Chhapra: सारण उप विकास आयुक्त प्रियंका रानी द्वारा आज भ्रमणशील पशु चिकित्सा पदाधिकारियों द्वारा किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की गई। जिसमे

आपातकालीन चिकित्सा हेतु आने वाले फोन कॉल के लिए पंजी संधारण करने तथा आपातकालीन नंबर को क्षेत्र में प्रदर्शित करने का निर्देश दिया गया।

साथ ही सभी भ्रमणशील पशु चिकित्सा पदाधिकारियों को दैनिक Tour Diary संधारण करने का निर्देश गया

वही भ्रमणशील पशु चिकित्सा पदाधिकारियों के कार्यों के सम्यक पर्यवेक्षण हेतु व्हाट्सएप ग्रुप बनाने का निर्देश जिला पशुपालन पदाधिकारी, सारण को दिया गया।

पशुओं का इलाज करते हुए जिओ टैग फोटो व्हाट्सएप ग्रुप में प्राप्त करने का निर्देश दिया गया।

बैठक में जिला पशुपालन पदाधिकारी, सारण सहित अन्य विभागीय पदाधिकारी उपस्थित थे।

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Chhapra: वर्तमान समय में जिला सहित राज्य के सभी जिलों में गर्मियों का मौसम पूरे उफान पर है। बिहार की राजधानी सहित कई शहरों में पारा 45℃ के पार पहुंच गया है। जिसको लेकर मौसम विभाग ने हीटवेव के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। जिसमें आवश्यक रूप से दिशा- निर्देश दिया गया हैं कि दिन में 12 बजे से 03 बजे के बीच घर से बाहर नहीं निकलना है। जो जहां है वही पर रहते हुए अपने कार्यों को निबटाएं। क्योंकि गर्मियों में लू लगने (Heat Wave) और डिहाइड्रेशन का खतरा होता है। जिस कारण हीट वेव को जानलेवा माना जाता है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिलेवासियों से अपील किया गया है कि फिलहाल 12 से 3 बजे तक कोविड- 19 जैसे हालात हो गए हैं। जब तक खुद को हिट वेब से बचा नही बचाएंगे तब तक अपनों को बचा पाना मुश्किल है।

हीट स्ट्रोक और डिहाइड्रेशन से होने वाली बीमारियों से हमेशा सतर्क रहने की आवश्यकता: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ सागर दुलाल सिन्हा ने बताया कि गर्मी का असर सबसे ज्यादा कमजोर बच्चें और घर के बड़े बुजुर्गों पर पड़ता है। हालांकि बच्चों को पूरी तरह से सुरक्षित रखने के लिए उनके माता-पिता तरह-तरह के उपायों को करते रहते हैं। लेकिन इसी बीच कभी- कभी घर के बड़े बुजुर्गो सहित बच्चों की अनदेखी कर दी जाती है। हालांकि हिट वेब के दौरान शरीर में पानी की कमी से हीट स्ट्रोक और डिहाइड्रेशन से होने वाली बीमारियों से सुरक्षित एवं बचाव को लेकर हमेशा सतर्क रहने की आवश्यकता होती है। इसकी पूर्ति के लिए पर्याप्त मात्रा में शुद्ध पेयजल के अलावा रसयुक्त आहार को अनिवार्य रूप से शामिल करना उचित होता है। हालांकि जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों पर डायरिया सहित अन्य प्रकार की संक्रामक या मौसमी बीमारियों का इलाज की व्यवस्था है।

गर्मी के दिनों में ताजी और हरी सब्जियों को अनिवार्य रूप से शामिल करना चाहिए: सिविल डीपीएम
जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम अरविंद कुमार ने बताया कि गर्मियों के दिनों में घर के बड़े बुजुर्गों की त्वचा खराब होने की संभावना बढ़ जाती है। जिस कारण संक्रमण होने का खतरा बना रहता है। ऐसे मामलों में औषधीय या हर्बल साबुन का उपयोग करना बेहतर होता है। गर्मी के दिनों में स्नान करने के बाद साफ कपड़े पहनने से संक्रमण का खतरा कम हो जाता है। गन्दे पकड़े पहनने मात्र से स्वच्छता और पाचन तंत्र भी प्रभावित होने की आशंका बनी रहती है। वहीं फूड पॉइजनिंग आदि का खतरा अत्यधिक होता है। जिस कारण अपने आहार में ताजी और हरी सब्जियों को अनिवार्य रूप से शामिल करना चाहिए। गर्मी के दिनों में एलर्जी, कंजक्टिवाइटिस और कमजोरी होने का खतरा दो गुना बढ़ जाता है। इन सभी से बचाव एवं सुरक्षित रखने के लिए आंखों को गर्मी या अत्यधिक धूप से बचाने के लिए अपने आहार में विटामिन ए और विटामिन सी से परिपूर्ण फलों को शामिल करना चाहिए।

नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों के चिकित्सकों से अनिवार्य रूप से लेनी चाहिए सलाह: डीपीसी
जिला योजना समन्वयक रमेश चंद्र कुमार ने बताया कि यदि आपके परिवार के किसी भी बड़े बुजुर्ग को कोई संक्रमित बीमारी होने का खतरा मंडरा रहा है तो नियमित अनिवार्य रूप से जांच करानी चाहिए। इसके अलावा यदि परिवार के किसी भी सदस्य का स्वास्थ्य ख़राब होने की स्थिति में है तो जल्द से जल्द नदजीकी स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सकों से सलाह लेनी चाहिए। चिकित्सकों से परामर्श लिए वग़ैर कोई भी दवा का सेवन नहीं करना चाहिए। जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में 24 घंटे चिकित्सको की प्रतिनियुक्ति सुनिश्चित की गई है। हालांकि इसके अलावा विशेष जानकारी या उचित परामर्श के लिए क्षेत्र की आंगनबाड़ी सेविका या आशा कार्यकर्ताओ से संपर्क किया जा सकता है। ग्रामीण क्षेत्रों में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर हर प्रकार की बीमारियों का इलाज की समुचित व्यवस्था उपलब्ध है।

 

हिट वेब से बचाव के लिए अपनाएं कुछ टिप्स:
– अत्यधिक मात्रा में पानी का सेवन अनिवार्य रूप से करते रहें.

– अपने- अपने घरों में नींबू,चीनी व सेंधा नमक पानी में मिलाकर इलेक्ट्रो लाइट्स बनाकर रखें.

– कामकाजी लोग ड्यूटी पर निकालते समय बोतल में इलेक्ट्रोलाइट्स को साथ लेकर निकलना बेहतर होगा.

