बगहा: कोरोना काल में इम्युनिटी को मजबूत बनाने और खुद को संक्रमण से बचाने के लिए कई जुगाड़ तकनीकी आजमाए जा रहे हैं, इन्हीं में से एक है स्टीम इनहेलेशन यानी गर्म पानी की भाप लेना। नरकटियागंज के रेलवे के रनिंग रूम में मुख्य क्रू नियंत्रण उमेश कुमार ने घरेलू उपकरणों से स्टीम इनहेलेशन बनाया है।
उमेश कुमार के बनाए गए इनहेलेशन से उनके साथ  अन्य रेल कर्मी सुबह-शाम में भाप ले रहे है। ताकि रेल कर्मी कोरोना के चपेट में आने से बचे।रेल कर्मी पाइप के जरिए स्टीम ले रहे हैं।यह स्टीम गैस सिलिंडर पर रखे कुकर के जरिए पाइप से निकल रही है। कुकर में पानी डालकर गर्म किया जाता है।तत्पश्चात गीजर वाला पाइप से गर्म पानी से भाप निकलने लगता है,जो पाइप के जरिए लोगों के नाक तक पहुंचता है, इससे काफी फायदा हो रहा है. सर्दी, खांसी, जुकाम की शिकायत है, ऐसे में जब से भाप लेना शुरू किया।
मुख्य क्रू नियंत्रण उमेश कुमार ने बताया कि रेलवे कर्मियों के लिए भाप लेने से इस कोरोना संक्रमण काल में काफी फायदा होगा। स्टीम इनहेलेशन यानी गर्म पानी से भाप लेने से कोरोना संक्रमण खत्म हो जाता है। रेल कर्मी प्रतिदिन इस देसी नुस्खा को आजमा भी रहे हैं, उन्होंने लोगो से अपील किया कि स्टीम इनहेलेशन घर पर आसानी से बनाकर कोरोना महामारी से बचा जा सकता है।
हिन्दुस्थान समाचार
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अमेरिकी अंतिरिक्ष एजेंसी NASA ने सफलता की एक नई छलांग लगाई है. NASA के रोबोट हेलीकॉप्टर ने मंगल ग्रह पर सोमवार तड़के पहली उड़ान भरकर इतिहास रच दिया है. धरती से परे किसी दूसरे ग्रह पर इस तरह की यह पहली उड़ान है. छोटे आकार का यह हेलीकॉप्टर उड़ान के दौरान दस फीट की ऊंचाई पाने में सफल रहा.

नासा ने कहा कि इस सफलता से सौर मंडल के मंगल समेत दूसरे ग्रहों पर खोज के नए तरीकों का मार्ग प्रशस्त हो सकता है. इस बीच इस प्रोजेक्ट की मैनेजर मिमि आंग ने कहा कि हम अब यह कह सकते हैं कि इंसान दूसरे ग्रह पर रोटरक्राफ्ट उड़ा सकते हैं।’ नासा ने बताया कि कार्बन फाइबर के ब्लेड घूमने लगे और इनजेनयुटी नाम के हेलीकॉप्टर ने लाल ग्रह की सतह को छोड़कर उड़ान भरी. करीब दस फीट की ऊंचाई के बाद यह वापस लैंड कर गया और यह सब करीब 30 सेंकेंड का रहा. इस मिशन को लॉस एंजिलिस के पास स्थित नासा के जेट प्रोपल्सन लेबोरेटरी से संचालित किया गया. नासा ने इस मिशन की कुछ तस्वीरें जारी की हैं, जबकि वीडियो में हेलीकॉप्टर को धूल के बीच उड़ान भरते देखा गया.

लगभग 1.8 किलोग्राम का यह रोबोट रोटरक्राफ्ट अपने चार कार्बन फाइबर ब्लेड के सहारे उड़ान भरने में सक्षम है. इसके ब्लेड 2400 राउंड प्रति मिनट की दर से घूम सकते हैं. यह स्पीड धरती पर मौजूद हेलीकॉप्टरों के ब्लेड की गति से लगभग आठ गुना ज्यादा है.

