नगरा : प्रखंड कार्यालय में गुरुवार की दोपहर शौचालय निर्माण की राशि नही मिलने से नाराज महिलाओं जमकर हंगामा किया. प्रदर्शन कर रही महिलाओं का कहना था कि महीनों से आवेदन देने के बाद भी अभी तक उन्हें शौचालय निर्माण की राशि मुहैया नहीं कराई गई है.

उनका कहना था कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत सरकार द्वारा एक तरफ खुले में शौच मुक्त जैसी योजनाएं चलाई जा रही रही है और प्रोत्साहन राशि देने का भी दावा किया जा रहा है. लेकिन नगरा प्रखंड के अफ्फोर पंचायत दर्जनो घर ऐसे है जो इस योजना के तहत शौचालय बनाने के बाद राशि के लिए टकटकी लगाए बैठे हैं.

कई महीनों बाद भी अब तक प्रोत्साहन राशि नहीं मिलने से लोगों में आक्रोश है. हंगामा कर रही महिलाओं ने बताया कि शौचालयों की राशि भेजने में लापरवाही किया जा रहा है.

क्या कहते है बीडीओ:
प्रखंड विकास पदाधिकारी श्रीनिवास ने बताया कि ग्रामीण शिकायत लेकर प्रखंड कार्यालय आए थे. शौचालय निर्माण पर मिलने वाली प्रोत्साहन राशि अभी तक नहीं मिला है. ये सभी का जांच किया जा रहा है किस कारण राशि नही गया है. जल्द ही जांच कर उनके खाते में भेजा जाएगा.

प्रदर्शन कर रही महिलाओं में रीता देवी, गुड़िया देवी, सोना देवी, मालती देवी, आरती देवी, निर्मला देवी समेत दर्जनों महिलाएं मौजूद थीं.

Chhapra: छपरा को खुले में शौच से मुक्त करने के लिए नगर निगम लगातार प्रयास कर रहा है. नगर विकास विभाग के निर्देश के बाद इस दिशा में होने वाले कार्य में तेज़ी आयी है. विभाग से नगर निगम को 2 अक्टूबर के पहले छपरा को ओडीएफ घोषित करने का निर्देश मिला है. इसका मतलब 2 अक्टूबर से पहले खुले में शौच जाने वालों को अब शौचालय मुहैया करा दी जायेगी.

शौचालय बनाने के लिए मिल रहा 12 हजार:
आपको बता दे कि शौचालय बनाने के लिए नगर निगम द्वारा लोगों को दो मुश्त में कुल 12 हजार की अनुदान राशी दी जा रही है. जिसमे प्रथम क़िस्त में 7500 और शौचालय निर्माण के बाद दूसरा मुश्त 4500 रूपए लाभुको के खाते में भेजे जा रहे हैं.

छपरा में 6500 परिवार हैं शौचालय विहीन:

2018 में नगर निगम द्वारा कराये गये सर्वे में लगभग 6500 परिवारों में शौचालय नहीं होने की बात सामने आयी थी. जिसमें नगर निगम के 5500 परिवारों को शौचालय बनाने के लिए प्रथम क़िस्त की राशि दी जा चुकी है. जिसमे लगभग 4500 परिवारों को दूसरी क़िस्त की राशि भी भेज दी गयी है.

शौचालय बनाने के लिए जमीन नहीं तो बनेगा सामुदायिक शौचालय:
साथ ही वैसे परिवार जिनके पास शौचालय बनाने के लिए पर्याप्त जमीन नहीं है उनके लिए नगर निगम सामुदायिक शौचालय बनवायेगा. इसके अलावें नगर निगम 500 से अधिक मोबाइल टॉयलेट खरीदने की तैयारी कर रहा है. जिसमें टेंडर के जरिए 500 से अधिक चलंत शौचालय खरीदे जायेंगे.

45 में से 28 वार्ड ओडीएफ घोषित:

गौरतलब है कि छपरा नगर निगम के 45 वार्डों में से 28 वार्डों को ओडीएफ घोषित किया जा चुका है. 2 अक्टूबर से पूर्व अन्य वार्डों को भी ओडीएफ घोषित करने के लिए नगर निगम लगातार प्रयास कर रहा है.

क्या बोले नगर आयुक्त:

नगर आयुक्त अजय सिन्हा ने कहा कि छपरा नगर निगम के सभी वार्डो में इसके लिए कार्य किये जा रहे हैं. 2 अक्टूबर से पूर्व सभी वार्डों को ओडीएफ घोषित कर दिया जायेगा.

छपरा: नगर निगम दो हज़ार लाभुकों के विरुद्ध नोटिस जारी करने जा रहा है. जिन्होंने शौचालय निर्माण के नाम पर राशि लेने के बाद भी निर्माण नहीं कराया है.

ज्ञात हो कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत नगर निगम ने लगभग पांच हजार शहरी लाभुकों को शौचालय निर्माण के लिए प्रथम किस्त के साढे सात हजार रुपये उनके बैंक खाते में दिये गये थे. जिसके बाद भी आधे से अधिक लाभुक शौचालय निर्माण नहीं करा पाय हैं. जबकि दूसरी किस्त भी उनकी पड़ी है.

शौचालय का काम पूरा करने के लिए नगर निगम ने लाभुकों से अपील की हैं कि वे पहली किस्त की राशि खर्च कर दूसरी किस्त का आवेदन दें. ताकि निगम को ओडिएफ घोषित किया जा सके. अगर लाभुकों ने शौचालय का निर्माण अगर जल्द से जल्द नही कराया तो फिर नगर निगम से नोटिस जाने के बाद उन्हें निगम के चक्कर काटने पड़ सकते हैं.

पटना: बिहार सरकार ने आगामी पंचायत स्तरीय चुनाव के लिए उम्मीदवारों के घर में शौचालय की अनिवार्यता समाप्त कर दी है.

बिहार राज्य पंचायत राज अधिनियम 2006 में दिए गए प्रावधानों में संशोधन करते हुए यह फैसला लिया गया है.

कैबिनट सचिव ब्रजेश मल्होत्रा ने कैबिनेट के बैठक में निर्णय लेते हुए बताया कि पंचायत चुनाव हेतु मुखिया,सरपंच,पंचायत समिति सदस्य और जिला परिषद सदस्यों को अपने घरों में शौचालय बनाना जरूरी नहीं होगा.

पूर्व के प्रावधान से गरीब और कमजोर वर्ग के प्रतिनिधि को पंचायत चुनाव लड़ने में समस्या होती,जिस कारण ही इस नियम की बदला गया है.उन्होंने कहा की बड़ी संख्या में कमजोर वर्ग के लोगों के पास शौचालय बनाने की जमीन भी उपलब्ध नहीं है.