– सिर्फ पानी ही काफी नहीं है, बल्कि धूप और गर्मी से बचने के लिए इलेक्ट्रोलाइट्स बहुत जरूरी.

– चाय, कॉफ़ी से परहेज और प्रोटीन का सेवन कम करना चाहिए.

– तेल, मशाला से बनाई गई खाना से परहेज करें। लेकिन फल या फल का जूस अनिवार्य रूप से करना चाहिए.

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सनातन संस्कृति के लोग पर्यावरण की सुरक्षा को प्रतिबद्ध : कुलपति

विश्व पर्यावरण दिवस पर जयप्रकाश विश्वविद्यालय में सेमिनार व वृक्षारोपण का हुआ आयोजन 

Chhapra: जयप्रकाश विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रो. परमेंद्र कुमार बाजपेई ने कहा कि सनातन संस्कृति के लोग धरती माता की सुरक्षा के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध होते हैं। आज मानवता सत्यता, धार्मिक आचरण, पर्यावरणीय स्थिरता और जिम्मेदार उपभोग के हमारे सनातन मूल्यों की ओर मुड़ रही है। वेदों ने पूरी मानवता को अभ्यास करने के लिए अपरिग्रह की व्यवस्था की है। कुलपति महोदय ने विश्व पर्यावरण दिवस पर मंगलवार को जयप्रकाश विश्वविद्यालय में आयोजित सेमिनार को वर्चुअल रूप से संबोधित करते हुए उक्त बातें कहीं।

उन्होंने कहा कि इस महान शाश्वत सनातन संस्कृति के लंबे समय तक बने रहने पर गर्व है। कुलपति ने आह्वान करते हुए कहा कि आज पर्यावरण की रक्षा के लिए हर व्यक्ति कम से कम एक पेड़ लगाकर एक अच्छा काम करे। साथ ही अग्रणी वैज्ञानिक अन्वेषणों और प्रौद्योगिकी नवाचारों में भी शामिल हों जो सभी के लिए पर्यावरणीय स्थिरता और सतत समृद्धि के उद्देश्य को मजबूत करेंगे।

सेमिनार के मुख्य वक्ता राष्ट्रीय डॉल्फिन शोध केंद्र, पटना के अंतरिम निदेशक, डॉ गोपाल शर्मा ने भूमि के बंजरीकरण, भूमि के सूखापन और पर्यावरण प्रदूषण की चर्चा करते हुए कहा कि इसे जल्द से जल्द ठीक करना होगा। इसे ज्यादा से ज्यादा पेड़-पौधा लगाकर ही ठीक किया जा सकता है।

कुलसचिव प्रो. रणजीत कुमार ने पर्यावरणीय संकट को मानवता के समक्ष बड़ा खतरा बताते हुए ज्यादा से ज्यादा पेड़-पौधे लगाने और नदी-तालाबों के संरक्षण पर बल दिया।

डीएफओ सुंदर राम ने कहा कि विश्वविद्यालय परिसर काफी बड़ा है। इसमें बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण हो तथा यहां के तालाबों को विकसित किया जाय। उन्होंने कहा कि इसके लिए उनके विभाग से हरसंभव सहयोग किया जाएगा।

डॉ रमन कुमार सिंह और आइक्यूएसी के संयोजक प्रो. उदय शंकर ओझा ने अधिक से अधिक वृक्षारोपण पर जोर दिया।

‘भूमि का पुनर्स्थापन, मरुस्थलीकरण और सूखा’ (Land restoration, desertification & draught resilience) विषयक सेमिनार में सर्वप्रथम आगत अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन किया गया। इसके पश्चात अपने उद्बोधन के साथ जयप्रकाश विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. (डॉ) परमेंद्र कुमार बाजपेई द्वारा सेमिनार का शुभारंभ किया गया। स्वागत उद्बोधन विश्वविद्यालय अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ के निदेशक प्रो. रविंद्र सिंह ने किया जबकि मंच संचालन समायोजक, महाविद्यालय विकास परिषद प्रो. हरिश्चंद ने किया। धन्यवाद ज्ञापन अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ के सहायक निदेशक डॉ रमण सिंह ने किया।

इस अवसर पर आगत अतिथियों तथा राष्ट्रीय सेवा योजना के द्वारा विश्वविद्यालय परिसर में वृक्षारोपण भी किया गया।

विश्वविद्यालय के अनुसन्धान एवं विकास कोषांग, आइक्यूएसी, स्नातकोत्तर जंतु विज्ञान विभाग तथा राष्ट्रीय सेवा योजना के संयुक्त तत्वावधान में इस सेमिनार का आयोजन किया गया था। सेमिनार में विभिन्न विभागों के प्राध्यापक, शोधार्थियों सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्रा भी उपस्थित थे।

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विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में विवेकानंद VIP फार्मेसी कॉलेज में हुआ जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन

Chhapra: सारण जिले के फार्मेसी संस्थान विवेकानंद VIP फार्मेसी कॉलेज में दिनांक 05 जून 2024 (बुधवार) को “विश्व पर्यावरण दिवस” के उपलक्ष्य में विशेष जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम का उद्घाटन संस्थान के व्यवस्थापक सह वी० आई० पी० ग्रुप के निदेशक डॉ० राहुल राज के नेतृत्व में दीप प्रज्जवलित कर किया गया। इस कार्यक्रम में संस्थान परिवार के सभी सदस्य प्राचार्य महोदय, शिक्षक एवं सभी विद्यार्थीगणो ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कार्यक्रम आयोजन का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण को हरा-भरा बनाना तथा उसकी देखभाल व सुरक्षा करना रहा, क्योंकि पर्यावरण के बिना जीवन असंभव है।

कार्यक्रम में उपस्थित वी० आई० पी० ग्रुप के निदेशक डॉ० राहुल राज ने इस अवसर पर अपने मन्तव्यों में कहा कि पर्यावरण की सुरक्षा हमारा प्रथम दायित्व होना चाहिए, क्योंकि यह हमारे लिए जीवनदायिनी है। हम सभी को आज यह सपथ लेना होगा कि पर्यावरण को दूषित होने से बचाने का हर संभव प्रयास करेंगे साथ ही पर्यावरण को हरा भरा बनाने के उद्देश्य से अपने आस-पास अधिक से अधिक पेड़-पौधे लगाएंगे जिससे धरती पर ऑक्सीजन की कमी न हो और तापमान भी सामान्य रहे।

