कुर्बानी का पर्व ईद-उल-जुहा (बकरीद) 13 सितंबर को मनाया जायेगा

कुर्बानी का पर्व ईद-उल-जुहा (बकरीद) 13 सितंबर को मनाया जायेगा, जिसके लिए पूरे देश में जोर-शोर से तैयारी चल रही है.

त्याग और बलिदान का यह त्योहार कई मायनों में खास है और एक विशेष संदेश देता है. इस त्योहार को रमजान के पवित्र महीने की समाप्ति के लगभग 70 दिनों बाद मनाया जाता है. हजरत इब्राहिम द्वारा अल्लाह के हुक्म पर अपने बेटे की कुर्बानी देने के लिए तत्पर हो जाने की याद में इस त्योहार को मनाया जाता है. इस्लाम के विश्वास के मुताबिक अल्लाह हजरत इब्राहिम की परीक्षा लेना चाहते थे और इसीलिए उन्होंने उनसे अपने बेटे इस्माइल की कुर्बानी देने के लिए कहा.

हजरत इब्राहिम को लगा कि कुर्बानी देते समय उनकी भावनाएं आड़े आ सकती हैं, इसलिए उन्होंने अपनी आंखों पर पट्टी बांध ली थी. बेटा नहीं, बल्कि दुंबा था जब उन्होंने पट्टी खोली तो देखा कि मक्का के करीब मिना पर्वत की उस बलि वेदी पर उनका बेटा नहीं, बल्कि दुंबा था और उनका बेटा उनके सामने खड़ा था. जानवरों की कुर्बानी विश्वास की इस परीक्षा के सम्मान में दुनियाभर के मुसलमान इस अवसर पर अल्लाह में अपनी आस्था दिखाने के लिए जानवरों की कुर्बानी देते हैं.

0Shares
A valid URL was not provided.