Chhapra: जयप्रकाश विश्वविद्यालय स्नातकोत्तर शिक्षक संघ के सचिव एवं बिहार शिक्षा मंच के संयोजक प्रो० रणजीत कुमार ने मुख्यमंत्री एवं शिक्षामंत्री को खुला पत्र लिखकर मांग किया है कि बिहार के मदरसा शिक्षकों की तरह नियोजित शिक्षकों को भी सरकार वेतनमान, पेंशन आदि देने की अविलंब घोषणा करें.

प्रो०कुमार ने कहा है कि समान काम समान वेतन के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के अनपेक्षित न्याय-निर्णय तथा राज्य सरकार के शिक्षा एवं शिक्षक विरोधी रवैये से बिहार के चार लाख नियोजित शिक्षक व्यथित, आक्रोशित एवं आंदोलित है. 18 जुलाई को बिहार विधान मण्डल के समक्ष अपनी वाजिब माँगो के समर्थन में शांति पूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे निहत्थे शिक्षकों पर जिस तरह से बल प्रयोग किया गया वह सभ्य समाज के लिये कलंक है.

बिहार में 2006 से शिक्षकों की बहाली नियोजन के आधार पर हो रही है. लेकिन नियोजन नियमावली पूरी तरह से एकपक्षीय, अपमानजनक एवं शिक्षक विरोधी है. एक ही विद्यालय में कार्यरत नियोजित शिक्षकों एवं वेतनमान वाले शिक्षकों के वेतन एवं सेवा शर्तो में जमीन आसमान का फ़र्क है. बिहार में विद्यालयी शिक्षा पूरी तरह से नियोजित शिक्षकों के भरोसे है. परीक्षाफल बेहतर होने पर सरकार छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलने की बात प्रचारित कर अपना पीठ थपथपाती है. लेकिन नियोजित शिक्षकों के दु:ख दर्द एवं दुर्दशा से पूरी तरह अवगत होने के बावजूद उनकी समस्याओं के निदान के प्रति उदासीन एवं संवेदनहीन बनी हुई है.

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उन्होंने लिखा है कि निजी कंपनी एवं संस्थानों में काम करने वाले कार्मिकों के वेतन से भी भविष्य निधि कटौती होती है, लेकिन नियोजित शिक्षकों को इस मामूली सुविधा से भी वंचित रखा गया. नियोजित शिक्षकों को वेतनमान, पेंशन, सेवांत-लाभ, उपार्जित अवकाश, प्रोन्नति, अंतरजिला स्थानांतरण जैसे अपरिहार्य बुनियादी सुविधाओं एवं अधिकारों से आज तक महरूम रखा गया है.

प्रो०कुमार ने आगे कहा कि विडंबना तो यह है कि प्रशिक्षित शिक्षकों को भी दो साल तक अप्रशिक्षित शिक्षक का वेतन दिया गया है और उसके बाद वेतन में ग्रेड पे जोड़ा गया है. अप्रशिक्षित नियुक्त शिक्षकों को तो और भी नुकसान उठाना पड़ रहा है. उनकी वरीयता योगदान की तिथि से निर्धारित न कर प्रशिक्षण प्राप्त करने के तिथि से निर्धारित की जा रही है जो पूर्णतः अनुचित है. विदित हो कि अप्रशिक्षित नियुक्त सभी शिक्षक अनुसूचित जाति, जनजाति एवं अत्यंत पिछड़ी जाति से संबंधित है. अतः सरकार का यह निर्णय सामाजिक न्याय की अवधारणा के भी विरुद्ध है.

बिहार सरकार ने हाल में ही बिहार मदरसा बोर्ड के सौ साल पूरे होने के उपलक्ष्य में मदरसा शिक्षकों को वेतनमान एवं पेंशन देने की घोषणा की है. बिहार सरकार के इस नेक कदम का दिल से स्वागत है, लेकिन तमाम योग्यता एवं क्षमता धारित करने वाले नियोजित शिक्षकों को वेतनमान-पेंशन आदि के दायरे से बाहर रखना समझ से परे है.

