Chhapra: Corona Virus संक्रमण को लेकर जिले में Lockdown जारी है. Lockdown की इस अवधि में शहर से लेकर गांव तक पूर्ण बंदी है. लोग अपने घरों में हैं और विशेष आवश्यकता वाले जरूरत के सामानों को खरीदारी को लेकर ही सड़क पर आ रहे हैं.

इस दौरान आम जनता के समक्ष सबसे बड़ी समस्या उनके स्वास्थ्य को लेकर है. घरों में बीमार लोगों का इलाज सिर्फ झोलाछाप चिकित्सकों की बदौलत ही चल रहा है. शहर में सभी चिकित्सकों के निजी क्लीनिक बंद है. हालांकि सरकार के निर्देश पर ओपीडी सेवा कार्यरत है. सरकार ने पत्र भी जारी कर निजी क्लीनिक सेवा प्रारंभ करने का आह्वान किया है. दिशा निर्देश के अनुसार क्लीनिक पर मरीज़ो के स्वास्थ्य परीक्षण और परामर्श देने का निर्देश दिया गया है. लेकिन इसके बावजूद निजी क्लीनिक, परामर्श केंद्र बंद है. इसे भी पढ़ें : Whats App ग्रुप में फर्जी मेसेज वायरल करने वालों पर प्राथमिकी दर्ज

घर में अगर किसी की तबीयत ख़राब हो जा रही है तो वह अपने आसपास रहने वाले चिकित्सकों को ही खोज रहे हैं. किसी तरह वह अपने बीमार परिजन का इलाज करा कर स्वस्थ होने का प्रयास कर रहे हैं. यही स्थिति ग्रामीण क्षेत्रों की भी है. ग्रामीण क्षेत्र में निजी क्लीनिक पूरी तरह से बंद है. कई अच्छे चिकित्सकों का मोबाइल नंबर भी बंद है जिससे कि उनसे परामर्श नहीं मिल पा रहा है.

सबसे बड़ी समस्या गर्भवती महिलाओं के समक्ष हैं इन महिलाओं के परिजन स्वास्थ्य परीक्षण को लेकर चिंतित हैं. हालांकि सदर अस्पताल में इनका इलाज संभव है. लेकिन सदर अस्पताल में अधिकांश लोग जाने से डर रहे हैं. कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर चल रही तरह तरह की बातों से लोग काफी सतर्क है. एक अनुमान के अनुसार सदर अस्पताल में आने वाले मरीजों की संख्या में भी 50% से अधिक कमी आई है. छोटी-मोटी तकलीफ एवं बीमारियों को लेकर आने वाले मरीज अस्पताल से पूरी तरह नदारद है. विशेष परिस्थितियों में ही में इक्का-दुक्का लोग अस्पताल में आ रहे हैं. जिनमें गर्भवती महिलाएं भी शामिल हैं जो प्रसव के लिए आ रही है. कुल मिलाकर Lockdown में प्राइवेट स्वास्थ्य सेवा बंद होने से आम जनता पूरी तरह से झोलाछाप चिकित्सकों पर ही निर्भर है.

कई लोगों ने भी सोशल मीडिया के जरिए शहर के चिन्हित एवं अच्छे चिकित्सकों से अपने निजी संस्थानों को खोलने की मांग की है. जहां विशेष रूप से नवजात शिशु, वृद्ध एवं महिला रोग विशेषज्ञ चिकित्सकों को आम जनता की सुविधा को ध्यान में रखते हुए निजी क्लीनिक चलाने का आह्वान किया जा रहा है. लेकिन निजी क्लिनिक पर सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेनेंस का पालन ना होने और मरीजों की भीड़ को देखते हुए चिकित्सक भी क्लिनिक खोलने का प्रयास नही कर रहे है.

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Chhapra: जयप्रकाश विश्वविद्यालय स्नातकोत्तर शिक्षक संघ के सचिव तथा सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के भावी प्रत्याशी प्रो. रणजीत कुमार ने उनके खिलाफ साजिशन फर्जी मेसेज Whats App ग्रुप में वायरल करने वालों पर प्राथमिकी दर्ज करायी है.