नासा ने मंगल ग्रह पर जीवन की तलाश में गत 18 फरवरी को पर्सिवेरेंस नामक अपना रोवर उतारा था. इसके साथ ही यह हेलीकॉप्टर भी लाल ग्रह पर पहुंचा था.

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कोलकाता: कोरोना तेजी से फ़ैल रही है सरकार और चिकित्सकों से हाईकोर्ट ने सतर्कता बरतने का अनुरोध किया है लेकिन हरेक स्तरों पर कई तरह की लापरवाही बरती जा रही है। इस स्थिति में, मौलाना अबुल कलाम आज़ाद यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी  (मकाऊट) ने एक अनोखी  खोज की है
आविष्कारकों का दावा है, भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में यह पहली बार है। मकाऊट ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग कर केवल सॉफ्टवेयर के माध्यम से एक फैंसी मास्क स्कैनर तैयार किया है। दावा है कि इसके माध्यम से भीड़ में भी आसानी से पहचाना जा सकता है कि किसी ने मास्क पहना है या नहीं, या ठीक से मास्क लगाया है या नहीं। वह उसकी तस्वीर को लेकर और उसे सही जगह भेज देगा। इसके लिए केवल मोबाइल और  इंटरनेट की जरूरत है।
मकाऊट के कुलपति, सैकत मित्रा ने कहा कि हमें अपने साल्ट लेक इंस्टीट्यूट में प्रयोगात्मक अनुप्रयोगों में सफलता मिली है। इस बार इसे हमारी हरिनघाटा परियोजना में लागू किया जाएगा। यदि आवश्यक हो, तो देश और विदेश में कोई अन्य संगठन या संस्थान भी इसका लाभ उठा सकते हैं। इसे बनाने वाले का नाम प्रीतिमय सान्याल है।
 ्प्रीतिमय सान्याल, जिन्होंने एमसीए और एम टेक किया है। उन्होंने विशेष बातचीत में अपनी तकनीकी रणनीति के बारे में बताया। मुख्य प्रवेश द्वार के बगल में इंटरनेट कनेक्शन वाला एक मोबाइल फोन  रखा हुआ है। इसमें  क्लाउड आधारित तकनीक का एक सॉफ्टवेयर अपलोड किया हुआ  है। मैंने इस कृत्रिम मस्तिष्क सॉफ्टवेयर का नाम ‘स्मृति’ रखा है। जब कोई अजनबी प्रवेश करता है, तो स्मृति तुरंत उसके चेहरे की तस्वीर ले लेगी और उसे बताएगी कि क्या उसने ठीक से मास्क पहना है या नहीं। अगर सही से पहना है तो धन्यवाद कहेगा। यदि मास्क ठोड़ी पर या उसके नीचे लटका हुआ है, तो यह भी बताएगा। यदि एक ही समय में एक से अधिक व्यक्ति प्रवेश करते हैं, तो स्मृति आपको एक-एक करके जाने के लिए कहेगी। स्मृति हमारी केंद्रीय आईडी को मेल द्वारा प्रत्येक ऑब्जर्वेशन (अवलोकन) की सूचना देती है।
प्रीतिमाय ने बताया कि हम ‘स्मृति’ को और अधिक प्रभावी बनाने की कोशिश कर रहे हैं। वह जिस व्यक्ति की तस्वीरें ले रहा है, उसकी उम्र, पहचान, अभिव्यक्ति – यह सब भी पूरी तरह से पहचान सके इसकी कोशिश की जा रही है। इस कृत्रिम मस्तिष्क की मदद से विभिन्न संस्थानों को छात्रों-शोधकर्ताओं-कर्मचारियों पर नजर रखने का अवसर मिलेगा।
मुख्य प्रवेश द्वार के अलावा, संगठन के कैंटीन, लाइब्रेरी और लैब के प्रवेश द्वार पर रखी गई इस कनेक्शन प्रणाली में, वह उन लोगों को जल्दी से पहचान सकेगा जो मास्क नहीं पहनते हैं या जो मास्क ठीक से नहीं पहनते हैं। उन्होंने बताया कि स्मृति का अर्थ है ‘याद’। इसलिए सॉफ्टवेयर का नामकरण सही है। प्रीतिमाय ने कहा कि मैंने एक और कारण से यह नाम दिया है। पिता का नाम स्मृतिमय था। यह उनके लिए एक श्रद्धांजलि है।
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Chhapra: इनरव्हील क्लब छपरा द्वारा एक अनूठा प्रयास किया गया किया गया. बढ़ते हुए गर्मी के कारण किसानों को सब्जी की खेती करने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है. इसके लिए ड्रिप वाटर इरीगेशन अर्थात बोतल से बूंद बूंद करके पौधे पर पानी गिराया जाए इसका प्रैक्टिकल ट्रेनिंग देते हुए
एक गरीब किसान के खेत में 100 पौधो मे लगाया गया.

