मकर संक्रांति का त्योहार हिन्दू पंचांग के अनुसार पौष मास में जिस दिन सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करते है उस दिन मनाया जाता है। अनुमानतः जनवरी माह के 14 या 15 तारीख को मनाया जाता है. इस दिन दान पुण्य करने का विशेष महत्व होता है।
मकर संक्रांति को भारत में अलग -अलग नाम से जाना जाता है. कही पोंगल, तिल संक्रांति, खिचरी, लोहरी के नाम से जाना जाता है. इस त्योहार को कही -कही उतरायण भी कहते है क्योंकी मकर संक्रांति के दिन से सूर्य उतरायण होते है. इस दिन से सूर्य उतर दिशा की और जाते है. जिसे इस दिन से पंचांग का अयन बदल जाता है सूर्य उतरायण की तरफ बढ़ जाते है.
ज्योतिषीय कारण को लेकर सूर्य सभी राशि में प्रवेश करते है सभी राशि को प्रभावित करते है लेकिन सूर्य कर्क तथा मकर राशि में प्रवेश करते है. धार्मिक दृष्टी से बहुत ही फलदायक होता है. माना जाता है सूर्य अपने पुत्र शनि के घर में प्रवेश करते है तथा इसी दिन गंगा भागीरथ के पीछे -पीछे चलकर कपिल मुनि के आश्रम से होते हुए गंगासागर में जाकर मिली थी। इसी कारण संक्रांति के दिन गंगातट पर या गंगासागर में स्नान करने की संज्ञा दी गई है. इस दिन दान पुण्य करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है
कब मनाये मकर संक्रांति का त्योहार.
पंचांग के अनुसार 15 जनवरी 2024 को सुबह 02 बजकर 32 मिनट पर सूर्य धनु राशि से निकलर मकर राशि में गोचर करेगे जिसके कारण मकर संक्रांति का त्योहार 15 जनवरी को मनाया जायेगा
मकर संक्रांति का पुण्य काल
सुबह 06:38 से 05 :20 संध्या तक रहेगा समय अवधि 10 घंटा 43 मिनट
मकर संक्रांति का महापुण्य काल
सुबह 06:38 मिनट से 08 :25 सुबह
मकर संक्रांति पर बन रहा है सुबह संयोग
15 जनवरी 2024 को मकर संक्रांति पर बन रहा है रवि योग तथा वरियान योग तथा दिन सोमवार पर रहा है.
वरियान योग प्रातः 02:40 से रात्रि 11:15 मिनट (15 जनवरी 2024)
रवि योग सुबह 07:15 से 08:07 सुबह (15 जनवरी 2024)
मकर संक्राति पर दान क्या करे।
मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी का दान करे, तिल, गुड का दान करे एस दिन अगर वस्तु का दान करते है जीवन के सभी कष्ट दूर होंगे. मकर संक्रांति के दिन सूर्य तथा शनि की वस्तु को दान करना चाहिये.
ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
8080426594/9545290847