Chhapra: न्यायिक सेवाओं की परीक्षा की श्रेष्ठम तैयारी अब घर बैठे ऑनलाइन कर सकते है.

ऐसा इ-ज्युडेक्स (e-JudEx, www.ejudex.com) से संभव हो सकेगा. न्यायिक सेवाओं की परीक्षाओं की तैयारी करने हेतु यह एक वर्चुअल/ऑनलाइन कोचिंग का माध्यम है. जिसकी स्थापना स्वयं तीन राज्यों के पूर्व न्यायाधीशों ने मिल कर किया है.

इ-ज्युडेक्स विधि (Law) की पढाई कर रहे छात्रों एवं न्यायिक सेवा (Judicial Services) की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों के लिए एक नवीन मंच होगा. जिसमें उनके जरूरतानुसार तीन प्रकार के अलग-अलग पाठ्यक्रम यानी फाउंडेशन कोर्स, क्रैश कोर्स एवं विषय वार कोर्स की व्यवस्था है.

इ-ज्युडेक्स की संस्थापिका अंकिता राज सहाय ने यह जानकारी देते हुए बताया कि ऑनलाइन/ लाइव क्लासेज 20 अगस्त 2020 से प्रारम्भ हो रही हैं जिसके लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. पंजीकृत छात्रों के लिए पाठ्यक्रम सम्बंधित इ-नोट्स, टेस्ट सीरीज एवं अन्य सुविधाएं भी ऑनलाइन उपलब्ध कराई जायेंगी.

श्रीमती सहाय ने वर्ष 2009 में इसाबेला थॉबर्न कॉलेज से ऐलिस मेनचेस्टर स्कालरशिप प्राप्त करते हुए स्नातक की डिग्री ली. तत्पश्चात वर्ष 2012 में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से विधि की पढाई करने के बाद स्वयं तैयारी कर के मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के अधीन मध्य प्रदेश न्यायिक सेवा की परीक्षा को उत्तीर्ण किया वो भोपाल में न्यायाधीश का पदभार ग्रहण किया. जहाँ से वर्ष 2017 में त्याग-पत्र देकर उन्होंने आर. आर. सहाय एण्ड एसोसिएट्स लॉ फर्म के मैनेजिंग पार्टनर के तौर पर पटना उच्च न्यायालय में प्रैक्टिस करना शुरू किया. अंकिता राज सहाय प्रख्यात अधिवक्ता एवं विधिवेत्ता राजीव रंजन सहाय की पुत्रवधु हैं.

न्यायाधीश बनने की चाह रखने वाले पात्र उम्मीदवारों को अपने ज्ञान, अनुभव वो विशेषज्ञता का लाभ देने वो अपने लक्ष्य की तरफ आगे बढ़ने के उद्देश्य से अंकिता राज सहाय ने बिहार न्यायिक सेवा से सेवानिवृत्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं भूतपूर्व बीमा लोकपाल, भारत सरकार आर के श्रीवास्तव और भूतपूर्व रजिस्ट्रार, ईलाहाबाद उच्च न्यायालय गोपाल नारायण सिन्हा के साथ मिलकर इ-ज्युडेक्स की स्थापना की है.

ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन व पाठ्यक्रम सम्बंधित विस्तृत जानकारी के लिए www.ejudex.com पर क्लिक कर सकते है.

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Chhapra: राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा (NTSE) 2019 का परिणाम जारी हो चुका है. इस परीक्षा में छपरा की राशिका राशि ने बिहार में आठवां रैंक लाकर सारण का नाम किया है.छपरा शहर के साहेबगंज आर्यसमाज मुहल्ले के निवासी ज्ञान नारायण की पुत्री राशिका के बिहार में 8 वां रैंक लाने पर उनके परिवार में खुशी का माहौल है. छपरा के अवन्ति क्लासेज की छात्रा राशिका 16 साल की हैं. इसी साल उन्होंने 10 वीं CBSE की परीक्षा दी है. उन्होंने बताया कि स्टेज 1 की परीक्षा में उन्हें यह सफलता मिली है.

