जिलाधिकारी ने की श्रम संसाधन विभाग के कार्यों की समीक्षा

जिलाधिकारी ने की श्रम संसाधन विभाग के कार्यों की समीक्षा

Chhapra: जिलाधिकारी अमन समीर द्वारा म संसाधन विभाग के कार्यों की समीक्षा की गई। बिहार राज्य प्रवासी मजदूर दुर्घटना अनुदान योजना के तहत वर्तमान वित्तीय वर्ष में 10 आवेदन प्राप्त हुए हैं जिनमें से पांच आवेदनों का निष्पादन किया गया है तथा पांच आवेदन प्रक्रियाधीन हैं। जिलाधिकारी ने लंबित आवेदनों का त्वरित निष्पादन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।

बिहार भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अंतर्गत निर्माण श्रमिकों के निबंधन की प्रक्रिया के तहत जिला में अद्यतन 77159 श्रमिक निबंधित किए गए हैं। जिलाधिकारी ने इस श्रेणी के जिला के शत प्रतिशत पात्र श्रमिकों का निबंधन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।

बिहार शताब्दी असंगठित कार्य क्षेत्र कामगार एवं शिल्पकार सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत वर्तमान वित्तीय वर्ष में 21 आवेदन प्राप्त हुए हैं जिनमें से 16 आवेदनों का निष्पादन किया गया है। शेष लंबित पांच आवेदनों का शीघ्र निष्पादन सुनिश्चित करने को कहा गया।

बिहार भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अंतर्गत संचालित विभिन्न योजनाओं का निर्माण श्रमिकों को दिये गये लाभ की समीक्षा के क्रम में पाया गया कि नगद पुरस्कार योजना के तहत 55, दाह संस्कार योजना के तहत 207, मृत्यु लाभ योजना के तहत 395, विवाह सहायता योजना के तहत 1071, भवन मरम्मती अनुदान योजना के तहत 2, मातृत्व लाभ योजना के तहत 135, पितृत्व लाभ योजना के तहत 43 तथा पेंशन योजना के तहत 5 आवेदनों की स्वीकृति वर्तमान वित्तीय वर्ष में दी गई है।

जिलाधिकारी ने जिला की कुल आबादी में संबंधित श्रेणी के श्रमिकों की औसत संख्या का आकलन करते हुए समानुपातिक संख्या में पात्र श्रमिकों को विभिन्न योजनाओं से आच्छादित करने का निदेश दिया। उन्होंने कहा कि विभिन्न योजनाओं से आच्छादित श्रमिकों की संख्या समानुपातिक रूप से आकलन करने पर वर्तमान में कम है। इसे बढ़ाने की आवश्यकता है। इसके लिये सभी श्रम प्रवर्तन पदाधिकारियों को फील्ड में घर घर जाकर लोगों से संपर्क स्थापित करना होगा।

नगद पुरस्कार योजना के तहत पात्र श्रमिकों के बच्चे की उच्च शिक्षा के लिये भी नियमानुसार सहायता की जानी चाहिये। ऐसे सभी पात्र लोगों को चिन्हित कर लाभान्वित करने को कहा गया।

उन्होंने सभी श्रम प्रवर्तन पदाधिकारियों (एलईओ) को अपने प्रखंड में दो पंचायतों का चयन करने का निदेश दिया। एक पंचायत योजनाओं के क्रियान्वयन में बेहतर उपलब्धि वाला हो तथा दूसरा पंचायत कमतर उपलब्धि वाला हो। सभी एलईओ को दोनों चयनित पंचायतों में घर घर जाकर निर्माण कार्य एवं अन्य कार्य में संलग्न श्रमिकों की पहचान करने को कहा गया। इस संख्या के आधार पर जिले का औसत भी मालूम हो सकेगा जिसके आधार पर विभिन्न योजनाओं के लिए लक्ष्य का निर्धारण समानुपातिक रूप से हो सकेगा। उन्होंने कहा कि सभी श्रम प्रवर्त्तन पदाधिकारियों के कार्यों का मूल्यांकन एवं रैंकिंग उनके द्वारा योजनाओं के क्रियान्वयन में प्राप्त उपलब्धि के आधार पर किया जायेगा।

बैठक में श्रम अधीक्षक एवं सभी श्रम प्रवर्त्तन पदाधिकारी उपस्थित थे।

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