नियोजन नीति धोखा है, बिहार बचा लो मौका है: समरेंद्र

नियोजन नीति धोखा है, बिहार बचा लो मौका है: समरेंद्र

Chhapra: नियोजित शिक्षक अपनी मांगों को लेकर धरने पर है, सरकार की सख्ती भरे पत्रों के बावजूद भी शुक्रवार को जिला मुख्यालय से लेकर प्रखंड मुख्यालय पर धरना दिया जा रहा है. जिले में विगत 17 फरवरी से नियोजित शिक्षको की हड़ताल चल रही है तथा पूर्ण रूप से विद्यालयों में तालाबंदी है और पठन पाठन पूरी तरह ठप्प है.

स्थानीय नगरपालिका चौक पर जिले के सभी संगठनों द्वारा धरना दिया जा रहा है धरने में सरकार की खिलाफ अपनी आवाज को बुलंद कर शिक्षक समान काम समान वेतन की मांग कर रहे है.

धरने को सम्बोधित करते हुए शिक्षक नेता समरेंद्र बहादुर सिंह ने कहा कि शिक्षक आने हक के लिए एकजुटता के साथ मैदान में लड़ रहे है. माध्यमिक शिक्षको के हड़ताल के बाद शिक्षको की यह लड़ाई और मजबूत हो गयी है. उन्होंने कहा कि सरकार नियोजन पर सूबे के भविष्य को अंधकारमयी बना रही है. सभी विभागों में नियोजन कर कर्मियों का भविष्य दांव पर लगाया जा रहा है. जिसका असर आज से 25 वर्ष बाद देखने को मिलेगा.

उन्होंने कहा कि अब भविष्य बचाने की जरूरत है. श्री सिंह ने कहा कि सूबे में नियोजन नीति धोखा है बिहार को बचा लो अभी भी मौका है. सूबे के शिक्षा मंत्री ने बयान दिया है कि शिक्षको के लिए बनाई जाने वाली सेवाशर्त कमिटी की बैठक ही नही हुई है जिससे कि उसका प्रकाशन किया जा सकें, हम इसकी जांच करवाएंगे. यह बात समझ से पड़े है जिनको अपने मंत्रालय के कार्यो की जानकारी नही है वह इस सूबे में शिक्षा का विकास क्या करेंगे, सूबे में शिक्षा के लिए उनकी योजना क्या होगी, शिक्षा की नई दिशा क्या होगी. ऐसे शिक्षा मंत्री सूबे के लिये दुर्भाग्यपूर्ण है.

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