सारण और गोपालगंज जिले के 20 सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों का पांच दिवसीय प्रशिक्षण शिविर आयोजित

सारण और गोपालगंज जिले के 20 सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों का पांच दिवसीय प्रशिक्षण शिविर आयोजित

Chhapra: परिवार नियोजन कार्यक्रम की मजबूती के लिए सारण और गोपालगंज जिले की बीस सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों (सीएचओ) के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षण शिविर का आयोजन सदर अस्पताल परिसर स्थित सभागार में क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक इकाई के द्वारा पांच दिवसीय (08 से 12 जनवरी) तक किया गया। इस अवसर पर क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक प्रशांत कुमार, प्रशासनिक कर्मी मनोज कुमार, मुख्य प्रशिक्षक डॉ भारती सिंह, डॉ किरण ओझा, सदर अस्पताल स्थित प्रसव की स्टाफ नर्स प्रीति, ओटी स्टाफ निष्ठा कुमारी, सिफार के क्षेत्रीय कार्यक्रम समन्वयक धर्मेंद्र कुमार रस्तोगी सहित कई अन्य अधिकारी और कर्मी उपस्थित थे।

आईयूसीडी से होने वाले लाभ को विस्तारपूर्वक बताया गया: मुख्य प्रशिक्षक
मुख्य प्रशिक्षक सह सदर अस्पताल की महिला रोग विशेषज्ञ डॉ भारती सिंह ने प्रशिक्षण में शामिल सभी सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों को परिवार नियोजन के लिए उपलब्ध संसाधनों की जानकारी दी। क्योंकि परिवार नियोजन के लिए आईयूसीडी सबसे उचित माध्यम है। आईयूसीडी से होने वाले लाभ एवं लगाने के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों को लेकर विस्तार पूर्वक बताया गया। उपस्थित प्रतिभागियों को दो बच्चों के बीच दो या दो से अधिक वर्ष के अंतराल के लिए आईयूसीडी के प्रयोग से संबंधित प्रशिक्षण दिया गया।

अनचाहे गर्भ से बचने या दो बच्चों के बीच अंतर रखने का यह सुरक्षित माध्यम: महिला रोग विशेषज्ञ
मुख्य प्रशिक्षक सह सदर अस्पताल की महिला रोग विशेषज्ञ डॉ किरण ओझा ने कहा कि परिवार नियोजन कार्यक्रम की मजबूती को लेकर हरसंभव प्रयास किया जा रहा है। जिसको लेकर समय-समय पर सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी, जीएनएम, एएनएम को प्रशिक्षित किया जाता है। प्रशिक्षण के उपरांत संबंधित स्वास्थ्य कर्मी अपने-अपने स्वास्थ्य केंद्रों पर महिलाओं को परिवार नियोजन से संबंधित सेवाओं की जानकारी देकर इसके इस्तेमाल करने को लेकर जागरूक करेंगी।

परिवार नियोजन में आईयूसीडी सबसे बेहतर विकल्प: आरपीएम
क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक (आरपीएम) प्रशांत कुमार ने बताया कि महिलाएं चीर-फाड़ के डर से बंध्याकरण कराने से डरती हैं। लेकिन उनके लिए आईयूसीडी सबसे बेहतर विकल्प के रूप में सामने आया है। क्योंकि प्रसव के 48 घंटे के अंदर पीपीआईयूसीडी, गर्भ समापन के बाद पीएआईयूसीडी व आईयूसीडी कभी भी नजदीकी सरकारी अस्पतालों में आसानी से लगाया जा सकता है। इसके इस्तेमाल से जहां अनचाहे गर्भ से बचा जा सकता वहीं इसके इस्तेमाल करने से सेहत में किसी भी प्रकार से कोई नुकसान भी नहीं होता है।

सारण और गोपालगंज जिले से दास- दस सीएचओ हुई शामिल:
सारण जिले के अमनौर, दिघवारा, जलालपुर, मकेर, मांझी, मशरख, नगरा और सदर प्रखंड से एक – एक जबकि दरियापुर से दो सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। वही गोपालगंज जिले से भी दस सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों को शामिल किया गया है। जिसमें बरौली से दो, हथुआ, बैकुंठपुर, कुचायकोट, फुलवरिया, थावे, विजयीपुर, मांझा और गोपालगंज सदर प्रखंड से एक- एक सीएचओ शामिल है।

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