प्रो०कुमार ने कहा कि नियोजित शिक्षक सरकार के दुश्मन नहीं हैं और फिर इनका गुनाह क्या है? न्याय के साथ विकास की यात्रा में इनकी भी भागीदारी होनी चाहिए न कि हकमारी क्यों कि बिहार की शिक्षा व्यवस्था के ये रीढ़ हैं. शिक्षा एवं शिक्षकों को खण्डों में बाँट कर वोट बैंक के नजरिए से देखना कतई उचित नहीं है.

उन्होंने सरकार से पुरजोर मांग किया है कि
1. मदरसा शिक्षकों की तरह नियोजित शिक्षकों को भी वेतनमान, पेंशन आदि देने का निर्णय अविलंब लिया जाए.
2. पुराने शिक्षकों को मिल रही तमाम सुविधाएं एवं अधिकार नियोजित शिक्षकों को भी मिले. 3. वरीयता का निर्धारण प्रशिक्षण प्राप्ति के तिथि से न कर नियुक्ति की तिथि से किया जाए ताकि अनुसूचित जाति, जनजाति एवं अत्यन्त पिछड़ी जातियों के शिक्षकों को नुकसान न उठाना पड़े.
4. नियोजित शिक्षकों को अविलंब सहायक शिक्षक का दर्जा देकर राज्यकर्मी घोषित किया जाए. नियोजित शब्द अपमानजनक है तथा इससे शिक्षकों की सामाजिक प्रतिष्ठा भी धूमिल हो रही है.
5.प्रशिक्षित शिक्षकों को भी दो साल बाद ग्रेड पे दिया गया है जो एक प्रकार का आर्थिक शोषण ही है. सरकार सभी नियोजित शिक्षकों को ऐरियर के रूप में दो साल के बकाया राशि का भुगतान सुनिश्चित करें.
6. वर्तमान समय मे नियोजित शिक्षकों को उनके वेतन खाता वाले बैंक भी कर्ज़ देने से इनकार कर रहे है. सरकार तुरंत बिहार के सभी बैंकों को निर्देशित करे ताकि बैंक से इन शिक्षकों को जरूरत के समय होम-लोन, एडुकेशन लोन, ब्यक्तिगत कर्ज़ असानी से मिल सके.
7. अतिथि शिक्षकों की सेवा दिल्ली सरकार के तर्ज पर सामंजित कर उन्हें भी स्थायी किया जाए ताकि उनका भी मान सम्मान एवं वजूद कायम रहे. उन्होंने बिहार में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा एवं शिक्षक हित में ऊपर इंगित
बिंदुओ पर सरकार द्वारा तत्काल ठोस निर्णय लेने की जरूरत पर बल दिया ताकि ज्ञान बाँटने वाले के घर मे छाया अंधेरा दूर हो सके.

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Chhapra: कंपटीशन पॉइंट में क्विज टेस्ट का आयोजन किया जाना है. क्विज टेस्ट का आयोजन हर साल कोचिंग के वर्षगांठ के अवसर पर किया जाता है. कोचिंग के डायरेक्टर प्रभात सिंह ने बताया कि क्विज टेस्ट का आयोजन 1 सितंबर को 11:00 बजे दिन में होगा तथा पुरस्कार वितरण समारोह 5 सितंबर शिक्षक दिवस के दिन होगा.

जिसमें टॉप 20 छात्रों को पुरस्कृत किया जाएगा. निदेशक ने बताया कि कंपटीशन पॉइंट में क्विज टेस्ट का निःशुल्क आयोजन किया जाता है. ताकि विभिन्न जिलो से छपरा में आकर पढ़ रहे बच्चों की प्रतिभा का सही पहचान हो सके ,और वे अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित कर सके, ताकि भविष्य में आने वाले किसी भी कम्पटीशन परीक्षा में किसी भी प्रकार की उन्हें कोई दिक्कत ना हो.