उन्होंने भगवान बाज़ार थाना में इसको लेकर मामला दर्ज कराया है. उन्होंने कहा कि मेरी संघर्षशीलता एवम शिक्षकों के बीच उनकी लोकप्रियता से घबराकर एक प्रत्याशी विशेष के कुछ समर्थकों ने सुनियोजित राजनीतिक साजिश के तहत शिक्षकों के बीच छवि धूमिल करने के उद्देश्य से एक फर्जी मेसेज तैयार कर उसे विभिन्न व्हाट्सएप ग्रुप पर वायरल कर दिया है. प्रो कुमार ने इस राजनीतिक साजिश का पर्दाफाश करने के उद्देश्य से विभिन्न व्हाट्सएप ग्रुप पर फर्जी मेसेज वायरल करने के तीन शिक्षकों के विरुद्ध आईटी एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज करायी है.

पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर दोषियों के विरूद्ध अनुसंधान शुरू कर दिया है. जल्द ही नामित व्यक्ति एवम इस फर्जीवाड़े में शामिल अन्य लोग कानून के शिकंजे में होंगे।सोशल मीडिया का दुरुपयोग करने वालों के लिए यह एक सबक होगा.

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Chhapra: कोरोना वायरस को लेकर जारी Lockdown के दूसरे चरण में 20 अप्रैल को आमजनता को किसी भी तरह की रियायत नही मिली. प्रशासन ने खुले तौर पर यह कह दिया है कि सिर्फ कुछ सरकारी दफ्तरों में कामकाज को लेकर निर्धारित शर्तो पर काम करने की छूट मिली है. लेकिन आम जनता के लिए Lockdown अभी पूर्व की तरह जारी है.

लेकिन इन घोषणाओं और प्रचार प्रसार का कोई असर शहर के कुछ इलाकों में नही दिख रहा है. सोशल डिस्टेंसिंग तो दूर की बात बेवज़ह सड़कों पर लोगों का घूमना जारी है, मटरगस्ती करने वाले सड़कों पर गप्पेबाजी का मजमा लगा ले रहे है.

स्थिति तब और गंभीर हो जाती है जब रोक के बावजूद समोसे, चाट, चाय, पान और गुटखा की दुकानें खुली हो. प्रशासनिक आदेश की धज्जियां और होने वाली कार्रवाई से बेख़ौफ़ ठेले वाले दुकानदार और खरीददार सड़कों पर खड़े होकर स्वाद की चुस्कियां ले रहे है.

प्रशासन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि 20 अप्रैल के बाद भी होटल और मिठाई दुकाने, चाय, पान, तम्बाकू की दुकानें नही खुलेगी. लेकिन नियमों को धत्ता बताते हुए शहर के मौना चौक पर समोसा, चाट, चाय, पान, गुटखा की ठेले वाली दुकानें सज रही है. बेधड़क लोग जिनमे सबसे ज्यादा युवा शामिल है उनकी भीड़ इन दुकानों पर जुट रही है. कुछ चोरी छिपे तो कुछ निर्भीक होकर खाने पीने वाली इन दुकानों को खोल रहे है. शाम के समय चौक से साढ़ा रोड जाने वाली सड़क आम दिनों की तरह लग रही है. वही साहेबगंज जाने वाली सड़क खाली दिखती है. मौना चौक एवं उससे जाने वाले चारों दिशाओं से पुलिस की उपस्थिति नदारद है जिसका यह दुकानदार खूब फ़ायदा उठा रहे है. समय समय पर हो रही पेट्रोलिंग के दौरान ही इनकी दुकान छिप जाती है.

हालांकि इन दुकानदारों से कही ज्यादा दोष उनलोगों का है जो अपने जीवन को दांव पर लगाकर न सिर्फ Lockdown को तोड़ रहे है बल्कि सोशल डिस्टेंसिंग भी पूरी तरह समाप्त कर रहे है. सरकार और प्रशासन ने सिर्फ जनउपयोगी सामग्री की दुकानों को खुलने तथा आवश्यक पड़ने पर ही आम जनता को घर से बाहर निकलने का आदेश दिया है. ऐसे में कुछेक लोगों की यह लापरवाही पूरे शहर और जिले को परेशानी में डाल सकती है.

