दुर्गा पूजा में विधि-व्यवस्था को लेकर डीएम व एसपी ने की जिला स्तरीय बैठक, संवेदनशील स्थानों पर विशेष सतर्कता बरतने का निदेश

दुर्गा पूजा में विधि-व्यवस्था को लेकर डीएम व एसपी ने की जिला स्तरीय बैठक, संवेदनशील स्थानों पर विशेष सतर्कता बरतने का निदेश

दुर्गा पूजा में विधि-व्यवस्था को लेकर डीएम व एसपी ने की जिला स्तरीय बैठक, संवेदनशील स्थानों पर विशेष सतर्कता बरतने का निदेश

Chhapra: जिला पदाधिकारी अमन समीर एवं पुलिस अधीक्षक, सारण डॉ गौरव मंगला ने कहा है कि दुर्गा पूजा, 2023 के अवसर उत्कृष्ट भीड़-प्रबंधन, सुगम यातायात तथा सुदृढ़ विधि-व्यवस्था संधारण प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। सभी पदाधिकारी इसके लिए सजग, तत्पर एवं प्रतिबद्ध रहें। अधिकारीद्वय समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में इस विषय पर आयोजित एक बैठक में पदाधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। जिलाधिकारी ने कहा कि पदाधिकारीगण आसूचना तंत्र को सुदृढ़ एवं सक्रिय रखेंगे तथा संवेदनशील स्थानों पर विशेष सतर्कतामूलक कार्रवाई करेंगे।

बताया गया कि इस वर्ष दिनांक 15 अक्टूबर (रविवार) को शारदीय नवरात्रि का कलश स्थापित होगा। दिनांक 21, 22 एवं 23 अक्टूबर को क्रमशः सप्तमी, महाअष्टमी एवं महानवमी मनाया जाएगा। 24 अक्टूबर को दशहरा (विजयादशमी) है। इन सबके मद्देनजर सुदृढ़ प्रशासनिक तैयारी सुनिश्चित रहनी चाहिए। विधि-व्यवस्था से किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जा सकता है।

जिला पदाधिकारी ने बताया कि जिला स्तर से मुख्य-मुख्य स्थलों पर दंडाधिकारियों तथा पुलिस पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की जाएगी। सभी अनुमंडल पदाधिकारी तथा अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सार्वजनिक स्थलों पर भीड़-नियंत्रण के मानकों के अनुसार क्षेत्रीय आवश्यकता का आकलन करते हुए दण्डाधिकारियों एवं पुलिस पदाधिकारियों की अतिरिक्त प्रतिनियुक्ति करेंगे।

डीएम एवं व एसपी ने अनुमंडलवार तैयारियों की समीक्षा की। अधिकारीद्वय ने अनुमंडल पदाधिकारियों एवं अनुमंडल पुलिस पदाधिकारियों को ससमय शांति समिति की बैठक आयोजित करने का निदेश दिया। सभी पदाधिकारी संवेदनशील एवं अतिसंवेदनशील स्थानों पर विशेष सतर्कता बरतेंगे तथा असामाजिक तत्वों के विरूद्ध निरोधात्मक एवं दण्डात्मक कार्रवाई करेंगे। कॉम्युनिकेशन प्लान सुनिश्चित कर विधि-व्यवस्था का संधारण करेंगे।

डीएम एवं व एसपी ने सभी पदाधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि पर्व-त्योहार के मद्देनजर असामाजिक तत्वों पर कड़ी निगरानी रखें। सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल को क्रियाशील रखें तथा अफवाहों का त्वरित खंडन करें।

डीएम अमन समीर ने प्रखण्ड स्तरीय पदाधिकारियों को निदेश दिया कि पूजा समितियों से निरंतर समन्वय बनाएँ रखें तथा सभी स्टेकहोल्डर्स के साथ सार्थक संवाद कायम रखें। भीड़ की गतिविधियों पर सीसीटीवी से निगरानी करें तथा इस आशय का फ्लैक्स/बैनर जगह-जगह प्रदर्शित करें कि आप सीसीटीवी की नजर में हैं। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए क्विक रिस्पांस टीम(क्यूआरटी) एवं क्विक मेडिकल रिस्पांस टीम(क्यूएमआरटी) तैनात रखें। मद्य-निषेध अधिनियम का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध सख़्त कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि पूजा स्थलों पर महिलाओं एवं पुरूषों के लिए अलग-अलग पंक्ति बनाना आवश्यक है ताकि श्रद्धालुओं को भी कोई समस्या न हो तथा भीड़ प्रबंधन एवं विधि-व्यवस्था संधारण भी सुगमता से किया जा सके। सभी संबंधित पदाधिकारी पूजा समितियों से समन्वय कर इसे सुनिश्चित करेंगे।