राशिका ने बताया कि NTSE परीक्षा के लिए उन्होंने छपरा शहर के ही अवंती क्लासेज से तैयारी की थी. उन्होंंने Avanti Classes के शिक्षकों को तैयारी के लिए आभार व्यक्त किया. वहीं राशिका की सफलता पर Avanti Classes के सौरभ ने बताया कि हर साल उनके यहां से NTSE, IIT और NEET में बच्चे बेहतर प्रदर्शन करते हैं. राशिका ने हम सबको गौरवान्वित करने का कार्य किया है. उन्होंने बताया कि इस बार एन टी एस ई की परीक्षा में देश भर से 700 बच्चों का चयन हुआ है. सेकंड स्टेज परीक्षा क्लियर करने पर छात्रों को ग्रेजुएशन तक सरकारी स्कॉलरशिप देती है. प्राप्त जानकारी के अनुसार छपरा से 3 छात्रों ने NTSE परीक्षा पास की है.

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Chhapra: जयप्रकाश विश्वविद्यालय प्रशासन ने सभी पेंसनर्स से Pay ID बनाने हेतु विहित प्रपत्र को भरकर यथाशीध्र जमा करने का अनुरोध किया है.

कुलसचिव श्री कृष्ण ने बताया कि जय प्रकाश विश्वविद्यालय में कुल पेंसनर लगभग 1250 हैं. जिनमें अभी तक केवल 450 का ही पे-आई डी बन पाया है.

जेपीयू के पीआरओ डॉ हरिश्चन्द्र ने कहा कि जिन पेंसनर्स ने अब तक विहित प्रपत्र को भरकर नहीं भेजा है. उन सबसे यथाशीध्र उसे भेजने की अपील की गई है, ताकि Pay ID बन सके और भुगतान बिना रुके हो सके.

आवेदन के साथ निम्न जानकारी संलग्न करनी है. 1. PPO Letter 2.आधार कार्ड 3.PAN कार्ड 4.बैंक पास बुक 5.मोबाइल नम्बर

उन्होंने बताया कि पेंसनर्स अपना प्रपत्र भरकर विश्वविद्यालय के ईमेल पर या व्हाट्स ऐप पर भेज सकते हैं. वे अपना आवेदन regjpuchapra@gmail.com
salarysectionjpuchapra@gmail.com पर भेज सकते है.

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Chhapra: बिहार पुलिस की लिखित परीक्षा में छपरा शहर के बजरंग नगर स्थित कंपटीशन पॉइंट के कई छात्रों ने सफलता पायी है. निदेशक प्रभात सिंह ने बताया कि इस साल भी संस्थान के कई छात्र बिहार पुलिस की लिखित परीक्षा में पास हो गए हैं. कोचिंग के संचालक प्रभात सिंह ने बताया कि इस बार लिखित परीक्षा में सन्स्थान के सर्वाधिक छात्रों का रिजल्ट हुआ है. संचालक ने बताया कि हमारे कोचिंग में सर्वाधिक रिजल्ट होने का कारण यह है कि यहां छात्रों पर विशेष ध्यान दिया जाता है. यही कारण है कि यहां पढ़ने वाले छात्र काफी मेहनत करते हैं और मेहनत के बदौलत ही सर्वाधिक रिजल्ट देते हैं. यहां तैयारी करने वाले छात्रों को हर एक विषय के अलग-अलग शिक्षकों के द्वारा विशेष तैयारियां कराई जाती है. बताते चलें कि इससे पहले आर्मी में भी सर्वाधिक रिजल्ट्स देने का रिकॉर्ड कंपटीशन पॉइंट का दूसरा ब्रांच सैनिक कंपटीशन पॉइंट का था जो पूरे दानापुर में और अकेले 10% रिजल्ट्स दिए थे. सफल हुए छात्र में मोनू ,वैभव ,आलोक ,सतीश, आनंद,प्रीतम,नितेशअजय,संदीप ,श्वेता ,अंकिता ,जोशी ,रानी, नेहा ,नाजिया ,नेहा, प्रिया ,नीता, गोल्डी, निकिता, जूही के समेत-30 छात्र-छात्रा सफल हुए हैं.

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Chhapra: जेपीयू के राजेंद्र महाविद्यालय में वाणिज्य विभाग तथा भारतीय लेखा संगठन (पटना शाखा) के संयुक्त तत्वाधान में एक राष्ट्रीय वेबीनार का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए प्रभारी प्राचार्य डॉ राजकुमार ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया तथा आयोजनकर्ता अर्चना उपाध्याय को प्रोत्साहन दिया. जयप्रकाश विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एच एन पांडे ने इस वेबीनार को प्रासंगिक बताते हुए अपने विचार रखे.