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Chhapra: जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन के द्वारा लॉकडाउन की अवधि में इंजीनियरिंग कॉलेज छपरा में संचालित आपदा राहत केन्द्र पर आवासित सभी 63 लोगों को उनके जरूरत की चीजें उपलब्ध करायी गयी. इस केन्द्र पर रह रही महिलाओं को एक अदद साड़ी, साया ब्लाउन, बच्चों को एक अदद सर्ट-पैन्ट, बच्चियों को एक अदद फ्राक-पैंट तथा पुरूषो को एक अदद लुंगी, धोती, गंजी एवं गमछा सहित सभी लोगों को स्टील की थाली, कटोरा, गलास तथा नहाने एवं कपड़ा धोने के लिए साबुन, शैम्पू, केस तेल, कंधी, ऐनक, टूथ पेस्ट एवं टूथ ब्रश उपलब्ध कराया गया. इस अवसर पर जिलाधिकारी ने सभी से खान-पान की व्यवस्था सहित कुषल क्षेम पूछा. जिलाधिकारी ने कहा कि जब ये आवासित लोग वापस अपने घर को लौटेंगे तो दी गयी सभी सामग्री अपने साथ लेकर जाएँगे.

जिलाधिकारी ने कहा कि मढ़ौरा अनुमंडल में 2 तथा सोनपुर अनुमंडल में 22 लोग राहत केन्द्र पर आवासित हैं उन्हे भी यह सामग्री दी गयी है. इसके अतिरिक्त 111 पंचायतों के विद्यालयों में 118 व्यक्ति आवासित हैं उन्हे भी यह सभी सामग्री उपलब्ध करायी जा रही है.
कोरोना संक्रमण को देखते हुए जिला प्रषासन के द्वारा डोर टू डोर सर्वे कराया जा रहा है जिलाधिकारी ने कहा है कि कुल 318189 घरां का सर्वे कराने का लक्ष्य निर्धारित है. 20 अप्रैल तक कुल 191789 घरों का सर्वे करा लिया गया है जिसमें कुल 1092210 लोग आच्छादित है. इनमें से 125 लोगों ने एनफ्लुएन्जा के लक्षण पाये गये हैं. मेडिकल टीम के द्वारा इनमें से दो मामले को सैम्पल लेने योग्य पाया गया. उनका सैम्पल कलेक्ट किया जा चुका है.

डोर टू डोर सर्वे के लिए इसुआपुर में 50 टीम, सिवान जिला से सटे पाँच प्रखण्डो में 371 टीम तथा विदेश यात्रा कर आये व्याक्तियों से सम्वद्ध गाँवों के लिए 431 टीम लगायी गयी है. जिला में स्क्रीनिंग के लिए 65 चिकित्सकीय दल गठित है. अब तक कुल 264 सेम्पल जाँच के लिए भेजा गया जिसमें 251 का रिजल्ट प्राप्त है और वह सभी निगेटिव है. सारण जिला में आज की तिथि में कोई व्यक्ति कोरोना पाजीटिव नही है. जिलाधिकारी ने कहा कि अभी तक कुल 17452 लोगों को चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध करायी गयी है.

जिलाधिकारी ने कहा कि अभी तक 11444 लोगों को होम क्वेरेंटीन में रहने की सलाह दी गयी थी जिसमें 14 दिन पूरा करने वाले लोगों की संख्या 10047 है. वर्तमान में 1397 लोग अपने घरों में क्वेरेंटीन है.

जिलाधिकारी ने कहा कि अभी तक मुख्यमंत्री विशेष सहायता के लिए सारण जिला के कुल 97641 प्रवासियों के भुगतान की अनुशंसा की गयी है. आपदा प्रबंधन विभाग बिहार के द्वारा उनके खाते में 1000/- की राशि डाली गयी है. जानकारी जिला जन-सम्पर्क पदाधिकारी ने दी.

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Chhapra: छपरा में ड्यूटी कर रही महिला सिपाही को DGP गुप्तेश्वर पांडेय ने कॉल करके उनका हालचाल पूछा. नगर थाना के पास सड़क पर लॉक डाउन में ड्यूटी कर रही महिला सिपाही सोनम कुमारी की उन्होंने खूब तारीफ की. DGP ने कहा कि यह बहुत बहादुरी की बात है कि महिला सिपाही होकर इस संकट के समय ड्यूटी पर तैनात हैं, उन्होंने महिला सिपाही से कहा कि पूरे बिहार पुलिस को आप पर गर्व है.

https://youtu.be/mw2RRxBgONY/

महिला सिपाही का हौसला बढ़ाते हुआ उन्होंने कहा कि आप पूरी हिम्मत, संयम, बहादुरी के साथ ड्यूटी करें. साथ ही गरीबो की सेवा भी करें, यदि आम जनता को किसी तरह का जरूरत हो तो पुलिस उनकी सेवा करे. गरीबों और लाचारों की मदद पुलिस करे.

