Chhapra: वाराणसी रेल मंडल के डीआरएम विजय कुमार पंजीयार के साथ ट्रेन द्वारा बाहर से आने वाले लोगों के व्यवस्था को लेकर परिसदन में उच्चस्तरीय पदाधिकारियों की बैठक हुई. बैठक में जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने कहा कि छपरा जंक्शन पर उतरने वाले सभी लोगों के लिए सरकार से प्राप्त दिशा निर्देश के अनुरूप समुचित व्यवस्था कराई जा रही है.

सिविल सर्जन, सारण को आने वाले सभी लोगों की स्क्रीनिंग करा लेने के लिए पर्याप्त संख्या में मेडिकल टीम गठित करने का निर्देश दिया गया है. लोगों को उनके गंतव्य तक भेजने के लिए वाहन कोषांग गठित कर दी गयी है और जरूरी संख्या में छोटे-बड़े सभी प्रकार के बसों एवं वाहनों को रखने का निर्देश दिया गया है. छपरा जंक्शन पर उतरने वाले सभी लोगों के सुविधा के लिए स्टेशन परिसर में पंडाल लगाया जायेगा और लोगों के बैठने के लिए कुर्सियां भी रखी जायेगी. स्टेशन पर उतरने से लेकर स्क्रीनिंग एवं बसों में बैठाने के समय तक सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन कराया जाएगा. जिला प्रशासन की तरफ से वरीय पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति भी की जा रही है.

जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने कहा कि व्यवस्था फूलप्रुफ रहेगी, ताकि कोई स्टेशन परिसर से निकल नहीं सके. डीआरएम विजय कुमार पंजीयार ने कहा कि रेलवे एवं जिला प्रशासन के अधिकारियों के बीच बेहतर समन्वय रहे इसके लिए अधिकारियों की एक व्हाट्सऐप ग्रुप बना ली जाय, ताकि सूचनाओं का भी शीध्र आदान-प्रदान किया जा सके.

डीआरएम ने कहा कि स्टेशन परिसर में पब्लिक ऐड्रेस की व्यवस्था रहेगी तथा सुरक्षा की भी व्यवस्था रहेगी, ताकि ट्रेन की दुसरी साईड से कोई व्यक्ति बाहर नहीं निकल सके. प्रत्येक बोगी से उतरने वाले गेट के पास भी सुरक्षा बल के जवान रहेंगे. यात्रियों से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराते हुए ट्रेन से उतारा जाएगा और कतार बनाकर प्लेटफार्म से बाहर निकाला जाएगा. डीआरएम ने कहा कि किसी भी राजनेता को स्टेशन परिसर में नहीं जाने दिया जाय तथा मिडिया के लिए ब्रिफिंग की व्यवस्था बना ली जाए. जिलाधिकारी ने कहा कि स्टेशन परिसर में राजनितिक व्यक्ति को जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी. मिडिया के संबंध में जिलाधिकारी के द्वारा डीपीआरओ को जरूरी निदेश दिया गया.

बैठक में डीआरएम और जिलाधिकारी के साथ पुलिस अधीक्षक हर किशोर राय, सीनियर कमांडेन्ट, आरपीएफ ऋषि पाण्डेय, सहायक सुरक्षा आयुक्त, सुरेन्द्र प्रताप मिश्र, अपर समाहर्त्ता, सारण, डॉ गगन, सिविल सर्जन माधवेश्वर झा, निदेशक, डीआरडीए सुनील कुमार पाण्डेय, डीसीएलआर, सदर संजय कुमार, स्टेशन डायरेक्टर, छपरा जंक्शन संजय शर्मा सहित अन्य पदाधिकारीगण उपस्थित थे.

Chhapra/ Varanasi: पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी सिटी- औड़िहार- गाजीपुर सिटी- बलिया- छपरा रेल खण्ड पर मंगलवार को वाराणसी के मंडल रेल प्रबंधक विजय कुमार पंजियार द्वारा एक विशेष आपातकालीन स्पेशल ट्रेन चलाया गया.

ट्रेन में मंडल रेल प्रबंधक विजय कुमार पंजियार, वरिष्ठ मंडल इंजीनियर(समन्वय) राजीव अग्रवाल, वरिष्ठ मंडल इंजीनियर-2 प्रवीण कुमार पाठक, वरिष्ठ मंडल चिकित्साधिकारी डा नीरज कुमार एवं वरिष्ठ मंडल यांत्रिक इंजीनियर ओ एण्ड एफ अरविंद कुमार व वरिष्ठ पर्यवेक्षक शामिल थे.स्पेशल ट्रेन वाराणसी सिटी से रवाना होकर औड़िहार, नंदगंज, सैदपुर, भीतरी, गाजीपुर सिटी, बलिया, सहतवार, सुरेमनपुर, छपरा, पचरुखी स्टेशनों पर रुकते हुए सीवान तक गयी.