प्रति कुलपति प्रो अशोक झा ने भी बताया कि कोरोना ने पूर्ण रूप से समाज में बहुत बड़ा परिवर्तन किया है. मुख्य अतिथि के तौर पर जयप्रकाश विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर हरिकेश सिंह ने अपने वक्तव्य में बताया कि महामारी के इस दौर में आर्थिक और सामाजिक परिवर्तन बहुत तीव्र गति से हुआ है जिसका प्रभाव उच्च से लेकर निम्न वर्ग के लोगों तक पड़ा है.

उन्होंने मनोवैज्ञानिक तौर पर सकारात्मकता रखने की बात कही. मुख्य वक्ता के तौर पर प्रोफेसर अजय द्विवेदी , प्रोफेसर एस के सिन्हा तथा प्रोफेसर बटेश्वर सिंह थे जिन्होंने अपने अभिभाषण में आर्थिक और सामाजिक परिवर्तन के हर एक पहलू पर चर्चा की. विद्वत जनों द्वारा इस संगोष्ठी में बताया गया कि किस प्रकार अर्थव्यवस्था के हर सेक्टर में परिवर्तन हुआ है.

भारत में कई लोगों की नौकरियां भी प्रभावित हुई हैं. भारत सरकार द्वारा दिए गए राहत पैकेज, आत्मनिर्भर भारत आदि के संदर्भ में भारतीय अर्थव्यवस्था का भी विश्लेषण किया गया और उसके दूरगामी प्रभाव पर चर्चा की गई. वहीं दूसरी ओर लॉक डाउन के काल में बढ़ रही घरेलू हिंसा, बेरोजगारी, प्रवास संबंधी समस्या आदि जैसे सामाजिक परिवर्तनों पर भी विस्तार से चर्चा की गई.

इस वेबीनार के लिए पूरे देश से 700 से अधिक प्रतिभागियों ने पंजीकृत किया था. वर्तमान समय में महामारी के इस दौर में आर्थिक सामाजिक परिवर्तन एक प्रासंगिक विषय है और इस संगोष्ठी के द्वारा अन्य तथ्यों से भी रूबरू होने का प्रतिभागियों को मौका मिला तथा उनकी समझ व ज्ञान में बढ़ोतरी हुई.

धन्यवाद ज्ञापित करते हुए डॉ. अर्चना उपाध्याय ने पुनः इस तरह के आयोजन को करवाने तथा अधिकतम प्रतिभागियों को लाभ पहुंचाने हेतु प्रतिबद्धता दिखाने का आग्रह किया। इसमें जयप्रकाश विश्वविद्यालय व राजेंद्र कॉलेज के कई शिक्षक व छात्र जुड़े रहें जिनका फीडबैक काफी सकारात्मक रहा.

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Chhapra: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के बिहार प्रदेश के आह्वान पर पूरे प्रदेश भर में बिहार सरकार को सद्बुद्धि प्रदान करने हेतु सद्बुद्धि महायज्ञ का आयोजन किया गया. जिसमें छात्र-छात्राओं ने हवन कर ईश्वर से सरकार को सद्बुद्धि देने हेतु प्रार्थना किया. इसी क्रम में छपरा इकाई के द्वारा भी सद्बुद्धि यज्ञ का आयोजन किया गया.

इस संबंध में जय प्रकाश विश्वविद्यालय के विश्वविद्यालय संयोजक रवि पांडेय ने कहा कि बिहार सरकार माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा (STET) परिणाम को रद्द कर हजारों छात्रों के भविष्य को कुचलने का काम किया है. यह मामला कोर्ट में भी था, पर कोर्ट का निर्णय आने से पहले ही परीक्षा रद्द करने का नोटिस जारी कर दिया गया, जो बिहार सरकार पर गंभीर सवाल खड़े करता है.

इसके अलावा कोविंड-19 के इस भीषण महामारी के समय एक ओर छात्र, अभिभावक आर्थिक तंगी से जूझ रहे है, तो दूसरी ओर किराएदार वह निजी शिक्षण संस्थान के मालिक शुल्क जमा करने का दबाव बना रहे हैं. इस परिस्थिति में सरकार का मौन रहना शर्मनाक है.

