसे उनके पांच सौ एमपी जीते हों: प्रशांत किशोर

प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि नीतीश कुमार बीते दिनों में उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव से मिलने गए। अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी को लोकसभा चुनाव 2014 में 5 सीटें और 2019 में भी 5 सीटें मिली। हालांकि, वो बात ऐसे कर रहे हैं जैसे पांच सौ एमपी इन्ही के पास हैं। दो जीरो को अगर जोड़ेंगे तो उससे क्या होगा? आज ये बीजेपी के B टीम हैं, क्योंकि ये अपनी दुकान चला रहे हैं। साथ बैठकर चाय पीना प्रेस कांफ्रेंस करने से विपक्ष मजबूत हो जाता तो 20 साल पहले ही विपक्ष मजबूत हो गया होता। आज ये लोग घर से निकलकर 5 किलोमीटर चल नहीं सकते हैं कोई दौरा नहीं कर सकते हैं कोई काम नहीं कर सकते हैं राजनीति क्या करेंगे?

मकेर में शिक्षकों ने जलाई अवकाश तालिका संशोधन की प्रतियां, कहा नही रद्द हुआ पत्र तो सरकार भुगतेगी खामियाजा

Maker: शिक्षा विभाग द्वारा सरकारी विद्यालयों के लिए निर्धारित अवकाश तालिका में संशोधन के बाद शिक्षकों में आक्रोश जारी है. गुरुवार की संध्या मकेर प्रखंड संसाधन केंद्र में शिक्षकों द्वारा प्रदर्शन करते हुए अवकाश तालिका में संशोधन के लिए निर्गत पत्र की प्रतियां जलाएं गई.

आक्रोशित शिक्षकों द्वारा सरकार के खिलाफ नारे लगाते हुए निर्गत अवकाश तालिका संशोधन पत्र को अविलंब वापस लेने की मांग की गई.

शिक्षकों का कहना है कि सरकार एक सोंची समझी साजिश के तहत शिक्षकों को टारगेट कर रही है. राज्य के सभी विद्यालयों में निर्धारित अवकाश तालिका में शिक्षा के अधिकार अधिनियम को पूर्ण रूप से लागू किया जाता रहा है एवं इस वर्ष भी आरटीई के प्रावधानों को पूर्ण किया जा रहा है.

उनका कहना है कि शिक्षा विभाग प्राथमिक विद्यालय में 200 एवं मध्य विद्यालय में 220 दिन के शिक्षण कार्य का हवाला दे रही है, जबकि पूर्व निर्धारित अवकाश तालिका के अनुसार विद्यालयों में 253 दिन का शैक्षणिक कार्य किया जा रहा है.

ऐसे में यह स्पष्ट है कि सरकार की मंशा शिक्षकों के प्रति ठीक नहीं है. एक विशेष कर्मी को टारगेट करते हुए उनका शोषण और समाज में नीचा दिखाने की कार्रवाई की जा रही है.

अगर जारी पत्र अविलंब वापस नहीं होता है तो सरकार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा.

रद्द हुई छुट्टी तो शिक्षिकाओं ने स्कूलों में ही बांधी भाइयों को राखी, बहन भी पहुंच गई स्कूल में शिक्षक भाई को राखी बांधने

Chhapra: शिक्षा विभाग द्वारा सरकारी विद्यालयों में रक्षाबंधन की छुट्टी रद्द किए जाने के बाद गुरुवार को रक्षाबंधन का त्यौहार शिक्षक और शिक्षिकाओं ने स्कूलों में ही मनाया.

अपने कर्तव्य और दायित्व का निर्वहन करने के साथ-साथ सरकारी आदेश का पालन करते हुए शिक्षक और शिक्षिकाओं ने अपनी उपस्थिति स्कूलों में दर्ज की. वही महिला शिक्षिकाओं ने अपने भाइयों को स्कूल परिसर में ही राखी बांधकर यह त्यौहार मनाया. इसके साथ-साथ शिक्षक की बहन भी स्कूलों में ही पहुंचकर शिक्षकों को राखी बांधी और इस त्यौहार को मनाया.