महिला पुलिस से DGP ने कहा कि अपनी सुरक्षा का ख्याल रखते हुए ड्यूटी करें. साथ ही उनकी समस्याओ के बारे में भी पूछा. उन्होने आग्रह किया कि ऐसा काम करें जिससे जनता की नज़रों में पुलिस की इज्जत बढ़े. साथ ही साथ उन्होने परिवार का भी हालचाल जाना.

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Chhapra: Lockdown में जहां पूरे जिले के लोगों से जिला प्रशासन घर मे रहने की अपील कर रहा है ऐसे में सोमवार को अनुमंडल पदाधिकारी सदर के कार्यालय में पूरे दिन सैकड़ों लोगों का जमावड़ा लगा रहा.

परिसर में पूरे दिन lockdown की कौन कहे सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ती रही. कार्यालयों के कमरें के अंदर बैठे पुलिस बल तमाशबीन बने रहे और बाहर परिसर में किसी की तैनाती तक नही थी. Lockdown में इतनी भीड़ का सरकारी कार्यालय में एकत्रित होना ही बड़ा सवाल है. जब महज़ 100 मीटर की दूरी पर नगर थाना है. नगरपालिका चौक और थाना चौक ओर पुलिस बलों की तैनाती है ऐसे में सैकड़ों लोगों का जमावड़ा किसी न किसी की विफलता को जरूर दर्शाता है. इसे भी पढ़ें: ग्रामीण क्षेत्रों मे निर्माण कार्य शुरु कराने की अनुमति, आमलोग अभी 3 मई तक रहेंगे लॉकडाउन: जिलाधिकारी

सोमवार को कई प्रशासनिक कार्यालयों में नियम एवं शर्तो पर कार्यालय खुले थे. अनुमंडल पदाधिकारी सदर के कार्यालय में जुटी भीड़ का कहना था कि उनके पास कोई राशन कार्ड नही है. जिससे कि वह बंट रहे राशन का लाभ ले सकें उन्हें भी सरकार द्वारा दी जाने वाली राशन मिल सकें. एसडीओ कार्यालय परिसर में भीड़ में महिलाओं की संख्या ज्यादा थी पुरुष कुछ दर्जनों में थे.

महिलाओं का कहना था कि Lockdown में उनकी पारिवारिक आर्थिक स्थिति चरमरा गई है. आय का स्रोत नगण्य है. घर मे 10-10, 15-15 लोग है लेकिन राशन कार्ड नही होने से उन्हें राशन नही मिल पा रहा है. वही कुछ का कहना है कि पहले उनका भी राशन कार्ड था लेकिन किसी वजह से अब नही है. कई लोगों का कहना है कि उन्होंने आवेदन दिया लेकिन अब तक क्या हुआ पता नही चला. सैकड़ों लोगों के बीच राशन कार्ड को लेकर सैकड़ों समस्याएं थी. इसे भी पढ़ें: दूसरे प्रदेशों में रहने वाले सारणवासियों की मदद के लिए बढ़े हाथ

इसे भी पढ़ें: वार्ड पार्षद की देख रेख में हो रहा राशन का वितरण, दुकानदार को कम मिला है आवंटन

लोग इस आस में थे कि उन्हें कोई सरकारी कागज़ मिलेगा जिसपर उन्हें राशन मिलेगा लेकिन ऐसी कोई बात नही थी. उधर जिलाधिकारी कार्यालय में भी कुछ महिलाएं भीड़ के साथ एकत्रित दिखी. लेकिन कुछ देर रुककर वह वापस हो गयी.

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Chhapra: जिले में Lockdown के दौरान सोमवार (20 अप्रैल) से केवल ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी निर्माण कार्य प्रारंभ करने की सशर्त अनुमति दी गयी है. जबकि आमलोग 3 मई 2020 तक लॉकडाउन में ही रहेंगे.

जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने कहा कि केवल ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क, सिंचाई परियोजनाओं, भवन तथा सभी प्रकार की औद्योगिक परियोजनाओं का निर्माण कार्य की अनुमति प्रदान की गयी है. परन्तु यह अनुमति नगर निकायों की सीमा से बाहर के लिए दी गयी है.
जिलाधिकारी के द्वारा दिनांक 20 अप्रैल 2020 के प्रभाव से ग्रामीण क्षेत्रों में निर्माण गतिविधियों को जारी रखने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में अवस्थित निर्माण सामग्रियों के विक्रेताओें के प्रतिष्ठान को खोलने का आदेश दिया गया है. परन्तु इसके लिए सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से अनुपालन कराना होगा.

