Chhapra: लॉक डाउन के पहले चरण में अंतिम दिन आखिरकार नगर निगम द्वारा शहर को सैनिटाइज करने का काम शुरू किया गया. पहले चरण के lockdown में 21वे दिन नगर निगम के कर्मियों द्वारा शहरी क्षेत्र के कई वार्डों सहित साढ़ा ढाला रेल ओवर ब्रिज एवं अन्य मुख्य मार्गों की सैनिटाइजिंग की गई.

जानकारी के अनुसार नगर निगम के सभी 45 वार्डों में सैनिटाइजिंग का कार्य किया जाएगा. इसके साथ साथ मुख्य सड़कों की भी सैनिटाइज किया जाएगा. हालांकि इस कार्य से शहर की बड़ी आबादी लाभान्वित नही होगी जिसका मुख्य कारण है गालियां और सकीर्ण सड़कें. जहाँ नगर निगम की गाड़ी नही पहुंच सकती.छपरा नगर निगम के आयुक्त संजय कुमार उपाध्याय का कहना है कि निगम क्षेत्र के सभी 45 वार्डों की सड़कों, सहायक सड़कों व जहां तक गाड़ियां जाती हैं वहां सैनिटेशन का कार्य शुरू कर दिया गया है. इसके लिए रोस्टर बनाकर दे दिया गया है. उन्होंने बताया कि सोडियम हाइपो क्लोराइड का घोल बनाकर शहर में छिड़काव किया जा रहा है.

0Shares

Chhapra: छपरा जयप्रकाश विश्वविद्यालय स्नातकोत्तर शिक्षक संघ के सचिव तथा बिहार शिक्षा मंच के संयोजक प्रो रणजीत कुमार ने बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के महासचिव शत्रुघ्न प्रसाद सिंह को एक खुला पत्र भेजकर 25 फरवरी से अपनी न्यायोचित माँगो की पूर्ति हेतु शिक्षकों द्वारा जारी आंदोलन को अपना समर्थन व्यक्त करते हुए कहा कि मैंने नियोजित शिक्षकों की मूल मांगों जैसे वेतनमान, पेंशन, सेवांत लाभ, अंतरजिला स्थानांतरण, राज्यकर्मी का दर्जा, भविष्य निधि कटौती, उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के मान सम्मान तथा समय से वेतन भुगतान के मुद्दे पर बेबाकी से समय समय पर सरकार को दर्जनों पत्र लिखकर समस्याओं एवम मांगों से अवगत कराया है. लेकिन एक सोची समझी राजनीति के तहत धरने को सम्बोधित करने से मुझे मना कर दिया गया. इस निर्देश को केवल सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के दायरे में आने वाले सारण, सिवान, गोपालगंज, पूर्वी एवम पश्चिमी चंपारण में सख्ती से लागू किया गया जबकि उसी दिन आपने हड़ताल का समर्थन करने के लिए बिहार की जनता के नाम से एक अपील पत्र भी जारी किया.

सरकार से लोकतांत्रिक मूल्यों एवम परम्पराओं के निर्वहन की अपेक्षा करने वाले अपने संकीर्ण सियासी लाभ के लिए इन शाश्वत मूल्यों को दफन करने में जरा भी संकोच नहीं करते. ऐसा प्रतीत होता है कि संघ और सियासत के शतरंजी बिसात पर आपको मोहरे के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है.

इन सवालों का जवाब दे माननीय

प्रो कुमार ने आम शिक्षकों की तरह संघ नेतृत्व की नीति एवम नीयत को लेकर सवाल खड़ा किया है जिसमे नियोजन वाद का संघ का समर्थन, शिक्षकों के वोट की बदौलत 18 वर्ष से विधान पार्षद के पद पर रहने के बावजूद शिक्षक शोषित हो रहे है. इनकी आवाज नही उठायी गयी. वस्तुतः शिक्षकों की रहनुमाई के नाम पर लगातार शिक्षक हितों की सौदेबाज़ी होती रही है. सत्ता के साए में सुविधा की सियासत करने वाले शिक्षकों के दुःख दर्द को क्या समझेगें? अभी हाल में ही विधानमंडल में राज्यपाल के अभिभाषण पर शिक्षक प्रतिनिधियों द्वारा उठाए गए सवाल का जबाब देने के क्रम में जब मुख्यमंत्री शिक्षकों को जलील करने वाली भाषा का प्रयोग कर रहे थे तो आपके विधान पार्षद महोदय प्रतिकार करने के बदले सदन से ही अनुपस्थित हो गए.