सुशासन के 15 वर्षों के शासनकाल में भर्ती हेतु जो परीक्षाएं हुई हैं उसमें से 95% से अधिक परीक्षाएं विवादों में रहा आखिर इसके कौन है जिम्मेदार. स्कूल, कॉलेज विश्वविद्यालय शिक्षक विहीन होते जा रहे हैं. बिना शिक्षक का छात्र कैसे पढ़ रहे हैं. इसके जिम्मेदार कौन है ना समय से परीक्षा हो रही है ना समय से परिणाम आ रहे हैं, समय से वर्ग का संचालन हो रहे हैं आखिर इसके जिम्मेदार कौन हैं?

सरकार के गलत नीति, हठधर्मी, राजनीतिक द्वेष के कारण हजारों छात्र युवाओं का भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहे हैं. आखिर उच्च स्तरीय जांच का आदेश क्यों नहीं. दोषी बोर्ड के अध्यक्ष को क्यों नही हटाया गया. भ्रष्ट पदाधिकारियों के ऊपर करवाई क्यों नहीं किया गया. पदाधिकारियों को बचाने में सरकार क्यों लगी है. अपने निर्णय पर सरकार पुनर्विचार करें. अन्यथा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद चरणबध्द आंदोलन जारी रहेगा.

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Patna: बिहार सरकार द्वारा मांगे गए सुझाव के जवाब में प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने अपनी 13 सूत्री मांगों व सुझावों को सरकार के समक्ष रखा है. प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने बिहार सरकार से 1 जुलाई से सभी निजी स्कूलों में कक्षाएं शुरू कराने की अनुमति देने की मांग की है. इसके अलावा 15 जून से सभी स्कूलों के कार्यालयों को खोलकर एडमिशन प्रक्रिया शुरू करने की अनुमति भी मांगी है.

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किस्तों में फी जमा करें अभिभावक

संघ ने सरकार को सुझाव देते हुए कहा है कि विद्यालयों के बंद रहने की वजह से बहुत सारे विद्यालयों के शिक्षक तथा संचालक दयनीय स्थिति में आ चुके हैं. उनकी स्थिति में सुधार लाने के लिए अभिभावकों को यह निर्देश दिया जाए की लॉक डाउन की अवधि के फीस किस्त के रूप में विद्यालयों में जमा करें. जिससे शिक्षकों तथा अन्य कर्मचारियों को वेतन मिल सके.

दरअसल शुक्रवार को प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष शमायल अहमद ने बिहार के शिक्षा मंत्री बिहार सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा मांगी गई परामर्श के अंतर्गत 13 सूत्री सुझाव दिए है.

उन्होंने कहा कि कोविड-19 के इस महामारी के दौर में बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि है, साथ ही साथ इसमें स्कूल संचालकों और उससे जुड़े हुए तमाम शैक्षिक और गैर शैक्षिक कर्मचारियों की अनदेखी नहीं की जा सकती वहीं विद्यालय बंद होने से बच्चों की पढ़ाई ठप पड़ी हुई है. लॉक डाउन के कारण प्राइवेट स्कूलों को बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ा है बच्चों के वार्षिक परीक्षा नहीं हो पाई नामांकन की प्रक्रिया नहीं शुरू हो पाई ऑफिस को भी बंद रखना पड़ा.

स्कूलों का सरकार से मांग व सुझाव

1) सर्वप्रथम विद्यालयों को अति शीघ्र 15 जून से ही विद्यालय कार्यालय खोलने की तथा नामांकन प्रारंभ करने की अनुमति दी जाए.

2) विद्यालयों को विद्यालय खुलने से 10 दिन पहले अग्रिम सूचना दी जाए ताकि विद्यालय में सैनिटाइजेशन सोशल डिस्टेंसिंग के लिए रूपरेखा तैयार की जा सके

3) विद्यालयों के वाहनों को सरकार के द्वारा श्रमिकों के लाने ले जाने में उपयोग किया गया है अतः उसे सरकार के द्वारा सैनिटाइज किया जाए।

4) विद्यालयों में कक्षा का संचालन 1 जुलाई से क्रमबद्ध तरीके से हो, पहले कक्षा 6 से कक्षा 12th की अनुमति मिले, 10 जुलाई से कक्षा 1 से 5 तक की अनुमति मिले.

