नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया की हत्या के दोषी आनंद मोहन की रिहाई के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए बिहार सरकार और आनंद मोहन को नोटिस जारी किया है। जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने बिहार सरकार से रिहाई से जुड़ा रिकार्ड दो हफ्ते में जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।
याचिकाकर्ता जी कृष्णैया की पत्नी उमा कृष्णैया की ओर से पेश वकील सिद्धार्थ लूथरा और तान्या श्री ने आनंद मोहन की रिहाई को रद्द करके उसे फिर से जेल भेजे जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि आनंद मोहन की रिहाई के लिए उसके जेल में व्यवहार को तो ध्यान में रखा गया, लेकिन दोषी के पूर्व इतिहास को नजरअंदाज किया गया। ऐसा करना लोकहित के खिलाफ है। बिहार सरकार का ये कदम लोकसेवकों को मनोबल तोड़ने वाला है।
याचिका में कहा गया है कि गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया की 5 दिसंबर, 1994 को हुई हत्या मामले में दोषी आनंद मोहन की रिहाई हाल ही में बिहार सरकार के जेल नियमों में किये गये संशोधन के चलते संभव हो पाई है। आनंद मोहन की रिहाई सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के विपरीत है। आनंद मोहन की रिहाई का फैसला गलत तथ्यों के आधार पर लिया गया है।
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