संस्थान के शिक्षकों ने भी पर्यावरण के बारे में लोगों को महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान की तथा अधिक से अधिक पौधो को लगाने पर बल दिया। संस्थान के बी० फार्मा व डी० फार्मा के विद्यार्थियों ने भी अपने शिक्षकों के सानिध्य में महाविद्यालय परिसर में पौधारोपण का कार्य कर लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया। साथ ही उन विद्यार्थियों द्वारा चार्ट पेपर पर एक से बढ़कर एक प्रोजेक्ट तैयार किए गए, जो लोगों में पर्यावरण सुरक्षा को लेकर विशेष संदेश देने का काम किया।

संस्थान के प्राचार्य ने भी इस मौके पर बताया कि ओजोन परत में बड़े बड़े छिद्र हो जाने के कारण सूर्य की पारा बैगनी किरणे सीधे पृथ्वी पर पड़ रही हैं जो पृथ्वी पर काफी बुरा असर डाल रही हैं, आने वाले समय में पृथ्वी पर जीवनयापन दुर्लभ हो सकता है, ऐसी स्थिति में हरे-भरे वृक्ष ही हमारे लिए संजीवनी के रूप में एक मात्र सहारा है। अतः हम सभी को वृक्षों की कटाई को रोकते हुए अधिक से अधिक पेड़ पौधे लगाने होंगे तथा पर्यावरण को दूषित होने से पूर्णतः रोकना होगा। संस्थान के सभी सदस्यों में इस कार्यक्रम को लेकर काफी रोचकता देखने मिली।।

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“भूमि पुनर्स्थापन, मरुस्थलीकरण और सूखे से निपटने की क्षमता” जैसे महत्वपूर्ण थीम के तहत मनाया गया विश्व पर्यावरण दिवस

जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में बृहत पैमाने पर पौधारोपण रोपण अभियान चला कर मनाया गया विश्व पर्यावरण दिवस: डीपीएम

वृक्षारोपण का आयोजन कर पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए अधिक से अधिक पौधा लगाने को लेकर दिया गया संदेश: उपाधीक्षक

स्वस्थ जनजीवन के लिए पर्यावरण का संरक्षण निहायत ही जरूरी: सिविल सर्जन

Chhapra: बढ़ते तापमान एवं अचानक परिवर्तन से विभिन्न प्रकार की एलर्जी, सर्दी, खांसी, बुखार, दम फूलना एवं सांस लेने में कठिनाइ जैसी बीमारियां उत्पन्न होने से श्वसन तंत्र, उत्सर्जन तंत्र एवं स्पर्श तंत्र प्रभावित होने की संभावना अत्यधिक होती है। जिससे सुरक्षित और बचाव को लेकर पौधारोपण करना बेहद जरूरी होता है। उक्त बातें सोनपुर अनुमंडल मुख्यालय स्थित अस्पताल परिसर में उपाधीक्षक डॉ पुनम कुमारी ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर वृहत पैमाने पर वृक्षारोपण करने के दौरान कही। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर वृक्षारोपण करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों सहित उपस्थित समूह द्वारा वृक्षारोपण कर देश ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में पर्यावरण को संरक्षित करके के लिए संकल्प लेने के साथ ही उपस्थित मरीज एवं उनके परिजनों को भी अधिक से अधिक पौधा लगाने को लेकर संदेश दिया गया है। ताकि हमारे आस- पास हरियाली से वातावरण स्वच्छ रहे। ताकि सांस लेने में किसी प्रकार की दिक्कतों का सामना नही पड़े।

इस अवसर पर अनुमंडलीय अस्पताल सोनपुर की उपाधीक्षक डॉ पूनम कुमारी, चिकित्सा पदाधिकारी डॉ प्रतिमा और प्रीति, अस्पताल प्रबंधक मृत्युंजय कुमार पाण्डेय, बीएचएम ओम प्रकाश, बीसीएम पूनम भारती, बीएमएनई विष्णु कुमार, फिजियोथेरेपिस्ट राज कपूर, डेटा ऑपरेटर अमन और संजय, परामर्शी नीतीश कुमार, जीएनएम सुनीता, अनुराधा और डॉली सहित एएनएम स्कूल की छात्राएं उपस्थित थी।

जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में बृहत पैमाने पर वृक्षारोपण अभियान चला कर मनाया गया विश्व पर्यावरण दिवस: डीपीएम

जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम अरविंद कुमार ने बताया कि देश ही नही बल्कि पूरे विश्व में काफी तेजी के साथ प्रदूषण फैल रहा है। क्योंकि बढ़ते प्रदूषण के कारण देश की प्रकृति संकट में पड़ गई हैं। हालांकि प्रकृति जीवन जीने के लिए किसी भी जीव को हर प्रकार की चीज उपलब्ध कराती है। ऐसे में अगर हमलोगो के आसपास की प्रकृति प्रभावित होती है तो फिर हमारा जीवन भी पूरी तरह से प्रभावित हो सकता है। ऐसे में प्रकृति को प्रदूषण से बचाने के उद्देश्य से विश्व पर्यावरण दिवस मनाए जाने की शुरुआत हुई थी। लेकिन प्रत्येक वर्ष अलग- अलग थीम को लेकर विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। जिसमें इस बार “भूमि पुनर्स्थापन, मरुस्थलीकरण और सूखे से निपटने की क्षमता” जैसे महत्वपूर्ण थीम के तहत जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में बृहत पैमाने पर वृक्षारोपण अभियान चला कर विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया है।

स्वस्थ जनजीवन के लिए पर्यावरण का संरक्षण निहायत ही जरूरी: सिविल सर्जन

प्रभारी सिविल सर्जन डॉ चंदेश्वर प्रसाद सिंह ने कहा कि जनजीवन की सुरक्षा के लिए पर्यावरण को सुरक्षित और संरक्षित रखने की जरूरत है। आधुनिकता की ओर बढ़ रहे विश्व में विकास की राह में कई ऐसी चीजों का उपयोग शुरू कर दिया गया है, जो धरती और पर्यावरण के लिए घातक साबित हो रहा है। क्योंकि इंसान और पर्यावरण के बीच सबसे गहरा संबंध है। प्रकृति के बिना बेहतर जीवन की परिकल्पना करना बेमानी होती है। लेकिन इसी प्रकृति को इंसानों के द्वारा नुकसान पहुंचाया जा रहा है। जिस कारण लगातार पर्यावरण दूषित हो रहा है, जो जनजीवन को प्रभावित करने के साथ ही प्राकृतिक आपदाओं की भी वजह बन रहा है। सुखी और स्वस्थ जीवन के लिए प्रकृति की सुरक्षा और पर्यावरण का संरक्षण निहायत ही जरूरी है। इसी उदेश्यों की पूर्ति के लिए प्रतिवर्ष विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। ताकि पर्यावरण को लेकर लोगों को जागरूक किया जा सके। साथ ही पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए लोगों को प्रोत्साहित भी किया जाता है।

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Chhapra: भीषण गर्मी और लू को देखते हुए छपरा नगर निगम के अतर्गत बुडको द्वारा क्रियान्वित अमृत जलापूर्ति योजना के सभी पम्प ऑपरेटर को निदेश दिया जाता है कि पम्प चलाने का समय में बदलाव किया गया है.

