Chhapra: आरएसए का एक प्रतिनिधिमंडल जयप्रकाश विश्वविद्यालय के कुलपति से मिला. छात्र हित में एक मांग पत्र सौंपा. रिसर्च करने हेतु पेट का एग्जाम कुलपति महोदय ने कहा कि इलेक्शन बाद लिया जाएगा. विभिन्न महाविद्यालयों में प्रिंसपलों के द्वारा छात्र-छात्राओं का आर्थिक दोहन किया जा रहा है. इस पर संगठन एवं कुलपति से आम सहमति बनी कि विश्वविद्यालय तय करे और पूरे विश्वविद्यालय का एक ही अकाउंट हो वही पैसा जमा हो और विश्वविद्यालय तय करें कि कितना फीस लिया जाएगा.
कुलपति से संगठन का प्रतिनिधिमंडल स्पष्ट रूप से कहा कि विश्वविद्यालय के वर्तमान पी.आर.ओ द्वारा धार्मिक उन्माद फैलाने के मकसद सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट किया गया, जो अभी तक चल रहा है. एक संवैधानिक पद पर आसीन व्यक्ति द्वारा इस तरह का पोस्ट अशोभनीय हैं. इससे विश्वविद्यालय का माहौल एवं इसकी गरिमा धूमिल हो रही है. इसके पूर्व इस व्यक्ति के द्वारा नंदलाल सिंह महाविद्यालय में जातिगत उन्माद फैलाने की कोशिश की गई थी परंतु वहां के स्थानीय लोगों द्वारा मामले को आपस में सुलझा लिया गया था.
इस कारण संगठन मांग करती है कि ऐसे व्यक्ति के खिलाफ त्वरित कार्रवाई किया जाए और भविष्य में ऐसा नहीं करने की नसीहत दी जाए. नहीं तो संगठन विश्वविद्यालय को जे.एन.यू बनाने का ख्वाब देखने वाले के मंसूबे को कतई पूरा नहीं होने देगा.
इस पर कुलपति ने कहा कि पीआरओ पर निलंबन करने की कार्रवाई की जाएगी. जिस ग्रुप में इस तरह की बातें हुई है. ग्रुप एडमिन डॉक्टर विद्याधर सिंह, डॉक्टर आलोक रंजन तिवारी, डॉक्टर अजीत शर्मा पर भी शोकॉज हो रहा है शोकॉज का जवाब आने के बाद निश्चित रूप से सब पर कार्रवाई की जाएगी.