Chhapra: जिला मुख्यालय और आसपास बसंत पंचमी के अवसर पर उत्साह देखा जा रहा है. प्रकृति के बीच आम-लीची और सहजन में मंजर एवं फूल निकलने को आतूर दिख रहे हैं. वसंत ऋतू के आगमन से सरसों के पीले-पीले फूल, पेड़-पौधे में नई कोपलें दिखने लगी है.
विद्या की अधिष्ठात्री देवी मां सरस्वती पूजा की पूजा को लेकर तयारी की गयी है. स्कूलों और कोचिंग संस्थान के प्रबंधनों ने सरस्वती पूजा करने की तैयारी की है. गली,घर, मुहल्ले में मां सरस्वती पूजा की तैयारी में छात्र-छात्राएं जुट गए हैं.
अधिकतर जगहों पर घरों में बगैर तामझाम के मां शारदे की पूजा की जाएगी. बाजार में सजावटी सामान, पूजन सामग्री, फल की खरीदारी के लिए छात्र-छात्राओं की भीड़ दिख रही है. वहीं फूल दुकानों पर फूल मिठाई दुकानों पर आर्डर मिलने लगे हैं.
विद्या की अधिष्ठात्री देवी मां सरस्वती की पूजा माघ मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी यानी सरस्वती पूजा है. सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त पांच फरवरी की सुबह 6:43 बजे से दूसरे दिन सुबह 6:43 मिनट तक है. पूजा के लिए शुभ मुहूर्त दिन के 12: 35 तक सबसे उत्तम है. इस दिन मां सरस्वती की आराधना से बुद्धि, विद्या की प्राप्ति होती है.
कोरोना को लेकर जारी गाइडलाइन के चलते पुलिस ने इस बार सरस्वती पूजा को लेकर प्रतिमा स्थापित करने की अनुमति नहीं दी है. कई मूर्तिकारों ने बताया कि कोरोना के कारण पिछले वर्ष से हमारे रोजगार को काफी नुकसान हुआ है।