सुबह 5:00 बजे से 9:00 बजे तक, दोपहर 12:00 से 1:00 बजे तक और शाम 5:00 बजे से 8:00 बजे तक

नल-जल से संबंधित किसी भी शिकायत के लिए बुडको का Toll free No-9262793764 पर कॉल कर सकते है कॉल करने का समय सुबह 10:00 से शाम 5:00 तक है केवल रविवार को छोड़ कर ।

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लू (Heat Wave) के प्रकोप से बचाव एवं उपाय से संबंधित बैठक में जिलाधिकारी ने दिये कई आवश्यक निदेश

Chhapra: समाहरणालय सभाकक्ष में लू (Heat Wave) के प्रकोप से बचाव के उपाय से संबंधित बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिलाधिकारी अमन समीर ने उपस्थित पदाधिकारियों को लू से बचाव हेतु आवश्यक उपाय शीघ्रता से करने का निदेश दिया ताकि अनचाही घटनाओं से बचा जा सके।

बैठक में नगर आयुक्त सुमित कुमार, अपर समाहर्त्ता, मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी-सह-सिविल सर्जन, जिला पशुपालन पदाधिकारी, सभी प्रखंड स्तरीय पशु चिकित्सक, जिला स्वास्थ्य प्रबंधक, नगर प्रबंधक, कार्यपालक अभियंता पीएचईडी, विद्युत कार्यपालक अभियंता, कार्यप्रमंडल पूर्वी एवं पश्चिमी, सहायक अभियंता बूडको सारण आदि उपस्थित थे। जबकि अंचलाधिकारी एवं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी वीडियो कॉफेसिंग के माध्यम से बैठक से जुड़े हुए थे।

सर्वप्रथम जिलाधिकारी ने फोन पर आ रहे हीट वेव की समस्या की जानकारी उपस्थित पदाधिकारियों को दी तथा इसके कारगर बचाव हेतु निदेशित किया। कार्यपालक अभियंता पी.एच.ई.डी. के द्वारा जलालपुर प्रखंड के कई पंचायतों के साथ अन्य प्रखंड पंचायतों में भी नल-जल खराब होने की जानकारी दी गयी जिसपर जिलाधिकारी के द्वारा कार्यपालक अभियंता पीएचईडी, सारण को नल-जल की शीघ्र मरम्मति कराते हुए योजना को सुचारु रुप से कार्यान्वित कराने का निदेश दिया गया। साथ ही चापाकल की मरम्मति एवं आवश्यकतानुसार नये चापाकल लगवाने का निदेश दिया गया। जिलाधिकारी ने सभी अंचलाधिकारियों से मुखिया प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर पंचायतों में खराब पड़े चापाकलों एवं आवश्यकतानुसार नये चापाकल लगवाने हेतु सूची उपलब्ध कराने का निदेश दिया । साथ ही मुखिया प्रतिनिधियों के माध्यम से ही पंचायतों में लू के प्रकोप से बीमार पशुओं की स्थिति का आकलन भी करने का निदेश दिया गया। आवश्यकतानुसार जगह-जगह प्याऊ लगाने हेतु निदेश दिया गया।

जिला पशुपालन पदाधिकारी को निदेश देते हुए कहा गया कि प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से लू से बचाव हेतु किसानों को जागरुक किया जाय। सभी प्रखंड पशु चिकित्सकों को अपने क्षेत्रों में भ्रमणशील रहकर बीमार पशुओं की चिकित्सा सुनिश्चित करने का निदेश दिया गया।
विद्युत कार्यपालक अभियंता पूर्वी एवं पश्चिमी को पावर कट की जानकारी सार्वजनिक करते हुए पावर कट कम करने तथा खराब ट्रान्सफॉरमर को अतिशीघ्र बदलने का निदेश दिया गया। सहायक अभियंता, बूडकों द्वारा अमृत योजना अंतर्गत हो रही पानी की स्पलाई में नगर निगम क्षेत्र के 09 वार्डों में पानी का फोर्स धीमा होने के कारणों की जानकारी दी गयी। इसके लिए सहायक अभियंता बूडको को नगर आयुक्त, छपरा नगर निगम के साथ बैठक कर समस्या का निराकरण करने का निदेश दिया गया।

सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को जिलाधिकारी ने जिम्मेवारी देते हुए कहा कि लू के प्रकोप के कारण आ रही स्वास्थ्य समस्याओं की निगरानी करें। लू से प्रभावित व्यक्तियों की इलाज शीघ्रता से की जाय। लू से बचाव हेतु ओ.आर.एस. इत्यादि का वितरण आशा/एन.एन.एम के माध्यम से करायी जाय। सभी अंचलाधिकारी को एक्टिव मोड मे रहने के साथ प्रखंड विकास पदाधिकारी से बात कर क्षेत्र की हीट वेव की जानकारी रखें। कोई समस्या आने की स्थिति में घटना स्थल / अस्पताल में भी भ्रमण करें और मरीजों की स्थिति की जानकारी रखें।

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पारा मेडिकल संस्थान और एएनएम स्कूल में चलाया गया जागरूकता अभियान

छात्र और छात्राओं को तंबाकू सेवन के दुष्प्रभाव को लेकर किया गया जागरूक: मनोवैज्ञानिक

बेवक्त आने वाली मौत का मुख्य कारण तंबाकू उत्पाद, लेकिन इसके लिए सामाजिक चेतना अतिआवश्यक: एनसीडीओ