राज्य सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा विगत दिनों शिक्षकों की छुट्टियों में संशोधन करते हुए कई छुट्टियों को रद्द कर दिया गया है. जिसमें रक्षाबंधन जैसा प्रमुख त्योहार भी शामिल है. मुख्य रूप से महिलाओं के लिए बना यह त्योहार पूरे देश में धूमधाम से मनाया गया, लेकिन बिहार के सरकारी विद्यालयों में शिक्षक और शिक्षिकाओं ने अपने भाई एवं बहन को बुलाकर यह त्यौहार मनाया.

शिक्षकों की छुट्टी रद्द होने के बाद गुरुवार को स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं की उपस्थिति नगण्य रही बावजूद इसके शिक्षक और शिक्षिकाएं अपनी ड्यूटी बजा रहे थे.

रक्षाबंधन की छुट्टी रद्द करने को लेकर शिक्षिकाओं में भारी आक्रोश था. जिले के कई हिस्से सहित राज्य के कई विद्यालयों में महिला शिक्षिकाओं ने न सिर्फ अपने मुंह पर काली पट्टी बांधी, वही सभी शिक्षकों ने हांथो में काली पट्टी बांधकर सरकार के प्रति आक्रोश जताया.

शिक्षक और शिक्षिकाओं का कहना है कि शिक्षा विभाग द्वारा विगत 3 महीने से लगातार तुगलकी फरमान जारी किया जा रहा है. ऐसे में विगत 29 अगस्त को जारी माध्यमिक शिक्षा के निदेशक के पत्र ने शिक्षकों में आक्रोश ला दिया है. आने वाले दिनों में पर्व और त्योहारों में निर्धारित अवकाश रद्द करने से शिक्षक और शिक्षिकाओं की परेशानी बढ़ गई है.

विभाग द्वारा निर्धारित अवकाश तालिका की छुट्टियों को रद्द करने के बाद वह व्रत और त्यौहार कैसे करेंगे यह चिंता सता रही है.

नई दिल्ली, 30 अगस्त (हि.स.)। बुधवार को आसमान में अद्भुत खगोलीय घटना देखने को मिल रही है। खास बात यह है कि इस बार फुल मून, सुपरमून और ब्लू मून तीनों एक साथ दिखाई दे रहे हैं। चंद्रमा पृथ्वी के बेहद नजदीक है। इसलिए सुपर ब्लू मून वाले दिन चंद्रमा सामान्य पूर्णिमा से करीब 14 प्रतिशत ज्यादा बड़ा दिखाई देता है।

खगोलशास्त्री के मुताबिक चंद्रमा की कलाओं का चक्र लगभग एक महीने तक चलता है। आम तौर पर हर साल 12 पूर्णिमा दिखते हैं। चंद्रमा के चरणों को पूरा होने में वास्तव में 29.5 दिन लगते हैं, जिसका अर्थ है कि 12 चंद्र चक्रों को पूरा करने में केवल 354 दिन लगते हैं। इसलिए हर 2.5 साल में एक कैलेंडर वर्ष के भीतर 13वीं पूर्णिमा देखी जाती है। यह 13वीं पूर्णिमा को ही ब्लू मून कहा जा रहा है। इस बार अगस्त के महीने में दो बार सुपर मून देखने को मिला है। इसके साथ शनि ग्रह भी चांद के ठीक दाहिनी ओर ऊपर देखा जा सकता है।

नासा के अनुसार, ब्लू मून या सुपर मून को हर साल देखना आम है, जबकि सुपर ब्लू मून, जहां दोनों घटनाएं मेल खाती हैं, एक दशक में लगभग एक बार ही घटित होती है। इसलिए अगस्त 2023 की दूसरी पूर्णिमा है, जिसे ब्लू मून के रूप में भी जाना जाता है। अगले सुपर ब्लू मून की जनवरी 2037 तक उम्मीद नहीं है, जो इस आगामी घटना के महत्व को रेखांकित करता है।

