नारी के संघर्ष की कहानी है ‘कर्माग्नि’

छपरा: DRDA के सभागार में ‘कर्माग्नि’ पुस्तक का आयुक्त नर्मदेश्वर लाल ने किया विमोचन करते हुए कहा कि पुस्तक जीवन की सच्चाई को बताती है. समाज में घटनाएं घट रही है पर कुछ लोगों की बातें ही सामने आती है.

आयुक्त ने कहा कि आज के दौर में सभी को अपने घर पर ध्यान देने की जरूरत है. घर के माहौल से बच्चों के भविष्य और उनके वैवाहिक जीवन पर असर पड़ता है.

उन्होंने कहा कि जीवन महत्वपूर्ण है. इसका देखभाल करना चाहिए. स्वास्थ्य अच्छा रहेगा तो संघर्ष भी जारी रखा जा सकेगा. आयुक्त ने पुस्तक की लेखिका को धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्होंने अपने जीवन की घटना को सहज शब्दों में उतारा है.

महिलाओं को सशक्त होने की जरूरत: DM

जिलाधिकारी हरिहर प्रसाद ने कहा कि आज के दौर में महिलाओं को अपने शक्ति पाने की चुनौती है. आज महिलाओं को ससक्त बनते हुए दूसरी महिलाओं के सशक्तिकरण के प्रयास करने की जरूरत है.

परिचर्चा का संचालन कर रहे समाजसेवी मनोहर मानव ने कहा कि स्त्री और पुरुष समाज रूपी गाड़ी के दो पहिये है. एक में भी खराबी आने पर समाज चल चल सकता.

पुस्तक की लेखिका अपर्णा पांडेय ने कहा कि कानून के सहारे अपने जीवन की तमाम बातों को किताब में लिखा है. आज की नारियों को संघर्ष करने का संदेश देना.

अध्यक्षता ब्रजेन्द्र कुमार सिंह ने की.

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