बिहार में अधिकांश मुंह कैंसर का मुख्य कारण तंबाकू सेवन: सिविल सर्जन

chhapra: विश्व तंबाकू निषेध दिवस के अवसर पर सदर अस्पताल परिसर स्थित पारा मेडिकल संस्थान के अलावा एएनएम स्कूल में जागरूकता अभियान चलाया गया। जिसमें छात्र—छात्राओं को तंबाकू की लत से होने वाले नुकसान तथा बचने के उपायों की जानकारी दी गई। इस अवसर पर गैर – संचारी रोग पदाधिकारी (एनसीडीओ) डॉ भूपेंद्र कुमार, फिजियोथैरेपिस्ट वरुण कुमार सिंह, मनोवैज्ञानिक निधि कुमारी, एएनएम स्कूल की प्राचार्या काजल कुमारी सहित अन्य कर्मी मौजूद थे। वहीं पारा मेडिकल संस्थान तथा एएनएम स्कूल के छात्र- छात्राओं द्वारा विश्व तंबाकू निषेध दिवस के अवसर पर पेंटिंग भी बनाया गया। जिसमें छोटू कुमार, गजेंद्र कुमार, राधा कुमारी, काजल कुमारी, प्रवीण कुमार, विवेक कुमार, शशिकांत, अनुभा कुमारी, खुशबू कुमारी, प्रियंका, नेहा, ज्योति, कल्पना, साक्षी, मनीषा कुमारी ने भाग लिया।

छात्र—छात्राओं को तंबाकू सेवन के दुष्प्रभाव को लेकर किया गया जागरूक: मनोवैज्ञानिक

मनोवैज्ञानिक निधि कुमारी ने बताया कि विश्व तंबाकू निषेध दिवस के अवसर पर स्कूली छात्र और छात्राओं से अपील किया गया की अपने आस पास के वैसे लोग जो तंबाकू का सेवन कर रहे है, वैसे लोगों को इसके दुष्प्रभाव को लेकर जागरूक करने की आवश्यकता है। तभी हमलोग इसको सार्थक रूप दे सकते हैं। हालंकि इसके साथ ही उस्पथित सभी छात्रों से जिंदगी में कभी भी तंबाकू सेवन नही करने के लिए शपथ दिलाई गई। क्योंकि तंबाकू का सबसे अधिक दुष्प्रभाव स्कूली बच्चों और युवाओं पर हो रहा है। बिहार में तंबाकू का प्रयोग करने वाले 25.9 प्रतिशत, धुआं रहित तंबाकू यानी पान मसाला, जर्दा, खैनी का प्रयोग करने वाले 23.5 प्रतिशत, बीड़ी पीने वाले 4.2 प्रतिशत और सिगरेट पीने वाले 0.9 प्रतिशत लोग हैं।

बेवक्त आने वाली मौत का मुख्य कारण तंबाकू उत्पाद, लेकिन इसके लिए सामाजिक चेतना अतिआवश्यक: एनसीडीओ
जिला गैर संचारी रोग पदाधिकारी (एनसीडीओ)

डॉ भूपेंद्र कुमार ने कहा कि तंबाकू सेवन के कारण कैंसर, ह्रदय रोग जैसी बीमारियों की समस्या बढ़ती जा रही है। लेकिन तंबाकू, सिगरेट व्यवसाय जैसे शक्तिशाली व्यावसायिक समूह से मुकाबला करने के लिए सामाजिक चेतना अतिआवश्यक है। क्योंकि युवाओं में नशा करना भले ही शान और लत के लिए किया जाता हो। लेकिन यह जिंदगी में बेवक्त आने वाली मौत का मुख्य कारण भी माना जाता है। हालांकि लोग भले ही इसका मजा कुछ पल के लिए करते हैं लेकिन यह मजा कब लोगों लिए जिंदगी भर की सजा बन जाए, इसका अंदाजा भी नहीं लगा सकते है। तंबाकू का सेवन जन स्वास्थ्य के लिए बड़े खतरों में से एक माना जा रहा है। क्योंकि सार्वजनिक स्थानों पर तंबाकू सेवन के बाद थूकना स्वास्थ्य के लिए काफ़ी खतरा होता है। तंबाकू सेवन करने वाले की प्रवृति यत्र-तत्र थूकने की होती है। थूकने के कारण कई गंभीर प्रकार की गंभीर बीमारी तथा कोरोना, इंसेफलाइटिस, यक्ष्मा, स्वाइन फ्लू आदि का संक्रमण फैलने की आशंका रहती है।बिहार में अधिकांश मुंह

कैंसर का मुख्य कारण तंबाकू सेवन: सिविल सर्जन

सिविल सर्जन डॉ सागर दुलाल सिन्हा का कहना है कि तंबाकू सेवन की रोकथाम को लेकर विभागीय स्तर से दो स्तरों पर कार्य किया जा रहा है। जिसमें पहला सरकार एवं सहयोगी संस्थाओं के साथ मिलकर, दूसरा समाज में जागरूकता अभियान चलाकर शत प्रतिशत रोकथाम लागू करने के लिए हमलोग कटिबद्ध है। आगे उन्होंने यह भी कहा कि कैंसर स्क्रीनिंग और जागरूकता अभियान जिले में शुरुआत की जा चुकी है। सबसे अहम बात यह है कि 40% कैंसर सिर्फ तंबाकू के सेवन से होता है। बिहार में सबसे ज्यादा मुंह का कैंसर होता है जिसमें 90% कैंसर तंबाकू सहित बीड़ी, सिगरेट, गांजा आदि के सेवन से होता है। तंबाकू का सेवन करने वाला सिर्फ अपना नहीं बल्कि आने वाली नस्लों को भी खराब कर देता है। अगर कोई गर्भवती महिला तंबाकू का सेवन करती है तो इससे उनके होने वाले बच्चे पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। जैसे- जन्म के समय ही मृत्यु हो जाना, बच्चे का सही तरीके से विकास नहीं होना, कम वजन का बच्चा होना या कोई गंभीर बीमारी से ग्रसित होना। तंबाकू का सेवन करने से आपके जीवन से 11 साल कम हो जाता है। तंबाकू सिर्फ हमारे स्वास्थ्य को ही नहीं बल्कि हमारे पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचा रहा है।इसीलिए तम्बाकू का सेवन सभी लोग अविलंब छोड़ें।

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विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस पर मनाया गया मेंस्ट्रुअल हाइजीन डे 

Chhapra : सेहत केंद्र, राजेंद्र कॉलेज के तत्वावधान में मंगलवार दिनांक 28 मई 2024 को विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस अर्थात मेंस्ट्रुअल हाइजीन डे मनाया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य प्रो. सुशील कुमार श्रीवास्तव ने करते हुए अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि आज के दिवस की सार्थकता इस बात में हैं कि माहवारी से जुड़ी मिथ्या धारणाओं से आज की युवतियों को जागरूक करने एवम उनकी जरूरतों पर खुल कर चर्चा करने में हैं।