मुख्यमंत्री का यह कहना कि ज्यादा बोलिएगा तो सारा पोल पट्टी खोलकर रख देंगे. क्या राज है जिसके खुलने से माननीय भयभीत हैं? बिहार सरकार वर्ष 2006 से ही नियोजित शिक्षकों के नाम पर कुल 37500/-(60%केंद्र तथा 40%राज्य) उठाती रही है और शिक्षकों को वेतन मद में 6000 रु से प्रारंभ कर आजकल अधिकतम 30000 रु दे रही है. सब कुछ जानते हुए भी क्या विधान पार्षद ने कभी शोषण एवम अन्याय के खिलाफ सदन में अपनी आवाज़ बुलंद किया ?शिक्षकों के इस अनवरत शोषण में क्यों नहीं माननीय की भी संलिप्तता मानी जाय?

वामपंथी नेताओं के बारे में आम धारणा है कि उनमें पदलोलुपता एवम कुर्सी प्रेम अन्य दलों की तुलना में कम होता है लेकिन यहाँ तो उल्टा दिखाई पर रहा है. संघ के दोनों महत्वपूर्ण पदों पर ताउम्र काबिज़ रहने के लिए संघ के संविधान में संशोधन कर पदों की अदला बदली कर ली गई. क्या संघ में कोई दूसरा काबिल व्यक्ति नहीं है जो इन पदों को सँभाल सके?नियोजित शिक्षकों को अपने हाल पर रोना आ रहा है और नेता शिक्षकों से प्राप्त चंदे की राशि से 27 लाख की गाड़ी खरीदकर सवारी कर रहे हैं.

बी एस टी ए राजनीतिक संगठन है और अध्यक्ष क्या विधानपार्षद पद हेतु संघ के घोषित उम्मीदवार हैं? यदि नहीं तो संघ का व्यक्तिगत सियासी महत्वाकांक्षा के लिए दुरुपयोग क्यों ? अप्रैल में विधानपार्षद का चुनाव होना था इसे ध्यान में रखते हुए 25 फरवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की गई. इससे इनका छिपा हुआ सियासी एजेंडा सामने आ गया. सरकार की हठधर्मिता की वजह से शिक्षक निलंबित हुए हैं.उनके ऊपर प्राथमिकी दर्ज किया गया है. कार्यरत अवधि का भी वेतन रोक दिया गया है. अप्रत्याशित कोरोना महामारी एवम लॉक डाउन की वजह से आंदोलन की धार भी कुंद पर गई है.

कुल मिलाकर शिक्षकों को प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है. सवाल है कि जब सब कुछ शिक्षकों को ही करना और भोगना है तो फिर नेता क्या करेंगे ? विधान मंडल सत्र के दौरान सरकार की हठधर्मिता के विरुद्ध अपने सहयोगियों के साथ अध्यक्ष जी विधानमंडल के समक्ष भूख हड़ताल पर क्यों नहीं बैठे ?सरकार के साथ वफादारी भी निभाएंगे और चुनाव नजदीक आने पर शिक्षकों को सब्जबाग भी दिखाएगें. शिक्षक समाज इस सियासी खेल पर बारीकी से नजर बनाए हुए हैं.

पत्र में उठाये गए मसलों पर आपका तथ्यात्मक जवाब शिक्षकों को मिलेगा, मुझे ऐसी आशा है. पुनश्च मैं चार लाख नियोजित शिक्षकों की न्यायोचित मांगों का समर्थन करता हूँ तथा उनके संघर्ष में शामिल हूँ.

0Shares

LOCKDOWN में प्रधानमंत्री के सात वचन

पहली बात

अपने घर के बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें
– विशेषकर ऐसे व्यक्ति जिन्हें पुरानी बीमारी हो,
उनकी हमें Extra Care करनी है, उन्हें कोरोना से बहुत बचाकर रखना है.

