फाइलेरियारोधी दवा खुद खाकर जिलाधिकारी ने किया फाइलेरिया उन्मूलन अभियान का शुभारंभ

फाइलेरियारोधी दवा खुद खाकर जिलाधिकारी ने किया फाइलेरिया उन्मूलन अभियान का शुभारंभ

Chhapra: फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत शनिवार को सदर अस्पताल परिसर में सारण के जिलाधिकारी श्री अमन समीर ने तीन प्रकार की फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन कर सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम (आईडीए) की शुरुआत की।

इस दौरान सिविल सर्जन डॉ सागर दुलाल सिन्हा, डीएमओ डॉ दिलीप सिंह और सीडीओ डॉ आरपी सिंह सहित जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यालय के अधिकारियों व कर्मचारियों के अलावा मीडिया कर्मियों, जीएनएम कॉलेज के छात्र छात्राओं के साथ ही एनसीसी कैडेटों ने भी दवाओं का सेवन किया।

इस मौके पर जिलाधिकारी अमन समीर ने कहा कि फाइलेरिया रोग से मनुष्य में अपंगता हो जाती है और वह इससे उबर नहीं पाता है। इसलिए यह दवा सभी को खानी चाहिए। दवा खाना ही मात्र इस रोग का बचाव है। इस अभियान में स्वास्थ्य कार्यकर्त्ता की टीम लोगों को दवा देकर नहीं आएगी बल्कि अपने समक्ष दवा खुद खिलाएगी, जिससे शत प्रतिशत लोगों को दवा खिलाई जा सके। इस दवा के खाने से कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है, लेकिन जिन लोगों में फाइलेरिया के कीटाणु होंगे उन्हें दवा खाने पर चक्कर आ सकता है परंतु इससे घबराने की जरूरत नहीं है।

उन्होंने यह भी बताया कि फाइलेरिया रोग से संक्रमित व्यक्ति सामान्य व्यक्ति की तरह ही दिखता है क्योंकि किसी भी व्यक्ति को संक्रमण के पश्चात बीमारी का पता लगने में 5 से 15 वर्ष तक लग सकता है। इसलिए आईडीए के दौरान मुफ्त में दी जाने वाली फाइलेरिया रोग की दवा जरूर खाएं। मच्छरदानी का प्रयोग करें और अपने आसपास गंदा पानी न इकट्ठा होने दें।

इस अवसर पर सीडीओ डॉ आरपी सिंह, उपाधीक्षक डॉ आर एन तिवारी, डीपीएम अरविंद कुमार, डीवीडीसी सुधीर कुमार, डीसीएम व्रजेंद्र कुमार सिंह, डीएमएनई ब्रजेश कुमार, एचएम राजेश्वर प्रसाद, डब्ल्यूएचओ के प्रिंस राज, पीरामल स्वास्थ्य के आरएम हरिशंकर कुमार, सिफार के क्षेत्रीय कार्यक्रम समन्वयक, डीसी बिनोद श्रीवास्तव, एडीसी अमित कुमार, पीसीआई के डीएमसी सौरिष बनर्जी, पीरामल के बीसी पंकज कुमार शर्मा सहित कई अन्य अधिकारी और कर्मी उपस्थित थे।

लगभग 7 लाख घरों के 44 लाख लोगो को खिलाई जाएगी दवा: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ सागर दुलाल सिन्हा ने कहा कि जिले के 21 प्रखंडों में कुल 51, 44, 728 लोगों की जनसंख्या है। जिसके आधार पर 43, 73, 019 लोगों को लक्षित किया गया है। जिनको आईडीए के तहत दवाओं का सेवन कराया जाएगा। अभियान के सफल संचालन के लिए 2130 भ्रमणशील टीम का गठन किया गया है। जिनमें आशा कार्यकर्ता, आईसीडीएस की सेविकाएं और स्वास्थ्य कार्यकर्ता शामिल है। जो 6, 85, 963 घरों में जाकर लाभुकों को अपने समक्ष दवाओं का सेवन कराएंगी। इनकी निगरानी के लिए 208 पर्यवेक्षक को तैनात किया गया है। उन्होंने बताया कि आईडीए का यह अभियान 17 दिनों तक चलाया जायेगा। जिसमें प्रथम तीन दिन बूथ लगाकर दवाएं खिलाई जाएंगी। वहीं, 14 दिनों तक घर घर जाकर दवा का सेवन कराया जाएगा। इस कार्यक्रम की सफलता के लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ साथ सहयोगी संस्थान जैसे: – डब्ल्यूएचओ, पीरामल स्वास्थ्य, पीसीआई इंडिया, सिफार, जीविका, आईसीडीएस, एनसीसी, एनएसएस व अन्य संस्थानों के द्वारा जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। ताकि, लोगों को सामुदायिक स्तर पर जागरूक किया जा सके।

उम्र के हिसाब से करना होगा फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन: डॉ दिलीप
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ दिलीप कुमार सिंह ने बताया कि फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम में 02 वर्ष से 05 वर्ष के बच्चों को आईवरमेक्टिन, डीईसी तथा अल्बेंडाजोल की एक गोली, 06 वर्ष से 14 वर्ष तक के लोगों को डीईसी की दो तथा अल्बेंडाजोल की एक गोली एवं 15 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगों को डीईसी की तीन तथा अल्बेंडाजोल की एक गोली खिलाई जाएगी। जिलेवासियों से अपील है कि आप सभी अल्बेंडाजोल का सेवन आशा या स्वास्थ्य कार्यकर्ता की उपस्थिति में चबाकर ही खाना है। हालांकि सबसे अहम बात यह है कि 02 वर्ष से कम उम्र के बच्चों तथा गर्भवती महिलाओं को कोई भी दवा नहीं खिलानी है। कार्यक्रम में छूटे हुए घरों में आशा कर्मियों द्वारा पुनः भ्रमण कर दवा खिलाई जाएगी।

सदर अस्पताल परिसर से प्रचार प्रसार के लिए चार वाहन को शहरी क्षेत्रों में जन जागरूकता अभियान शुरू करने के लिए जिलाधिकारी अमन समीर और सिविल सर्जन डॉ सागर दुलाल सिन्हा के द्वारा संयुक्त रूप से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। वही दूसरी तरह जीएनएम, एएनएम और एनसीसी कैडेटों द्वारा रैली निकाली गई।

ध्यान रखने योग्य अहम जानकारी:
– किसी भी हालत में खाली पेट दवा का सेवन नहीं करना है।
– स्वास्थ्यकर्मियों के सामने ही दवा खाना है।
– अल्बेंडाजोल की गोली चबाकर ही खाना है।
– फाइलेरिया से सुरक्षित रहने के लिए अपने घरों के आसपास गंदा पानी इकट्ठा न होने दें।
– सोते समय अनिवार्य रूप से मच्छरदानी का उपयोग करें।

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