आज शरद पूर्णिमा है. शरद पूर्णिमा आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाया जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शरद पूर्णिमा (कोजागिरी लक्ष्मी पूजा 2020) की रात को चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से परिपूर्ण होकर अमृत की वर्षा करते है. शरद पूर्णिमा को कौमुदी यानि मूनलाइट या कोजागरी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. इस पर्व पर चंद्रमा की रोशनी में खीर को रखा जाता है.
शरद पूर्णिमा मंत्र
ओम लक्ष्मी नम:।
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नम:।
पद्मानने पद्म पद्माक्ष्मी पद्म संभवे तन्मे भजसि पद्माक्षि येन सौख्यं लभाम्यहम्।
ॐ ह्रीं ह्रीं श्री लक्ष्मी वासुदेवाय नम:!
शरद पूर्णिमा की रात चांद की रोशनी में खीर रखने का है विशेष महत्व
आज का दिन बेहद खास है. आज की रात चंद्रमा की किरणें अमृत छोड़ती है. इसलिए आज चंद्रमा की रोशनी में खीर रखने का खास महत्व है. शरद पूर्णिमा की खीर को चांदी के बर्तन में रखना ज्यादा उत्तम रहता है. चांदी का बर्तन न होने पर किसी भी पात्र में उसे रख सकते हैं.