दूसरी बात

लॉकडाउन और Social Distancing की लक्ष्मण रेखा का पूरी तरह पालन करें, घर में बने फेसकवर या मास्क का अनिवार्य रूप से उपयोग करें

तीसरी बात

अपनी इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए, आयुष मंत्रालय द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें, गर्म पानी, काढ़ा इनका निरंतर सेवन करें.

चौथी बात

कोरोना संक्रमण का फैलाव रोकने में मदद करने के लिए आरोग्य सेतु मोबाइल App जरूर डाउनलोड करें।
दूसरों को भी इस App को डाउनलोड करने के लिए प्रेरित करें.

पांचवी बात

जितना हो सके उतने गरीब परिवार की देखरेख करें,
उनके भोजन की आवश्यकता पूरी करें.

छठी बात

आप अपने व्यवसाय, अपने उद्योग में अपने साथ काम करे लोगों के प्रति संवेदना रखें,
किसी को नौकरी से न निकालें

सातवीं बात

देश के कोरोना योद्धाओं,
हमारे डॉक्टर- नर्सेस,
सफाई कर्मी-पुलिसकर्मी का पूरा सम्मान करें

#IndiaFightsCorona

0Shares

Chhapra: कोरोना वायरस को लेकर जिले में 21 दिनों का Lockdown जारी है. इस लंबी अवधि में प्रतिदिन कमाकर खाने वालो के समक्ष गंभीर समस्या उत्पन्न हो गयी है. छपरा शहर में ऐसे लोगों की संख्या ज्यादा है जो रोजाना कमाकर अपने परिवार का भरण पोषण करते है. ऐसे में सामर्थ्यवान लोगों ने इस Lockdown में उन परिवारों को ना सिर्फ अनाज उपलब्ध कराया जिससे कि वह परिवार जीवन को जी सकें बल्कि समाज को एक प्रेरणा दी कि सभी अपने सामर्थ्य के अनुसार अपने आसपास के लोगों की सेवा करें.

दैनिक मजदूरी कर अपने परिवार का भरण पोषण करने वालो के समक्ष जारी इस समस्या को लेकर शहर के प्रतिष्ठित श्रीप्रकाश ऑर्नामेंट्स के प्रोपराइटर वरुण प्रकाश विगत 24 मार्च से ही अपने सहयोगियों के साथ गरीब, असहाय, कमज़ोर लोगों के घर घर जाकर चावल, दाल, सरसों, तेल, माचिस एवम अन्य जरूरी समानों का वितरण कर रहे है.छपरा टुडे से हुई बातचीत में वरुण प्रकाश ने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव को लेकर पूरे देश को 21 दिनों की लंबी अवधि के लिए Lockdown किया गया. इस लंबी अवधि में दैनिक मजदूरी करने वालो के समक्ष जीवकोपार्जन की समस्या उत्पन्न हो गयी. समाज के इस वर्ग की ख़ातिर कुछ सामर्थ्यवान लोगों से वार्ता हुई. सभी के सहयोग से 20 वे दिन भी गरीबों के बीच राशन का वितरण किया जा रहा है.

वरुण प्रकाश ने बताया कि प्रतिदिन 400 लोगों के बीच जिला प्रशासन की उपस्थिति में राशन का वितरण शहर से लेकर सुदूर गांव तक किया जाता रहा है. जिससे कि विपदा की इस घड़ी में सभी सुरक्षित अपने घरों में रहकर अपने परिवार के सदस्यों का भरण पोषण कर सकें.वरुण प्रकाश ने मुख्य रूप से पुलिस अधीक्षक हर किशोर राय का आभार व्यक्त किया. जिन्होंने प्रतिदिन जरूरतमंदों की सेवा में अपना बहुमूल्य समय एवं सहयोग दिया.

0Shares

Chhapra: जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन के द्वारा निर्देश दिया गया है कि जन वितरण प्रणाली के दुकान कोरोना से उत्पन्न संकट की स्थिति में प्रत्येक दिन प्रातः 7 बजे से अपराह्न 4 बजे तक खुला रखकर लाभुकों को खाद्यान्न का वितरण किया जाय.

लॉक डाउन की अवधि में जन वितरण प्रणाली विक्रेता सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन करते हुए टोकन के माध्यम से उपस्थित राशन
कार्डधारियों को खाद्यान्न उपलब्ध करायेंगे. इस अवधि में दुकानों के आस-पास प्रॉपर हाईजीन एवं सैनिटेशन का ध्यान भी रखा जाएगा.

