श्रीहरिकोटा: भारत में बने स्पेस शटल RLV-TD को सोमवार को भारतीय अंतरिक्ष शोध संस्थान (ISRO) ने स्पेस सेंटर से लॉन्च किया. अमेरिकी स्पेस शटल जैसा दिखने वाला ये शटल फिलहाल प्रयोग की स्थिति में है और अपने असली साइज से 6 गुना छोटा है.
RLV-TD का मुख्य लक्ष्य पृथ्वी की कक्षा में उपग्रह पहुंचाना और फिर वायुमंडल में दोबारा प्रवेश करना है. शटल को एक ठोस रॉकेट मोटर से ले जाया जाएगा. नौ मीटर लंबे रॉकेट का वजन 11 टन है. RLV-TD के लॉन्चिंग सुबह करीब 6:30 बजे हुई.
अमेरिकी स्पेस शटल की तरह दिखने वाले डबल डेल्टा पंखों वाले यान को एक स्केल मॉडल के रूप में प्रयोग के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है. ये एक रियूजेबल लॉन्च व्हीकल है. ऐसा पहली बार हो रहा है, जब इसरो एक स्पेस क्राफ्ट लॉन्च कर रहा है, जिसमें डेल्टा विंग्स होंगे. लॉन्च के बाद ये स्पेस क्राफ्ट बंगाल की खाड़ी में वापस उतर आएगा. इस स्पेस क्राफ्ट के बनने में 5 साल का समय लगा और 95 करोड़ रुपये का खर्च आया है. ये फ्लाइट इस स्पेस क्राफ्ट की हायपर सोनिक एक्सपेरिमेंट स्पीड पर री-एंट्री को झेल पाने की क्षमता का आकलन करेगी.
प्रधानमंत्री ने दी बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर वैज्ञानिकों उनकी इस सफलता के लिए बधाई दी है. पीएम ने कहा भारत के पहले स्वदेशी अंतरिक्ष शटल RLV-टीडी की लॉन्चिंग हमारे वैज्ञानिकों के मेहनती प्रयासों का परिणाम है.
Launch of India’s first indigenous space shuttle RLV-TD is the result of the industrious efforts of our scientists. Congrats to them.
— Narendra Modi (@narendramodi) May 23, 2016