नई दिल्ली, 30 अगस्त (हि.स.)। चंद्रमा की सतह पर भ्रमण कर रहे प्रज्ञान रोवर ने नई जानकारी दी है। रोवर के भेजे गए सैंपल्स की जांच में सल्फर के मौजूदगी की पुष्टि हुई है। सल्फर, जीवन के लिए एक जरूरी तत्व है। प्रज्ञान रोवर को कई अन्य जरूरी एलिमेंट्स भी मिले हैं। हालांकि, हाइड्रोजन की खोज जारी है।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की तरफ से एक्स पर साझा की गई जानकारी के मुताबिक चंद्रमा पर सल्फर मिला है। चंद्रयान-3 मिशन प्रज्ञान रोवर पर लेजर बेस्ड ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप (एलआईबीएस) उपकरण लगा है। इस उपकरण ने दक्षिण ध्रुव के पास चंद्रमा की सतह पर सल्फर (एस) की उपस्थिति की स्पष्ट रूप से पुष्टि की है। इसके साथ चंद्रमा पर एल्युमिनियम, कैल्शियम, आयरन, क्रोमियम, टाइटेनियम, मैग्नीशियम, सिलिकॉन और ऑक्सीजन का भी पता चला है। हालांकि, चंद्रमा पर हाइड्रोजन की खोज अभी की जा रही है।

नई दिल्ली, 30 अगस्त (हि.स.)। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने आज कहा कि भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर मोदी सरकार झूठ बोलती है। राहुल गांधी बुधवार को यहां पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

राहुल गांधी ने कहा कि चीन ने हमारी सीमा में अतिक्रमण किया है। यह बात पूरा लद्दाख जानता है लेकिन प्रधानमंत्री मोदी कहते हैं कि लद्दाख में एक इंच भी ज़मीन नहीं गई है। यह झूठ है। पूरा लद्दाख जानता है कि चीन ने अतिक्रमण किया है।

राहुल ने कहा कि चीन ने जो मानचित्र जारी किया है, वह गंभीर मामला है। इस पर प्रधानमंत्री को कुछ बोलना चाहिए।

उल्लेखनीय है कि चीन ने हाल ही में अपना नक्शा जारी किया है, जिसमें वह अरुणाचल और अक्साई चिन को अपना हिस्सा बता रहा है। इसको लेकर कांग्रेस अध्यक्ष और पार्टी की ओर से कल भी आपत्ति जताई गई थी। कल कांग्रेस ने कहा था कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से चार दिन पहले प्रधानमंत्री मोदी की मुलाकात हुई। उसके बाद भारत सरकार ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को लेकर सख्त लहजे में चीन से बात की है। इस मुलाकात के बाद अब चीन ने एक नक्शा जारी किया है, जिसमें वह अरुणाचल और अक्साई चिन को अपना हिस्सा बता रहा है। कल कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी से सवाल पूछा था कि यह कैसा सख्त लहजा है कि चीन अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा?

नई दिल्ली, 30 अगस्त (हि.स.)। चंद्रयान-3 मिशन को लेकर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने ताजा अपडेट जारी किया है। इसरो ने बुधवार की सुबह प्रज्ञान रोवर द्वारा ली गई विक्रम लैंडर की एक तस्वीर साझा की है। ‘मिशन की छवि’ रोवर पर लगे नेविगेशन कैमरे द्वारा ली गई थी। चंद्रयान-3 मिशन के लिए नवकैम (नेवीगेशन कैमरा ऑनबोर्ड द रोवर) इलेक्ट्रो-ऑप्टिक्स सिस्टम प्रयोगशाला द्वारा विकसित किए गए हैं। यानि यह पूरी तरह से स्वदेशी कैमरा है।

इसरो द्वारा साझा की गई तस्वीरों में विक्रम लैंडर को दिखाया गया है, जिसमें उसमें लगे पेलोड चस्ते और इलसा और दिखाया गया है। प्रज्ञान रोवर के पास दो पेलोड है जबकि विक्रम लैंडर के पास तीन पेलोड हैं जो चंद्रमा की सतह पर विभिन्न प्रकार के शोध करेंगे।

