विभागीय पत्र पर शिक्षकों ने जताया आक्रोश, कहा अविलंब रद्द करें पत्र अन्यथा होगी तालाबंदी
Chhapra: राज्य सरकार के शिक्षा विभाग के अपर सचिव द्वारा शराब बिक्री और सेवन करने वाले का पता लगाने का कार्य शिक्षकों से कराने संबंधी पत्र का कड़ा विरोध शिक्षक संगठनों ने किया है. शिक्षकों ने अविलंब इस फरमान के लेटर को रद्द करने का आह्वान करते हुए सूबे में बंद स्कूलों को खोलने की मांग की गई.
शिक्षकों ने आदेश की प्रतियां भी जलाते हुए सरकार के विरुद्ध नारे लगाए.
स्थानीय जिला स्कूल परिसर में परिवर्तनकारी शिक्षक संगठन के सदस्यों द्वारा विभागीय पत्र का जोरदार विरोध करते हुए आदेश की प्रतियां जलाई गई. शिक्षक नेता समरेंद्र बहादुर सिंह ने कहा कि सरकार के आलाधिकारी एसी कमरों में बैठकर उलुलु जुलूल पत्र निकालते है. शिक्षकों से पियकड़ो को पहचानने शराब बेचने वालों की जानकारी देने संबंधी पत्र पर शिक्षक संघ घोर आपत्ति जताते हुए इसे अविलंब रद्द करने की मांग करता है. शिक्षकों कलम के सिपाही है इनसे कलम से सम्बंधित कार्य लिया जाना चाहिए. आप विद्यालयों को सुचारू कीजिये शिक्षक पठन पाठन का कार्य करेंगे.
यह सरकार की विफलता का घोतक है कि सूबे में शराबबंदी अभियान फेल है. सरकार से लेकर डीजीपी और थानेदार से लेकर चौकीदार तक सबको मालूम है शराब कहा से आता है, कहा जाता है, कौन खरीददारी करता है, कौन बेचता है. ऊपर से नीचे तक सबकी मिलीभगत है इसमें निरीह कामजोर शिक्षकों को लगाकर उनकी अस्मिता सम्मान को धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने मुख्यमंत्री से आह्वान किया कि आपके पास पूरा तंत्र है, प्रशासनिक से लेकर पुलिस महकमा है. उन्हें लगाइए उनके जमीर को जगाइए कि निस्वार्थ अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर शराब और शराबी, शराब व्यवसाय को पूरी तरह से समाप्त करें.
श्री सिंह ने सीधे तौर पर कहा कि अगर यह पत्र वापस नही होता है तो इस पत्र के खिलाफ स्कूलों में तालाबंदी की जाएगी, आंदोलन के लिए शिक्षक तैयार है. शिक्षकों को सिर्फ पठन पाठन की जिम्मेवारी दी जाय.