खतरे में पड़ी छपरा की मेयर प्रिया सिंह की कुर्सी, अविश्वास प्रस्ताव लगाने के लिए गोलबंद हुए पार्षद

Chhapra: नगर निगम पार्षदों ने छ्परा निगम की मेयर प्रिया सिंह पर अविश्वास प्रस्ताव लगाने की मांग की है. पार्षदों ने नगर निगम को पत्र लिखकर नगरपालिका 2007 की धारा 25 की उप धारा 4 के तहत छपरा नगर निगम के मेयर प्रिया सिंह पर अविश्वास प्रस्ताव पास करने को लेकर बोर्ड की विशेष बैठक बुलाने को लेकर पत्र लिखा है.

17 पार्षदो ने किए हस्ताक्षर

24 अगस्त को पार्षदों की बैठक के बाद यह फैसला हुआ. पार्षदों ने कहा है 17 से 18 पार्षद एकमत होकर महापौर के विरोध में अविश्वास प्रस्ताव पास करने हेतु नगरपालिका अधिनियम की धारा 25 के उप धारा 4 के तहत निगम बोर्ड छपरा की विशेष बैठक बुलाने की मांग की है. इसके तहत पार्षद गायत्री देवी, सविता देवी, फुल कुमारी देवी, मुन्ना प्रवीण, किरण देवी, रेशमा खातून, निर्मला देवी, उर्मिला देवी, रंजना सिंह, रेखा देवी चौहान आसमा खातून, पुष्पा कुमारी, विष्णु गुप्ता, भोला चौधरी तारीक अली, कृष्णा और मुकेश कुमार ने इस पर पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं.

निगम की गरमाई राजनीति

वही अविश्वास प्रस्ताव से पहले नगर निगम में राजनीति काफी गरम हो गयी है. आपको बता दें कि छपरा नगर निगम की मेयर प्रिया देवी एवं डिप्टी मेयर अमितांजली सोनी ने 2 साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है. इसके बाद से ही पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी की थी. वहीं नगर निगम की मेयर और डिप्टी मेयर पर कुर्सी बचाने को लेकर चुनौती होगी.

मिली जानकारी के अनुसार मेयर जल्द ही विशेष बैठक की तिथि तय करेंगी. निगम बोर्ड की बैठक के बाद ही कुछ कहा जा सकता है. वहीं अविश्वास प्रस्ताव को लेकर निगम पार्षदों के बीच तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं. तो पार्षद भी दो गुटों में बैठे हुए नजर आ रहे हैं. ऐसा माना जा रहा है कि छपरा को दूसरा डिप्टी मेयर मिलने की उम्मीद है. वहीं मेयर ने अपनी कुरसी बचाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है. आपको बता दें कि छपरा नगर निगम में 45 वार्ड पार्षद हैं.मेयर को अपनी कुर्सी बचाने के लिए कम से कम एक तिहाई पार्षदों का मत चाहिए.

पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव को लेकर कुछ प्रमुख बिंदु पर ध्यान आकृष्ट कराया है. पार्षदों ने लिखा है कि नगर निगम कार्यालय में कर्मियों द्वारा वित्तीय अनियमितता की जा रही है. नगर में सफाई व्यवस्था ध्वस्त है. भीषण गर्मी में भी नगर वासियों को पेयजल सुविधा उपलब्ध नहीं हो पाई. नगर की प्रकाश व्यवस्था चौपट है. नगर निगम पार्षदों की अपेक्षा की जा रही है.

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