कार्यक्रम में मंच संचालन करते हुए सेहत केंद्र के नोडल पदाधिकारी डॉ जया कुमारी पांडेय ने कहा कि माहवारी एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, जिससे हर महिला को हर महीने जुजरना पड़ता हैं।यह महिलाओं के लिए एक नितांत आवश्यक मानी जाने वाली प्रक्रिया हैं, हालाकि इस दौरान उन्हें कई तरह की समस्याओं से गुजरना पड़ता है। इस दौरान साफ सफाई का विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए, अन्यथा कई तरह की गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे के अनुसार लगभग 50 प्रतिशत महिलाएं माहवारी के दिनों में कपड़े से काम चलाती हैं, जिसे स्वच्छ और सुरक्षित नहीं माना गया है, इस अज्ञानता से स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याएं हो सकती हैं और यहां तक कि सर्वाइकल कैंसर, प्रजनन मार्ग में संक्रमण, सहित कई अन्य गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। इसके लिए हम सभी को सम्मिलित प्रयास द्वारा अपने आस पास की महिलाओं को जागरूक करना होगा।

मुख्य वक्ता डॉ रश्मि ने विस्तार से माहवारी के दौरान क्या क्या विशेष रूप से ध्यान देना चाहिए, जैसे कि संतुलित आहार, साफ सफाई, योग एवम व्यायाम पर प्रकाश डाला। साथ ही युवतियों को प्राकृतिक रूप से जीवन जीने हेतु प्रेरित किया जिससे उनका शारीरिक एवम मानसिक स्वास्थ्य अच्छा हो और वे जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में बेहतर कर सके। इस कार्यक्रम में सम्मिलित छात्राओं ने अपने माहवारी से संबंधित व्यक्तिगत प्रश्न पूछे, जिसका प्रो. पूनम एवम डॉ. रश्मि ने जवाब दिया। साथ ही अंत में प्रो. पूनम ने कहा की माहवारी के दौरान स्वच्छता एक महत्वपूर्ण कार्यक्षेत्र हैं, जिसके माध्यम से वंचित महिलाओं के जीवन स्तर को सुधारा जा सकता हैं। इसके लिए सरकारी प्रयासों के साथ ही हम सभी को अपने आस पास की महिलाओं को सजग बनाना होगा। जिससे समावेशी समाज की संकल्पना साकार हो।

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Chhapra: गड़खा प्रखंड के मीरपुर जुआरा गांव में पूर्व प्राचार्य राजवंशी सिंह के घर पर स्वर्गीय विभा देवी के 27 वीं पुण्यतिथि पर सबसे बड़ा स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें सुदूर गांव से काफी संख्या में मरीज आए और मुफ्त में जांच करायी और दवा लिया। शिविर में अंग्रेजी, होम्योपैथिक और आयुर्वेदिक के बड़े चिकित्सकों ने मरीजों को देखा और इलाज किया। करीब 650 से अधिक मरीज़ शिविर में आकार लाभ लिए। शिविर में आंख जांच के लिए बिहार के सबसे बड़ा आंख अस्पताल अखंड ज्योति आई हॉस्पिटल मस्तीचक की टीम हॉस्पिटल वैन लेकर पहुंची थी। जिसमें करीब 200 मरीज अपना अपना आँख की जांच कराए। इसमे 26 लोगों में मोतियाबिंद पाए गए। हॉस्पिटल के प्रबंधक अमित कुमार ने बताया कि सभी लोगों को मुफ्त ऑपरेशन के लिए हॉस्पिटल अपनी सुविधा से बुलाएगा और ऑपरेशन करेगा। इसमे इन लोगों को रहने और ऑपरेशन का कोई शुल्क नहीं लगेगा। टीम में डॉ राजीव रंजन, मुकेश राय और धर्मेंद्र समेत सहयोगी शामिल थे।

तीनों पद्धति के प्रसिद्ध चिकित्सक ने किया इलाज
शिविर की खासियत थी कि इसमें अंग्रेजी, होम्योपैथिक और आयुर्वेदिक के प्रसिद्ध चिकित्सक मरीजों की जांच और इलाज किए। सभी लोगों को दवा भी मुफ्त में दी गई। शिविर में संजीवनी नर्सिंग होम के संचालक डॉ अनिल कुमार, मधुमेह रोग के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ ओंकार नाथ, होम्योपैथ के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ सूरज मिश्रा और आयुर्वेद के डॉ राजेश रंजन, होम्योपैथ के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ सुनील शर्मा ने आए मरीजों को देखा और इलाज किया। इस मौके पर मरीजों के शुगर आदि की जांच की गई। जिसमें करीब 150 मरीजों में मधुमेह की बीमारी सामने आई। उनका इलाज किया गया।

लाखों क़ीमत की दवा मरीजों को मुफ्त में दी गयी
650 से अधिक मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण के बाद उन्हें नि:शुल्क दवा वितरित की गई। निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर में बिहार प्रदेश सेल्स रिप्रेजेंटेटिव संगठन द्वारा ब्लड जांच और लाखों क़ीमत की दवा मुफ्त में उपलब्ध करायी गयी थी। संगठन के सचिव पवन ओझा ने बताया कि शिविर में प्रायः संगठन मुफ्त दवा वितरित करती है ताकि रोगियों को सहयोग हो सके। रोगियों के बीच दवा वितरण में प्रमुख रूप से बच्चा लाल यादव, विजय सिंह, भीष्म प्रताप सिंह, रवि सिंह, अरुण सिंह अन्य लोगों का प्रमुख भूमिका रही।

उद्देश्य: ग्रामीणों को निःशुल्क स्वास्थ्य जांच और उनके शरीर के संबंध में जागरूकता प्रदान करना

