Chhapra (Surabhit Dutt) : आधुनिकता के दौर में हम सब अपने पीछे बहुत कुछ छोड़ आए हैं, जिन्हें भावी पीढ़ियों की जानकारी के लिए हमें संजोना था।
बदलते दौर के साथ संगीत को सुनने के यंत्रों में भी बदलाव हुए हैं। ग्रामोफोन से शुरू हुई संगीत प्रेमियों की यात्रा अब, कैसेट, सीडी के दौर से गुजरते हुए माइक्रो चिप और सीधे इंटरनेट से सुनने के युग में प्रवेश कर गई है। ऐसे में कुछ गीत और संगीत प्रेमी ऐसे हैं जिन्होंने इस पूरे यात्रा को अब तक संजोया है। इन्हीं में से एक हैं छपरा शहर के शिव बाजार मुहल्ला निवासी अविनाश कुमार।
अविनाश कुमार ने अपने घर के एक कमरे को छोटा संगीत संग्रहालय बना रखा है। जहां उन्होंने ग्रामोफोन, कैसेट प्लेयर, सीडी प्लेयर, वीडीओ कैसेट प्लेयर, म्यूजिक डेक से लेकर आधुनिक ब्लू रे सीडी प्लेयर को संग्रहीत कर रखा है। सबसे बड़ी बात यह हैं कि ग्रामोफोन से लेकर आधुनिक उपकरण चालू हालत में हैं। इस के साथ ही इनके संग्रह में ग्रामोफोन के हजारों LP से लेकर Audio Cassette, VHF Cassette संग्रहीत हैं।
उन्होंने बताया कि उनके बाबूजी स्व कमला प्रसाद को देख कर उनका शौक जगा। समय के साथ उनके बड़े भाई राजेश फैशन ने उनका उत्साह बढ़ाया और सपना साकार हुआ और शौक को संग्रहालय का रूप मिला। उन्होंने बताया कि घर में जब भी कोई मेहमान आता है वे उसे इस संग्रह को जरूर दिखाते हैं।
अविनाश का कहना है कि संगीत पहले था अब समाप्त हो गया है। पहले लोगों में संगीत सुनने के प्रति ललक थी पर अब नहीं है। आधुनिक युग में एक क्लिक में कोई भी गीत को सुना जा सकता है लेकिन पुराने गीतों के जैसी बात अब नहीं रही। उन्होंने बताया कि आने वाली पीढ़ियों को उनके संग्रह से यह देखने को मिलेगा कि कैसे संगीत श्रवण यंत्रों का क्रमागत विकास हुआ।
नि:संदेह अविनाश का शौक पुराने जमाने का अवलोकन ही नहीं बल्कि यह भी बता रहा है कि कैसे जो अभी नया है समय बदलने के साथ पुराना हो जाएगा। लेकिन जरूरत है सभी को संजोकर रखने की।