कोरोना वायरस फैलने से रोकथाम के लिए सुरक्षात्मक उपाय ’’क्या करें और क्या नहीं करे’’ संबंधी फ्लैक्स, पोस्टर, बैनर, पम्पलेट सभी जन वितरण प्रणाली के दुकानों पर सहज दृष्टिगोचर वाले स्थानों पर प्रदर्शित कराने का निर्देश दिया गया है ताकि लाभुक स्पष्ट रुप से देख सकें और उसका पालन कर सकें.

जिला एवं अनुमंडल स्तर पर खाद्यान्न वितरण से संबंधित शिकायत के निवारण के लिए नियंत्रण कक्ष की स्थापना की गयी है.

जिला नियंत्रण कक्ष, सारण 06152-242444,

जिला आपातकालीन संचालन केन्द्र 06152-245023,

मढ़ौरा अनुमंडल नियंत्रण कक्ष 06152-231108 एवं

सोनपुर अनुमंडल नियंत्रण कक्ष 06158-221016 पर स्थापित किया गया है.

0Shares

छपरा: कोरोना संक्रमण के मद्देनजर संदिग्ध मरीजों को उनके घर से अस्पताल लाने ले जाने की सुविधा मुहैया कराने के उद्देश्य से बड़ी संख्या में एंबुलेंस को लगाया गया है. इस वजह से गर्भवती महिलाओं को अस्पताल लाने में काफी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है. राज्य में एंबुलेंस को लेकर हो रही असुविधा के मद्देनजर राज्य स्वास्थ्य समिति ने जरूरी फैसला लिया है. इस फैसले के तहत एंबुलेंस की सुविधा नहीं उपलब्ध होने पर अब गर्भवती महिला को उसके परिजन किसी अन्य वाहन से अस्पताल ला सकते हैं. इसके लिए तत्काल 500 रुपये का भुगतान स्वास्थ्य विभाग की ओर से किया जायेगा.

डीबीटी के माध्यम से होगा 500 रुपये का भुगतान

राज्य स्वास्थ्य समिति ने इस निर्देश के आलोक में पत्र जारी किया है. पत्र के माध्यम से कहा गया है कि कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए 102 एंबुलेंस का उपयोग संदिग्ध या संक्रमित मरीजों के लिए बड़े पैमाने पर किया जा रहा है. इस वजह से राज्य में गर्भवती महिलाओं को प्रसव के लिए सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में आने जाने के लिए 102 एंबुलेंस की सेवा प्राप्त करने में कठिनाई हो रही है. इस स्थिति को देखते हुए राज्य स्वास्थ्य समिति ने यह निर्णय लिया है कि 31 मई तक 102 एंबुलेंस की अनुपलब्धता के कारण यदि कोई गर्भवती महिला संस्थागत प्रसव के भाड़े के वाहन से सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में आती हैं तो उसे तत्काल आने जाने के लिए 500 रुपये का भुगतान किया जायेगा. रशि का भुगतान नेशनल हेल्थ मिशन के फ्री रेफरल ट्रांसपोर्ट से उसके बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से किया जायेगा.

भाड़े पर वाहन रखने का भी लिया गया है निर्णय

वहीं पत्र के माध्यम से राज्य स्वास्थ्य समिति की ओर से कोरोना वायरस संक्रमण के संदिग्ध या संपुष्ट मरीजों के परिवहन के लिए एक पूर्ण रूप से सेनेटाइज्ड एंबुलेंस को चिन्हित कर उसी विशेष चिन्हित एंबुलेंस से कोविड 19 के संदिग्ध या संपुष्ट मरीजों का परिवहन करने हेतु सभी संबंधित को आवश्यक निर्देश दिये गये हैं ताकि साधारण मरीज एवं गर्भवती महिलाओं में संक्रमण फैलने की संभावना नहीं रहे. इसके साथ ही 102 एंबुलेंस सेवा के तहत चिन्हित एंबुलेंस के अतिरि​क्त कोविड 19 से संबंधित कार्यों के लिए जिलों व मेडिकल कॉलेजों द्वारा आवश्यकतानुसार भाड़े पर वाहन रखने का निर्णय लिया गया है जिसका भुगतान कोविड 19 से संबंधित नेशनल हेल्थ मिशन के खाते से किया जायेगा.