विदित हो कि दुर्गापूजा के आयोजन के क्रम में जनहित एवं आम जनता की व्यापक सुरक्षा के दृष्टिकोण से आवश्यक दिशा-निर्देश दुर्गापूजा के आयोजकों/व्यवस्थापकों को दिये गये हैं जो निम्नलिखित हैः-

1. पूजा पंडाल में विधिवत अस्थायी विद्युत सम्बद्धता अवश्य लें एवं पंडाल का निर्माण विद्युत तारों से सुरक्षित दूरी पर ही करें जिसे विद्युत अधिनियमों का उल्लंघन नहीं हो।

2. पंडालों की मजबूती का विधिवत जाँच करायी जाए।

3. पूजा पंडाल के निर्माण में अग्नि सुरक्षा नियमों एवं मानकों का अनुपालन किया जाए।

4. पंडाल निर्माण के संबंध में सड़क, जलापूर्ति निकासी, टेलीफोन, बिजली के केबुल तथा सरकारी एवं लोक सम्पत्ति को क्षति न पहुंचे, यह सुनिश्चित किया जाय।

5. पंडाल निर्माण के क्रम में इस बात का ध्यान रखा जाय कि यातायात व्यवस्था प्रतिकूल ढंग से प्रभावित नहीं हो। वाहनों का परिचालन सजावटों के कारण प्रभावित न हो।

6- ध्वनि प्रदूषण यथा लाउडस्पीकर के संबंध में नियमों का अनुपालन किया जाय।

डीएम एवं व एसपी ने कहा कि जनहित में ऐसा किया जाना आवश्यक है। इसके अनुपालन न होने की स्थिति में सभी क्षतियों एवं परिणामों की जिम्मेवारी आयोजकों/व्यवस्थापकों/समितियों की होगी। विधिवत निर्माण हेतु आवश्यक अनापत्ति प्रमाण-पत्र सम्बद्ध विभाग से प्राप्त कर लेना आवश्यक है।

जल(प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1974; बिहार (पूजा के उपरांत मूर्ति विसर्जन प्रक्रिया) नियमावली, 2021; ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियमावली, 2016 में वर्णित प्रावधानों तथा केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण पर्षद, नई दिल्ली द्वारा निर्धारित दिशा-निदेशों का अक्षरशः अनुपालन अनिवार्यः डीएम

डीएम ने कहा कि पंडाल का निर्माण तथा प्रतिमा विसर्जन हेतु निर्धारित मानकों का अनुपालन अनिवार्य है। बिहार (पूजा के उपरांत मूर्ति विसर्जन प्रक्रिया) नियमावली, 2021 में वर्णित प्रावधानों का अनुपालन सुनिश्चित कराएँ। इसके तहत मूर्ति की अधिकतम ऊँचाई 20 फीट तथा ऊपरी संरचना की ऊँचाई 40 फीट तक ही सीमित रखा जाना है। विद्युत विभाग के अभियंताओं को सुनिश्चित करना होगा कि पूजा पंडालों में कहीं भी लूज वायर न रहे। नगर निगम, तथा नगर पंचायत अपने-अपने कार्यक्षेत्र में साफ-सफाई एवं प्रकाश की उत्तम व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे। नगर निकायों का 24×7 डेडिकेटेड टीम क्रियाशील रहे। विद्युत अभियंता निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करेंगे।

डीएम अमन समीर ने कहा कि पूजा आयोजन हेतु शत-प्रतिशत तथा ससमय अनुज्ञप्ति निर्गत/नवीकरण कराना सुनिश्चित करेंगे। अनुज्ञप्ति में अंकित स्थल एवं मूर्ति विसर्जन मार्ग का शत-प्रतिशत भौतिक सत्यापन भी सुनिश्चित करेंगे। संबंधित पूजा समितियों द्वारा बनाए जाने वाले पंडालों तथा इनमें पूजन हेतु स्थापित की जाने वाली मूर्तियों की ऊँचाई क्रमशः 40 फीट तथा 20 फीट से ज्यादा न हो तथा उक्त नियमावली के अनुपालन में हो। पंडालों के पास सीसीटीवी की व्यवस्था रहनी चाहिए। आयोजन एवं पंडाल की अनुज्ञप्ति में ही यह शर्त प्रविष्ट करेंगे कि पूजा समिति के आयोजक पूजा पंडालों में चिन्हित स्थानों पर सी.सी.टी.वी. कैमरों का अस्थायी रूप से अधिष्ठापन करवायेंगें।ताकि भीड़ की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जा सके। किसी भी प्रकार के अफवाह से बचने तथा सोशल मीडिया पर भी अफवाहों से बचने हेतु व्यापक प्रचार-प्रसार के साथ ही माईकिंग भी कराया जाय। अफवाह फैलाने वाले असामाजिक तत्वों के विरूद्ध सुसंगत धाराओं के अंतर्गत नियमानुसार कार्रवाई भी सुनिश्चित करेंगे। आपतिजनक स्लोगन, कार्टून इत्यादि पर रोक है। इसे सभी पदाधिकारी सख्ती से सुनिश्चित करेंगे।