खाली पानी का बोतल जो होटल में फेंक दिया जाता है उसके द्वारा पौधे तक पानी पहुंचे. इसकी ट्रेनिंग दी गई. इसके दो फायदे हैं. एक तो प्लास्टिक के बोतल का दोबारा इस्तेमाल हो रहा है और दूसरा भीषण गर्मी में छोटे पौधे सुख मत जाएं इससे उनकी रक्षा हो रही है.

अध्यक्ष वीणा सरन ने दौलतगंज के किसान रामकृपाल को ड्राप वाटर इरिगेशन का समान दिया. इस सिस्टम में बोतल के नीचे वाले हिस्से को काट कर उसके कैप में छोटा सा छेद बना दिया जाता है. रोगियों को पानी चढाने वाले प्लास्टिक ट्यूब सिस्टम इसमें लगा दिया जाता है जो कि किसी भी अस्पताल इस्तेमाल किया हुआ, प्राप्त किया जा सकता है. विधि द्वारा बूंद बूंद करके पौधे के जड़ के पास पानी जाता रहेगा.

इस अवसर पर क्लब की सेक्रेटरी मधुलिका तिवारी, शैला जैन,और रानी सिन्हा मौजूद थीं. इस आशय की जानकारी क्लब एडिटर आशा शरण ने दिया.

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आधार से जुड़ा आपका मोबाइल नंबर बदलना हो, आधार कार्ड में घर का पता या बदलना हो या सुधारना हो, या फिर नया आधार कार्ड ही बनवाना जैसा कोई काम हो तो परेशान होने की जरूरत बिलकु्ल नहीं है.

नये आधार कार्ड बनाने से लेकर आधार अपडेशन तक सब कुछ बेहद आसान है. बस जरूरत है धैर्य और उचित जानकारी की. बिहार की राजधानी पटना के इपीएफओ कार्यालय सहित कई अन्य आधार केंद्रों पर लोगों की भीड़ आधार कार्ड से जुड़े कार्यों के लेकर है. लेकिन आपको पता होना चाहिए कि अब आधार कार्डधारक अपना नाम, पता, जन्म तिथि, लिंग, मोबाइल नंबर इत्यादि घर बैठे अपडेट करा सकते हैं.

इसके अलावा एड्रेस प्रूफ के लिए आपके पास कोई वैलिड डॉक्यूमेंट प्रूफ नहीं है, जिससे आप आधार में पता अपडेट कर सकें तो ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है. भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण यानी यूआईडीएआई ( UIDAI) ने लोगों को यह सहूलियत दी है कि वे अपना मौजूदा पता तब भी अपडेट कर सकते हैं, जब उनके पास कोई एड्रेस प्रूफ के लिए दस्तावेज नहीं है.