0Shares

Chhapra: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए कई तरह उपाय अपनाए जा रहें है. इससे निबटने के लिए पूरे देश मे लॉक डाउन लागू किया गया है. साथ हीं लोगों से सामाजिक दूरियां अपनाने की सलाह दी जा रही है. स्वास्थ्य विभाग, विश्व स्वास्थ्य संगठन, सेंटर फॉर डिज़ीज़ कंट्रोल यही सलाह दे रहे हैं कि आप भीड़ भाड़ से दूर रहें. लेकिन कई ऐसे लोग है जो अभी भी इन बातों को नहीं समझ पा रहें है. इस बारे में अगर लोगो से पूछिये तो सभी यही सलाह देते है कि सामाजिक दूरियां बनाकर रखें. हाथों को धोते रहें. हाथ नहीं मिलाए, घरों में रहे.

खुद बचें और अपने परिवार को बचाएं

आपकी गलतियों का खामियाजा आपके पूरे परिवार के साथ साथ समाज के लोगों को भुगतना पड़ सकता है. संक्रमण लेकर घर आए तो आपके बीवी-बच्चे इसके शिकार हो सकते हैं. आपकी ग़लती से परिवार के लिए संकट खड़ा हो सकता है. इसलिए लॉक डाउन के नियमों का पालन करें. घरों रहें, सुरक्षित रहें. अपने व अपने परिवार को भी सुरक्षित रखें. सामाजिक दूरियां ही इस संक्रमण से बचाव का बेहतर उपाय है.

बेवजह घरों से निकलने से करें परहेज

सिविल सर्जन डॉ माधवेश्वर झा ने बताया कि बेवजह लोगों को घर से नही निकलना चाहिए. जब घर से निकलें तो मास्क पहनकर निकलें. अगर आपको खांसी या छिंक आती हो तो जरूर मास्क लगाएं. इससे आपके इर्द- गिर्द रहने वाले लोग संक्रमित होने से बचेंगे. अपने हाथों को चेहरे पर नहीं जाने दें. नाक, आंख और मुंह पर हाथ रखने से बचें.

इन बातों का रखें ख्याल

• यदि घर से बाहर निकलना पड़े तब लोगों से 1 मीटर की दूरी जरुर बनायें

• घर आने के बाद हाथों को 20 सेकंड तक पानी एवं साबुन से धोएं

• बाहर में किसी भी चीज को छूने से परहेज करें
• लॉकडाउन के नियमों के सख्ती से पालन करें

0Shares

Chhapra: 14 अप्रैल कई मायनों में ख़ास होता है. देश के अलग अलग राज्यों में इस तिथि को अलग अलग त्यौहार और आयोजन के रूप में मनाया जाता है. कही वैशाखी मनाई जाती है तो कही बाबा साहब की जयंती. सभी अपने अनुसार इस तिथि को मानते है. लेकिन हमारे यहां ख़ासकर बिहार के उत्तर बिहार में इसे सतुआन या फिर सतुआनी कहा जाता है. मतलब सतुआ (मक्के और चने का आटा) खाने का दिन.

नहान और सतुआन दोनों का ग़जब तालमेल है लेकिन इस बार कुछ ऐसा नही दिखेगा. कारण है Lockdown. भले नहान यानी स्नान घरों में ही होगा लेकिन सतुआन का लुफ़्त लोग जरूर उठाएंगे. लंबे अर्से बाद इस सतुआन को परिवार संग मनाने का मौका जो लोगों को मिला है.

सतुआन को लेकर सोमवार को लगभग लोगों ने खरीददारी की. विशेष रूप से सतुआ यानी मक्के का आटा, सतुई यानी भुने हुए चने का आटा, मूली, प्याज, आम की टिकोला, हरा धनिया पत्ता, लहसून पत्ता और भी बहुत कुछ.

शुद्ध रूप से देशी और सुपाच्य इस भोजन में वास्तव में 56 भोग वाले स्वाद मिलते है. वैसे तो यह सिर्फ सतुआ और सतुई, नमक तथा पानी के साथ भी खाया जा सकता है, लेकिन कहते है न जबतक दाल में घी का तड़का नही लगे तबतक दाल दाल नही बनती. वैसे ही है हमारा सतुआ.

