मेष राशि में उदय हो रहे हैं देव गुरु वृहस्पति,इन चार राशियों के चमकेंगे सितारे

मेष राशि में उदय हो रहे हैं देव गुरु वृहस्पति,इन चार राशियों के चमकेंगे सितारे

अप्रैल महीना में कई ग्रह अपना राशि परिवर्तन किये इस लिए इस माह में बहुत हलचल रहा. देव गुरु वृहस्पति अपनी ही राशि मीन से मेष राशि में गोचर किये पुरे 12 वर्ष के बाद लेकिन गुरु का गोचर हो गया लेकिन गुरु अभी भी अस्त है. गुरु जिस दिन उदय हो रहे है गुरू पुष्य नक्षत्र का संयोग बन रहा है. दिन भी गुरुवार पर रहा है जो भगवान विष्णु का प्रिय दिन है 27 अप्रैल 2023 से सुबह 7 बजे से अगले दिन सुबह 6 बजकर 7 मिनट तक यह शुभ मुहुर्त रहेगा. साथ इस दिन शनिदेव कुंभ राशि में, चंद्रमा कर्क राशि में और सूर्यदेव अपनी उच्च राशि मेष में विराजमान रहेंगे. इन 2 ग्रहों का अपनी ही राशि में होना काफी शुभ है. जब देव गुरु वृहस्पति उदय होंगे तो सभी राशियों का जीवन ठीक- ठाक रहेगा. क्योकि गुरु शुभ मुहुर्त में उदय होना बहुत ही शुभ माना जाता है .मंगल की राशि मेष में इनका उदय होना कुछ राशि के बेहद लाभकारी रहेगा. आपके राशि में गुरु उच्च के है मजबूत स्थिति में है तभी आपका भाग्य का उदय होगा. जन्म कुंडली में उच्च कर्क राशि में होते है यहाँ पर चंद्रमा का शासन है जब उच्च राशि में रहते है. तब वृहस्पति का प्रभाव से जीवन में ख़ुशी, शांति कई तरह से जीवन में अनुकूल प्रभाव पड़ता है. गुरु धनु राशि, मीन राशि में हो ऐसे जातक को धन तथा भौतिक सुख की प्राप्ति होती है. ऐसे लोग समाज में शक्तिशाली तथा अपना वर्चस्य बना कर रखते है. इनसे ज्ञान की प्राप्ति होती है संतान, भाई,शिक्षा, विवाह, धन सम्पति आदि का कारक माना जाता है. वृहस्पति मकर राशि में नीच के हो जाते है कई तरह से परेशानी देते है. यह एक आध्यामिक ग्रह है जिनके कारण सभी दिव्य गुणों से परिपूर्ण है. गुरु के ख़राब होने पर कोई भी कार्य करने पर उसको लाभ नहीं मिलता है, विवाह देर से होता है, दांत का रोगी, लीवर की बिमारी, नींद नहीं आना, कान में दर्द, पिलिया, गुरु या ब्राह्मण से झगड़ा होना, सिर का चक्कर आना शाररिक कष्ट होता है.

कब हो रहे है उदय :
27 अप्रैल 2023 दिन गुरुवार समय 02 बजकर 27 मिनट दिन में उदय होंगे.

कैसे अस्त होते है ग्रह :
जब कोई भी ग्रह तब अस्त होता है जब वह सूर्य के नजदीक आता है जिसे उसका प्रभाव कम हो जाता है, जिनसे आम जीवन पर पर काफी प्रभाव दिखाई देता है. जब भ्रमण करता हुआ सूर्य दुर चला जाता है तब ग्रहों का उदय होता है.

क्या प्रभाव पड़ता है वृहस्पति अस्त और उदय में
गुरु जब अस्त होते है सभी शुभ कार्य रुक जाते है कोई मांगलिक कार्य नहीं होता है जैसे नये मकान का निर्माण होना, वास्तु पूजन, विवाह नहीं होता है अगर आप गुरु के अस्त होने पर सभी मांगलिक कार्य करते है उसमे परेशानी उत्पन होगा. वह मांगलिक कार्य पूरा नही हो पता है लेकिन जैसे गुरु का उदय होते है सभी, मांगलिक कार्य की शुरुआत हो जाते है, जैसे नये मकान बनना, वास्तु तथा विवाह होना गुरु के उदय काल में किये गए सभी मांगलिक कार्य अच्छे ढंग से पूर्ण होते है.

किन राशि को फायदेमंद होगा.
मेष मिथुन सिह कुम्भ राशि के लिए लाभकारी रहेगा .

मेष: राशि के लिए बहुत बेहतर रहने वाला है व्योपार ठीक से चलेगा ,विदेश यात्रा का योग बनेगा. अधिकारी का सहयोग मिलेगा,प्रमोशन होगा. माता -पिता का पूरा सहयोग मिलेगा.

मिथुन : धन का लाभ होगा, रुका हुआ पैसा वापस मिलेगा.प्रमोशन होगा स्थाई सम्पति का लाभ मिलेगा .आय के स्त्रोत बढ़ जायेगे .संतान प्राप्ति के योग बन रहे ह .

सिह : नौकरी में अधिकारी का पुरा सहयोग मिलेगा, इन्किमेंट ठीक होगा, रुका हुआ धन प्राप्त होगा. कार्य क्षेत्र में उन्नति होगी. सामाजिक कार्य में रूचि बढ़ जाएगी .

कुम्भ : इस राशि में गुरु का उदय बहुत ही फायदेमंद रहने वाला है शनि के साढ़ेसाती का प्रभाव में कमी दिखाई देगा .जो लोग नये जॉब की तलाश में है उनको नये जॉब मिलेगे,परिवार खुशहाल रहेगा.

उपाय : गुरुवार के दिन चना के दाल का दान करे , गुरुवार के दिन पिला वस्त्र का दान करे, पिला चन्दन का लेप लगाये, पिला वस्त्र धारण करे, गुरु का मंत्र का जाप करे, विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ करे.

ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
8080426594/9545290847

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