इसके मुताबिक ये काम आप एक एड्रेस वेरिफायर की मदद से एड्रेस वैलिडेशन लेटर ऑनलाइन भेजकर कर सकते हैं. अगर आपका मोबाइल नंबर आधार से लिंक नहीं है तो उसे लिंक करा लेना काफी फायदेमंद रहता है. इसके लिए आपको किसी तरह के डॉक्युमेंट की जरूरत नहीं होती है. आप बायोमैट्रिक सत्यापन के जरिए ऐसा करा सकते हैं.

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New Delhi: आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने रविवार को साल 2021 का पहला मिशन लॉन्च किया. भारत के ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) द्वारा 19 उपग्रह अंतरिक्ष में भेजे गए हैं.

सुबह 10 बजकर 24 मिनट पर लॉन्च पैड के सहारे पीएसएलवी-सी51 को प्रक्षेपित किया गया. इस रॉकेट में 637 किलो का ब्राजीलियाई उपग्रह अमेजोनिया-1 भी शामिल है. यह उपग्रह ब्राजील की कृषि विविधता का विश्लेषण करेगा. साथ ही यह उपग्रह अमेजन क्षेत्रों में वनों की निगरानी के मौजूद ढांचे को मजबूत करेगा. इससे पहले पीएसएलवी सी-51 प्रक्षेपण का पूर्वाभ्यास भी किया गया.

अमेज़ोनिया-1 उपग्रह के बारे में

अमेज़ोनिया-1 उपग्रह का कुल भार 637 किलोग्राम है. इसे 772 किलोमीटर की सूर्यतुल्यकाली ध्रुवीय कक्षा में 98.4 डिग्री के झुकाव के साथ अंतक्षेपित किया गया है. इसमें नितभार के रूप में वाइड फिल्म इमेजेज कैमरा लगे हुए हैं, जिसका swath 850 किलोमीटर का है और रेजोल्यूशन 60 मीटर का है. इस उपग्रह में दो सोलर पैनल भी लगे हुए हैं जो कि लिथियम आयन बैटरी को चार्ज करने के काम आएंगे. अमेज़ोनिया-1 उपग्रह में इंधन के रूप में हाइड्रेजीन का इस्तेमाल किया गया है. इसका जीवन काल चार वर्षों से अधिक का अभिकल्पित किया गया है.

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New Delhi: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का मंगल रोवर ‘परसेवरेंस’ मंगल ग्रह की सतह पर सफलतापूर्वक लैंड कर गया है.

लगभग सात महीने की अपनी यात्रा के बाद मंगल के ‘जेज़ीरो क्रेटर’ पर रोवर सफलतापूर्वक उतर गया है.

रोवर ने मंगल ग्रह के सतह की तस्वीरें भी भेजी है. जो इस ग्रह को जानने और समझने में सहायक होंगी. रोवर मंगल ग्रह की जानकारी भेजेगा.

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Kota: भारत मे देश का पहला ट्रैफिक सिग्नल मुक्त शहर बनाने की कवायद शुरू हो चुकी है. कोटा में तैयार किया जा रहा चंबल रिवर फ्रंट जो बनेगा भारत का पहला ट्रैफिक सिग्नल मुक्त शहर.

कोटा शहर में करीब 700 करोड़ की लागत से तैयार किये जा रहे इस चंबल रिवर फ्रंट के तहत कोटा शहर को ट्रैफिक सिग्नल मुक्त करने की प्‍लानिंग है. इसके तहत जहां कोटा शहर को ट्रैफिक सिग्नल मुक्त किया जाएगा, वहीं यहां दुनिया की सबसे बड़ी घंटी लगाये जाने की भी तैयारियाँ कर ली गई हैं.

शहर के लिए ऐसी योजना बनाई गई है, जिससे सड़क पर चलने वाले वाहन चालकों को चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल की वजह से ठहरना नहीं पड़ेगा. इसके लिए चौराहों पर फ्लाईओवर और अंडरपास तथा एलिवेटेड रोड बनाये जाएंगे.

