उज्जैन, 23 मार्च (हि.स.)। देश भर में इन दिनों होली की धूम देखने को मिल रही है। परम्परा के अनुसार फाल्गुन पूर्णिमा पर देश में सबसे पहले रविवार, 24 मार्च को शाम 7.30 बजे विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर के मंदिर में होलिका दहन किया जाएगा तथा 25 मार्च को धुलंडी का पर्व मनाया जाएगा। अगले दिन सोमवार, 25 मार्च को धुलेंडी पर्व मनाया जाएगा। इस दिन तड़के चार बजे भस्म आरती में अवंतिकानाथ भक्तों के साथ हर्बल गुलाल से होली खेलेंगे। वहीं, 26 मार्च से गर्मी की शुरुआत मानते हुए भगवान को ठंडे जल से स्नान कराने का क्रम शुरू होगा। प्रतिदिन होने वाली पांच में से तीन आरती का समय भी बदलेगा।
मंदिर प्रशासक संदीप कुमार सोनी ने शनिवार को बताया कि देश में सभी त्योहारों की शुरुआत भगवान महाकाल के आंगन से होती है। इसी परम्परा के अनुसार हर साल की तरह इस बार भी होली का पर्व भी देशभर में सबसे पहले भगवान महाकाल के मंदिर में मनाया जाएगा।
उन्होंने बताया कि रविवार को मंदिर परिसर में श्री ओंकारेश्वर मंदिर के सामने होली बनाई जाएगी। शाम को भगवान महाकाल की संध्या आरती के बाद पुजारी वैदिक मंत्रोच्चार के साथ होलिका का पूजन करेंगे। पुजारी परिवार की महिलाओं के द्वारा भी होलिका का पूजन किया जाएगा। इसके बाद होलिका का दहन होगा। फिर फाग उत्सव मनाया जाएगा। अगले दिन सोमवार को धुलेंडी पर भस्म आरती में रंगोत्सव मनाया जाएगा। पुजारी, पुरोहित व भक्त भगवान महाकाल के साथ होली खेलेंगे।
उन्होंने बताया कि मंदिर की पूजन परंपरा में चैत्र कृष्ण प्रतिपदा से गर्मी की शुरुआत मानी जाती है। प्रतिपदा 26 मार्च को है, इसलिए भगवान की दिनचर्या में बदलाव होगा। सर्दी के दिनों में भगवान को गर्म जल से स्नान कराया जा रहा था। अब चैत्र कृष्ण प्रतिपदा से शरद पूर्णिमा तक अगले छह माह भगवान शीतल जल से स्नान करेंगे। इस अवधि में आरती का समय भी बदलेगा।