सतुआ के साथ, चने का सत्तू ( सतुई), जौ का सत्तू, नमक, पानी के साथ साथ, जीरा पाऊडर, हरी मिर्च, मूली, प्याज, चटनी, 5- 6 तरह का आचार तब जाकर इसका स्वाद आता है.गर्मी के दिनों में लोग बड़े ही चाव के साथ इसे खाते है जिसका कारण यह है कि यह प्यास को जगाता है. गर्मी में शरीर को पानी की आवश्यकता ज्यादा होती है.

इस बार आप घर मे है इस सतुआन उत्तर बिहार के इस सबसे सस्ते और शुद्ध भोजन का स्वाद जरूर ले.

अपने अनुभव भी हमें जरूर बताएं.

0Shares

Chhapra: बाबा साहेब भीमराव अंबेदकर की जयंती सभी शक्ति केंद्रों पर मनाई जाएगी. संगठन के कार्यकर्ता घरों में रहकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए बाबा साहेब की जयंती मनाएंगे.

इस आशाय की जानकारी देते हुए भाजपा जिलाध्यक्ष राम दयाल शर्मा ने कहा कि सभी मंडलों में भारत रत्न बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर की जयंती मनाई जाएगी. सभी कार्यकर्ता, सभी मंडल अध्यक्ष, बूथ अध्यक्ष, सभी शक्ति केंद्रों पर जिले के सभी पदाधिकारी, वरीय कार्यकर्तागण एवं वरिष्ठ भाजपा नेताओं को अपने अपने घरों में सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करते हुए भारत रत्न बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव आंबेडकर की जयंती मनाया जाना है.

इस अवसर पर शक्ति केंद्रों द्वारा अपने आसपास के दलित बस्तियों में खाद्य सामग्री का वितरण सोशल डिस्टेंसिंग नियमों का पालन करते हुए किया जाएगा. वही जिलाध्यक्ष रामदयाल शर्मा, शान्तनु सिंह, विवेक सिंह ने पटना में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी को पुलिस द्वारा बेरहमी से पिटाई की घोर भर्त्सना करते हुए छपरा जिला पुलिस प्रशासन से आग्रह किया गया कि जो लोग आवश्यक सामग्री के लिए लॉकडाउन के नियमों का पालन करते हुए बाहर जा रहे हैं, उनके साथ पुलिस प्रशासन अभद्र रूप से व्यवहार ना करें साथ ही जनता से भी लॉक डाउन में प्रशासन का सहयोग करने और प्रशासनिक निर्देशों का पालन करने का आह्वान किया गया.

0Shares

Chhapra: Lockdown के दौरान दवा लेने जा रहे एक नाबालिग पर पुलिस की बर्बरता का मामला प्रकाश में आया है. सारण पुलिस पर नाबालिग की पिटाई करने का आरोप लगा है.

इसे भी पढ़े: विदेशी नागरिक का सामान बरामद कर पुलिस ने बचाई सारण की लाज

इसे भी पढ़े: Mobile app से होगी बच्चों की पढ़ाई, 13 अप्रैल से शुरु करने का निर्देश

बताया जाता है कि रविवार को भगवान बाज़ार थाना क्षेत्र के बजरंग नगर निवासी सुमन सिंह का पुत्र आकाश राज अपनी माँ के लिए दवा लेने गुदरी जा रहा था. इस दौरान राजेन्द्र कॉलेज के पास गस्ती कर रहे पुलिस के जवानों ने उसे रोका और उस पर बिना पूछे डंडे बरसाने शुरू कर दिए. जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया.

इसे भी पढ़े: दिल्ली-NCR में भूकंप के हल्के झटके, दिल्ली में ही था भूकंप का केंद्र

इसे भी पढ़े: शहर का पारा 38 डिग्री के पार, धीरे धीरे घट रहा शहर का जलस्तर

किशोर की बहन सलोनी ने बताया कि पुलिस ने एक नहीं सुनी और बेरहमी से पिटाई कर दी. पिटाई के बाद से वह सही से खड़ा भी नहीं हो पा रहा है. वही बच्चे कि मां का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान घर में कोई बीमार हो तो क्या दवा लानी की सजा इतनी बड़ी होती है. जबकि आवश्यक सेवा को Lockdown से बाहर रखा गया है. उन्होंने इसकी शिकायत डीआईजी, जिलाधिकारी और एसपी से किये जाने की बात कही है. साथ ही दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है.