5) जिन विद्यालयों में छात्र विद्यालय वाहन से आते हैं उन्हें जिस प्रकार सरकार ने सार्वजनिक परिवहनो के लिए सिर्फ सीट के संख्या अनुसार बच्चों को बैठने की अनुमति हो.

6) विद्यालय प्रवेश से पूर्व प्रत्येक छात्र छात्रा, शिक्षक, तथा अन्य कर्मचारीयों के पास फेस मास्क, सैनिटाइजर की छोटी बोतल, पेपर सोप अथवा पॉकेट हैंड वॉश अनिवार्य हो अन्यथा उनका प्रवेश वर्जित हो.

7) 5 फीट की बेंच पर केवल दो बच्चों को बैठने की अनुमति होगी.

8) विद्यालय में प्रार्थना सत्र खेलकूद तथा किसी प्रकार के सांस्कृतिक और गैर शैक्षिक कार्य स्थगित रखे जाए।
9) विद्यालय में कक्षा का संचालन 50% बच्चों के साथ दो पारी (शिफ़्ट) में किया जाए.

10) शनिवार को पूरे दिन तथा महीने के दो रविवार को कक्षा संचालन की अनुमति मिले.

11) बच्चों के बीच कोरोना को लेकर जागरूकता फैलाई जाए तथा उनको अपने लंच बॉक्स, वाटर बोतल, पुस्तके कॉपी इत्यादि को एक दूसरे के बीच बांटने से रोका जाए.

12) किसी भी बीमार बच्चे, शिक्षक अभिभावक अथवा किसी अन्य कर्मचारी का विद्यालय में प्रवेश वर्जित हो.

13) लंबे समय तक विद्यालय बंद रहने की वजह से विद्यार्थियों का पढ़ाई का बहुत नुकसान हो चुका है अतः किसी भी पर्व त्यौहार के मौके पर लंबी छुट्टी से परहेज किया जाए तथा अन्य तरह की किसी भी प्रकार के अनवांछित छुट्टियों को रद्द किया जाए.

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Chhapra: विश्व पर्यावरण दिवस पर जय प्रकाश महिला कॉलेज में जन जागरूकता पर आधारित ऑनलाइन क्विज प्रतियोगिता का आयोजन किया गया.

प्राचार्य डॉ मधु प्रभा सिंह की अध्यक्षता में प्रतियोगिता का आयोजन किया गया.  इस कार्यक्रम की समन्वयक डॉ शबाना परवीन मल्लिक. आयोजन की सचिव मुग्धा पांडे और संयुक्त-सचिव नम्रता कुमारी रही.

इस प्रतियोगिता में प्रतिभागियों को 25 सवालों के जवाब देने थे और 40 प्रतिशत से अधिक अंक पाने वालों को ऑनलाइन प्रमाण पत्र से सम्मानित भी किया जा रहा था.  छात्रों, शिक्षकों और आम जनता ने भी इस प्रतियोगिता में बढ़-चढ़कर भाग लिया और पर्यावरण के प्रति अपने प्रेम और जागरूकता को दर्शाया. 

महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ.मधु प्रभा सिंह ने इस प्रतियोगिता के माध्यम से वैश्विक महामारी कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए,’ विश्व पर्यावरण दिवस’ पर यह संदेश देना चाहा है कि अगर प्रकृति है तो हमारा अस्तित्व है. जिन परिस्थितियों से आज पूरा विश्व गुज़र रहा हैं, उसके कहीं ना कहीं जिम्मेदार हम स्वयं ही हैं. इसलिए पर्यावरण का संरक्षण हमारे लिए बेहद आवश्यक और महत्वपूर्ण है.

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Chhapra: कोरोना वायरस को लेकर Lockdown के बाद अब अनलॉक 1 शुरू है. केंद्र और राज्य सरकार के निर्देशों के बाद दुकानें तो खुली लेकिन बच्चों की पढ़ाई पर अब भी संशय बरकरार है. हालांकि राज्य सरकार ने बच्चों की पढ़ाई को लेकर राज्य सरकार भी चिंतित है जिसके बाद टीवी एवं कई डिजिटल प्लेटफॉर्म पर पढ़ाई शुरू हो चुकी है. लेकिन इन सब के बाद भी जिले की बड़ी आबादी इनसब से अछूता है.