पास लेना है अनिवार्य
जिलाधिकारी ने कहा कि सभी कार्य विभागों के कार्यालय प्रधान को पास निर्गत करने हेतु प्राधिकृत किया गया है. कृषि एवं संबद्ध कार्य हेतु जिला कृषि पदाधिकारी, मत्स्य से संबंधित पास हेतु जिला मत्स्य पदाधिकारी, पशुपालन कार्य हेतु जिला पशुपालन पदाधिकारी, मनेरगा (अभियंता) कार्य हेतु उप विकास आयुक्त, मनरेगा (श्रमिक) से संबंधित कार्य हेतु संबंधित प्रोग्राम पदाधिकारी, मनरेगा, मनरेगा (सामग्री) कार्यपालक अभियंता मनरेगा, पंचायती राज विभाग द्वारा संचालित योजनाओं यथा मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना, मुख्यमंत्री गली-नाली पक्कीकरण निश्चय योजना के क्रियान्वयन हेतु संबंधित मजदूर, कर्मी को पहचान पत्र निर्गत करने हेतु संबंधित पंचायत के पंचायत सचिव को प्राधिकृत किया गया है.

 

सभी प्रकार के औद्योगिक प्रोजेक्ट, ग्रामीण क्षेत्र के लिए सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम स्तर के उद्यम से संबंधित कार्य के लिए महाप्रबंधक, जिला उधोग केन्द्र, सड़क, भवन, सिचाई, लघु सिंचाई आदि विभागों के संवेदक, कार्यकारी एजेंसी के लिए संबंधित विभाग के कार्यपालक अभियंता, सड़क, भवन, सिचाई, लघु सिंचाई आदि विभागों के कार्य में श्रमिक एवं सामग्री हेतु संबंधित विभागीय अभियंता, कोल्ड स्टोरेज एवं वेयर हाउस से संबंधित कार्य हेतु अनुमंडल पदाधिकारी, ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित ईट भट्ठा के लिए श्रमिक पास खान निरीक्षक-सह-सक्षम पदाधिकारी, सारण पास निर्गत करेंगे. पंचायतों में कराये जा रहे अपने विभाग से ंसंबंधित जलापूर्ति कार्य एवं चापाकल अधिष्ठापन कार्य हेतु संबंधित संवेदकों से समन्वय स्थापित कर संबंधित कर्मियों, मजदूरों हेतु पहचान पत्र निर्गत करते हुए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराते हुए सुदढ़तापूर्वक कार्य का संचालन कराने का निदेश कार्यपालक अभियंता पीएचईडी को दिया गया है.

 

किसी भी समस्या को लेकर पंचायतों में जलापूर्ति के कार्य एवं चापाकल अधिष्ठापन का कार्य की प्रगति धीमी नही पड़े इसे पूर्णरुप से सुनिश्चित कराने की जिम्मेवारी कार्यपालक अभियंता लोक स्वास्थ्य प्रमंडल, सारण की होगी. कार्य स्थल पर हर हाल में सोशल डिस्टेंसिंग एवं सेनिटाईजेसन कार्य का अनुपालन करवाना सुनिश्चित करने का निदेश जिलाधिकारी द्वारा दिया गया है.

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Chhapra: वैश्विक महामारी से पूरा विश्व जूझ रहा है. देश में लॉक डाउन जारी है. प्रधानमंत्री के अपील के बाद पूरा देश अपने अपने घरों में रहकर कोरोना की जंग लड़ रहा है. कोरोना की जंग में कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिन्हें ना अपनी परवाह है, ना घरवालों की और ना ही शहरवासियों की.

पूरा विश्व इस महामारी से लड़ने के लिए अपने घरों में कैद है, तो वही कुछ लोग जानकारी होते हुए भी अपनी जान खतरे में तो डाल ही रहे हैं. साथ ही साथ परिवार और शहरवासियों की जान खतरे में डाल रहे हैं. कोरोना से लड़ने के लिए पुलिस वाले अपनी जिम्मेदारी तो निभा ही रहे हैं, जो लोग इस चीज को नहीं समझ रहे है तो उन पर शक्ति भी बरत रहे हैं. छपरा शहर में चौक चौराहे पर पुलिस की तैनाती की गई है और लॉकडाउन का पालन किया जा रहा है. तब भी कुछ लोग चौकसी के बाद भी मटरगश्ती करते दिखाई दे रहे हैं.