यह है प्रारूप

क्विज टेस्ट में टोटल 100 प्रश्न पूछे जाते हैं, जिसमें 25 रिजनिंग, 25 मैथ्स और 50 GK/GS के प्रश्न होते हैं. परीक्षा कुल 100 नंबर का होगा ,तथा प्रत्येक गलत उत्तर के लिए(0.25) अंक काट लिए जाते हैं. जो भी बच्चे इस क्विज टेस्ट में टॉप में आते हैं, उन्हें कोचिंग के वर्षगांठ के अवसर पर 5 सितंबर को पुरस्कृत किया जाता है. जिस से उनका मनोबल बढ़े और वे अपनी प्रतिभा को और निखार सके.

28 तक है अंतिम तिथि

कंपटीशन पॉइंट के डायरेक्टर प्रभात सर ने बताया कि 10 अगस्त से निशुल्क रजिस्ट्रेशन प्रारंभ है तथा रजिस्ट्रेशन की अंतिम तिथि 28 अगस्त तक है. जो भी छात्र इस क्विज टेस्ट में भाग लेना चाहते हैं, वह अपने साथ दो फोटोग्राफ लेकर ऑफिस में आकर रजिस्ट्रेशन करा सकते है.

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Chhapra: छपरा शहर के संस्कार विद्यापीठ स्कूल में प्रातः कालीन वंदना के उपरांत बिहार पृथ्वी दिवस के संबंध में बच्चों को अवगत कराया गया. पृथ्वी को पूर्णरूपेण सुरक्षित रखने और बचाने के संबंध में विचारों को विधिवत तथा शास्त्रवत बताया गया. इस दौरान बच्चों को संकल्प दिलाया गया कि पर्यावरण संतुलन के लिए वह सदैव सचेत रहेंगे. वर्ष में कम से कम एक पौधा लगाकर उसकी देखभाल करेंगे. तालाब नदी पोखर को प्रदूषित नहीं करेंगे. साथ ही जल का दुरुपयोग बिल्कुल ना करेंगे.

इसके अलावा बच्चों को नल के इस्तेमाल के बाद उसे बंद करने के लिए संकल्प दिलाया गे. साथ ही आवश्यकता अनुसार बिजली के उपकरणों का इस्तेमाल करने को कहा गया. इसके अलावा अपने घर और स्कूल को साफ रखना, कूड़ा कचरा निर्धारित कूड़ेदान में डालना , प्लास्टिक का उपयोग बंद करके कपड़ा या कागज के थैला का इस्तेमाल करना. पशु पक्षियों के प्रति प्रेम का भाव. साथ ही नजदीक के कार्य के लिए पैदल अथवा साइकिल का इस्तेमाल करना ना कि मोटर गाड़ी का इस्तेमाल. वहीं कागज का अनावश्यक उपयोग नहीं करना और अन्य लोगों को इसके प्रति जागरूक करने का संकल्प दिलाया गया.

इस दौरान विद्यालय के सैकड़ों बच्चों ने संकल्प लिया. साथ हु स्कूल के शिक्षक-शिक्षिका भी मौजूद रहे. उक्त जानकारी स्कूल के प्रबंधक अजित सिंह ने दी.

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Chhapra: आरएसए के द्वारा “आओ लौट चलें कैंपस की ओर” कार्यक्रम के तीसरे दिन जयप्रकाश महिला महाविद्यालय इकाई के द्वारा महाविद्यालय परिसर में किया गया. इस अवसर पर नुक्कड़ नाटक “अईबु कॉलेजवा तबे बढ़ी नॉलेजवा ” का मंचन किया गया.

