अफवाहों व भ्रांतियों को पूर्णतः समाप्त करने बाद ही टीकाकरण के लक्ष्य की होगी प्राप्ति

अफवाहों व भ्रांतियों को पूर्णतः समाप्त करने बाद ही टीकाकरण के लक्ष्य की होगी प्राप्ति

– ग्रामीण इलाकों में टीका एक्सप्रेस लोगों को टीके के साथ साथ दे रहा परामर्श

– 45+ के ग्रामीणों में देखा जा रहा उत्साह, महिलाओं को भी दिया जा रहा टीका

– टीके का दोनों डोज लेने के बाद ही संक्रमण से हो सकेगा बचाव

Chhapra: जिले में कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए तीन स्तर पर टीकाकरण अभियान चलाए जा रहे हैं। पहला 45+ के लाभार्थियों के लिए पंचायत स्तर पर स्थायी टीकाकरण शिविर, दूसरा ब्लॉक स्तर पर 18+ के लोगों के लिए प्रखंड स्तर पर शिविर का आयोजन और तीसरा राष्ट्रीय बाल सुरक्षा कार्यक्रम (आरबीएसके) के द्वारा गांव गांव जाकर 45+ के लोगों के लिए टीका दिया जा रहा है। प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग किसी भी स्तर पर कोई लाभार्थी छूट न जाए, इसके दिन रात लगा हुआ है। जिसको सफल बनाना जिलेवासियों का भी कर्तव्य है। ताकि, टीका लेकर हम स्वयं को तो सुरक्षित कर ही सकें साथ ही साथ अपने परिवार व समाज को भी संक्रमण प्रसार से बचा सकें। इसके लिए सरकार के साथ साथ प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग भी निरंतर प्रयास कर रहा है। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से बचाव के लिए नियमित रूप से आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिये जा रहे हैं। कोविड-19 संक्रमण से सुरक्षा प्रदान करने के लिए जिले में व्यापक स्तर पर टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है।

ग्रामीण इलाकों में अब भी भ्रांतियां मौजूद

सिविल सर्जन डॉ जनार्दन प्रसाद सुकुमार ने बताया कि फिलहाल जिले में 18+ व 45+ के लोगों को टीका देने का काम चल रहा है, लेकिन अभी भी टीकाकरण के प्रति समाज में तरह-तरह की भ्रांतियां फैली हुई हैं। इन भ्रांतियों को जब तक दूर नहीं किया जाएगा तब तक शत प्रतिशत लक्ष्य को पूरा नहीं किया जा सकता है। उन्होंने बताया, ग्रामीण इलाक़ों में टीकाकरण केंद्रों का भ्रमण करने के दौरान समझ में आता है कि टीका को लेकर अभी भी लोगों के मन में कई संकाय पनपती हैं। इसलिए सबसे जरूरी है कि ग्रामीण क्षेत्रों में फैलाई गई भ्रांतियों व अफवाहों को दूर किया जाए। जिससे टीकाकरण कार्य में तेज़ी आ सके।

विभागों व जनप्रतिनिधियों की मदद से किया जा रहा जागरूक

जिलाधिकारी डॉ नीलेश रामचंद्र देवरे के निर्देश पर कई विभागों व स्थानीय जनप्रतिनिधियों की मदद से जागरुकता अभियान चलाए जा रहे हैं। इनमें प्रखंड स्तर पर प्रतिनियुक्त कोविड-19 के नोडल अधिकारी, बीडीओ, संबंधित कार्यालय के अधिकारी, कर्मी, स्वास्थ्य विभाग, आईसीडीएस एवं सहयोगी संस्थाओं में यूनिसेफ, डब्ल्यूएचओ, केयर इंडिया के साथ स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों के द्वारा सामुदायिक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। ताकि अधिक से अधिक लाभार्थियों को टीकाकरण कराया जा सके। ज़िले के विभिन्न गांवों में कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए सामुदायिक स्तर पर बैठक आयोजित कर लोगों को टीकाकरण के फायदे के बारे में जानकारी दी जा रही है। आईसीडीएस द्वारा संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों की सेविका, सहायिकाओं एवं आशा कार्यकर्ताओं द्वारा डोर टू डोर भ्रमण कर हर तरह के समुदाय को कोविड-19 टीकाकरण के प्रति जागरूक किया जा रहा है।

संक्रमण से बचने के लिए दोनों डोज जरूरी

सिविल सर्जन डॉ. जनार्दन प्रसाद सुकुमार ने बताया कि पंचायत, प्रखंड व जिला स्तर पर विभिन्न माध्यमों के द्वारा भी सामुदाय के लोगों को कोविड-19 टीकाकरण के प्रति जागरूक किया जा रहा है। मस्जिद के इमाम एवं मंदिर के पुजारी द्वारा समुदाय के लोगों को कोरोना से बचाव तथा इससे सुरक्षित रहने के लिए अधिक से अधिक संख्या में टीकाकरण कराने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। दूसरी ओर जिले के युवा भी टीकाकरण को लेकर उत्साहित हैं। लेकिन, जानकारी के अभाव में कई लोग यह सोच रहे हैं कि टीके का एक डोज लेने के बाद वह संक्रमण से बच सकते हैं। जो सरासर गलत है। वो गलत फहमी न पालें। जब तक कोई भी लाभार्थी टीके का दोनों डोज नहीं ले लेता, तब तक वह संक्रमण की संभावना से बच नहीं सकता। इसलिए संक्रमण से बचने के लिए टीके का दोनों डोज आवश्यक है। संक्रमण से कोरोना से बचाव के लिए सभी वर्ग के लोगों को टीका लेना बहुत ज्यादा जरूरी है। जिलेवासियों को अपनी एकजुटता का परिचय देते हुए वैश्विक महामारी से लड़ने की आवश्यकता है।

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