बाढ़ प्रभावित इलाकों में महामारी निरोधात्मक कार्य शुरू

बाढ़ प्रभावित इलाकों में महामारी निरोधात्मक कार्य शुरू

• स्वास्थ्य विभाग की टीम ने किया ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव
• जल जनित रोगों से बचाव के बारे में ग्रामीणों को किया जा रहा है जागरूक
• जिले में युद्ध स्तर पर चल रहा है ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव का कार्य

Chhapra: जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पानी घटने के बाद महामारी निरोधात्मक कार्य शुरू कर दिया गया है। जल जनित रोगों से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग के द्वारा ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव युद्ध स्तर पर कराया जा रहा है। रविवार को जिला मलेरिया पदाधिकारी डॉ दिलीप कुमार सिंह के नेतृत्व में टीम ने दरियापुर प्रखंड के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों के द्वारा ब्लीचिंग पाउडर व चुना का भी छिड़काव किया गया। जिला मलेरिया पदाधिकारी डॉ दिलीप कुमार सिंह ने बताया कि जिले में महामारी निरोधात्मक कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है सभी जगहों पर ब्लीचिंग पाउडर और चूने का छिड़काव कराया जा रहा है। ताकि लोगों को जल जनित बीमारियों से बचाव किया जा सके। इसको लेकर सभी पीएचसी को आवश्यक दिशा निर्देश भी जारी किया गया है। इसके साथ ही आशा एएनएम व अन्य कर्मचारियों के माध्यम से ग्रामीणों को ताजा खाना एवं शुद्ध जल का सेवन करने के लिए प्रचार प्रसार कराने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि इसके लिए स्वास्थ्य विभाग सजग व प्रयासरत है। यहां बता दें कि जिले के कई प्रखंडों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया था लेकिन अब धीरे-धीरे पानी काम हो रहा है। इसके साथ ही जल जनित रोगों का खतरा भी बढ़ने लगा है इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग सतर्क और सजग है।

स्वच्छ और उबला हुआ पानी पिएं

जिला मलेरिया पदाधिकारी डॉ दिलीप कुमार सिंह ने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पानी उतरने के बाद बीमारियों की आशंका बनी रहती है । बाढ़ ग्रस्त इलाकों में सफाई और स्वच्छता के अभाव में डायरिया और विभिन्न संक्रामक रोगों के फैलने की संभावना बढ़ जाती है। इस समय स्वच्छ व उबला हुआ पानी पीकर बीमार होने से बचा जा सकता है ।

सभी पीएचसी को दिया गया निर्देश

डीएमओ डॉ दिलीप कुमार सिंह ने बताया कि सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को जल जनित बीमारियों एवं इससे संबंधित अन्य लोगों के संबंध में एहतियात बरतने एवं क्षेत्र में लोगों से लगातार संपर्क बनाए रखने एवं उनका समुचित समाधान करने का निर्देश दिया गया है। जिन क्षेत्रों से पानी की निकासी अभी नहीं हो पाया है उन क्षेत्रों में भी डॉक्टरी सहायता आवश्यक दवाओं की सुविधा दी जा रही है। हर प्रखंड को जीवन रक्षक दवाएं उपलब्ध करा दी गई है। इसमें खासकर जल जनित बीमारी से जुड़ी दवाओं को प्रमुखता से सभी अस्पतालों को भेज दी गई है ।

इन बातों का रखें खास ख्याल

• चापाकल के पानी को सेवन के पूर्व इसे अवश्य गर्म करें।
• चापाकल में क्लोरीन की गोली डाले आसपास ब्लीचिग का छिड़काव करें।
• सर्दी जुकाम व बदन दर्द की शिकायत पर तुरंत चिकित्सक की सलाह लें
• लंबे समय तक बुखार रहने पर चिकित्सक के परामर्श के अनुसार जांच करवाएं
• बिना चिकित्सक के सलाह के दवा व एंटीबायोटिक की खुराक न लें
• आसपास के क्षेत्र को साफ-सुथरा व स्वच्छ रखें
• पानी जमा होने वाले स्थान पर डीडीटी व किरोसिन का छिड़काव करें।
• जलजमाव वाले क्षेत्र का पानी पीने से परहेज करें।

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