डॉ अनिल कुमार ने कहा कि गरीबों और असहाय लोगों की सेवा करना एक पुण्य का काम है। पुण्यतिथि पर स्व. विभा जी को यही सच्चे श्रद्धांजलि है। डॉ ओंकार नाथ ने कहा कि शिविर का मुख्य उदेश्य यह होता है कि ग्रामीण स्तर पर चिकित्सीय सुविधा देना और उनको स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना। डॉ सूरज मिश्रा ने कहा कि स्वास्थ्य शिविर गांव के लिए ही उपयुक्त होता हैं। इससे अधिक से अधिक लोग लाभान्वित होते हैं। इसलिए ऐसे मरीजों को हमारे यहां मुफ्त में हर गुरुवार को देखा जाता हैं। डॉ राजेश रंजन ने कहा कि शिविर में आए लोगों को इलाज के साथ दवा देने से काफी आर्थिक सहयोग मिलता हैं। शिविर में स्वास्थ्य का परीक्षण भी हो जाता हैं। इससे समय पर बीमारी की पहचान हो जाती है और समुचित इलाज मिल जाता हैं। डॉ सुनील शर्मा ने कहा कि लोगों को स्वास्थ्य के प्रति काफी सजग रहना चाहिए। इससे समुचित इलाज मिल जाती हैं और जीवन बचाया जा सकता हैं। इसके पूर्व सभी चिकित्सक और समाजिक कार्यकर्ता व स्वर्ण कारोबारी चांदनी प्रकाश और समाजिक कार्यकर्ता मुनि जी, रोटरी के सचिव व गोदरेज शो रूम के ऑनर अमरेंद्र सिंह, शंभू सिंह, प्रो पी राज सिंह, रमेश सिंह ने पुष्प अर्पित की। परिवार के पूर्व प्राचार्य राजवंशी सिंह, सरस्वती देवी,विद्यावती देवी, मलय सिंह, रेखा सिंह, मनीषा सिंह , डॉ अभय सिंह अजय सिंह, अमन सिंह, तपन सिंह, अंजली सिंह, अल्का सिंह, समीक्षा सिंह के अलावे सुखनंदन सिंह, धर्म नाथ सिंह, विनोद सिंह, अरुण सिंह, तेज नारायण सिंह, टूनेश्वर सिंह, बिट्टू सिंह, मंजेश, बबीता समेत अन्य ने पुष्प अर्पित कर स्मरण किया।

भजन संध्या में खूब झूमे लोग
इस अवसर पर संध्या समय में सुर संग्राम के गेस्ट कलाकार रौनक रतन और सिंगर आरजे लक्ष्मी का भजन संध्या हुआ। जिसमें लोगों के एक से बढ़कर एक फरमाइशी भजन गए। लोग झूम उठे। इसके पूर्व आर्टिस्ट अशोक कुमार ने स्व. विभा सिंह की काफी बेहतर सैंड आर्ट बनाया गया था। जिसकी काफी सराहना की गई।

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चार विधानसभा क्षेत्रों के 1253 मतदान केंद्रों पर मेडिकल किट के साथ सुबह 7 बजे से शाम के 6 बजे तक उपस्थित रहेंगे स्वास्थ्य कर्मी: जिलाधिकारी

मेडिकल टीम के पास उपलब्ध विभिन्न प्रकार की दवाओं के अलावा ओआरएस पैकेट की व्यवस्था उपलब्ध: सिविल सर्जन

Chhapra: आसन्न लोकसभा चुनाव को लेकर महाराजगंज लोकसभा चुनाव के दिन मतदान केंद्रों पर मतदान कर्मी और मतदाताओं को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने को लेकर निर्वाची पदाधिकारी सह जिलाधिकारी अमन समीर के द्वारा जिले के सभी छः विधानसभा क्षेत्र के 1253 मतदान केंद्रों पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा नामित कर्मी स्वास्थ्य किट के साथ प्रतिनियुक्ति रहेंगे। इसके लिए सिविल सर्जन डॉ सागर दुलाल सिन्हा को आवश्यक दिया- निर्देश दिया गया है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग की ओर से पूरी तैयारी कर ली है है। मतदान के दिन किसी प्रकार की जानकारी या सूचनाओं के लिए जिला नियंत्रण कक्ष के 06152- 231235, 36, 37 38, 39 और 231240 पर संपर्क स्थापित किया जा सकता है।

जिला निर्वाची पदाधिकारी सह जिलाधिकारी अमन समीर ने बताया कि महाराजगंज लोकसभा क्षेत्र के छः विधानसभा क्षेत्र यथा- तरैयां, बनियापुर, एकमा और मांझी सारण जिले के अंतर्गत आता है जबकि सिवान जिले के गोरेयाकोठी और महाराजगंज विधानसभा क्षेत्र आता है। सारण जिले के सभी छः विधानसभा क्षेत्रों के लिए स्वास्थ्य विभाग को आवश्यक दिशा- निर्देश दिया गया है। ताकि सभी 1253 मतदान केंद्रों पर मेडिकल किट के साथ सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ), एएनएम, आशा फेसिलेटर और आशा कार्यकर्ता मतदान केंद्रों पर सुबह 7 बजे से शाम के 6 बजे तक कार्य करेगी। हालांकि इसके अलावा भी विभागीय स्तर पर मेडिकल टीम का गठन किया गया है।

मेडिकल टीम के पास उपलब्ध विभिन्न प्रकार की दवाओं के अलावा ओआरएस पैकेट की व्यवस्था उपलब्ध: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ सागर दुलाल सिन्हा ने बताया कि महाराजगंज संसदीय लोकसभा चुनाव के दौरान छः विधानसभा क्षेत्रों में से चार विधानसभा क्षेत्र सारण जिले के अंतर्गत आता है। जहां पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा मेडिकल टीम का गठन किया गया है। साथ ही प्रत्येक मतदान केंद्रों पर स्वास्थ्य कर्मियों की प्रतिनियुक्ति भी की गई है। जो मतदान शुरू होने से लेकर अंतिम समय तक मतदान केंद्रों पर अपने कर्त्तव्यों का निर्वहन करेंगे। मेडिकल टीम के पास उपलब्ध विभिन्न प्रकार की दवाओं के अलावा ओआरएस पैकेट की व्यवस्था पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराई गई है। क्योंकि अत्यधिक गर्मी के कारण मतदान केंद्र पर प्रतिनियुक्त अधिकारी या अन्य कर्मियों के अलावा मतदाताओं को इसका घोल पिलाते रहना है।

