Chhapra: केन्द्रीय बजट के बाद पक्ष और विपक्ष के साथ साथ आम लोगों, व्यवसायियों की क्या है राय हमने जाना. इस रिपोर्ट के माध्यम से छपरा टुडे डॉट कॉम आप तक बजट पर राजनीतिज्ञों, आम लोगों, व्यवसायियों और नौकरीपेशा लोगों की प्रतिक्रिया लेकर आया है.
पढ़े किसने कैसा बताया बजट को
भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शैलेन्द्र सेंगर ने कहा कि यह बजट गरीब और किसान के हित में है. इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी. विपक्ष द्वारा लगातार न्यूनतम समर्थन मूल्य के बारे में दुष्प्रचार किया जा रहा था, इसका सरकार ने जोरदार जवाब दिया है.
कांग्रेस नेता जीतेन्द्र सिंह ने कहा कि मोदी सरकार के द्वारा पेश बजट ने मध्यम वर्ग के लोगों को निराश किया है. किसानों के साथ भी छलावा किया गया है. पूंजीपति अपने सामान के दामों का निर्धारण खुद करते है और किसानों के फसल का निर्धारण सरकार करें कहा तक उचित है. सरकार चार साल में कुछ नहीं कर सकी अब एक साल में 70 लाख नौकरीयों की बातें कर रही है. जनता इनके भुलावे में नहीं आने वाली. बिहार को विशेष राज्य का दर्जा एवं विशेष पैकेज की कोई प्रावधान इस बजट में नही है.
बिहार प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश प्रतिनिधि नदीम अंसारी ने कहा कि मोदी सरकार का यह आम बजट गरीब और मध्यम वर्ग विरोधी है. इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं ऊपर से सेस बढ़ने से और नुकसान हुआ है.
श्रीप्रकाश और्नामेंट्स के वरुण प्रकाश ने कहा कि ज्वैलरी पर GST कम किया जाना चाहिए था. टैक्स कम किया होता तो सोने चांदी के कालाबाजारी पर रोक लगाई जा सकती थी. फिलहाल 3% टैक्स है जिसमें कोई बदलाव नही किया गया. सरकार को स्वर्ण व्यवसायियों पर ध्यान देना चाहिए था.
स्वर्ण व्यवसायी मनोज कुमार ने बताया कि सरकार से सर्राफा व्यापारियों को एक्साइज और जीएसटी में छूट की आशा थी. ऐसा ना कर सरकार ने कालाबाजारी को बढ़ावा देने का कार्य किया है.
किराना दुकानदार गोविंद जी ने बताया कि रोजमर्रा के उपयोग के वस्तुओं पर टैक्स कम कर जनता को महँगाई से राहत देने की कोशिश हुई है. जो सही है.
संसद में पेश आम बजट पर मिली जुली प्रतिक्रिया मिली है. टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं होने से नौकरीपेशा लोगों को थोड़ी निराशा हुई है.