सीवान (नवीन सिंह परमार, DNMS): केंद्र सरकार से लेकर स्थानीय ग्राम पंचायत तक आजकल एक चर्चा बहुत ही जोड़ो है ‘बेटी बचाओ बेटी बढाओं’. इस अभियान का असर भी दिखाई देने लगा है.
लेकिन सीवान जिले के रघुनाथपुर प्रखंड में एक गांव ऐसा भी है जो सरकार के द्वारा इस बेटी बचाओ-बेटी पढाओं अभियान के शुरू करने के पहले से ही इस अभियान को केवल अपने यहां शुरू ही नहीं किया बल्कि इस अभियान का असर भी अब साफ दिखाई देने लगा है.
हम चर्चा कर रहे है सीवान जिले के पंजवार गांव की जहां आज कदम-कदम पर महिला सशक्तीकरण का असर झलक ही नहीं रहा है बल्कि पंजवार गांव आज पुरे क्षेत्र में महिला सशक्तिकरण अभियान का नेतृत्व कर रहा है.
पंजवार गांव की बेटियां आज जहां पुरूष समाज के साथ कन्धें से कन्धा मिलकर चल रही है वहीं विभिन्न उच्च सरकारी पदों पर चयनित होकर महिला सशक्तीकरण का एक अच्छा उदाहरण भी प्रस्तुत कर रही है.
हाल ही में पंजवार पुखरी मुहल्ला निवासी व पेशा से राजमिस्त्री रहें स्वर्गीय ताज मोहम्मद की बेटी अफसाना खानम ने झारखंड लोक सेवा आयोग (JPSC) की परीक्षा को पास कर के पंजवार के इस महिला सशक्तीकरण अभियान को एक नई ऊंचाइयों तक पहुँचाने का कार्य किया है.
अफसाना बचपन से ही पढनें में मेधावी छात्रा रही है और पिता की गरीबी कभी उसके पढाई में बाधक नहीं बनीं. यही नहीं पिछले दिनों जब उसकी शादी वैशाली जिले में हुई तो ससुराल पक्ष विशेषकर उसके पति जो पेशे चिकित्सक है. डॉ. सरवर इकबाल ने भी अफसाना की लगन को देख कर उसके मनोबल को बढाने का कार्य किया जिसका परिणाम है कि आज सुदूर गांव की बेटी झारखंड सरकार के वित्त विभाग में एक प्रथम श्रेणी की अधिकारी के रूप में योगदान देने जा रही है.
झारखंड लोक सेवा आयोग (JPSC) की परीक्षा पास करने के बाद संवाददाता से बात करते हुए अफसाना ने बताया की बचपन में आर्थिक अभाव व सामाजिक परिवेश के कारण जब मन पढाई से विमुख हो रहा था तो गांव के समाज सेवी घनश्याम शुक्ल व संजय सिंह ने हौसला बढाया और मुझे आगे पढने के लिए प्रेरित किया अगर शुरुआती दौर में इन लौगो का सहयोग व मार्गदर्शन नहीं मिला होता तो शायद मै आज इस मुकाम पर नहीं पहुंच पाती. अफसाना ने बताया की शादी के बाद जब ससुराल पक्ष को पता लगा कि मै आगे पढना चाहती हूँ साथ ही PSC की तैयारी भी करना चाहती हूं तो ससुराल पक्ष विशेषकर मेरे पति ने मेरे मनोबल को ही नहीं बढाया बल्कि कदम-कदम पर मेरा साथ भी दिया. आज मुझे खुशी हैं कि मैं JPSC की परीक्षा पास कर के शुक्ल सर, संजय जी व अपने पति डॉ. सरवर इकबाल के विश्वास पर खङा उतरी हूँ.
एक प्रश्न के जबाब में अफसाना कहां कि आज महौल अनुकुल है और सभी लड़कियों को केवल उच्च शिक्षा ही नहीं बल्कि समाज जीवन के हर क्षेत्रों में आगे बढ कर आना होगा और इसके लिए बचपन में ही अपने जीवन का लक्ष्य निर्धारित कर के तैयारी करनी होगी.
अफसाना का मानना है कि जब हम लक्ष्य तय कर के आगे बढेगे तभी कोई घनश्याम शुक्ल, संजय सिंह व डॉ. इकबाल जैसे लोग हमारी सहयोग करने के लिए आगे आएगे.
अफसाना खानम की शैक्षणिक सफर—एक नजर
# 1994 में कस्तूरबा गांधी प्रोजेक्ट विद्यालय पंजवार से दशवी उत्तीर्ण
# 1996 में सीवान से 10+2 उतिर्ण
# 2001 में जयप्रकाश विश्वविद्दालय से स्नातक
# 2006 में नेट की परीक्षा उतिर्ण
# 2014 में PHD
# 2016 में झारखंड लोक सेवा आयोग (JPSC) की पांचवी बैच में राज्य वित्तीय सेवा के लिए चयनित.
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