Chhapra: सारण जिला भोजपुरी साहित्य सम्मेलन की ओर से लोक कवि -रंगकर्मी भिखारी ठाकुर की पुण्य तिथि प्रातीक्षा यमुनापुरी, छपरा में मनाई गई।
अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में ब्रजेन्द्र कुमार सिन्हा ने कहा कि लोक भाषा को गौरव गरिमा मंडित कर भोजपुरी भाषा को राष्ट्रीय स्तरीय भाषा से महिमान्वित करने वाले भिखारी भाषा के ठाकुर बन गए हैं। भोजपुरी सन्त मनीषियों की भाषा के साथ वैदिक युग मे भोजो की लंबी परंपरा को उजागर करने वाली भाषा है। भिखारी ने इसकी मर्यादा का पालन करते हुए शिष्ट संयमित लौकिक भाषा का प्रयोग किया है। सभी भोजपुरी के प्रयुक्त शब्द अपनी सीमा के अधीन सार्थक एवं सामाजिक है।
भिखारी ठाकुर ने अपने नाटकों के माध्यम से नए समाज के निर्माण करने का सतत प्रयास किया है। कई सामाजिक विसंगतियों को दूर करने की दिशा में एक सामाजिक बहुआयामी कार्य किया है।
इस अवसर पर अपने भाव बिम्ब को प्रगट करने वालो में प्रो के के द्विवेदी, प्रो डॉ एम के शरण, बबन सिह, हरिशंकर प्रसाद, अभिनंदन सिह, राकेश कुमार विद्यार्थी, सुरेष कुमार चौबे, कामेश्वर प्रसाद सिह, विष्णु शंकर ओझा, कमल किशोर सिह, कमल देव सिह, सूर्य प्रकाश, अजय कुमार आदि प्रमुख रहे।