शहर के नदी तट पर बालू की रेत पर कई दिनों से बच्चे कबड्डी खेलते देखे जा रहे हैं. वही इसका लाइव प्रसारण भी फेसबुक के माध्यम से कर रहे हैं. इन्हें ना तो अपनी जान की परवाह है और ना ही अपने घर वालों की.

छपरा टुडे आपसे अपील करता है कि वैश्विक संकट की घड़ी में घर में रहकर कोरोना महामारी के चेन को तोड़ने का बेहतर विकल्प है. खुद भी घर से ना निकले और बच्चों को भी घर से ना निकलने दें.

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Chhapra: छपरा के खेमाजी टोला में रविवार की रात ताड़ के पेड़ पर बिजली गिरने से पेड़ में आग लग गई. ताड़ का पेड़ खाली जमीन में था किसके कारण किसी के हताहत होने की खबर नहीं है.

स्थानीय लोगों ने बताया कि बहुत तेज आवाज के साथ बिजली गिरी. जब घर की बालकनी से देखा तो ताड़ के पेड़ में आग लग गई थी. आग लगने के बाद फायर ब्रिगेड को सूचना दी गई. फायर ब्रिगेड की गाड़ी मौके पर पहुंची. ताड़ का पेड़ जलकर खुद-ब-खुद गिर गया.

यहाँ देखे VIDEO 

बताते चलें कि रविवार की रात सारण जिला के कई क्षेत्रों में आंधी तूफान के साथ झमाझम बारिश हुई. कई इलाकों में बिजली गिरने की सूचना भी मिल रही है. वही सारण के कई प्रखंडों में ओला गिरने की सूचना भी है.

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Chhapra: कोरोना वायरस को लेकर सरकार और जिला प्रशासन सख्त है. आम जनता की सुरक्षा के मद्देनजर वह सभी प्रयास सरकार और प्रशासन द्वारा किये जा रहे है जिससे कोरोना वायरस का प्रसार ना हो सकें.

जिला प्रशासन द्वारा लगातार lockdown के नियमों का पालन करने, सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करने और बेवजह घरों से बाहर सड़कों पर घूमने, बैठने, रहने की मनाही की जा रही है. इसके बावजूद भी लोगों के दिलों दिमाग मे इसका भय नही दिख रहा.

पुलिस की सख़्ती के बाद सड़कों पर भले ही भीड़ नही दिख रही हो लेकिन गलियां रौनक है. शहर के अमूमन हर गली में गप्पेबाजी मंडली जुटी हुई है. बेवजह महिलाएं और युवा भीड़ लगाकर पूरे दिन गलियों में गप्पेबाजी कर रहे है. शहर के कुछ इलाकों को छोड़ दे तो लगभग सभी गलियों का हाल एक जैसा है. शहर की गलियों में पुलिस के पेट्रोलिंग नही हो पा रही है जिसका लोग फ़ायदा उठा रहे है. पहले से अब गालियों में चहलकदमी भी बढ़ चली है. मुख्य मार्गो पर पुलिस की सख्ती को देख लोग गलियों से जाना बेहतर समझ रहे है.

देश और दुनिया मे कोरोना को लेकर हालात बिगड़ रहे है. प्रतिदिन आंकड़ों में इजाफा हो रहा है ऐसे में कुछ लोग यह समझने को तैयार नही है कि कोई भी, इसके चपेट में कही भी, कभी भी आ सकता है.

Lockdown कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने का एक प्रयास है. लेकिन गलियों में गप्पेबाजी वाली मंडली इस उद्देश्य की पूर्ति में बाधक बन रही है. जिला और पुलिस प्रशासन को अब गलियों में भी lockdown के नियमो के प्रचार प्रसार पर बल देने के साथ सख्ती बरतनी होगी. जिससे कि जिले में कोरोना का प्रसार ना हो सकें.

