व्यक्तित्व में निखार विकास के लिए महत्वपूर्ण: सरोज मल्लिकार्जुन

Chhapra: जयप्रकाश विश्वविद्यालय के सीनेट हाल में सरोज मल्लिकार्जुन का पर्सनालिटी डेवेलपमेंट पर एकदिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया । कार्यक्रम की शुरुआत में कुलपति डॉ पी.के वाजपेई के द्वारा अतिथि प्रोफेसर सरोज मल्लिकार्जुन का अंग वस्त्र के साथ स्वागत किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता स्वयं कुलपति ने किया मौके पर सभी संकाय के डीन मंच पर उपस्थित रहे।

मुख्य वक्ता सरोज मलिकार्जुन ने विषय वस्तु में प्रवेश करते हुए इंसान के जीवन मे पर्सनालिटी डेवलपमेंट की जरूरतों के साथ कि- अगर हम पर्सनालिटी डेवलपमेंट पर काम करते हैं तो इसका फायदा हमें लाइफ गोल्स को हासिल करने में मिलता है।कॉन्फिडेंस को बूस्ट करने, सोच से बेहतर कनेक्शन और वीकनेस को जानने जैसे तरीके व्यक्तित्व में निखार लाते हैं और इसका फायदा जीवन में कामयाबी के जरिए मिलता है। पर्सनालिटी डेवलपमेंट यानी व्यक्तित्व में निखार बहुत जरूरी है क्योंकि इसी के जरिए हम दुनिया के आगे खुद को प्रजेंट कर पाते हैं। किसी से बात करने या इंटरव्यू में बातचीत के दौरान अगर सामने वाला आपके अंदर कुछ बेहतर नोटिस करता है तो ये गुड पर्सनालिटी की निशानी है।बात करना, उठना-बैठना और खाने पीने की आदत कई आदतें हमारी पर्सनालिटी को दर्शाती है।

मानसिक शांति: अनापना सति ध्यान करने से मन की चंचलता कम होती है और आत्म साक्षात्कार की दिशा में स्थिरता आती है।

तनाव कम करना: इस ध्यान तकनीक का अभ्यास करने से तनाव कम होता है और सामान्य जीवन में संतुलन और स्थिरता आती है।

शारीरिक स्वास्थ्य: यह ध्यान प्राणायाम के साथ जोड़ा जाता है, जिससे श्वास नियंत्रण, ऊर्जा स्तर, और शारीरिक कुशलता में सुधार होता है।

ध्यान क्षमता में सुधार: नियमित अभ्यास से ध्यान क्षमता में सुधार होता है और मानसिक नैतिकता में वृद्धि होती है।

स्वयं का अध्ययन: अनापना सति मेडिटेशन करते समय आप अपने मन के साथ अध्ययन करते हैं, जिससे स्वयं के भावनात्मक और मानसिक स्थितियों का अध्ययन होता है।
इन लाभों के अलावा, अनापना सति ध्यान कई धार्मिक, आध्यात्मिक, और सामाजिक लाभों को भी प्रदान कर सकता है। यह ध्यान तकनीक आत्मज्ञान और आत्मसमर्पण की दिशा में अग्रसर होने में मदद कर सकती है।

उक्त मौके पर ई. हरेन्द्र सिंह, सोशल साइंस डीन प्रो.अनिल सिंह, समायोजक डॉ हरिश्चंद्र, भौतिक विभागाध्यक्ष डॉ महेंद्र सिंह, डॉ.गुण सागर यादव, डॉ रविंद्र सिंह, प्रो दिव्यांशु समेत अन्य शिक्षक और रिसर्च स्कॉलर मौजूद रहे।

0Shares
A valid URL was not provided.