JPU के छात्र ध्यान दें: रेगुलर क्लास नहीं करने वाले छात्रों के काटे जा रहे नाम, पढिये डिटेल

JPU के छात्र ध्यान दें: रेगुलर क्लास नहीं करने वाले छात्रों के काटे जा रहे नाम, पढिये डिटेल

Chhapra: जेपीयू ने अपनी शैक्षणिक व्यवस्था को सुधारने के साथ छात्रों के कॉलेजों में उपस्थिति को लेकर नही कदम उठा रहा है. इस सप्ताह से जेपीयू के कई पीजी विभागों ने बिना सूचना अनुपस्थिति रहने वाले छात्रों को नोटिस भेजना शुरू कर दिया है. बुधवार को जेपीयू के पीजी विभाग ने दर्जनों छात्रों को नोटिस भेज कर उन्हें नामांकन रद्द किये जाने की सूचना भेजी है.

15 दिन से अधिक अनुपस्थित होने पर नामांकन हो रहा रद्द

जेपीयू में स्नातक व पीजी के सत्रों में नामांकित छात्र-छात्राएं यदि बिना सूचना के 15 दिन से अधिक अनुपस्थित रहे तो उनका नामांकन रद्द कर दिया जायेगा. एक बार नामांकन रद्द होने के बाद विवि को यदि छात्रों ने अनुपस्थित रहने का सन्तोषप्रद कारण नही बताया तो दोबारा निलंबन मुक्त कर क्लास करने की अनुमति नही दी जायेगी. विभागाध्यक्ष ने बताया कि लगातार क्लास में अनुपस्थित रहने वाले छात्रों को सूचित किया जा रहा था. उनके तरफ से कोई प्रतिक्रिया नही मिलने पर नामांकन निलंबित किये जाने का नोटिस भेजा जा रहा है.

75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य

पीजी व स्नातक में नामांकन लेने वाले छात्रों से 75 प्रतिशत उपस्थिति के मामले में किसी प्रकार की रियायत नही की जायेगी. परीक्षा फॉर्म भरने के समय जिन छात्रों की उपस्थिति 75 प्रतिशत से कम होगी उनका फॉर्म नही भरा जायेगा.

जेपीयू में इसके पहले के सत्र अनियमित थे और इसी का फायदा उठाकर कम उपस्थिति वाले छात्र-छात्राएं कोई न कोई जुगाड़ लगा कर अपना फॉर्म भरने में सफल हो जाते थे, लेकिन इस सत्र से विश्वविद्यालय प्रशासन नियमों का सख्ती से पालन कराने को लेकर सजग है और इस संदर्भ में विवि के सभी अंगीभूत व सम्बद्ध कॉलेजों को निर्देश भी दिया गया है. विदिति हो कि स्नातक के वर्तमान सत्र में प्रथम मेधासूची के आधार पर नामांकित छात्रों का वर्ग संचालन शुरू हो गया है. वहीं पीजी फर्स्ट सेमेस्टर की कक्षाएं भी शुरू हो गयी हैं.

शिक्षकों की भी तय की गयी जिम्मेवारी

जेपीयू के विभिन्न सम्बद्ध और अंगीभूत महाविद्यालय में कार्यरत शिक्षकों को अब प्रतिदिन पांच घंटे ड्यूटी करना अनिवार्य होगा. कुलपति प्रो हरिकेश सिंह ने इस संबंध में विभिन्न महाविद्यालय के प्राचार्यों को निर्देश जारी कर दिया है.

ऐसा देखा गया है कि कॉलेजों में नियुक्त प्राध्यापक अपने विषय के वर्ग संचालन के प्रति उदासीन रहते हैं और हाजिरी बनाकर घर चले जाते हैं. इस उदासीन रवैये को समाप्त करने के लिए कुलपति ने शिक्षकों को पांच घंटे महाविद्यालय में उपस्थिति सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया है. अपने कक्षाओं में शत प्रतिशत उपस्थित सुनिश्चित कराने की जवाबदेही शिक्षकों पर होगी. यदि कोई छात्र ज्यादा दिनों से अनुपस्थित है तो शिक्षकों को फोन कर उनका हाल पूछना होगा और कॉलेज नही आने की जानकारी लेनी होगी.

क्या कहते हैं कुलपति

कैंपस में छात्रों की उपस्थिति बढ़ाने और नियमित वर्ग संचालन के उद्देश्य से यह कदम उठाया जा रहा है. वर्ग संचालन के लिये शिक्षकों की भी जिम्मेवारी तय की गयी है।

– प्रो हरिकेश सिंह, कुलपति, जेपीयू

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