कोटा में इस प्रोजेक्ट के तहत गीता के श्लोकों पर आधारित स्कल्पचर्स के साथ ही हाड़ा रानी और पन्नाधाय की कहानी तथा सिंह और घड़ियाल के स्कल्पचर्स भी लगाये जाएंगे.

चंबल रिवर फ्रंट के किनारे माता चर्मण्यवती की 40 फीट ऊंची प्रतिमा लगाई जाएगी. सूत्रों की माने तो शहर को सुंदर बनाने के लिए इस योजना को जल्द से जल्द मूर्त रूप दिया जाएगा. जिसको लेकर तैयारी की जा रही है.

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दुनियाभर में पॉपुलर ऐप WhatsApp अपने यूजर्स के लिए नए-नए फीचर्स लेकर आता रहता है. इस साल ऐप में कई फीचर्स आने वाले हैं. WhatsApp जल्द ही अपनी नई प्राइवेसी पॉलिसी लेकर आने वाला है. अगर यूजर्स इस पॉलिसी को एक्सेप्ट नहीं करते हैं तो उन्हें ऐप डिलीट करना होगा. आइए जानते हैं इस नई प्राइवेसी पॉलिसी में क्या है खास.

WhatsApp की नई टर्म्स और प्राइवेसी पॉलिसी
WhatsApp यूजर्स को ऐप की नई टर्म और प्राइवेसी पॉलिसी को जल्द ही एग्री करना होगा. माना जा रहा है कि अगर आप इस प्राइवेसी पॉलिसी से एग्री नहीं होंगे तो आप WhatsApp का यूज नहीं कर पाएंगे. WABetaInfo की मानें तो WhatsApp 8 फरवरी 2021 को अपनी टर्म्स ऑफ सर्विस को अपडेट करने जा रहा है. अगर WhatsApp यूजर्स इससे एग्री नहीं होते हैं तो वे WhatsApp इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे.

पॉलिसी में ये है अहम
WhatsApp की नई पॉलिसी में यूजर्स को जो लाइसेंस दिए जा रहे हैं उसमें कहा गया है कि हमारी सेवाओं को संचालित करने के लिए आप WhatsApp को, जो कंटेंट अपलोड, सबमिट, स्टोर, भेजते हैं या फिर प्राप्त करते हैं, उनको यूज, रिप्रोड्यूस, डिस्ट्रीब्यूट और डिस्प्ले के लिए दुनियाभर में, नॉन-एक्सक्लूसिव, रॉयल्टी फ्री, सब्लिसेंसेबल और ट्रांसफरेबल लाइसेंस दिया जाता है.

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New Delhi: 400 साल बाद बृहस्पति और शनि ग्रह पृथ्वी के इतने करीब आये हैं कि उन्हें आसमान में आसानी से देखा जा सकता है. वैज्ञानिकों ने इसे ‘Great Conjunction’ का नाम दिया है. सौरमंडल के दो सबसे बड़े ग्रह बृहस्पति और शनि एक दूसरे के बेहद करीब आए. यह अद्भुत संयोग साल 2080 तक फिर नहीं होगा.

खगोलविदों के अनुसार दोनों ग्रह वास्तव में 730 मिलियन किलोमीटर से अधिक दूर हैं. लेकिन पृथ्वी के संबंध में उनके संरेखण (alignment) के कारण वे लगभग 400 वर्षों में किसी भी समय एक दूसरे के करीब दिखाई देते हैं.

दोनों ग्रह भारतीय समय अनुसार रात करीब 11 बजकर 52 मिनट पर एक-दूसरे के सबसे करीब होंगे. ये दोनों ग्रह इससे पहले 17वीं शताब्दी में महान खगोलविद गैलीलियो के जीवनकाल में इतने पास आए थे. अंतरिक्ष वैज्ञानिकों का कहना है कि हमारे सौरमंडल में दो बड़े ग्रहों का नजदीक आना बहुत दुर्लभ नहीं है. बृहस्पति ग्रह अपने पड़ोसी शनि ग्रह के पास से प्रत्येक 20 साल पर गुजरता है, लेकिन इसका इतने नजदीक आना खास है.