इस अवसर पर विश्वविद्यालय आंदोलन समिति के प्रमुख सौरभ कुमार गोलु ने कहा कि इस कार्यक्रम में अन्य छात्र संगठनों, समाजसेवी संस्थाओं को भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए. वर्ग में छात्र अध्ययन के लिए आए, इसके लिए कुलपति ने भी 25 जुलाई के PGRC की बैठक में सभी विभागाध्यक्षों एवं प्राचार्यों को निर्देश दिया है कि नामांकित छात्रों के अभिभावकों को यह कहते हुए पत्र लिखिए कि यदि पत्र प्राप्ति के एक सप्ताह के अन्दर वर्ग में शामिल होना शुरू नहीं करेंगे, तो उनका नामांकन रद्द कर दिया जाएगा. इसके अलावा यह भी निर्देश दिया है कि जिन छात्रों एवं छात्राओं की उपस्थिति 75 प्रतिशत पूरी नहीं होती है, उनका परीक्षा प्रपत्र भरने के लिए अनुशंसा नहीं करें.

हाल के दिनों में उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने भी महामहिम कुलाधिपति की अध्यक्षता में हो रही कुलपतियों की बैठक में यह बात कही थी कि वर्ग में छात्रों व छात्राओं की उपस्थिति बढ़ाने का प्रभावी प्रयास किया जाय.

आरएसए छात्रा सह प्रमुख नेहा कुमारी ने कहा कि वर्ग में छात्रों एवं छात्राओं की उपस्थिति बढ़ाने के लिए सरकार को भी निर्णय लेने की जरूरत है कि जितने भी प्राइवेट कोचिंग सेंटर हैं, वह शाम में तीन बजे के बाद शुरू हो. इसके लिए जितने भी विधानसभा व विधान परिषद में चुने हुए या नामित जनप्रतिनिधि हैं, वे उक्त मांगों को सरकार से मनवाने के लिए जोरदार ढंग से प्रयास करें क्योंकि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में वर्ग संचालन बहुत जरूरी है. अब तो शिक्षकों की भी अच्छी खासी नियुक्ति हो चुकी है.

इस अवसर पर संगठन के प्रमुख रूप से कार्यकर्ता नेहा सिंह, निशा कुमारी, श्वेता कुमारी, स्वीटी कुमारी, ममता कुमारी, अंजली कुमारी पूनम कुमारी, आदि शामिल थे. जानकारी सौरभ कुमार गोलु ने दी.

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Chhapra:  भारत सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर में धारा 370/ 35 A खत्म करने पर छपरा में विजय उत्सव दिवस मनाया गया. जैसे ही भारत के गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में जम्मू कश्मीर के 370/ 35A को समाप्त करने का बिल पेश किया. इसके बाद से ही हर तरफ लोग खुशी का इजहार करने लगे. हालांकि विपक्ष ने इसे देश के लिए काला दिन बताया.

इस मौके पर छपरा के नगरपालिका चौक पर भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा जबरदस्त आतिशबाजी की गई. साथ ही साथ सभी ने एक दूसरे को मिठाई खिलाकर बधाई दिया. सभी लोग एक स्वर में भारत के प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को बधाई दे रहे थे. वह बीजेपी के कार्यकर्ता जमकर नारा लगा रहे थे.

धारा 370 हटाये जाने के बाद छपरा में भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष रमेश प्रसाद ने कहा कि संसद में ऐतिहासिक बिल पेश कर जम्मू कश्मीर में 370 और 35A खत्म करने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी एवं गृह मंत्री अमित शाह ने जो पूर्व की सरकार पंडित जवाहरलाल नेहरू एवं कांग्रेस के द्वारा लगाया गया था उस पाप को राजनीतिक इच्छाशक्ति से शुद्ध गंगाजल द्वारा धोने का काम किया है. आज का दिन इतिहास के सुनहरे पन्नो में दर्ज होगा.

वहीं भाजपा के वरिष्ठ नेता राम दयाल शर्मा ने कहा कि आज जम्मू कश्मीर में 370/35A हटाकर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह अमित शाह ने डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी और पंडित दीनदयाल उपाध्याय की सहादत को बेकार नहीं जाने दिया . आज उनकी आत्मा को शांति मिलेगी. वहीं कश्मीर में शहीद हुए जवानों का बलिदान भी बेकार नहीं गया.