डीएम अमन समीर ने कहा कि जल(प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1974 के अनुसार मूर्ति विसर्जन कृत्रिम तालाबों में होगा। किसी भी नदी में मूर्ति विसर्जन पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। मूर्ति विसर्जन के संबंध में केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण पर्षद, नई दिल्ली द्वारा निर्धारित दिशा-निदेशों का अक्षरशः अनुपालन करना होगा। ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियमावली, 2016 के अनुसार मूर्तियों के विसर्जन से पहले जैव-विघटनीय सामग्रियाँ निपटान के लिए अलग से एकत्र की जाए। सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल मूर्ति विसर्जन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। पूजा समितियों को उनके इस दायित्व से अवगत करा दिया जाए। मूर्ति विसर्जन के मार्ग का निर्धारण कर लिया जाए। मूर्ति विसर्जन हेतु कृत्रिम घाटों का स्थल निरीक्षण अनुमंडल पदाधिकारी एवं अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सुनिश्चित करेंगे। जुलूस मार्ग एवं घाटों को अतिक्रमणमुक्त रखें।

डीएम अमन समीर ने कहा कि विसर्जन जुलूस एवं विसर्जन स्थल पर आतिशबाजी पर रोक है। सभी अनुमंडल पदाधिकारी एवं अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी इसका अनुपालन कराएंगे।

डीएम ने कहा कि विसर्जन के दिन नदी में बिना अनुमति के नाव परिचालन पर रोक रहेगी।आपदा प्रबंधन तंत्र पूर्णतः सक्रिय रहेगी। एसडीआरएफ एवं एनडीआरएफ की प्रतिनियुक्ति की जाएगी।

डीएम एवं एसपी ने सख्ती से कहा कि रात्रि 10 बजे से सुबह 06.00 बजे तक लाउडस्पीकर पर रोक है। साथ ही जुलूस में डीजे पर पूर्ण प्रतिबंध है। इसे कड़ाई से सुनिश्चित किया जाए।

बताया गया कि विजयादशमी के दिन राजेंद्र स्टेडियम छपरा के साथ-साथ जिले में अन्य स्थानों पर भी रावण वध कार्यक्रम आयोजित होता है। सभी क्षेत्रीय पदाधिकारी इस अवसर पर दंडाधिकारियों एवं पुलिस पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति के साथ विधिवत ढंग से प्रशासनिक व्यवस्था करेंगे।

नगर आयुक्त, छपरा नगर निगम ने कहा कि दुर्गा पूजा में साफ-सफाई एवं प्रकाश की समुचित व्यवस्था रहेगी।

डीएम एवं व एसपी ने कहा है कि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना को रोकना प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी/थानाध्यक्ष/सीओ/एसडीओ/एसडीपीओ की विशेष जिम्मेवारी है। थानाध्यक्षों एवं अन्य पदाधिकारियों को आसूचना तंत्र को सुदृढ़ कर विधि-व्यवस्था संधारण को सफल बनाने का निदेश दिया गया है। थानाध्यक्ष अपने-अपने इलाके में विधि-व्यवस्था के लिए पूर्ण रूप से उत्तरदायी हैं।

दुर्गापूजा के अवसर पर निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी।

दुर्गापूजा के अवसर पर आकस्मिक स्थिति से निपटने हेतु डॉक्टर, पारा मेडिकल स्टाफ एवं आवश्यक जीवन रक्षक दवाओं के साथ एम्बुलेंस सिविल सर्जन प्रतिनियुक्त करेंगे।

जिला अग्निशमन पदाधिकारी, को निर्देशित किया गया कि दुर्गापूजा के अवसर पर आकस्मिक स्थिति से निपटने हेतु फायर दस्ता प्रतिनियुक्त करना सुनिश्चित करेंगे।

बैठक में सभागार में जिला स्तरीय पदाधिकारी के साथ ही सभी अनुमंडल पदाधिकारी, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी एवं अन्य सभी क्षेत्रीय पदाधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े हुए थे।

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