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Winter solstice इसलिए होता है क्योंकि पृथ्वी अपने घूर्णन के अक्ष पर लगभग 23.5 डिग्री झुकी हुई होती है और झुकाव के कारण प्रत्येक गोलार्ध को सालभर अलग-अलग मात्रा में सूर्य का प्रकाश प्राप्त होता है. जानिए इसे क्या कहा जाता है

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21 दिसंबर 2020 साल का सबसे छोटा दिन और लंबी रात रहने वाली है. इस खगोलीय घटना को Winter solstice कहा जाता है. सूर्य इस दिन कर्क रेखा से मकर रेखा की तरफ उत्तरायण से दक्षिणायन की ओर प्रवेश करता है. ये वो समय होता है जब सूर्य की किरणें बहुत कम समय के लिए पृथ्वी पर रहती हैं. सूर्य की मौजूदगी करीब 8 घंटे रहती और इसके अस्त होने के बाद लगभग 16 घंटे की रात रहती है.

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बढ़ जाएगी ठंड- Winter solstice के बाद ठंड काफी ज्यादा बढ़ जाती है. इस घटना के बाद पृथ्वी पर चंद्रमा की रोशनी ज्यादा देर तक रहने लगती है. जबकि सूर्य बहुत कम समय तक अपनी रोशनी पृथ्वी पर बिखेर पाता है. सूर्योदय और सूर्यास्त का सही समय टाइम जोन और भौगोलिक स्थिति पर भी निर्भर करता है.

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डिजिटल मीडिया ने दुनिया को पिछले कुछ सालों में इस हद तक प्रभावित किया है कि इन प्लेटफॉर्म्स पर लोकप्रिय लोग ट्रेडिशनल करियर से बहुत ज्यादा कमाई करने लगे हैं. खास बात ये है कि इन प्लेटफॉर्म्स पर कमाई के मामले में उम्र की भी कोई सीमा नहीं है. इसका ताजा उदाहरण यूट्यूब है जहां साल 2020 में सबसे ज्यादा कमाई एक ऐसे लड़के ने की है जो अभी 10 साल का भी नहीं हुआ है.

अमेरिका के टैक्सास में रहने वाला 9 साल का रायन काजी यूट्यूब पर खिलौनों और गेम्स को अनबॉक्स करता है और इन्हें रिव्यू करता है. वो साल 2020 में महज यूट्यूब से 29.5 मिलियन डॉलर्स यानि लगभग 221 करोड़ की कमाई कर चुका है. इसके अलावा वर्ल्ड ब्रांडेड टॉय एंड क्लोथिंग के जरिए भी इस बच्चे ने 200 मिलियन डॉलर्स की कमाई की है.

रायन ने हाल ही में निकेलोडिएन के साथ अपनी खुद की टीवी सीरीज की डील भी साइन की है. काजी की सबसे लोकप्रिय वीडियो ह्यूज एग्स सरप्राइज टॉय चैलेंज के 2 बिलियन से भी अधिक व्यूज हैं. ये वीडियो यूट्यूब के इतिहास की 60 सबसे ज्यादा देखने वाली वीडियो में शामिल है.

रायन ने साल 2015 में वीडियो बनाना शुरू किया था. उसे ये आइडिया तब आया था जब उसने खिलौनों के रिव्यू के वीडियो देखने शुरू किए थे. रायन का वीडियो रिव्यू का तरीका लोगों को काफी पसंद आने लगा और उसका फैन बेस काफी बढ़ने लगा. रायन की लोकप्रियता तीन साल बाद चरम पर पहुंच चुकी थी और वो साल 2018 और 2019 में भी यूट्यूब पर सबसे ज्यादा कमाई करने वाला यूट्यूबर था.

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