लोकसभा ने नारी शक्ति वंदन विधेयक को पारित किया

लोकसभा ने नारी शक्ति वंदन विधेयक को पारित किया

नई दिल्ली, 20 सितंबर (हि.स.)। लोकसभा से बुधवार को महिलाओं को लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में 33 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने वाला विधेयक पारित हो गया। संविधान संशोधन विधेयक होने के कारण मतविभाजन द्वारा इसे पारित किया गया। संविधान में 128वें संशोधन किए जाने के पक्ष में 454 मत पड़े और 2 मत विरोध में पड़े। ज्ञात हो कि विधेयक को पारित किए जाने के लिए दो-तिहाई बहुमत अनिवार्य होता है।

नारी शक्ति वंदन विधेयक पर चर्चा में सदन के 60 सदस्यों ने भाग लिया। केन्द्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने विधेयक पर चर्चा का उत्तर दिया। चर्चा की शुरुआत कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने की और गृहमंत्री ने सबसे अंत में चर्चा में भाग लिया। इसके बाद मतपत्रों के माध्यम से मत विभाजन किया गया।

लोकसभा में विधेयक पर हुई चर्चा का उत्तर देते हुए अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महिला नेतृत्व विकास की बात कही है और यह विधेयक उसी दृष्टि से लाया गया है। दुनिया में जनप्रतिनिधियों में महिलाओं का 24 प्रतिशत प्रतिनिधत्व है। वर्तमान में भारत में 15.1 प्रतिशत महिलाएं जनप्रतिनिधी हैं। विधेयक के पारित होने से 33 प्रतिशत महिलाओं का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित होगा और विश्व में हमारी रैकिंग में इजाफा होगा।

उन्होंने कहा कि महिलाओं यानी मातृत्व से नेतृत्व में आने की स्थिति में निर्णय प्रक्रिया में संवेदनशीलता, सहजता तथा राष्ट्र और समाज की भलाई होगी।

परिसीमन से जुड़े प्रश्न का उत्तर देते हुए कानून मंत्री ने कहा कि उनकी सरकार इस बार महिला आरक्षण विधेयक को फंसने नहीं देगी। विधेयक से जुड़े कई तकनीकि पहलु हैं। जैसे कौन सी सीट किसके लिए आरक्षित होगी। इससे विधेयक आगे कानूनी प्रक्रिया में उलझ सकता है। पीआईएल के माध्यम से इसे लागू होने से रोका जा सकता है। ऐसे में सभी विषयों पर विचार करते हुए परिसीमन के बाद महिलाओं को आरक्षण देने की बात विधेयक में कही गई है।

मेघवाल ने कहा कि कांग्रेस के कार्यकाल के दौरान महिला आरक्षण विधेयक पारित नहीं हुआ। इसका प्रमुख कारण था कि नीति, नियत और नेतृत्व नहीं था। अब प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में नीति और नियत दोनों है।

राहुल गांधी के सचिवों की संख्या में ओबीसी की संख्या का विषय उठाने पर मेघवाल ने कहा कि वर्तमान में सचिव 92वें बैच से हैं। उस समय कांग्रेस की सरकार थी। उन्होंने इस विषय पर कोई काम क्यों नहीं किया। वहीं सचिव बनने की भी एक प्रक्रिया है।

इस दौरान अर्जुन राम मेघवाल ने बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर के सभी व्यस्कों को मताधिकार देने की बात कहते हुए कांग्रेस पर उन्हें दो बार हराने का आरोप लगाया। कांग्रेस ने अंबेडकर जी को भारत रत्न नहीं दिया। उन्होंने कहा कि महिलाएं आज मतदान को उत्सव की तरह मनाती हैं और इसके लिए बाबा साहेब को धन्यवाद देती हैं।

इसी बीच कांग्रेस की ओर से हंगामा करने पर गृह मंत्री ने बीच में कहा कि राहुल गांधी को हराने वाली भाजपा थी। यह तथ्य है। इसी तरह भीमराव अंबेडकरजी को हराने वाले कांग्रेस के नेता थे।

लोकसभा में देर शाम विधेयक को पारित कराने पर विचार किए जाने के दौरान आरएसपी के नेता एनके प्रेमचंद्रन ने कहा कि विधेयक में 33 प्रतिशत के करीब आरक्षण की बात कही गई है जिसे 33 प्रतिशत ही से बदलना चाहिए। इस पर गृह मंत्री ने उत्तर देते हुए कहा कि परिसीमन के दौरान 33 प्रतिशत आरक्षण देने का ही काम होगा। हालांकि कुछ स्थितियों में 33 प्रतिशत विभाजन संभव नहीं यानी भाग करना संभव नहीं है ऐसी स्थिति के लिए विधेयक में इसे शामिल किया गया है।

खंडवार विचार के दौरान एआईएमआईएम ने संशोधन के प्रस्ताव पर मतविभाजन की मांग की। इसके चलते विधेयक पारित करने की प्रक्रिया में देरी हुई। इसके बाद लोकसभा की कार्यवाही को गुरुवार 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।

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