इस ट्रेन से चल रहे मंडल रेल प्रबंधक पंजियार ने कोरोना वायरस से जारी जंग में कर्मचारियों की तैयारी को देखा और जानकारी ली. साथ ही उन्होंने इन कठिन परिस्थितियों में कार्य कर रहे लाइन कर्मचारियों का मनोबल बढ़ाते हुए फल, बिस्कुट, फेस मास्क, साबून, हैण्ड ग्लब्स और सेनिटाइजर वितरित किया.इस ट्रेन में उपस्थित मेडिकल टीम में डा नीरज कुमार के नेतृत्व में कर्मचारियों की थर्मल स्क्रीनिंग की गई और उन्हें कोरोनॉ से बचाव हेतु बरती जाने वाली सावधानियों को व्यवहार में लाने तथा सुरक्षित दूरी बनाकर अपना कार्य करने हेतु प्रेरित किया गया.

इस अवसर पर थर्मल जांच मशीन से सभी रेलवे स्टेशन पर कार्यरत कर्मचारियों और रेलवे सुरक्षा बल के कर्मचारियों की स्वास्थ्य जांच की गई.

इस अवसर पर मंडल रेल प्रबंधक ने बताया कि 21 दिनों के राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के समाप्त होने पर संभावित परिचालन को चालू करने के लिए एवं मंडल में वर्तमान में चल रही मालगाड़ियों जो देश के विभिन्न हिस्सों में आवश्यक वस्तुओं के परिवहन कर रहीं है, इनके लिए कर्मचारियों स्वास्थ्य होना और पटरियों को सुरक्षित स्थिति में रखना आवश्यक है. यह कार्य मंडल के सभी स्टेशनों पर विभिन्न पदों पर लगातार कार्यरत कर्मचारियों द्वारा ड्यूटी के कारण ही संभव हो पा रहा है. ऐसे में मंडल रेल प्रबंधक ने अपनी टीम के साथ इन कर्मचारियों का संज्ञान लिया उनके स्वास्थ्य की जाँच कराई और उनसे औपचारिक भेंट कर उनका हौसला बढ़ाया.

इनमें परिवहन का काम करने वाले लोको पायलट, गार्ड, स्टेशन मास्टर, परिचालन, सिगनल, विद्युत /विद्युतीकरण एवं इंजीनियर के स्टाफ समेत गैंग मैन, सफाई कर्मी, गेट मैन, ग्रुप डी स्टाफ, रेल सुरक्षा बल और सभी स्टेशन कर्मचारियों को कवर करने और आवश्यक सामग्रियों को पहुंचाने के उद्देश्य से यह आपातकालीन स्पेशल ट्रेन चलाई गई.

Varanasi:शुक्रवार को वाराणसी कैंट अवस्थित उत्तर रेलवे के सामुदायिक हाॅल में उत्तरीय रेलवे मजदूर यूनियन ने रेलकर्मियों का “संरक्षा-सुरक्षा गोष्ठी एवं युवा सम्मेलन 2018” आयोजित किया. जिसमें बड़ी संख्या में उत्तर रेलवे तथा पूर्वोत्तर रेलवे के कर्मचारियों ने हिस्सा लिया. इसकी जानकारी पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ के वाराणसी मंडल के अध्यक्ष ए एच अंसारी ने दी.

कार्यक्रम के मुख्य अथिति एनएफआईआर, नई दिल्ली के महामंत्री डाॅ० एम राघवैया ने रेल कर्मचारियों को सम्बोधित किया. कहा कि”संरक्षा-सुरक्षा गोष्ठी एवं युवा सम्मेलन 2018″ का मुख्य उद्देश्य भारत सरकार और रेल मंत्रालय पर दबाव बनाना एवं न्यू पेंशन स्कीम समाप्त कर पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू कराना है. न्यू पेंशन स्कीम नए रेल कर्मचारियों एवं समाज के लिए एक काला कानून है जो समाज तथा नए रेल कर्मचारियों के लिए घातक है. रेलवे पर वन नेशन- वन पेंशन की माँग फेडरेशन उठाता रहा है. हमारा मुख्य उद्देश्य रेलवे का नीजिकरण बंद करना एवं सभी विभागों में खाली पड़े पदों को शीध्र भरना आदि है. 

साथ ही इस सम्मेलन को यूआरएमयू के महामंत्री सह एनएफआईआर के संयुक्त महामंत्री बी सी शर्मा , पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ के केन्द्रीय कार्यकारी अध्यक्ष सह जोनल सचिव , एनएफआईआर रमेश मिश्रा एवं पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ , गोरखपुर के महामंत्री विनोद राय ने भी सम्बोधित किया.इस कार्यक्रम में छपरा से रेलवे के विभिन्न विभागों से 10 युवा ब्रिगेड के डेलिगेट्स एवं सैकड़ों पूर्वोतर रेलवे कर्मचारी संघ के सदस्य मंडल अध्यक्ष ए एच अंसारी के नेतृत्व में इस सम्मेलन में भाग लिए. मुख्य रूप से एस आर सहाय , प्रेम नाथ सिंह , सोनाली कुमारी, अजय कुमार बेसरा, महेश कुमार माँझी, रंजय कुमार, प्रतिमा कुमारी, रविशंकर कुमार, आदि कर्मचारी नेता उपस्थित थे.

