छपरा में आयोजित हुआ सास बहू सम्मेलन, हर हफ्ते आंगनबाड़ी केंद्रों पर होगा आयोजन

छपरा में आयोजित हुआ सास बहू सम्मेलन, हर हफ्ते आंगनबाड़ी केंद्रों पर होगा आयोजन

सास-बहू सम्मेलन में परिवार नियोजन पर दी जा रही जानकारी

सास-बहू की दस जोड़ियों का होता है चयन

Chhapra: परिवार नियोजन पर अलख जगाने की नई पहल की गयी है। सास एवं बहू के माध्यम से परिवार नियोजन पर जागरूकता फैलाई जा रही है। इसको लेकर जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर प्रत्येक बुधवार या शुक्रवार को सास-बहू सम्मेलन का आयोजन को किया जा रहा है। सम्मेलन के कुशल क्रियान्वयन की जिम्मेदारी एएनएम को सौंपी गई है। जिले के कई प्रखंडो में सास-बहू सम्मेलन कराने की तैयारी चल रही है।

दस जोड़ियों का चयन करती है एएनएम:

एएनएम सास-बहू की कम से कम दस जोड़ियों का चयन करती हैं और उन्हें आंगनबाड़ी केंद्रों पर बुलाती हैं। बुधवार या शुक्रवार को होने वाले इस सम्मेलन में आशा कार्यकर्ता और आंगनबाड़ी सेविकाएं भी शामिल होती हैं। ग्रामीण स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस के अवसर पर इस सम्मेलन का आयोजन किया जाता है। इसके माध्यम से सुरक्षित मातृत्व के साथ परिवार नियोजन पर चर्चा की जाती है।

बैलून के माध्यम से दी जाती है संदेश

केयर इंडिया के परिवार नियोजन के जिला समन्वयक प्रेमा कुमारी ने बताया कि सास-बहू सम्मेलन के दौरान सास और बहू को चार पांच बैलून गोद में दिया जाता है और उसे संभालकर रखने को कहा जाता है। लेकिन चार पांच में से एक-दो बैलून हाथ से छूट कर गिर जाता है। फिर एक जोड़ी सास-बहू को दो बैलून दिया जाता है जिसे वह असानी से पकड़ लेती हैं और नीचे नहीं गिरता है। इससे यह संदेश दिया जाता है कि अगर ऐसे हीं चार पांच बच्चे होंगे तो संभालना मुश्किल होगा। इससे आर्थिक स्थिति भी खराब होगी। दो बच्चों को बाद परिवार नियोजन के साधनों का प्रयोग करने के लिए प्रेरित किया जाता है।

सास-बहू करती है काना-फूसी

सास-बहू सम्मेलन के दौरान स्वास्थ्य विभाग के टीम के द्वारा सास-बहू के जोड़ियों के साथ खेल खेला जाता है। जिसमें सास-बहू काना-फूसी करती हैं। इसके माध्यम से यह संदेश दिया जाता है कि काना-फूसी व परिवार नियोजन के बारे में अफवाहों पर ध्यान न दें। बल्कि आशा या एएनएम के द्वारा बताये गये परिवार नियोजन के साधनों का इस्तेमाल करें।

परिवार नियोजन के इन साधनों पर चर्चा

सास-बहू सम्मेलन में परिवार नियोजन के स्थायी एवं अस्थायी साधनों के बारे में जानकारी दी जाती है। स्थायी साधनों में महिला नसबंदी एवं पुरुष नसबंदी एवं अस्थायी साधनों में कॉपर टी, गर्भ-निरोधक गोली(माला-एम एवं माला-एन), कंडोम एवं इमरजेंसी कंट्रासेपटीव पिल्स के बारे में बताया जा रहा है। नवीन गर्भनिरोधक ‘अंतरा एवं ‘छाया’ के इस्तेमाल पर ज़ोर दिया जा रहा है। ‘अंतरा’ गर्भ निरोधक इंजेक्शन का इस्तेमाल एक या दो बच्चों के बाद गर्भ में अंतर रखने के लिए दिया जाता है। साल में इंजेक्शन का चार डोज दिया जाता है। वहीं ‘छाया’ गर्भ निरोधक एक साप्ताहिक टेबलेट है।

एएनएम देती हैं ये जानकारी

• विवाह के सही उम्र, लड़के के 21 एवं लड़की की 18 वर्ष
• शादी के बाद कम से कम दो वर्ष बाद पहला बच्चा
• पहले एवं दूसरे बच्चे में कम से कम तीन साल का अंतराल
• छोटा परिवार एवं समिति परिवार के लाभ
• परिवार नियोजन के स्थाई एंव अस्थाई साधन के बारे में जानकारी

क्या कहते हैं सिविल सर्जन

सास-बहू सम्मेलन परिवार नियोजन में सार्थक साबित हो रहा है। सम्मेलन के माध्यम से सास और बहू दोनों को परिवार नियोजन के बारे में जानकरी दी जा रही है। जिस वे दोनों आपस में राय विचार कर परिवार नियोजन के साधनों को अपना रही है।

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