छपरा बीजेपी का कहना है कि देश के प्रधानमंत्री व गृह मंत्री ने जो ऐतिहासिक एवं साहसिक कदम उठाया है उसेसे पूरे देश में जश्न मन रहा है. इस दौरन नगरपालिका चौक पर पूर्व जिला अध्यक्ष अशोक कुमार सिंह, पंडित वेद प्रकाश उपाध्याय, पंडित वंशीधर तिवारी, जिला महामंत्री धर्मेंद्र सिंह, रणजीत सिंह शामिल थे. उक्त जानकरी की धर्मेंद्र सिंह चौहान ने दी.

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Chhapra: छात्र जदयू के जिलाध्यक्ष दीपक कुमार सिंह की अध्यक्षता में छात्र जदयू छपरा के विभिन्न छात्रावासों में घूमकर छात्र जदयू का सदस्य बनाया गया. सदस्यता अभियान का उद्घाटन प्रदेश उपाध्यक्ष रणवीर सिंह ने किया.

उन्होंने ने कहा कि छात्र जदयू छपरा से 2000 छात्रों को छात्र जदयू से जोड़ा जाएगा. महाविद्यालयों में ग्रेजुएट क्लब की स्थापना और सदस्यता अभियान को और तेज करने की आवश्यकता है. प्रदेश सचिव रजनीश कुमार सिंह ने कहा कि सारण के प्रतेक प्रखंडों में पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा.

सदस्यता अभियान के बाद अभिषेक कुमार ठाकुर को मशरख प्रखंड अध्यक्ष पद पर मनोनीत किया गया. इस अवसर पर दीपक कुमार सिंह रवि कुमार, देवेंद्र कुमार माझी, सुरंजन महतो, राजा कुमार, विशाल गुप्ता, दीपक शाह आदि मौजूद थे.

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IAS PCS की तैयारी के लिए छात्रों को छपरा में ही बेहतर माहौल उपलब्ध करा रहे सक्सेस सारण IAS एकेडमी के निदेशक मनंजय कुंवर से खास मुलाकात की हमारे कंटेंट एडिटर कबीर ने. खास मुलाक़ात में मनंजय कुंवर ने अपनी संस्थान के लक्ष्य के साथ साथ सारण के प्रतिभावान छात्रों को श्रेष्ठ बनाने की बातें की.

उनसे इस ख़ास मुलाक़ात के अंश हम प्रस्तुत कर रहे है.  यहाँ देखिये 

खास मुलाक़ात के माध्यम से जिले में विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कार्य रहे लोगों से हम आपको रूबरू कराते है. खास मुलाक़ात की पूरी सीरिज देखने के लिए हमारे YouTube Channel को Subscribe कीजिये.  https://www.youtube.com/c/ChhapraToday/

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Chhapra: बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वयक समिति के आह्वान पर सारण शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति ने छपरा सदर प्रखंड में शनिवार को 11 बजे से दिन मे समान काम समान वेतन सहित अन्य मांग को लेकर एकदिवसीय धरना कार्यक्रम आयोजित किया गया. धरना के माध्यम से प्रखंड विकास पदाधिकारी को निम्नांकित मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा गया.

शिक्षकों ने अपनी मांगों मे पुराने नियमित शिक्षकों की भांति नियोजित शिक्षकों को वेतनमान एवं हु बहु सेवा शर्त लागू किया जाए. सामान्य भविष्य निधि हेतु जीवन बीमा से शिक्षकों को अच्छादित किया जाए. पुरानी पेंशन योजना लागू की जाए. शिक्षकों के अप्रशिक्षित आश्रितों को अनुकंपा के आधार पर नियुक्त किया जाए. शहरी क्षेत्र में कार्यरत नियोजित शिक्षकों को भी परिवहन भत्ता का भुगतान किया जाए. समान स्कूल प्रणाली लागू हो. गैर शैक्षणिक कार्यों से शिक्षकों को मुक्त किया जाए.