 

नई दिल्ली: यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोपरि रखकर काम कर रही रेलवे ने पटरियों के नवीनीकरण पर खासा जोर दिया है. इसके तहत देशभर में रेलवे ट्रैक नवीनीकरण का कार्य चल रहा है. साल 2017-18 में कुल 4405 किलोमीटर रेलवे ट्रैक का नवीनीकरण किया गया.

ट्रैक नवीनीकरण में टूटी-फूटी या घिसी हुई कमजोर पटरियों को मरम्मत कर इन्हें दुरुस्त किया जाता है. कमजोर ट्रैक ही अक्सर ट्रेन के पटरी से उतरने और दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं. 

रेलवे नवीनीकरण का कार्य ट्रैक पर ब्लॉक लगाकर करती है. जो कई बार ट्रेन के लेट होने का भी कारण बनता है.रेलवे ट्रैक के नवीनीकरण पर किए गए रिकॉर्ड काम का ही नतीजाहै कि देश में होने वाली रेल दुर्घटनाओं में बड़ी गिरावट आई है. साल 2017-18 में देश में 73 रेल हादसे हुए.  ऐसा पहली बार हुआ है जब रेल हादसों की संख्या दो अंको में सिमट कर रह गई.

अपने अथक प्रयासों से रेलवे दुर्घटनाओं में कमी लाने में कामयाब हुई है. भविष्य में भी दुर्घटनाओं पर और काबू पाने के लिए रेलवे ने यात्री सुरक्षा को लेकर और भी सजग होने का प्रयास कर रही है.

Chhapra (Santosh kumar Banty): सारण के विकास को लेकर नरेंद्र मोदी की केंद्र सरकार नई योजना लागू करने जा रही है. जिससे न सिर्फ देश के मानचित्र पर सारण का नाम स्थापित होगा बल्कि विकास के नए मार्ग भी प्रशस्त होंगे.

दिल्ली में हुई बैठक का अनुसार केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय जलमार्ग-एक (एनडब्ल्यू-1) के हल्दिया-वाराणसी खंड में नौवहन के विस्तार के लिए 5,369 करोड़ रुपए की जल विकास परियोजना (जेपीएमपी) को शुक्रवार को मंजूरी दे दी है. यह परियोजना उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल में पड़ती है.

इन जिलों को मिलेगा लाभ

इसके तहत आने वाले प्रमुख जिलों में वाराणसी, गाजीपुर, बलिया, बक्सर, छपरा, वैशाली, पटना, बेगूसराय, खगड़िया, मुंगेर, भागलपुर, साहिबगंज, मुर्शिदाबाद, पाकुर, हुगली और कोलकाता शामिल हैं.

पोत परिवहन मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (CCEA) की बैठक में जल मार्ग विकास परियोजना के क्रियान्वयन को मंजूरी दी गई.

2023 तक पूरी होगी परियोजना

इसके तहत राष्ट्रीय जलमार्ग-एक पर क्षमता विस्तार किया जाएगा. इस पर 5,369.18 करोड़ रुपए की लागत आएगी. इसके लिए विश्व बैंक की ओर से तकनीकी और निवेश सहयोग मिलेगा. इस परियोजना के मार्च 2023 तक पूरा होने की उम्मीद है. इससे परिवहन का वैकल्पिक तरीका उपलब्ध होगा जो पर्यावरणानुकूल और लागत दक्ष होगा. इस परियोजना से देश में लॉजिस्टिक्‍स की लागत को नीचे लाने में मदद मिलेगी. सरकार ने कहा है कि इससे बुनियादी ढांचा विकास मसलन मल्टी माडल और इंटर मॉडल टर्मिनल, रोल ऑन-रोल ऑफ (रो-रो) सुविधा, फेरी सेवाओं तथा नौवहन को प्रोत्साहन मिलेगा.

1.50 लाख लोगों को मिलेगा रोजगार

बयान में कहा गया है कि एनडब्ल्यू-1 के विकास एवं परिचालन से 46,000 प्रत्यक्ष रोजगार के अवसरों का सृजन होगा. इसके अलावा जहाज निर्माण उद्योग में 84,000 अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होंगे.

5369 करोड़ की आएगी लागत

परियोजना के फाइनेंस पर सरकार ने कहा कि इसमें आईबीआरडी ऋण का हिस्सा 2,512 करोड़ रुपए (37.5 करोड़ डॉलर) और भारत सरकार के सहयोग के कोष का हिस्सा 2,556 करोड़ रुपए (38 करोड़ डॉलर) होगा. इसे बजटीय आवंटन तथा बांड निर्गम से प्राप्त राशि के जरिए जुटाया जाएगा. सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) के तहत निजी क्षेत्र की हिस्सेदारी 301 करोड़ रुपए (4.5 करोड़ डॉलर) होगी.

परियोजना के तहत फेयरवे विकास, वाराणसी, साहिबगंज और हल्दिया में मल्टी मॉडल टर्मिनल के अलावा कालूघाट और गाजीपुर में इंटर माडल टर्मिनल और फरक्का में नए नौवहन लॉक का निर्माण शामिल है.