महाराजगंज लोकसभा चुनाव के दौरान 1253 मतदान केंद्रों पर 1253 स्वास्थ्य कर्मियों की मेडिकल किट के साथ किया गया प्रतिनियुक्त: डीपीएम
जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम अरविंद कुमार ने बताया कि महाराजगंज संसदीय क्षेत्र में मतदान के दिन सभी छह विधानसभा क्षेत्रों में से चार विधानसभा क्षेत्र के 1253 मतदान केंद्रों पर जिला निर्वाची पदाधिकारी सह जिलाधिकारी अमन समीर के दिशा- निर्देश और सिविल सर्जन डॉ सागर दुलाल सिन्हा के मार्गदर्शन में जिला स्वास्थ्य समिति की ओर से सभी छः विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत स्वास्थ्य संस्थानों के चिकित्सा पदाधिकारियों द्वारा नामित स्वास्थ्य कर्मियों की प्रतिनियुक्ति की गई है। ताकि अत्यधिक गर्मी के कारण होने वाली बीमारियों से निबटा जा सके। जिसमें एकमा विधानसभा क्षेत्र में 305 स्वास्थ्य कर्मियों में 10 सीएचओ, 19 एएनएम और 34 आशा फेसिलेटर के अलावा 271 आशा कार्यकर्ताओ की प्रतिनियुक्ति की गई है। इसी प्रकार मांझी में 370 स्वास्थ्य कर्मियों में 12 सीएचओ, 3 जीएनएम, 56 एएनएम, 3 आशा फेसिलेटर के अलावा 233 आशा कार्यकर्ताओ को शामिल किया गया है। वहीं बनियापुर विधानसभा क्षेत्र में 325 स्वास्थ्य कर्मियों में 4 सीएचओ, 3 जीएनएम 25 एएनएम के अलावा 293 आशा कार्यकर्ता प्रतिनियुक्त है जबकि तरैयां विधानसभा क्षेत्र में 316 स्वास्थ्य कर्मियों में 24 सीएचओ, 79 एएनएम और 28 आशा फेसिलेटर के अलावा 185 आशा कार्यकर्ताओ की प्रतिनियुक्ति स्वास्थ्य विभाग द्वारा मतदान केंद्रों पर किया गया है।

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Chhapra:  सारण लोकसभा चुनाव को लेकर जिला निर्वाची पदाधिकारी सह जिलाधिकारी अमन समीर द्वारा सभी मतदान केंद्रों पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा मेडिकल टीम को 14 प्रकार की दवाओं वाली स्वास्थ्य किट के साथ मौजूद रहने के लिए सिविल सर्जन डॉ सागर दुलाल सिन्हा सहित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को स्पष्ट रूप से दिशा निर्देश दिया गया है। जिसके आलोक में सभी तरह की तैयारियों को पूरा कर लिया गया है।

सारण के जिला निर्वाची पदाधिकारी सह जिलाधिकारी अमन समीर ने बताया कि सारण लोकसभा क्षेत्र अंतर्गत छः विधानसभा सोनपुर, परसा, अमनौर, मढ़ौरा, गड़खा और छपरा में 20 मई को मतदान होना है। जिसको लेकर स्वास्थ्य विभाग को आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया है। ताकि सभी मतदान केंद्रों पर मेडिकल किट के साथ सीएचओ, एएनएम और ग्रामीण स्वास्थ्य कार्यकर्ता के रूप में कार्य करने वाली आशा कार्यकर्ताओ की प्रतिनियुक्ति कराई गई है। इसके अलावा विभागीय स्तर पर मेडिकल टीम का भी गठन किया गया है। सुबह के 7 बजे से शाम के 6 बजे तक के लिए चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मी के अलावा कई अन्य कर्मियों की प्रतिनियुक्ति की गई है।
चुनाव के दिन सभी मतदान केंद्रों पर फर्स्ट एड किट के साथ उपलब्ध रहने को लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया है।

चुनाव के दिन अत्यधिक गर्मी होने की संभावना को देखते हुए स्वस्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ सागर दुलाल सिन्हा ने बताया कि चुनाव के दिन अत्यधिक गर्मी होने की संभावना है। जिसको लेकर स्वस्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट मोड में है। हालांकि मतदान के दिन गर्मी के कारण कोई भी मतदान कर्मी या मतदाता को सिर दर्द, चक्कर, बुखार, मुंह सूखना, चक्कर आना, बेहोशी या उल्टी होने जैसी लक्षण दिखाई दें तो मरीज को तुरंत पेड़ के नीचे छांव में लिटा दें और शरीर को ठंडे पानी से बार- बार धोएं।

वही मेडिकल टीम के पास उपलब्ध या अन्य प्रकार की व्यवस्था के आधार पर ओआरएस की घोल प्रचूर मात्रा में पिलाते रहे। जबकि किसी को बुखार की शिकायत आ रही है तो पैरासिटामोल की गोली उपलब्ध कराना चाहिए। वहीं अगर किसी को कोई कीड़ा, बिच्छू काट ले तो संबंधित भाग को बर्फ से सेंकना लाभप्रद होता है। जबकि सर्पदंश का मामला सामने आए तो मरीज के कटे हुए भाग में एंटीसेप्टिक सेवलोन से पोछ दें और कटे हुए भाग के ऊपर मजबूत पकड़ के साथ बैंडेज से बांधना फायदा होता है। लेकिन प्रत्येक आधे घंटे के अंतराल पर थोड़ी देर के लिए ढीला करते रहना चाहिए। फिर पुनः बांध दें और नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र या अस्पताल भेजने की व्यवस्था कर पहुंचा दिया जाए। प्रत्येक मतदान केंद्र पर सीएचओ और एएनएम मौजूद रहेंगी।

सारण लोकसभा क्षेत्र में चुनाव के दिन छः विधानसभा क्षेत्र में 1776 स्वास्थ्य कर्मियों को किया गया प्रतिनियुक्त: डीपीएम
जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम अरविंद कुमार ने बताया कि सारण लोकसभा क्षेत्र में चुनाव के दिन सभी 1776 मतदान केंद्रों पर जिला निर्वाची पदाधिकारी सह जिलाधिकारी के दिशा निर्देश में स्वास्थ्य विभाग की ओर से स्वास्थ्य कर्मियों की प्रतिनियुक्ति की गई है।

ताकि हीट वेब के कारण किसी को कोई परेशानी हो तो उसका उपचार किया जा सके। जिसमें मढ़ौरा में 293, छपरा में 331, गड़खा में 305, सोनपुर में 292, परसा में 280 और अमनौर में 275 मतदान केंद्र के नजदीक आयुष्मान भारत – हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (एचडब्ल्यूसी) पर कार्यरत सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ), एएनएम, आशा फेसिलेटर के अलावा आशा कार्यकर्ताओ को चुनाव के दिन प्रतिनियुक्त किया गया है। मेडिकल किट के साथ चिकित्सक, स्वास्थ्य कर्मी, सीएचओ, एएनएम उपलब्ध रहेंगी। वही सभी स्वास्थ्य संस्थानों पर चिकित्सक, आरबीएसके चिकित्सक, सीएचओ, एएनएम, पारा मेडिकल कर्मी मौजूद रहेंगे।

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