नई दिल्ली, 30 अगस्त (हि.स.)। लोकसभा की विशेषाधिकार समिति ने कांग्रेस सांसद अधीर रंजन पर लगे आरोपों से उन्हें बरी कर दिया है। समिति ने अपनी सिफारिश में अधीर रंजन के निलंबन को वापस लेने की मंजूरी प्रदान की है। यह समिति अपनी सिफारिश लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को देगी। इसके बाद ओम बिरला समिति की सिफारिश को स्वीकार करते हुए अधीर रंजन का निलंबन समाप्त करने की घोषणा करेंगे।

इससे पहले विशेषाधिकार समिति की बैठक में यह तय हुआ था कि अधीर रंजन को भी अपनी बात रखने का मौका दिया जाए। इसी बाबत आज की बैठक में अधीर रंजन ने विशेषाधिकार समिति के सामने अपनी बात रखी। इसमें उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य किसी की भावना को आहत करने का नहीं था। विशेषाधिकार समिति ने अधीर रंजन की बातों पर विश्वास करते हुए निलंबन खत्म करने का प्रस्ताव पारित किया। अब यह प्रस्ताव लोकसभा अध्यक्ष को भेजा जाएगा।

विशेषाधिकार समिति की पिछली बैठक में ही अधीर रंजन के खिलाफ मामले को खत्म करने पर लगभग सहमति बन चुकी थी लेकिन लोकसभा अध्यक्ष द्वारा मामला विशेषाधिकार समिति को सौंपे जाने से इसकी रिपोर्ट बनानी जरूरी थी। इसलिए अधीर रंजन को विशेषाधिकार समिति के सामने पेश होकर उनके विचार को जानना जरूरी हो गया था। ताकि विस्तृत रिपोर्ट में सारी बातें लिखी जा सकें।

पिछली बैठक में समिति के एक सदस्य ने यह बात रखी थी कि सत्र समाप्त हो जाने के बाद निलंबन का मामला स्वतः खत्म हो जाता है। उन्होंने समिति को इसके लिए ओडिशा विधानसभा में हुए निलंबन और हाई कोर्ट के फैसले का उदाहरण भी दिया था। इसी बैठक में सभी सदस्यों का यह मानना था कि मामला लोकसभा अध्यक्ष द्वारा भेजा गया है, इसलिए एक बार अधीर रंजन को भी बुलाया जाना चाहिए। ताकि पूरी रिपोर्ट बना कर लोकसभा अध्यक्ष के सामने भेजी जा सके और आगे की कार्रवाई लोकसभा अध्यक्ष करें।

उल्लेखनीय है कि हाल ही में संपन्न हुए संसद के मानसून सत्र में लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर हुई चर्चा के दौरान कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लेकर की गई कुछ टिप्पणियों और उनके आचरण के कारण 10 अगस्त को सदन की कार्यवाही से निलंबित कर दिया गया था।

सरकारी स्कूलों में तीज और जीवित्पुत्रिका व्रत सहित 13 दिनों की छुट्टी समाप्त, मचा है सियासी घमासान

Chhapra: सरकारी विद्यालयों में दिसंबर 2023 तक के लिए जारी अवकाश तालिका में शिक्षा विभाग के माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने संशोधन किया है. नई संशोधन के अनुसार दिसंबर तक की छुट्टी में तीज और जीवित्पुत्रिका व्रत के साथ जन्माष्टमी की छुट्टी को समाप्त कर दिया है. वही दुर्गापूजा, दीपावली एवं छठ की छुट्टियों में कटौती की गई है.

संशोधित अवकाश तालिका के अनुसार दुर्गापूजा में 3 दिन(रविवार सहित), दीपावली में 1 दिन ( रविवार), छठ में दो दिन रविवार सहित, के साथ अनंत/ हजरत साहब का जन्मदिन, क्रिसमस, चेहलुम, भैयादूज/ चित्रगुप्त पूजा में एक एक दिन की छुट्टी शामिल है.

इसके पूर्व जन्माष्टमी को एक दिन, तीज दो दिन, जीवित्पुत्रिका एक दिन, कार्तिक पूर्णिमा को एक दिन, दुर्गापूजा में 6 दिन की बजाय 2 दिन दिया जा रहा है.