इस कार्यक्रम मे जिला के सभी संगठन एक साथ एक बैनर तले समन्वय समिति बनाकर सरकार के विरूद्घ अपनी अवाज बुलन्द किया. धरना स्थल कार्यक्रम को शिक्षक नेता विश्वजीत सिंह चंदेल, सुरेन्द्र कुमार सिंह, कामेश्वर राय, हरि बाबा, सुमन कुमार, आतंक कुमार आदि ने संबोधित किया.

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Chhapra: छपरा के  CPS विद्यालय मे बिहार मैथमेटिकल सोसाइटी के तत्वावधान गणित कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस दौरान बिहार के गणितज्ञों ने गणित की कार्यशाला लगायी. जिसमें जिले भर के शिक्षकों व छात्र छात्राओं ने गणित विषय को लेकर कई चीजें सीखीं. शिक्षकों एवं बच्चों के द्वारा पूछे गये सवालों का जवाब प्रोफेसर विजय कुमार, प्रो डी एन शर्मा एवं परमेनद्र कुमार के द्वारा दिया गया.

विद्यालय प्रबंधक विकास कुमार के द्वारा कार्यक्रम का संचालन किया गया. तथा निदेशक डॉ हरेंद्र सिंह द्वारा अतिथियों का स्वागत किया गया एवं बताया गया कि गणितीय प्रतिभा खोज सह टैलेंट सर्च टेस्ट इन मैथमेटिकस ओलम्पियाड के माध्यम से प्रतिभागियों की पहचान करने का माध्यम है.

इस मौके पर पटना पटना विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डी एन शर्मा द्वारा संख्या पद्धति के बारे मे बताया गया. कालेज आफ कामर्स आर्ट्स एण्ड साइन्स पटना सह संयुक्त सचिव बिहार मैथमेटिकल सोसाइटी के डॉ विजय कुमार द्वारा बताया गया कि टैलेंट सर्च टेस्ट इन मैथमेटिक्स ओलंपियाड जो वर्ग 6 -7 टीएसटीएम जूनियर एवं वर्ग 8 -9 टीएसटीएम सीनियर के लिए 22 सितम्बर 2019 का आयोजन, जिला के सभी मुख्यालयों में किया जाएगा. 12 सितम्बर 2019 तक आवेदन एवं 13 सितम्बर से 20 सितम्बर तक सभी जिलों में प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसे बेबसाइट bmsbihar.org पर या आफ लाइन भी आवेदन जमा किया जा सकता है.

प्राचार्य प्रोफेसर परमेनद्र कुमार ने शिक्षकों एवं बच्चों को ओलम्पियाड मे भाग लेने एवं गणित के अध्ययन के लिए प्रेरित किया एवं गणित को जीवन के हरेक क्षेत्र में उपयोगिता बताया . जिला स्तरीय मिशन गुणवत्ता शिक्षा समिति के संयोजक नसीम अख्तर, उपसंयोजक राजन कुमार, बलवन्त कुमार के साथ शिक्षक संगठन के संघीय पदाधिकारी के द्वारा जिला स्तर एवं प्रखंड स्तर पर गणित का कार्यशाला आयोजित की जाएगी. जिसमें शिक्षक,छात्र एवं अभिभावकों के साथ किया जाएगा.

जिला शिक्षा पदाधिकारी अजय कुमार ने भी इस तरह के कार्यक्रम कराने के लिए बिहार मैथमेटिकल सोसाइटी की सराहना की व कहा कि भविष्य में गणित विषय पर कार्यशाला आयोजित की जाएगी. इस दौरान बङी संख्या में जिला शिक्षा पदाधिकारी के आदेशानुसार शिक्षक एवं छात्र एवं छात्राओं ने इस कार्यशाला में भाग लिया.

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Chhapra: बिहार मैथमेटिकल सोसायटी के तत्वाधान में 03 अगस्त को सेंट्रल पब्लिक स्कूल छपरा में “Modern concept of mathematics and TSTM Olympiad” विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया जायेगा. गणित विषय के इच्छुक शिक्षक एवं छात्र/छात्राओं को इसमें आमंत्रित किया गया है. इस कार्यशाला में शिक्षा विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहेंगे.