शहर को छोड़ अगर हम गांव के उन बच्चों की बात करें जो सरकारी विद्यालयों में पढ़ते है उनके पास इस व्यवस्था में पढ़ाई का कोई साधन नज़र नही आता. कोरोना जैसी वैश्विक महामारी और देश मे जारी Lockdown के बाद पिछले शैक्षणिक सत्र में उनकी पढ़ाई जहां अधूरी छूट गयी वही इस सत्र में 2 माह बीतने के बाद तीसरा महीना चल रहा है जब उन्हें ना नई किताबो से मुलाकात हुई और ना ही सिलेबस से. ऐसे में कुछेक ने अगर किताबें हासिल भी कर ली है तो उन्हें कुछ समझ मे नही आ रहा.

राज्य सरकार ने इस महामारी में डिजिटल प्लेटफॉर्म और दूरदर्शन तथा अन्य माध्यमो से बच्चों की पढ़ाई आगे बढ़ाने का प्रयास किया. लेकिन यह व्यवस्था सिर्फ शहर और उसके आसपास के इलाकों तक सीमित है.

ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के पास टीवी और मोबाइल जरूर है. लेकिन बच्चों को ना टीवी पर पढ़ाई समझ मे आ रही है और ना ही मोबाइल उनको ऑपरेट करने आ रहा है. रही सही कसर मोबाइल का नेटवर्क और बिजली की समस्या पूरी कर दे रही है. ऐसे में इन बच्चों के पास कोई रास्ता नही बचा.

भविष्य को लेकर कुछ बच्चें परेशान है तो कुछ बच्चों की इन दिनों मौज है. अभिभावक इस lockdown में रोजीरोजगार की जुगाड़ में है. देश और परदेश से आने के बाद बड़ी समस्या उन्हें जीवकोपार्जन की है.

ऐसे में इन बच्चों की सुधि लेने वाला कोई नही है. गांव के बच्चों के लिए शिक्षा का मंदिर कब खुलेगा यह किसी को पता नही.

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Chhapra: शहर के भरत मिलाप चौक के समीप स्थित शारदा क्लासेस में 11वी का बैच 1 जून से चालू हो रहा है. कोरोना वायरस की वजह से शैक्षिक संस्थाओं में छात्रों का आना बंद है, जिसकी वजह से छात्रों की पढ़ाई को जारी रखने का एकमात्र विकल्प ऑनलाइन माध्यम है. इस बात को ध्यान रखते हुए शारदा क्लासेस ने कक्षा ग्यारहवीं की ऑनलाइन बैच को चालू करने का निर्णय लिया है.Sha

ज्ञात हो की संस्था में वर्ग 9 वी तथा वर्ग 12वीं की पढ़ाई ऑनलाइन माध्यम से पहले से ही चल रही है. संस्था के निदेशक सिद्धार्थ सिंह ने बताया की लॉक डाउन में छात्र घर पर ही संस्था से ऑनलाइन जुड़ सकते हैं तथा लॉक डाउन के खत्म होने के बाद यह छात्र संस्था में आकर पढ़ाई करेंगे. संस्था ने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर दैनिक लेक्चर, एग्जाम्स तथा डाउट क्लीयरेंस की व्यवस्था की है. छात्र मोबाइल या लैपटॉप दोनों के ही माध्यम से अपनी पढ़ाई को जारी रख सकते हैं.

उन्होंने यह भी कहा कि लॉक डाउन एक मौका भी है जिसमें छात्र अपने परिश्रम और सही मार्गदर्शन के माध्यम से घर के सुरक्षित माहौल में रहकर ही अपने लक्ष्य की तरफ बढ़ना चालू रख सकते हैं और उम्मीद जताई की विषम परिस्थितियों के बावजूद भी संस्था के छात्र हर साल की भांति राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाओं में शहर एवं अभिभावकों का नाम रोशन करेंगे.

IIT में पढ़ने का सपना पूरा कर रहा शारदा क्लासेज

छपरा के शारदा क्लासेज, यहां के छात्रों को IIT में प्रवेश पाने का सपना पूरा कर रहा है. पिछले वर्ष शारदा क्लासेज के देबोमय डे ने यहां पढ़कर IIT प्रवेश परीक्षा  निकाल ली और उन्हें IIT दिल्ली में प्रवेश मिल गया. यही नहीं यहां के छात्र शिवम कुमार को आईआईटी आइएसएम धनबाद, श्रेय अमृत को बीआईटी मेसरा, अंकित व विक्रमजीत एनआईटी सिलचर, अंजली अनुपम आई आईआईटी जलबलपुर समेत कई छात्रों को देशभर के प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग सन्स्थान में प्रवेश मिला है.

