स्नातक द्वितीय खंड सत्र 2014-17 के परीक्षा परिणाम की पुनः जाँच हो: ABVP

स्नातक द्वितीय खंड सत्र 2014-17 के परीक्षा परिणाम की पुनः जाँच हो: ABVP

Chhapra: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् छपरा के स्थानीय कार्यालय पर अभाविप एवं छात्रसंघ के तत्वावधान में प्रेस वार्ता आयोजित की गई. पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए अभाविप के जिला संयोजक रवि पाण्डेय ने कहा कि स्नातक द्वितीय खंड सत्र 2014-17 के परीक्षा परिणाम में जिस प्रकार से अनियमितता हुई है वह चिंताजनक है. एक तरफ जहाँ इसी विवि में बीएड का रिजल्ट 98% से 89% तक एवं बीटेक का रिजल्ट 90% से ऊपर हुआ है. वही स्नातकोत्तर का रिजल्ट 25% तथा स्नातक द्वितीय खंड का रिजल्ट 36.87% हुआ, जो अपने-आप में संदेहास्पद है.

वही विवि छात्रसंघ अध्यक्ष रजनीकांत सिंह ने कहा कि परीक्षाफल में इस प्रकार की गड़बड़ी परीक्षा नियंत्रक के क्रियाकलापो पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है. 42.95% छात्रों का प्रमोटेड होना कोई इत्तेफाक नहीं है. उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन में भारी अनियमितता हुई है. उत्तर पुस्तिका का मूल्यांकन विषय विशेषज्ञों से नहीं करवाकर मूल्यांकन समन्वयकों ने अपने छात्रों एवं रिश्तेदारों से करवाया है. जिस वजह से परीक्षा फल में गड़बड़ी हुई है. यह छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ है. कई पैरवी पुत्रों के परीक्षा परिणाम को परीक्षा नियंत्रक ने अपने अधिकारों का दुरूपयोग कर इधर-उधर करवाया है. उत्तर पुस्तिका, अंक सूची, सारणीयन पंजी तथा अंक पत्र में एक ही छात्र का प्राप्तांक अलग-अलग है. जिसके सूत्रधार परीक्षा नियंत्रक है. परीक्षा नियंत्रक के वाहन चालक सहित विवि के कई शागिर्द भी परीक्षा विभाग के गोपनीय दस्तावेजों से छेड़छाड़ करते हैं.

वहीं जगदम महाविद्यालय छात्र संघ महासचिव अपराजिता सिंह ने कहा कि इस पूरे मामले की निष्पक्षता से जांच होनी चाहिए. यदि छात्रों को न्याय नहीं मिला तो अभाविप एवं छात्रसंघ आंदोलन के लिए बाध्य होगा. जिसकी जिम्मेदारी विवि प्रशासन की होगी. अंत मे पत्रकार वर्त्ता को संबोधित करते हुए अभाविप के विवि संयोजक रितेश रंजन ने बताया कि परिषद् ने कुलपति महोदय को भी इस सम्बंध में माँग पत्र सौंपा है. अभाविप व छात्रसंघ ने माँग की है कि स्नातकोत्तर, स्नातक द्वितीय खण्ड, बी.एड. तथा बी.टेक के 100-100 उत्तर पुस्तिकाओं को सर्वजनिक किया जाए.

जाँच कमिटी के गठन करके उत्तर पुस्तिकाओं, अंक सूची, सारणीयन पंजी तथा अंक पत्र पर अंकित अंक का मिलान करवाया जाए. मूल्यांकनकर्त्ताओं की सूची पदनाम एवं शैक्षिक योग्यता सहित सर्वजनिक किया जाए. जाँच की प्रक्रिया पूरी होने तक परीक्षा नियंत्रक को पदमुक्त किया जाए. महामहिम कुलाधिपति को भी उक्त घटना की जानकारी फैक्स के माध्यम से दी गई है.

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