बिहार के सभी जिलों में गणित फोबिया को खत्म करने के लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी की अध्यक्षता में मिशन गुणवत्ता शिक्षा समिति का गठन किया गया है. जिसका उद्देश्य बच्चों में गणितीय अभिरुचि जागरूक, तार्किक बनाना और शैक्षिक गुणवत्ता बढ़ाना है.

इस कार्यशाला में सारण जिले के सभी मध्य विद्यालयों, माध्यमिक विद्यालयों एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के गणित एवं विज्ञान शिक्षकों को शामिल होने का आदेश जिला शिक्षा पदाधिकारी के द्वारा निर्गत किया गया है.

समग्र शिक्षा के DPO श्री अमरेंद्र कुमार गौड़ ने बताया कि उनका प्रयास होगा कि सारण शिक्षा के क्षेत्र में एक मुकाम हासिल करें. उन्होंने बताया की इस कार्यशाला में सरकारी विद्यालय के अलावा निजी विद्यालय के शिक्षक एवं छात्र /छात्राएं शामिल होते हैं, तो यह एक अच्छा प्रयास होगा.

इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता होंगे—

1. प्रो.शैलेंद्र कुमार सिंह (पूर्व प्रति उपकुलपति और प्राचार्य कॉलेज ऑफ कॉमर्स,पटना)
2. प्रो.डी.एन शर्मा ( पूर्व सदस्य बिहार लोक सेवा आयोग, पटना विश्वविद्यालय पटना )
3. प्रो. विजय कुमार ( संयोजक सह संयुक्त सचिव बिहार मैथमेटिकल सोसायटी)
4. प्रमेंद्र रंजन ,(भौतिकी ओकम्पियाड ) , प्राचार्य नारायण कॉलेज, गोरियाकोठी , सिवान *
कार्यक्रम के संयोजक संयोजक- नसीम अख्तर, (बी.बी. राम +2 स्कूल, नगरा सारण ) व उप संयोजक- राजन कुमार एवं बलवंत कुमार होंगे.

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Chhapra: जेपीयू ने अपनी शैक्षणिक व्यवस्था को सुधारने के साथ छात्रों के कॉलेजों में उपस्थिति को लेकर नही कदम उठा रहा है. इस सप्ताह से जेपीयू के कई पीजी विभागों ने बिना सूचना अनुपस्थिति रहने वाले छात्रों को नोटिस भेजना शुरू कर दिया है. बुधवार को जेपीयू के पीजी विभाग ने दर्जनों छात्रों को नोटिस भेज कर उन्हें नामांकन रद्द किये जाने की सूचना भेजी है.

15 दिन से अधिक अनुपस्थित होने पर नामांकन हो रहा रद्द

जेपीयू में स्नातक व पीजी के सत्रों में नामांकित छात्र-छात्राएं यदि बिना सूचना के 15 दिन से अधिक अनुपस्थित रहे तो उनका नामांकन रद्द कर दिया जायेगा. एक बार नामांकन रद्द होने के बाद विवि को यदि छात्रों ने अनुपस्थित रहने का सन्तोषप्रद कारण नही बताया तो दोबारा निलंबन मुक्त कर क्लास करने की अनुमति नही दी जायेगी. विभागाध्यक्ष ने बताया कि लगातार क्लास में अनुपस्थित रहने वाले छात्रों को सूचित किया जा रहा था. उनके तरफ से कोई प्रतिक्रिया नही मिलने पर नामांकन निलंबित किये जाने का नोटिस भेजा जा रहा है.

75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य

पीजी व स्नातक में नामांकन लेने वाले छात्रों से 75 प्रतिशत उपस्थिति के मामले में किसी प्रकार की रियायत नही की जायेगी. परीक्षा फॉर्म भरने के समय जिन छात्रों की उपस्थिति 75 प्रतिशत से कम होगी उनका फॉर्म नही भरा जायेगा.