छपरा के शारदा क्लासेज़ में पढ़ते हुए देबोमय ने निकाल ली IIT की परीक्षा, देश में सारण का नाम रौशन

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Chhapra: मैट्रिक परीक्षा में छपरा गुदरी राय चौक स्थित एसबी कोचिंग के छात्रों ने शानदार प्रदर्शन किया है. एसबी कोचिंग के 87 छात्रों ने मैट्रिक परीक्षा में फर्स्ट डिवीजन श्रेणी से पास हुए हैं. कोचिंग की छात्रा भगवान बाज़ार की शालू ने 426 अंक यानी की 85 फीसदी अंक लाकर ज़िले का नाम रौशन किया है. साथ ही काचिंग कि एक अन्य छात्रा सिमरन कुमारी ने भी 426 अंक प्राप्त करके संस्था का नाम रौशन किया है.

सन्स्थान के निदेशक बंटी सिंह ने बताया कि आधा दर्जन से अधिक छात्रों को 80% से अधिक अंक भी मिले हैं. उन्होंने बताया कि इस बार का रिजल्ट काफी बढ़िया रहा. 87 बच्चे प्रथम श्रेणी से पास हुए हैं इन बच्चों ने मेहनत करके बिहार बोर्ड 10वीं परीक्षा में बेहतर परिणाम प्राप्त किए हैं. उन्होंने बताया कि पिछले साल से इस साल का रिजल्ट काफी बेहतर आया है.

विद्यार्थियों में अपनी सफलता का श्रेय निर्देशक बंटी सिंह और अंकित सिंह को दिया. निदेशक ने बताया कि 127 में से 87 छात्र प्रथम श्रेणी में पास हुए हैं वहीं संस्थान के एक छात्र ने 426 अंक लाकर संस्थान का नाम रोशन किया है.आपको बता दें कि एसबी कोचिंग के छात्र हर साल 10वीं और 12वीं में काफी बेहतर प्रदर्शन करते हैं. और इस बार भी कोचिंग के छात्रों ने उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किया है.

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Chhapra: लॉक डाउन में बंद छपरा के तमाम निजी कोचिंग संस्थानों के संचालकों ने मंगलवार को जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन से सशर्त कोचिंग खोलने के निर्देश देने के लिए आग्रह किया है. कोचिंग संचालकों ने बताया कि बीते 75 दिनों से कोचिंग संस्थान बंद हैं. जिस वजह से शिक्षकों की हालत दयनीय हो गई है.

शिक्षक अपने गांव से दूर शहरों में किराया को घरों में रहते हुए किराए पर कोचिंग संस्था चला रहे हैं. इस वजह से जीविका के लिए पूर्ण रूप से कोचिंग संस्थान के आय पर ही निर्भर हैं. कचिंग बन्द होने से सन्स्थान व निवास स्थान के किराया का अतिरिक्त बोझ बढ़ गया है.

कचिंग संचालको ने कहा कि सरकारी आदेश जिसके तहत कोचिंग संचालक एवं उससे जुड़े शिक्षकों को ऑनलाइन संचालन करने का आदेश प्राप्त हुआ है. वह भी असरदार नहीं है. इससे हम सभी शिक्षकों को कोई आमदनी नहीं हो रही. जिसके कारण छोटे कोचिंग संचालकों एवं शिक्षक ऐसी ऑनलाइन कक्षाओं को संचालित करने में असमर्थ हैं.

शिक्षकों ने जिला प्रशासन और सरकार से अनुरोध किया कि उपरोक्त बातों का ध्यान रखते हुए संस्थान एवं प्राइवेट ट्यूशन पढ़ाने वालों को सामाजिक एवं शारीरिक दूरी बनाकर एवं अन्य शर्तों जो कोविड 19 के बचाव के लिए सरकारी मानक है, उनका पालन करते हुए कोचिंग खोलने की अनुमति दी जाय साथ ही परिवारिक स्थित को देखते हुए आर्थिक मदद भी प्रदान की जाय.

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