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Chhapra: छपरा सेंट्रल स्कूल जो अपने नविनाचार के लिए जाना जाता है. वैश्विक संकट की इस घड़ी में लॉक डाउन की वजह से सभी स्कूल बंद है. लेकिन पढ़ाई को सुचारू रूप से जारी रखने के लिए ऑनलाइन पढ़ाई शुरू की है. विद्यालय ने एक अनूठे ढंग की ऑनलाइन शिक्षा का मॉडल जारी किया है. इस मॉडल को प्राचार्य ने खुद विकसित किया है.

प्राचार्य संतोष कुमार ने बताया कि घर बैठे बच्चे पढ़ाई कर सकते हैं. शिक्षक ऑनलाइन के माध्यम से क्लास ले रहे हैं. जिससे विद्यालय के बच्चे काफी लाभान्वित हो रहे. विद्यालय के शिक्षक खुद अपने अपने घरों से बच्चों को पढ़ा रहे हैं. जो की काफी लोक प्रिय होता जा रहा है. इसके द्वारा पढ़ाई के बाद बच्चों को जहां दिक्कत है. उसका समाधान भी कराया जा रहा है. इसमें एक दैनिक दिनचर्या के हिसाब से बच्चों को पढ़ाया जा रहा है.

प्राचार्य ने आगे बताया कि इसके माध्यम से विद्यालय के शारीरिक शिक्षक भी बच्चों को स्वस्थ रहने की ट्रेनिग भी देंगे ताकि लॉक डाउन की वजह से बच्चों के शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य पर कोई प्रतिकूल प्रभाव न पड़े तथा वो घर पे रह कर ही बेहतर शिक्षा ग्रहण कर सकें. अपने शिक्षको को धन्यवाद देता हूँ कि उनकी गुण वत्ता पूर्ण शिक्षा का लाभ विद्यालय के बच्चों को इस समय भी अनवरत रूप से मिल रहा है.

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Chhapra: वैश्विक महामारी कोविड-19 करोना वायरस को लेकर देश में लागू लॉकडाउन से कई परिवार के आय का साधन रुक गया है. दो वक्त की रोटी नही जुट पा रही है. ऐसे संकट के समय जरूरतमंदों की सहायता के लिए छपरा नगर निगम की मेयर प्रिया सिंह ने नगर निगम क्षेत्र के कई इलाकों में पिछले 3 सप्ताह से राहत सामग्री का वितरण कर रही है. जरूरतमंदों को चावल, दाल, आलू सरसों तेल, बेसन, नमक, माचिस, मास्क, सैनिटाइजर आदि का वितरण किया जा रहा है. खाद्य सामग्री के वितरण के साथ-साथ लोगों को कोविड-19 जैसी वैश्विक महामारी को लेकर लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है.

मेयर प्रिया सिंह ने बताया कि अब तक 5 हज़ार से ऊपर परिवारों को खाद्य सामग्री वितरित की जा चुकी है. जैसे-जैसे इलाकों से मिल रही सूची के अनुसार लोगों तक खाद्य सामग्री का वितरण किया जा रहा है. खाद्य सामग्री का पैकेट घर पर ही तैयार करके इलाकों में जाकर जरूरतमंदों के बीच बांटने का कार्य जारी है. उन्होंने कहा कि फिलहाल लोगों को दो वक्त की रोटी की जरूरत है. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए लोगों को खाद्य सामग्री का वितरण किया जा रहा है. लगातार खाद्य सामग्री का पैकेट परिवार के सदस्यों द्वारा तैयार किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि खाद्य सामग्री वितरण के साथ साथ लोगों को कोविड-19 के बारे में जानकारी दी जा रही है. मास्क का वितरण किया जा रहा है. घरों में रहने की सलाह दी दी जा रही है. प्रतिदिन लगभग 300 जरूरतमंद परिवारों के बीच राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है. समाजसेवी मिंटू सिंह ने कहा कि सारण में जहां भी जिस परिवार को राहत सामग्री की जरूरत है वहां पहुंचाई जा रही है. जिला प्रशासन के सहयोग से हम उन तक पहुंचाने में तत्पर है. जरूरतमंद परिवारों की सूची मिलते ही उन तक सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए वितरण हो रहा है और ये आगे भी जारी रहेगा. एक ही लक्ष्य है कि कोई भूखा नही सोएगा. बताते चलें कि छपरा नगर निगम की मेयर प्रिया सिंह और समाजसेवी मिंटू सिंह द्वारा अपने निजी पैसे से यह कार्य किया जा रहा है.

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