0Shares

Chhapra: अप्रैल का आधा माह बीतने को है. इसके साथ ही मौसम में तेजी से बदलाव हो रहा है. गर्मी बढ़ रही हों और तापमान भो तेजी के साथ उठ रहा है. रविवार को शहर का तापमान 38 डिग्री तक पहुंच गया. हालांकि शाम ने राहत दी.

कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर जारी Lockdown के कारण लोग घरों में है जिसके कारण इसका असर सड़को पर नही दिख रहा है. धूप में तपिश है और तेज गर्मी भी. शहर के कई इलाकों में इस तापमान के बढ़ने का असर दिखने लगा है. शहरी क्षेत्रों के कई वार्ड में पानी की समस्या धीरे धीरे शुरू हो चली है. हालांकि यह समस्या अभी कुछ इलाकों में ही है लेकिन जैसे जैसे तापमान चढ़ेगा यह समस्या भी बढ़ेगी.

शहर के कई चौक चौराहों पर लगे चापाकल पानी नही दे रहे है कारण यह है कि Lockdown में यह चापाकल नियमित रूप से नही चल रहा है. अभी मई और जून के महीना बाकी है. अगर गर्मी और तापमान इसी तेजी के साथ बढ़ते रहे तो आने वाले दिनों में एक बार फिर बीते वर्ष की तरह स्थिति गंभीर होने वाली है.

0Shares

Chhapra: जी हाँ, अतिथि देवो भवः के सिद्धांत वाले इस देश में एक अतिथि से सारण में चोरी की घटना हुई थी. यहाँ अतिथि हंगरी का नागरिक है और सदर आइसोलेशन वार्ड में भर्ती है.

विगत दिनों छपरा सदर अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड से उसका लैपटॉप, मोबाइल, पासपोर्ट और पैसे चोरी होने की घटना सामने आई थी. इस मामले में सारण पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए भगवान बाजार थाना क्षेत्र के नई बाजार से एक युवक को गिरफ्तार किया है. जिसके पास से लैपटॉप और मोबाइल बरामद किया गया है.

इसे भी पढे: दिल्ली-NCR में भूकंप के हल्के झटके, दिल्ली में ही था भूकंप का केंद्र

इसे भी पढे: यूपी: पति से अक्सर झगड़ा से तंग आकर माँ ने आधी रात में 5 बच्चों को गंगा में फेंका

वही पासपोर्ट का अभी पता नहीं चल पाया है. हालांकि चोर से पुलिस पूछताछ कर रही है. बता दें कि विदेशी नागरिक पर्यावरण संरक्षण, शांति व अपनी कलात्मक फोटोग्राफी का संदेश लेकर हंगरी से दार्जिलिंग की यात्रा पर साइकिल से निकला है. वैश्विक महामारी कोरोना को लेकर आइसोलेट करने के लिए छपरा सदर अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में रखा गया था. उस दौरान चोर ने उसका सामान चुरा लिया था. इस घटना के बाद अस्पताल प्रशासन पर भी लापरवाही को लेकर सवाल खड़े हुए थे.

इसे भी पढे: खाना बनाने के दौरान सिलेंडर फटने से 50 घर जलकर खाक

इसे भी पढे: छपरा में लॉक डाउन के दौरान ड्यूटी कर रहे पुलिस वालों की लोगों ने उतारी आरती

वही सारण की जनता ने सोशल साइट्स के माध्यम से इस घटना को शर्मनाक बताते हुए पुलिस से सामान जल्द बरामद करने की मांग की थी. रविवार को आखिरकार पुलिस ने सारण समेत पूरे बिहार की लाज बचा ली. अन्यथा अतिथि को भगवान् का दर्जा देने वाले भारत से विदेशी नागरिक गलत सन्देश लेकर अपने वतन लौटता. सभी सारण पुलिस की तत्परता की प्रशंसा कर रहे है.

0Shares