जेपीयू में इसके पहले के सत्र अनियमित थे और इसी का फायदा उठाकर कम उपस्थिति वाले छात्र-छात्राएं कोई न कोई जुगाड़ लगा कर अपना फॉर्म भरने में सफल हो जाते थे, लेकिन इस सत्र से विश्वविद्यालय प्रशासन नियमों का सख्ती से पालन कराने को लेकर सजग है और इस संदर्भ में विवि के सभी अंगीभूत व सम्बद्ध कॉलेजों को निर्देश भी दिया गया है. विदिति हो कि स्नातक के वर्तमान सत्र में प्रथम मेधासूची के आधार पर नामांकित छात्रों का वर्ग संचालन शुरू हो गया है. वहीं पीजी फर्स्ट सेमेस्टर की कक्षाएं भी शुरू हो गयी हैं.

शिक्षकों की भी तय की गयी जिम्मेवारी

जेपीयू के विभिन्न सम्बद्ध और अंगीभूत महाविद्यालय में कार्यरत शिक्षकों को अब प्रतिदिन पांच घंटे ड्यूटी करना अनिवार्य होगा. कुलपति प्रो हरिकेश सिंह ने इस संबंध में विभिन्न महाविद्यालय के प्राचार्यों को निर्देश जारी कर दिया है.

ऐसा देखा गया है कि कॉलेजों में नियुक्त प्राध्यापक अपने विषय के वर्ग संचालन के प्रति उदासीन रहते हैं और हाजिरी बनाकर घर चले जाते हैं. इस उदासीन रवैये को समाप्त करने के लिए कुलपति ने शिक्षकों को पांच घंटे महाविद्यालय में उपस्थिति सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया है. अपने कक्षाओं में शत प्रतिशत उपस्थित सुनिश्चित कराने की जवाबदेही शिक्षकों पर होगी. यदि कोई छात्र ज्यादा दिनों से अनुपस्थित है तो शिक्षकों को फोन कर उनका हाल पूछना होगा और कॉलेज नही आने की जानकारी लेनी होगी.

क्या कहते हैं कुलपति

कैंपस में छात्रों की उपस्थिति बढ़ाने और नियमित वर्ग संचालन के उद्देश्य से यह कदम उठाया जा रहा है. वर्ग संचालन के लिये शिक्षकों की भी जिम्मेवारी तय की गयी है।

– प्रो हरिकेश सिंह, कुलपति, जेपीयू

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Chhapra: छपरा के बजरंग नगर स्थित COMPETITION POINT के दूसरे ब्रांच सैनिक कॉम्पटीशन पॉइंट में सेना भर्ती परीक्षा की तैयारी जल्द शुरू होने वाली. यह संस्थान पूर्णतः आवासीय है. यहाँ सेना दौड़ निकालने के बाद छात्रों के लिए पढ़ने रहने तथा खाने-पीने की समुचित व्यवस्था है. इस संस्थान को छात्र ने अलग-अलग शिक्षक के मार्गदर्शन में मेहनत करके देशभर में पहला स्थान भी लाया है.

संस्थान के डायरेक्टर प्रभात सिंह ने बताया कि यहां आर्मी दौड़ निकाले हुए बच्चों की गुणवत्ता पूर्ण रूप से तैयारी कराई जाती है. सभी छात्रों को अलग-अलग शिक्षकों द्वारा क्लास तथा TEST की व्यवस्था कराई जाती है.

यहां आर्मी GD, TECHNICAL, CLERK,TRADE नर्सिंग असिस्टेंट आदि की तैयारी कराई जाती है. प्रभात सिंह ने यह भी बताया कि नौकरी होने के बाद छात्रों से FEE ली जाती है. जिन छात्रों का रिजल्ट नहीं होता है उनसे FEE नहीं लिया जाता है. इस साल आर्मी भर्ती सितंबर में दानापुर में होने वाली है. जो बच्चे दौड़ निकाले हो वे संस्थान में आसानी से पढ़ कर नौकरी ले सकते हैं.

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